पुस्तकों का महत्व पर निबंध

Pustak ka Mahatva Essay in Hindi: पुस्तक मनुष्य जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है और पुस्तकों के माध्यम से ही व्यक्ति ज्ञान धारण करता है। हम यहां पर पुस्तकों का महत्व निबंध हिंदी में (Pustako ka Mahatva) शेयर कर रहे है।

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इस निबंध में हमारे जीवन में पुस्तकों का महत्व (Pustakon ka Mahatva) के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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पुस्तकों का महत्व पर निबंध | Pustak ka Mahatva Essay in Hindi

पुस्तक का महत्व पर निबंध 150 शब्दों में (pustak ka mahatva essay in hindi).

किताब मनुष्य के जीवन के लिए एक अच्छे दोस्त की तरह भूमिका निभाती है। किताब मनुष्य को अकेलापन दूर करवाती है और किताब मनुष्य को महान बनाने में बहुत महत्व रखती है। किताब हर इंसान को आदर्श बनाती है और किताब से व्यक्ति जीवन भर तक सीख सकता है। किताब ही ज्ञान का खजाना है, जहां से जितना चाहो उतना ज्ञान हासिल कर सकते हो।

विद्यार्थी के जीवन में भी पुस्तक का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है। विद्यार्थी के जीवन की शुरुआत संघर्ष और ज्ञान प्राप्त करने की चाहत होती है। ऐसे में किताब वहां विद्यार्थी के जीवन में एक नया मोड़ लाती है और विद्यार्थी को जहान अर्जित करवाने का काम करती है। पुस्तक को पढ़ना मनुष्य को बेहतर अहसास करवाता है।

लोगों को अपने जीवन में धर्म को सबसे ज्यादा महत्व देना चाहिए। आपका नाम से अकेलापन दूर होता है। आप को ज्ञान की प्राप्ति होती है, जिससे आप अपने जीवन को और अधिक आगे बढ़ा सकते हैं और इसीलिए हर विद्यार्थी को उसके माता पिता और शिक्षक पुस्तक पढ़ने की सलाह देते हैं। क्योंकि पुस्तक में बहुत सारा ज्ञान होता है।

Pustak ka Mahatva Essay in Hindi

पुस्तकों का महत्व पर निबंध 250 शब्द में (Pustako ka Mahatva Par Nibandh)

स्कूल में मेरे कई दोस्त हैं और मुझे उनके साथ खेलना अच्छा लगता है। घर के आसपास भी कई बच्चे हैं, जो मेरे मित्र हैं। मैं बिना किसी संदेह के उनकी दोस्ती का सम्मान करता हूँ। पर मेरे पास एक और साथी है, जो मुझे इन सब दोस्तों से भी ज्यादा प्यारा है, वह दोस्त मेरी किताबें है।

मैंने घर पर ही अपना एक छोटा सा पुस्तकालय बना रखा है। जब से मैंने पुस्तकालय बनाया है तब से मैं लगातार नई नई किताबें इकट्ठा कर रहा हूँ। पहले मेरे पास छोटी कहानियों वाली किताबें थीं। मेरी माँ बिस्तर पर मुझे उन्ही किताबों के किस्से पढ़कर सुनाती थी। वर्तमान में मेरे पुस्तकालय में कल्पनाओं से भरी, सांस्कृतिक कहानियों से सुसज्जित, भूविज्ञान, विज्ञान, इतिहास इत्यादि विषयों की किताबें हैं, जिन्हें मैं नियमित रूप से पढ़ता रहता हूँ।

मैं किताबों से प्यार करता हूँ। छुट्टी के दिनों में मुझे कोई भी किताब मिल जाती है तो मैं उसे पढ़ने बैठ जाता है और उसमें इतना मगन हो जाता हूँ कि खाने का ध्यान भी नहीं रहता। मेरे घर मे माता पिता हमेशा यही समझाते है कि किताबे पढ़ना चाहिये क्योंकि इनमें बहुत ताकत होती है। किताबे हमारी जीवन मे बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है। इसलिए मैं पुस्तक का महत्व अच्छी तरह समझता हूं।

मुझे अपने साथियों और स्कूल के पुस्तकालयों से नियमित रूप से किताबें मिलती हैं। पुस्तकों से मैं बहुत आकर्षण रखता हूँ। मुझे लगता है कि मैं विभिन्न चीजों के बारे में बहुत कुछ जानता हूँ। जबकि मेरे साथी जो घर पर किताबें नहीं पढ़ते हैं, वो इतनी बातें नहीं जानते। हालांकि मेरी संगति में रहकर मेरे कुछ मित्र भी पुस्तकों के महत्व को समझ चुके है और अब नियमित अध्ययन करते हैं।

Pustak ka Mahatva Essay in Hindi

पुस्तकों का हमारे जीवन में महत्व निबंध 500 शब्द (Pustak ka Mahatva Nibandh)

हर मनुष्य के जीवन के लिए पुस्तक बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। पुस्तक को पढ़कर ही मनुष्य महान बनता है और सफलता की चोटी तक पहुंचता है। शुरुआत में मनुष्य को विद्यार्थी के रूप में पुस्तक से सामना करना पड़ता है और वही पुस्तक विद्यार्थी से उस मनुष्य को महान व्यक्ति बनाती है। पुस्तक का अर्थ लिखी हुई पोथी है, जिसे साधारण तौर पर लिखा हुआ ज्ञान भी कहा जाता है।

विद्यार्थी के जीवन में पुस्तक का महत्व

जब बच्चा स्कूल जाने लायक होता है और उसे स्कूल में प्रवेश मिलता है तो वहां से विद्यार्थी के रूप में उस बच्चे को रोजाना किताबों से सामना करना पड़ता है। उस बच्चे के जीवन को संवारने में पुस्तक की भूमिका अहम होती है। विद्यार्थी के जीवन में पुस्तक विद्यार्थी के जीवन की जड़ों को मजबूत करने का काम करती है। जड़ों को मजबूत कर के महान व्यक्ति बनाने तक का काम पुस्तक का ही होता है।

पुस्तक विद्यार्थी के साथ हर समय एक दोस्त की तरह रहती है और हर समय अपना ज्ञान फ्री में विद्यार्थी को बाटती रहती है। अतः विद्यार्थी को उसके माता-पिता और अध्यापक गण भी पुस्तक पढ़ने की सलाह देते हैं, जिससे विद्यार्थी को ज्यादा से ज्यादा ज्ञान अर्जित हो और विद्यार्थी पुस्तक ज्ञान सागर से कुछ ज्ञान प्राप्त कर सकें।

वयस्क और बुजुर्ग के जीवन में पुस्तक का महत्व

विद्यार्थी जीवन जीते समय हर व्यक्ति पुस्तक का प्रयोग अवश्य करता है। पुस्तक का प्रयोग करके विद्यार्थी सभी कक्षाएं उत्तीर्ण करता है और आगे से आगे पढ़ाई करता रहता है। लेकिन विद्यार्थी जीवन पूरा होने के बाद भी पुस्तक हर व्यस्क व्यक्ति और बुजुर्ग व्यक्ति के लिए भी जरूरी है।

ऐसा आपने भी सुना होगा कि सीखते रहना चाहिए सीखने वालों की कभी हार नहीं होती है और जिस मनुष्य की सीखने की कामना रहती है, वह आगे जाकर सफल होता है। इसी तरह से वयस्क व्यक्ति और बुजुर्ग के जीवन में भी पुस्तक का महत्व है।

मनुष्य को अकेलापन दूर करने में सहायता देती है। हर मनुष्य के लिए नया ज्ञान सीखना पुस्तक के जरिए ही संभव है। मनुष्य के जीवन में पुस्तक मार्गदर्शन करने का काम करती है। मनुष्य के व्यक्तित्व को निखारती हैं और उसके दृष्टिकोण में बदलाव लाती है।

कई लोग अपने जीवन में मनोरंजन के तौर पर कहानियों की पुस्तकें पढ़ते हैं। कहानियों से भी मनुष्य को सीखने को मिलता है। पुस्तक मनुष्य के जीवन में आत्मविश्वास पैदा करती है। मानसिक और भावनात्मक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होती है। पुस्तक के जरिए ही मनुष्य अपने शब्दावली और ज्ञान को बढ़ा सकता है। पुस्तक मनुष्य को अलग-अलग भाषाएं सीखने में सहायता करती है।

ई पुस्तक क्या है और भविष्य में ई पुस्तक का क्या महत्व होगा

आज के ऑनलाइन जमाने में हर काम ऑनलाइन किया जा रहा है। लोग किताबें भी ऑनलाइन पढ़ रहे हैं। इंटरनेट पर ही ई पुस्तक या ईबुक काफी ज्यादा प्रचलित होती जा रही है। लोग इसे पढ़ना पसंद करते हैं। पुस्तक चाहे ऑफलाइन हो या ऑनलाइन उसका महत्व समान ही होता है और पुस्तक से ज्ञान भी समान ही अर्जित होता है।

ई पुस्तक यानी कि किताब का एक स्वरूप, जिसे ऑनलाइन माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है, उसे ई पुस्तक कहा जाता है।

भविष्य में ऑफलाइन पुस्तक जिसे आज के समय में हम उपयोग करें हैं, उस का प्रचलन कम हो जाएगा और मोबाइल और कंप्यूटर के जरिए ही पुस्तक का प्रचलन और उपयोग बढ़ जाएगा। क्योंकि आज के समय में हर कार्य जिसको ऑनलाइन करना हर व्यक्ति पसंद करता है। ऐसे में किताबों का ऑनलाइन होना जाहिर है।

पुस्तक मनुष्य के जीवन साथी के तौर पर काम करती है और एक दोस्त के रूप में हर समय पुस्तक मनुष्य को सहारा देती है। पुस्तक मनुष्य को ज्ञान बांटती है। आगे बढ़ने के लिए पुस्तक कि मनुष्य की मानसिक क्षमता को मजबूत करती है और आत्मविश्वास बढ़ाती है।

पुस्तकों का महत्व पर निबंध 850 शब्द में (Pustako ka Mahatva Essay in Hindi)

इस दुनिया में कुछ भी किताबों को पढ़ने के समान खुशी नही दे सकता है। पुस्तकों को पढ़ने से अविश्वसनीय आनन्द और शांति का अहसास होता है। पुस्तकें विभिन्न प्रकार के जानकारी को संग्रहित करके रखती हैं।

हमें बस अपने दैनिक जीवन में पुस्तकों को पढ़कर उनमे संग्रहित लाभकारी जानकारी को समझना और उसे अपने जीवन मे उतारने की आवश्यकता है। कई पुस्तकों में महान व्यक्तियों के व्यक्तिगत इतिहास होते हैं, जो हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। जीवन के विभिन्न चरणों में पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी सहायक होती हैं।

हमारी सबसे अच्छी मित्र है किताबें

किताबें हमारे दिन-प्रतिदिन के अस्तित्व में सबसे अच्छी दोस्त हैं, उन्होंने हमें कभी अकेले नही रहने दिया और हमारे सबसे करीबी साथी के समान बनी रही। जब भी हमें उनकी आवश्यकता होती है, वे हमारे लिए उपलब्ध होती हैं। किताबें हमें अपने सामान्य परिवेश को समझने और अच्छे और बुरे के बीच भेद करने में मदद करती हैं।

वे हमारी आदर्श सहयोगी और प्रशिक्षक हैं। किताबों को समझकर हम कुछ अच्छी बातें अपने जीवन मे उतारकरऔर बेहतर बनते हैं। वे हमारे उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करती हैं और साथ ही उन्हें हासिल करने में पूरा सहयोग करती हैं। हममें से एक बड़ी संख्या में लोग अपने अतिरिक्त समय में पुस्तक पढ़ते है क्योंकि पढ़ने से मानसिक दबाव को कम करने में मदद मिलती है।

यह हमें एक काल्पनिक दुनिया में ले जाती है और पढ़ने के बाद हम बहुत अच्छा महसूस करते हैं। पुस्तकें हमारी अंतर्दृष्टि और कल्पनाशक्ति को उन्नत करने में हमारी सहायता करती है।

विद्यार्थियों के लिए पुस्तकों का महत्व

विद्यार्थी जीवन को संघर्षों से भरा हुआ और ज्ञान प्राप्त करने के लिए समर्पित जीवन माना जाता है। प्रत्येक विद्यार्थी को पुस्तकों को समझने की प्रवृत्ति सिखानी चाहिए। चूंकि छात्र जीवन में किसी व्यक्ति का निर्माण होता हैं। अतः उन्हें अपने माता-पिता, शिक्षकों और बुजुर्गों द्वारा किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।

किताबों के साथ मित्रता करना उनके लिए सबसे आदर्श तरीका है। ऐसी कई पुस्तकें हैं, जिनमें कुछ अविश्वसनीय चरित्रों का जीवन विवरण हैं। ये पुस्तकें उन व्यक्तियों के अस्तित्व के इतिहास से प्रेरित होने में विद्यार्थियों की सहायता कर सकती हैं। इनका वे सम्मान करते हैं और इनसे प्रेरित होकर अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए आवश्यकतानुसार काम करते हैं। पढ़ने से एकाग्रता और ध्यान में सुधार होता है, जो आमतौर पर एक छात्र के जीवन में आवश्यक है।

कुछ घंटे हर दिन पढ़ने से पढ़ने से भाषा की समझ बढ़ती है और शब्दकोश बनाने में मदद मिलती है। किताबें दुनिया के बारे में नई जानकारी, विचार और वास्तविकताओं को प्राप्त करने में छात्रों की मदद करती हैं। विद्यार्थी पुस्तकों को समझने के लिए उत्सुक हो जाते हैं।

विद्यार्थियों की पुस्तकों को समझने में मदद करने से एक अधिक सभ्य व्यक्ति बनाने में भी मदद मिलती है। नैतिकता और गुणों से पहचानी गई महान पुस्तकों को पढ़ने से महान विशेषताओं के साथ समझ में सुधार होता है और इस तरह वे बड़े होकर समाज के जिम्मेदार और विचारशील व्यक्ति बन जाते हैं।

क्या ई-किताबें और इंटरनेट हमारे जीवन में किताबें के महत्व को कम कर रहे हैं?

लोगों को लगता है कि वेब का उपयोग करके और डिजिटल किताबें डाउनलोड करके जानकारी प्राप्त करना आसान है। पर मेरे हिसाब से डिजिटल किताबों को किताबों की तरह पढ़ना मुश्किल है। इसे डाउनलोड करने के लिए सेलफोन या कंप्यूटर के उपयोग की आवश्यकता होती है।

इन उपकरणों को चार्जिंग और इंटरनेट की जरूरत होती है। इनके बिना वे काम नहीं करेंगे। वही दूसरी तरफ कागज की पुस्तकों को पढ़ने के लिए ऐसी किसी विशेष सुविधा की जरूरत नहीं है। हम किताब को कभी भी पढ़ सकते हैं और इसमें कुछ भी खर्च नहीं होता है। इसे किसी भी प्रकार के इंटरनेट की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा पढ़ने का आनंद की कोई सीमा नहीं है।

फ़िल्म देखने से बेहतर किताब पढ़ना क्यों है?

फिल्में देखना खुद को व्यस्त रखने का एक अच्छा तरीका है। लेकिन एक फिल्म विशेष रूप से 2-3 घंटे की होती है और उसके बाद पूरी होती है। पुस्तक पढ़ना स्पष्ट रूप से फिल्मों को देखने से बेहतर है। जब हम किसी कहानी की किताब या किसी चरित्र को पढ़ते हैं तो वह फिल्मो में इसी तरह की कहानी देखने की तुलना में अधिक दिलचस्प होती है।

किताबे पढ़ने से हमारे दिमाग का भी व्यायाम होता है। दिमाग मजबूत और स्वास्थ्य बनता है, जबकि फिल्मो में हमारा दिमाग उतना क्रियाशील नही होता है। पढ़ने वाली किताब एक दिन में खत्म नहीं हो सकती। इसे काफी लंबे समय तक पढ़ा जाता है।

जैसे-जैसे हम विभिन्न भागों को समाप्त करते हैं, कहानी की किताब या उपन्यास को पढ़ना हमारे लिए एक अविश्वसनीय रुचिकर काम बनता जाता है। हम उस कहानी में इतना तल्लीन हो जाते हैं जैसे वह कहानी वास्तव में घटित हो रही हो।

पुस्तकों पढ़ना एक अच्छी आदत है, जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। हम सभी को पुस्तकों को समझने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देना चाहिए। पुस्तकें हमें महत्वपूर्ण जानकारी देती हैं और साथ ही हमें और अधिक प्रखर, बुध्दिमान बनाती हैं।

पुस्तकों को पढ़ने से हमारे जीवन में तनाव की कोई जगह नही बचती है और हमारी रचनात्मक क्षमता में वृद्धि होती है। इन्हीं सब विशेषताओं के कारण पुस्तकों का महत्व बहुत अधिक है।

हमने यहाँ पर विद्यार्थी जीवन में पुस्तकों का महत्व ( Pustak ka Mahatva Essay in Hindi )  शेयर किया है। उम्मीद करते हैं आपको यह लेख अवश्य पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। यदि आपका इसे लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar

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पुस्तकों का महत्व पर निबंध- Essay on Importance of Books in Hindi

In this article, we are providing information about Importance of Books in Hindi- Essay on Importance of Books in Hindi Language. पुस्तकों का महत्व पर निबंध- Pustako Ka Mahatva Par Nibandh. Chekout article on Pustak ki Atmakatha

Essay on Importance of Books in Hindi

( Essay-1 ) Pustak Ka Mahatva Par 10 Lines | 10 Lines on Importance of books in Hindi Essay

1. पुस्तके हमारी सबसे अच्छी मित्र होती हैं, जो की हमे अनमोल ज्ञान देती हैं।

2. पुस्तके पढने से ही हमे सही और गलत की पहचान होती है।

3. पुस्तक पढ़ने से ही हमारे सोचने की और समझने की शक्ति बढ़ती है।

4. एक अच्छी पुस्तक हमे एक अच्छा इंसान बनाती हैं।

5. पुस्तके पढ़ने से ही, हम दूसरे की गलती से सीखने का मौका भी मिलता है।

6. कहा जाता है कि जिस व्यक्ति की दोस्ती किताबो से हो जाती है, उसको किसी अन्य दोस्तो की जरूरत नहीं पड़ती हैं।

7. इस दुनियां में, सब कुछ चोरी किया जा सकता है लेकिन ज्ञान को चोरी नही किया जा सकता है।

8. गीता और कुरान जैसी पुस्तकों को पढ़कर हम अपने आप को बहुत बारीकी से जान सकते हैं।

9. किताबो के ज्ञान से ही, कोई भी इंसान धनवान और महान बन सकता है।

10. जैसे खाना जरूरी होता है वैसे ही हमारे दिमाग के लिय किताबो का ज्ञान जरूरी होता है।

Essay on Importance of Education in Hindi Parishram Ka Mahatva Nibandh Meri Priya Pustak Par Nibandh 10 Lines on Teacher in Hindi

( Essay-2 ) Pustak Ka Mahatva Par Nibandh ( 250 words )

पुस्तक हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती हैं । पुस्तकों के माध्यम से हमें ज्ञान प्राप्त होता हैं । छात्रों के जीवन में भी पुस्तक बहुत महत्त्वपूर्ण होती हैं । पुस्तकों की मदद से छात्र परीक्षा पास करते हैं और आगे बढ़ते हैं।‌ पुस्तक हमारे सबसे अच्छे मित्र होती हैं । प्रेरणादायक पुस्तकें हमारे जीवन को सफल बनाने में मदद करती हैं । पुस्तक पढ़ने से हमारे खाली समय का सदुपयोग होता हैं । पुस्तक पढ़कर हमारा शब्दकोश बढ़ता हैं ‌। किताबों के वजह से हमें पुरानी घटनाओं का पता चलता हैं ।

आज ऑनलाइन पुस्तक पढ़ने का विकल्प भी उपलब्ध हैं । लोग ई-बुक पढ़ना बहुत पसंद करते हैं । ई-बुक आप बाहर ट्रॅव्हल करते समय या आपके पास कभी पुस्तक नहीं हो तब पढ़ सकते हैं । पुस्तक‌ पढ़ने से हमारी लिखावट में बहोत सुधार आता हैं । जब हमें किसी विषय की जानकारी चाहिए होती हैं तब हमें पुस्तकों की मदद लेनी पड़ती हैं । पुस्तकों से हमें जो ज्ञान प्राप्त होता हैं वह हमें जीवनभर काम आता हैं । रोजाना पुस्तक पढ़ने से दिमाग मानसिक रूप से उत्तेजित रहता हैं ।

पुस्तक पढ़ने से हमारा तनाव कम होने में भी मदद मिलती हैं । पुस्तक पढ़ने से हमारी मेमरी मजबूत होती हैं ‌। पुस्तक पढ़ने से एकाग्रता बढ़ाने में मदद होती हैं। हम जैसे जैसे पुस्तक पढ़ते जाते हैं वैसे वैसे हमारा आत्मविश्वास बढ़ने लगता हैं । पुस्तक पढ़ने से हमें अच्छी नींद आती हैं। पुस्तक मनोरंजन का साधन भी हैं । आप आपके खाली समय में कहानी जैसे पुस्तक पढ़कर मनोरंजन कर सकते हैं ।

( Essay-3 ) Importance of Books Essay in Hindi | पुस्तकों का महत्व पर निबंध ( 300, 400 words )

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जो एक समाज में रहता है जिसमें रहने के लिए उसे बहुत सी बातों का ग्यान होना चाहिए। पुस्तकें हमें ग्यान देती है वह ग्यान का सागर है। किसी भी विषय के बारे में जानने के लिए पहले गुरू या लोग ही प्रमुख साधन होते थे लेकिन अब सभी बातें पुस्तकों में होती है जिन्हें पढ़कर मनुष्य का सामाजिक और मानसिक विकास होता है।

पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र होती है वह हमें सभ्य बनने में सहायता करती है। पुस्तक हमारा मार्गदर्शन करती है। जब भी हम किसी मुसीबत में होते है तो पुस्तक हमें रास्ता दिखाती है और हमें सलाह देती है। पुराने मंदिर और इतिहास की चीजें नष्ट हो जाती है लेकिन हमारी किताबों में सब कुछ बहुत सुरक्षित है जिससे कि हर व्यक्ति अपने इतिहास के विषय में जान सकते है और उसपर गर्व महसूस कर सकते हैं। गीता, रामायण आदि जैसी पुस्तकों को पढ़कर मन को परम शांति का अनुभव होता है। आज के समय में पुस्तकें बड़ी मात्रा में उपलब्ध है। हर विषय की अपनी किताब है जिससे कि हम बिना किसी उलझन से अपने पसंदीदा विषय के बारे में ग्यान प्राप्त कर सकते हैं। पुस्तकें हमारे लिए बहुत ही उपयोगी है और इनमें लिखी हर बात जीवन के किसी न किसी पड़ाव में अवश्य काम आती है। पुस्तकों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है वो हमें संस्कार और ग्यान देकर एक अच्छा इंसान बनाती है।

पुस्तकों के बिना मनुष्य बहुत सी बातों से अंजान रह जाता है। हम जब चाहे तभी हर विषय के बारे में पढ़ सकते है और हमें इसके लिए किसी व्यक्ति का इंतजार नहीं करना पड़ता। पुस्तक ग्यान अर्जित करने का सबसे सरल और सस्ता साधन है और इसके लिए हमें किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।

पुस्तकें अमर है उनका कभी निधन नहीं होता है। बहुत सी प्राचीन किताबों को लिखने वालों का निधन हो गया लेकिन उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकें आज भी जीवित है और हमारा मार्गदर्शन करती है। पुस्तक हर व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारती है और उसके दृष्टिकोण में भी बदलाव लाती है। पुस्तक पढ़ने वाल् व्यक्ति को हर मुसीबत का हल मिल जाता है क्योंकि उसकी स्थिति से मिलती जुलती स्थिति के विषय में उन्होंने कहीं न कहीं पड़ा होता है। यह हमारी सहयोगी होती है। जब हम अकेले होते हैं पुस्तकें हमीरे मनोरंजन का साधन भी बनती है।

( Essay-4 ) Pustak Ka Mahatva Essay in Hindi ( 500 words )

पुस्तक मनुष्य की एक अच्छी साथी होती है। पुस्तक एक ऐसे दीये के समान है जो की मनुष्य की अंधकारमय ज़िंदगी को ज्ञान की रोशनी से भर देता है। अब्राहम लिंकन के अनुसार ” किताबें आदमी को ये बताने के काम आती है कि उसके मूल विचार आखिरकार इतने नये भी नहीं है। ”

वर्तमान समय में हमारे जीवन में पुस्तकों का बहुत महत्व है।पुस्तकें मनुष्य को एक अच्छे मार्गदर्शक के रूप में पथ प्रदर्शन करती है। पुस्तकें एक अच्छे दोस्त की तरह जीवन भर मनुष्य का साथ देती है। पुस्तकें छात्रों , व्यस्को , वृद्धो आदि सभी के लिए महत्व रखती है।

पुस्तकों का महत्व ( Pustak Ka Mahatva )

हम सभी जानते है कि पुस्तकें मनुष्य के जीवन में बहुत महत्व रखती है। ज्ञान के बिना मनुष्य एक पशु के समान है और पुस्तकें मनुष्य को ज्ञान प्रदान करने के एक अतुल्य साधन है। पुस्तकें हमे आस पास कि दुनिया को समझने व् सही गलत का का ज्ञान प्रदान करने में सहायता करती है। पुस्तकें पढ़ने से मनुष्य के व्यवहार में गुणात्मक परिवर्तन आते है जो कि मनुष्य को उसके उसके लक्ष्य प्राप्ति में सहायता करते है। यदि कोई भी व्यक्ति एक बार बार पुस्तक पढ़ना शुरू कर देता है तो वह इसे अपनी आदत बना लेता है। जिससे व्यक्ति का भावात्मक , रचनातमक , सामाजिक विकास होने में मदद मिलती है।

जिस प्रकार एक छात्र के लिए शिक्षक आवश्यक है ठीक उसी प्रकार छात्र के पुस्तक भी आवश्यक है। पुस्तकों के द्वारा छात्रों कि पठन पाठन प्रक्रिया आसान हो जाती है। इसके साथ ही छात्र पुस्तकों की सहायता से ध्यान एकाग्र करके पढ़ भी पाते है। रोजाना किताबें पढ़ने से छात्रों कि शब्दावली और भाषा कौशल का भी विकास होता है।

पुस्तकों के नियमित अध्ययन से मानसिक तनाव को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही साथ नियमित रूप से पुस्तक पढ़ने पर याद करने की क्षमता भी बढ़ी है। हम जैसे जैसे पुस्तकों को नियमित रूप से पढ़ना शुरू कर देते है वैसे वैसे हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव आने शुरू हो जाते है। पुस्तकें पढ़ने से हमारे आत्मविश्वास में वृद्धि होती है इसके अलावा पुस्तकों हमारे लिए मनोरंजन का साधन भी है। जो भी व्यक्ति प्रतिदिन पुस्तक पढ़ते है उन्हें कभी भी नींद न आने की समस्या से जूझना नहीं पड़ता है।

वर्तमान समय में ई- पुस्तकों का बहुत महत्व है। आजकल लोग ई- पुस्तकों को पढ़ना बहुत अधिक पसंद कर रहे है। ई- पुस्तक वर्तमान समय में बहुत सुविधा जनक है इन्हे कही भी और कभी भी आसानी से पढ़ा जा सकता है।

पुस्तकें मनुष्य के विकास हेतु बेहद आवश्यक है। पुस्तकों के अध्ययन से मनुष्य को सही व् गलत की पहचान करने का ज्ञान प्राप्त होता है। इसके साथ ही पुस्ते पढ़ना मनुष्य को समय का सदुपयोग करना भी सिखाता है। हमारे आस पास अनेक प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध है जो की अच्छी भी है और बुरी भी है। मनुष्य को अपनी आवश्यकता अनुसार अच्छी पुस्तकों का चुनाव करके ही पढ़ना चाहिए। जिससे की मनुष्य अपना सर्वांगीण विकास कर सके।

FAQs- Pustak Ka Mahatva | पुस्तक का महत्व

Q- हमारे जीवन में पुस्तक का क्या महत्व है? उत्तर- पुस्तक पढ़ने से हमें जीवन के लिए मार्गदर्शन मिलता है।

Q-पुस्तकों से हमें कितनी जानकारी मिल सकती है? उत्तर-यह बात आप पर निर्भर करती हैं, आप जितनी ज्यादा पुस्तक पढ़ेंगे उतनी आपको जानकारी मिलेगी।

Q- विद्यार्थी के जीवन में पुस्तकों का महत्व क्या है? उत्तर-विद्यार्थी को पुस्तक पढ़ने से ज्ञान की बातें मिलती है और यह पुस्तकों से पाया ज्ञान विद्यार्थी को ज़िन्दगी में बहुत काम आता है।

Q-पुस्तक के बिना मनुष्य का जीवन कैसा है? उत्तर- पुस्तक के बिना मनुष्य का जीवन अंधकार है।

Q-हमें कौन-कौन सी पुस्तकें पढ़नी चाहिए? उत्तर-हमें मोटिवेशनल और धार्मिक पुस्तक पढ़नी चाहिए।

Q- हमें कितनी उम्र से पुस्तकें पढ़नी चाहिए? उत्तर-15 साल के बाद आप कोई भी पुस्तक पढ़ सकते हैं, लेकिन अगर आपको पुस्तके बहुत पसंद है तो आप 15 साल से पहले भी पुस्तक पढ़ सकते हैं।

Q-क्या पुस्तके हमारे दिमाग पर बुरा प्रभाव भी डालती हैं? उत्तर- यह बात पढ़ने वाले व्यक्ति पर निर्भर करती है कि वह किस तरह की बुक पड़ता है। अगर हम अच्छी पुस्तक पढ़ेंगे, तो हमें अच्छी सीख मिलेगी। अगर गलत पुस्तक पढ़ेंगे, तो हमारे दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

# Importance of Books Essay in Hindi

Essay on Book in Hindi

Essay on Autobiography of a Book in Hindi

Essay on Importance of Library in Hindi

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8 thoughts on “पुस्तकों का महत्व पर निबंध- Essay on Importance of Books in Hindi”

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पुस्तकों का महत्व पर अनुच्छेद लेखन

पुस्तकों का महत्व पर अनुच्छेद लेखन: पुस्तकें हमारी मित्र हैं। वे अपना अमृतकोष सदा हम पर न्यौछावर करने को तैयार रहती हैं। पुस्तकें प्रेरणा का भण्डार होती हैं।पुस्तकों के द्वारा एक पीढ़ी का ज्ञान दूसरी पीढ़ी तक पहुँचते पहुँचते सारे युग में फ़ैल जाता है। पुस्तकें किसी भी विचार, संस्कार

पुस्तकों का महत्त्व पर अनुच्छेद लेखन

  • पुस्तक हमारी  सच्ची मित्र,
  • प्रेरणा की स्रोत, 
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पुस्तकों का महत्त्व पर निबंध | Pustako Ka Mahatva Essay in Hindi

पुस्तकों का महत्त्व पर निबंध.

संकेत बिन्दु :- भूमिका, पुस्तकों से प्राप्त होने वाला लाभ, पुस्तकें जानकारी प्राप्त करने का स्रोत, पुस्तकें शिक्षा प्रदान करने का साधन, वैज्ञानिक युग की देन ई-पुस्तकें, उपसंहार

भूमिका :- 

“पुस्तके मित्रों में सबसे शान्त व स्थिर हैं, वे सलाहकारों में सबसे सुलभ व बुद्धिमान हैं और शिक्षकों में सबसे धैर्यवान है।” चार्ल्स विलियम इलियट की कही यह बात पुस्तकों की महत्ता को उजागर करती है। निःसन्देह पुस्तकें ज्ञानार्जन करने, मार्गदर्शन करने एवं परामर्श देने में विशेष भूमिका निभाती हैं। पुस्तके मनुष्य के मानसिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, नैतिक, चारित्रिक, व्यावसायिक एवं राजनीतिक विकास में सहायक होती है।

महात्मा गाँधी ने कहा है- “पुस्तकों का मूल्य रत्नों से भी अधिक है, क्योंकि पुस्तके अन्तःकरण को उज्ज्वल करती है।” पुस्तक पढ़ने से होने वाले लाभ को देखते हुए, उन्होंने अन्यत्र कहा है- “पुराने वस्त्र पहनो, पर नई पुस्तकें खरीदो।”

पुस्तकों से प्राप्त होने वाला लाभ :-  

पुस्तकें ज्ञान का संरक्षण करती हैं। किसी भी देश की सभ्यता-संस्कृति के संरक्षण एवं उसके प्रचार-प्रसार में पुस्तकें अहम् भूमिका निभाती हैं। सचमुच पुस्तके सुख और आनन्द का भण्डार होती हैं। जो लोग अच्छी पुस्तके नहीं पढ़ते या पुस्तकें पढ़ने में जिनकी कोई रुचि नहीं होती, वे जीवन को बहुत सौ सच्चाइयों से अनभिज्ञ रह जाते हैं। पुस्तकें पढ़ने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि हम इनसे जीवन में आने वाली कठिन परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति जुटा पाते हैं। कठिन से कठिन समय में भी पुस्तकें हमारा उचित मार्गदर्शन करती हैं। जिन लोगों को पुस्तके पढ़ने का शौक होता है, वे लोग अपने खाली समय का सदुपयोग पुस्तकों के ज़रिए ज्ञानार्जन के लिए करते हैं।

पुस्तकें जानकारी प्राप्त करने का स्रोत :-  

रेने डकार्टेस ने कहा भी है— “सभी अच्छी पुस्तकों को पढ़ना पिछली शताब्दियों के सर्वश्रेष्ठ व्यक्तियों के साथ संवाद करने जैसा है” और सचमुच प्राचीनकाल के बारे में जानने का सबसे अच्छा स्रोत पुस्तकें ही होती हैं। वैदिक साहित्यों से हमें उस काल के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक पहलुओं की जानकारी मिलती है। पुस्तके इतिहास के अतिरिक्त विज्ञान के संरक्षण एवं प्रसार में भी सहायक होती है।

विश्व की हर सभ्यता के विकास में पुस्तकों का प्रमुख योगदान रहा है। मध्यकाल में पुनर्जागरण में भी पुस्तकों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में भी पुस्तकों ने अग्रणी भूमिका अदा की। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के शब्दों में— “पुस्तकें वे साधन हैं, जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं।”

पुस्तकें शिक्षा प्रदान करने का साधन :-  

पुस्तकें शिक्षा प्रदान करने का प्रमुख साधन है। पुस्तकों के बिना शिक्षण की क्रिया अत्यन्त कठिन हो सकती हैं। कई मामलों में तो पुस्तकों के अभाव में शिक्षण की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पाठ्यपुस्तकों के अतिरिक्त पुरक पुस्तकों की भी व्यवस्था विद्यार्थियों के विकास के लिए की जाती है। पाठ्यपुस्तकें जहाँ छात्रों को पाठ्यक्रम सम्बन्धी जानकारी देती हैं, वहीं पूरक पुस्तकें छात्रों में स्वाध्याय की योग्यता विकसित करने में सहायक होती है। पुस्तकें शिक्षा का प्रमुख साधन तो हैं ही, साथ ही इनके माध्यम से लोगों में सद्वृत्तियों का विकास भी किया जा सकता है, ये सृजनात्मक क्षमता के विकास में भी सहायक होती है। इतना ही नहीं इनसे अच्छा मनोरंजन भी होता है।

वैज्ञानिक युग की देन : ई-पुस्तकें :- 

वर्तमान युग सूचना प्रौद्योगिकी का युग है। इस युग में इण्टरनेट के प्रयोग में तेज़ी से वृद्धि हुई है। इण्टरनेट से सूचना प्राप्त करना ही नहीं, बल्कि कहीं भेजना भी सस्ता एवं सुलभ हो गया है। आज ई-पुस्तकों के माध्यम से काफ़ी सरलता से विभिन्न प्रकार की जानकारियाँ जुटाई जा रही हैं। ई-पुस्तक अर्थात् इलेक्ट्रॉनिक पुस्तक का अर्थ है – डिजिटल रूप में उपलब्ध पुस्तक। ये पुस्तकें कागज़ी रूप में न होकर ये डिजिटल संचिका के रूप में होती हैं, जिन्हें कम्प्यूटर, मोबाइल एवं अन्य डिजिटल यन्त्रो पर पढ़ा जा सकता है।

उपसंहार :-  

कुछ लोगों का मानना है कि इण्टरनेट एवं ई-पुस्तकों की उपलब्धता के बाद कागज़ी पुस्तकों के प्रति लोगों का लगाव धीरे-धीरे कम होता जाएगा, किन्तु ऐसा मानना किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है। इण्टरनेट पुस्तक का विकल्प कभी भी नहीं हो सकता। इण्टरनेट से पुस्तकों के महत्त्व में वृद्धि हुई है, न कि इसके कारण पुस्तकों के प्रति लोगों के लगाव में कमी फिर सही मायने में देखा जाए, तो ई-पुस्तक भी तो कागजी पुस्तक का ही आधुनिक रूप है।

अतः यह कहना सर्वथा गलत होगा कि आने वाले दिनों में पुस्तक की महत्ता कम हो जाएगी। पुस्तक की महत्ता को स्वीकारते हुए लोकमान्य तिलक ने कहा था “मैं नरक में भी उत्तम पुस्तको का स्वागत करूंगा, क्योंकि इनमें वह शक्ति है कि ये जहाँ भी रहेंगी, वहाँ अपने आप स्वर्ग बन जाएगा। पुस्तकें सचमुच हमारी मित्र है। वे अपना अमृत-कोश सदा हम पर न्योछावर करने को तैयार रहती हैं। उनमें छिपी अनुभव की बातें हमारा मार्गदर्शन करती हैं।”

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Pustako Ka Mahatva Essay In Hindi

Pustako Ka Mahatva Essay In Hindi, Importance of Books Essay

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Pustako Ka Mahatva Essay In Hindi

यहां हम आपको “Pustako Ka Mahatva Essay In Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Jeevan Mein Pustako ka Mahatva Essay तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए. 

Pustako Ka Mahatva Essay In Hindi 200 Words

पुस्तक ज्ञान का समुद्र हैं। जिसकी हर एक बूंद मानव की अज्ञान रूपी प्यास को बुझाती है। ये ज्ञान का भंडार हैं। अच्छी पुस्तकें मनुष्य के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। पुस्तकें मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र होती हैं। ये हमें ज्ञान देने के साथ हमारा मनोरंजन भी करती हैं। हमें मनोरंजन के साथ शिक्षा प्राप्त करने के लिए अच्छी पुस्तकों को पढ़ना चाहिए। पुस्तकों से हमें देश-दुनियां का ज्ञान घर बैठे ही प्राप्त हो जाता है। वहीं सांस्कृतिक और धार्मिक किताबों को पढ़ने से हमें अपने आचरण व्यवहार को सुधारने में मदद मिलती है। पुस्तकें कई प्रकार की होती हैं।

इसलिए हमें पुस्तकों का चुनाव भी सोच-विचार कर करना चाहिए। अच्छी किताबें हमें जीवन के महत्वपूर्ण फैसले लेने में भी सहायक होती हैं। अगर हमें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करनी है, तो हमें स्वामी विवेकानंद जी, सुभाषचंद्र बोस जी, भगत सिंह जी जैसे महापुरुषों की जीवनी को पढ़ना चाहिए। हमें अपनी दिनचर्या में थोड़ा समय पुस्तक पढ़ने में देना चाहिए। जिससे वे हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन जाएं। बच्चों को छोटी उम्र से ही पुस्तकें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए, ताकि वे बड़े होते-होते किसी व्यसन आदि में न पड़कर पुस्तकों को अपना परम मित्र माने और अपने जीवन को एक सही दिशा दें।

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Importance of Books Essay in Hindi 300 Words

अपने विद्यार्थी जीवन में सभी ने पुस्तकों को जरूर पढ़ा होगा। लेकिन विद्यार्थी जीवन के पूरा होने के बाद बहुत से लोग पुस्तकों से दूर हो जाते हैं, जबकि कई लोगों के लिए पुस्तकें बहुत अहम हो जाती हैं। अधिकतर लोग यात्रा के समय पुस्तकें पढ़ना शुरू करते हैं। जबकि कई अन्य पुस्तक प्रेमियों के लिए पुस्तक पढ़ने का कोई समय नहीं होता है। कहा जाता है की, पुस्तकें व्यक्ति की अच्छी मित्र होती हैं। क्योंकि इन्हें बदले में कुछ नहीं देना पड़ता। बल्कि पुस्तकें हमें ज्ञान और समझ देती हैं। 

विद्यार्थी जीवन में पुस्तकों का महत्व ( Jeevan Mein Pustako ka Mahatva)

पुस्तकों का हम सभी के जीवन में एक बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। मनुष्य के जीवन में विद्यार्थी जीवन एक ऐसा समय होता है, जब वह ज्ञान प्राप्त करता है। इस समय में अच्छी पुस्तकों का प्रभाव विद्यार्थी के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन में विद्यार्थी जीवन एक ऐसा समय होता है। जब पुस्तकें उसके सबसे करीब होती हैं। यह वो समय होता है, जब मनुष्य को किताबें पढ़ने की आदत डालना चाहिए और अच्छी अच्छी पुस्तकों को अपने जीवन में स्थान देना चाहिए। 

मेरी प्रिय पुस्तक (My Favourite Book)

मेरी प्रिय पुस्तक गीता है। यह एक धार्मिक पुस्तक है। जिसके लिए मेरे मन में गहन आस्था और विश्वास है। यह कोई साधारण पुस्तक नहीं है। यह जीवन का सार है, जो जीवन जीने की राह दिखाती है। यह पुस्तक मेरे जीवन में प्रकाश की तरह है, जिसने मेरे अज्ञान के अंधेरे को हटाया है। मैंने जब से यह पुस्तक पढ़ी है, तब से मैं अपने जीवन में कभी निराश नहीं हुई हूं। यह मुझे संबल, आत्मविश्वास प्रदान करती है। मेरे जीवन में इस पुस्तक का बहुत एहम स्थान है, और हमेशा रहेगा।

पुस्तकें ज्ञान प्राप्ति का सबसे अच्छा माध्यम होती हैं। यह इस बात पर भी निर्भर करता है, की हमने कैसी पुस्तक का चुनाव किया है। पुस्तकें हर प्रकार की होती हैं। विभिन्न विषयों के लिए विभिन्न प्रकार की पुस्तकें आती हैं। एक सही पुस्तक का चुनाव हमें सही दिशा प्रदान कर सकता है। इसलिए हमें अच्छी और प्रभावशाली पुस्तकों का चुनाव करना चाहिए, जिससे हमें अच्छी बातें सीखने को मिल सकें। हमें अच्छी पुस्तकों के चुनाव के लिए अपने शिक्षकों और बड़ों की सहायता लेनी चाहिए। 

Pustako ki Upyogita par Nibandh 500 words  

पुस्तक ज्ञान का द्वार है। जिसके द्वारा मनुष्य बुद्धि और ज्ञान तक पहुंच सकता है। पुस्तकों को ज्ञान का भंडार और मनुष्य का सच्चा मित्र बताया गया है। हर व्यक्ति को विद्यार्थी जीवन से ही पुस्तकों को पढ़ने की आदत डालनी चाहिए, ताकि हमें पुस्तकों को पढ़ने की आदत बनी रहे और हम अपनी दिनचर्या में पुस्तकों को स्थान दें। पंचतंत्र की ज्ञानवर्धक कहानियों से लेकर महापुरुषों की जीवनी तक की पुस्तकों को व्यक्ति को अपने जीवन में स्थान देना चाहिए। 

सबसे अच्छी मित्र पुस्तक (Books are My Best Friend)

मानव जीवन पर पुस्तकों का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। अगर किसी ने पुस्तकों को अपना मित्र बना लिया हो, तब उन्हें कई सारे मित्र बनाने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि पुस्तकें मनुष्य को ज्ञान, विवेक, मनोरंजन और साथ सभी दे सकती हैं। पुस्तकें मनुष्य की परम मित्र होती हैं। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है, की हमने किस प्रकार की पुस्तक का चुनाव किया है। अच्छी पुस्तकों से हमें अच्छा ज्ञान प्राप्त होता है।

मुझे धार्मिक पुस्तकें पढ़ने में बहुत रुचि है। इसलिए में अधिकांश धार्मिक पुस्तकें ही पढ़ती हूं। मुझे रामायण पढ़ना बहुत प्रिय लगता है। यह मेरी प्रिय पुस्तक है। यह कोई आम पुस्तक नहीं है, बल्कि हिंदुओं का प्रमुख ग्रंथ है। मैं रोज रामायण पढ़ती हूं। यह मेरे मन को असीम सुख प्रदान करता है। यह जीवन की विषम परिस्थितियों से निपटने का संबल प्रदान करती है। कठिन से कठिन परिस्थिति में भी धैर्यपूर्वक कैसे रहा जाता है, यह मैंने रामायण में वर्णित राम जी के चरित्र से सीखा है। 

ई-पुस्तक क्या है और भविष्य में ई-पुस्तक का क्या महत्व (Importance of e-books in Education)

डिजिटल पुस्तकों को ई-पुस्तक भी कहा जाता है। यह पुस्तकें इंटरनेट पर उपलब्ध होती हैं, जिन्हें डाउनलोड करके पढ़ा जा सकता है। आज का समय इंटरनेट का समय है, जहां इंसान अधिक से अधिक समय और संसाधन बचाने का प्रयास करता है। ऐसे में पुस्तक प्रेमियों के लिए ई-पुस्तक बहुत लाभदायक साबित हो सकती है। ई-पुस्तकों को प्रकाशित करने के लिए पेपर की आवश्यकता भी नहीं होती है। 

मानव जीवन पर पुस्तकों का प्रभाव ( Jeevan Mein Pustako ka Mahatva)

पुस्तकों से मिली शिक्षा प्रभावशाली होती है। ऐसे कई महापुरुष और महान हस्तियां हुई है जिन्होंने अपने जीवन में पुस्तकों को अहम स्थान दिया और अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। पुस्तक पढ़ने वाले व्यक्ति पर पुस्तकों में लिखी बातों का काफी गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए हमें चाहिए कि हमें अच्छी और सकारात्मक पुस्तकों का चयन करें ताकि उससे मिलने वाला ज्ञान हमारे जीवन की उन्नति में सहायक हो सके।

आज का समय इंटरनेट का समय है। इसलिए हम ई-पुस्तकों का समय है। जिन्हें फोन या लैपटॉप में रखा जा सकता है, और इन्हें पढ़ना भी आसान होता है। इससे पेपर खरीदने में होने वाले खर्चे को बचत होती है। ई-पुस्तकों के लिए रखने के लिए आपको अलग से जगह नहीं बनानी पड़ती है। इसलिए हमें इस तकनीक का सही इस्तेमाल करना चाहिए। अच्छी पुस्तकों से मिलने वाले ज्ञान पर अगर अमल किया जाए और, उन्हें जीवन में उतारा जाए तो यह मानव जीवन में सकारात्मक संभावनाओं को खोल देता है।

FAQs Related to Pustako Ka Mahatva Essay In Hindi

फ़िल्म देखने से बेहतर किताब पढ़ना क्यों है?

फिल्में दर्शकों को इस तरह से आकर्षित करती हैं, की वे वास्तविकता से परे सोचने लगते हैं। जबकि अच्छी पुस्तकें हमें Àवास्तविक जीवन से अवगत करवाती हैं इसलिए फ़िल्म देखने से बेहतर किताब पढ़ना है।

पुस्तक के बारे में निबंध कैसे लिखें?

पुस्तकों के बारे में निबंध लिखना बहुत ही आसान है। इसमें हमें पुस्तकों के महत्व, पुस्तकों की उपयोगिता के बारे में बताना चाहिए। पुस्तक पर निबंध लिखने की जानकारी ऊपर आर्टिकल में बताई गई है।

हमें किताबों की आवश्यकता क्यों हैं?

किताबों से हमें धर्म, ज्ञान, विज्ञान, कला और हर एक क्षेत्र के बारे में विस्तृत और अद्भुत ज्ञान प्राप्त होता है। यह हमारी बौद्धिक और मानसिक विकास में सहायक होती हैं। 

Jeevan Mein Pustako ka Mahatva Essay

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Pustako Ka Mahatva Essay In Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Jeevan Mein Pustako ka Mahatva Essay अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Pustako Ka Mahatva Essay In Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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Hindi Essay on “Pustakalaya ka Mahatva”, “पुस्तकालय का महत्व”, for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

Pustakalaya 

पुस्तकालय का महत्व

Pustakalaya ka Mahatva

Top 3 Hindi Essay on ” Pustakalaya Ka Mahatva”

निबंध नंबर :- 01

पुस्तकालय शब्द पर जब हम विचार करते हैं, तो हम इसे दो शब्दों के मेल। से बना हुआ पाते हैं—पुस्तक + आलय ; अर्थात् पुस्तक का घर जहाँ विभिन्न प्रकार की पुस्तकें होती हैं और जिनका अध्ययन स्वतंत्र रूप से किया जाता है, उसे पुस्तकालय कहा जाता है। इसके विपरीत जहाँ पस्त तो हों लेकिन उनका अध्ययन स्वतंत्र रूप से न हो और वे अलमारी में बन्द पड़ी रहती हों, उसे पुस्तकालय नहीं। कहते हैं इस दृष्टिकोण से पुस्तकालय ज्ञान और अध्ययन का एक बड़ा केन्द्र होता है ।

प्राचीनकाल में पुस्तकें आजकल के पुस्तकालयों की तरह एक जगह नहीं होती थीं; अपितु प्राचीनकाल में पुस्तकें हस्तलिखित हुआ करती थीं। इसलिए इन पुस्तकों का उपयोग केवल एक ही व्यक्ति कर पाता था। दूसरी बात यह कि प्राचीनकाल में पुस्तकों से ज्ञान प्राप्त करना एक बड़ा कठिन कार्य होता था; क्योंकि पुस्तकें आज जितनी प्रकार की एक ही जगह मिल जाती हैं, उतनी तब नहीं मिलती थीं। इसलिए विविध प्रकार की पुस्तकों से आनन्द, ज्ञान या मनोरंजन करने के लिए। आज हमें जितनी सुविधा प्राप्त हो चुकी हैं, उतनी इससे पहले नहीं थीं। इस प्रकार से पुस्तकालय हमारी इस प्रकार की सुविधाओं को प्रदान करने में आज अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका को निभा रहे हैं।

पुस्तकालय की कोटियाँ या प्रकार कई प्रकार के होते हैं। कुछ पुस्तकालय व्यक्तिगत होते हैं, कुछ सार्वजनिक होते हैं और कुछ सरकारी पुस्तकालय होते हैं।

व्यक्तिगत पुस्तकालय, वे पुरतकालय होते हैं, जो किसी व्यक्ति-विशेष से ही सम्बन्धित होते हैं। ऐसे पुस्तकालयों में पुस्तकों की संख्या बहुत ही सीमित और थोड़े प्रकार को होती है। हम कह सकते हैं कि व्यक्तिगत पुस्तकालय एक प्रकार । से स्वतंत्र और ऐच्छिक पुस्तकालय होते हैं इन पुस्तकालयों का लाभ और उपयोग उठाने वाले भी सीमित और विशेष वर्ग के ही विद्यार्थी होते हैं। इन पुस्तकालयों की पुस्तक बहुत सामान्य या माध्यम श्रेणी की होती हैं। व्यक्तिगत पुस्तकालय को निजी पुस्तकालय की भी संज्ञा दी जाती है। इस प्रकार के पुस्तकालय मुख्य रूप से धनी और सम्पन्न वर्ग के लोगों से चलाए जाते हैं। ऐसे पुस्तकालयों की संख्या भी पाठकों के समान ही सीमित होती है, क्योंकि स्वतंत्र अधिकार के कारण इन पुस्तकालयों के नियम-सिद्धान्त का पालन करने में सभी पाठक समर्थ नहीं हो पाते हैं ।

संस्थागत पुस्तकालय भी पुस्तकालयों के विभिन्न प्रकारों में एक विशेष प्रकार का पुस्तकालय है। संस्थागत पुस्तकालय का अर्थ है-किसी संस्था द्वारा चलने वाले। पुस्तकालय। ऐसे पुस्तकालय स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों या किसी अन्य संस्था के द्वारा संचालित हुआ करते हैं। इस प्रकार के पुस्तकालय व्यक्तिगत या निजी पुस्तकालय के समान नहीं होते हैं, जो स्वतंत्रतापूर्वक चलाए जाते हैं। संस्थागत पुस्तकालय के पाठक न तो सीमित होते हैं और न इसके सीमित नियम ही होते हैं, अपितु इस प्रकार के पुस्तकालय तो विस्तृत नियमों के साथ अपने पाठकों की ‘संख्या असीमित ही रखते हैं। इसलिए इन पुस्तकालयों में पुस्तकों की संख्या भी बहुत बड़ी या असीमित होती है। इसी तरह इस प्रकार के पुस्तकालयों की पुस्तके बहुमूल्य और अवमूल्य अर्थात् सस्ती और महँगी दोनों ही होती हैं। हम यह कह सकते हैं कि इस प्रकार के पुस्तकालयों की पुस्तके महँगी होती हई भी मध्यम श्रेणी की होती हैं। संस्थागत पुस्तकालयों की पुस्तकें साहित्य, संगीत, कला, दर्शन, धर्म राजनीति, विज्ञान, समाज, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय आदि सभी स्तरों की अवश्य होती हैं। संस्थागत पुस्तकालयों की संख्या सभी प्रकार के पुस्तकालयों से अधिक होती है इस दृष्टिकोण से संस्थागत पुस्तकालयों का महत्त्व सभी प्रकार के पुस्तकालयों से बढ़कर है।

पुस्तकालयों का तीसरा प्रकार सार्वजनिक पुस्तकालयों का है। सार्वजनिक पुस्तकालयों की संख्या संस्थागत पुस्तकालयों की संख्या से बहुत कम होती है; क्योंकि इस प्रकार के पुस्तकालयों का उपयोग या सम्बन्ध केवल बौद्धिक और पुस्तक-प्रेमियों से ही अधिक होता है। कहीं-कहीं तो सरकार के द्वारा और कहीं-कहीं सामाजिक संस्थाओं के द्वारा भी सार्वजनिक पुस्तकालयों का संचालन होता है। चाहे जो कुछ हो सरकार द्वारा ये पुस्तकालय मान्यता प्राप्त होते हैं। सरकार इन पुस्तकालयों की सहायता समय-समय पर किया करती है। अतः सार्वजनिक पुस्तकालयों का भविष्य व्यक्तिगत पुस्तकालयों के समान अंधकारमय नहीं होता है।

पुस्तकालय का एक छोटा-सा प्रकार चलता-फिरता पुस्तकालय है। इस प्रकार के पुस्तकालयों का महत्त्व अवश्य है; क्योंकि समय के अभाव के कारण लोग इस प्रकार के पुस्तकालयों को अवश्य लाभ उठाते हैं। सुविधाजनक अर्थात घर बैठे ही इन पुस्तकालयों का लाभ उठा पाने के कारण इनका महत्त्व और लोकप्रिय होना निश्चय ही सत्य है। सीमित संख्या होने के कारण यद्यपि इन पुस्तकालयों का प्रसारकम है, लेकिन महिलाओं के लिए ये अवश्य अधिक उपयोगी है।

पुस्तकालय ज्ञान-विज्ञान की रहस्यमय जानकारी को प्रदान करने में अवश्य महत्त्वपूर्ण भूमिका को निभाते हैं। ये हमें सत्संगति प्रदान करते हैं। हमें अज्ञान के। अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं। इसलिए हमें पुस्तकालयों का अवश्य अधिक-से-अधिक उपयोग करना चाहिए।

निबंध नंबर :- 02

Pustakalaya Ka Mahatva 

पुस्तकालय वह भवन है जहाँ अनेक पुस्तकों का विशाल भण्डार होता है। वहाँ बड़े-बड़े विचारकों, महापरुषों एवं विद्वानों द्वारा लिखित अनेक पुस्तकें होती हैं। वहाँ जाकर हम अपनी रुचि के अनुसार पुस्तक लेकर अध्ययन करते हैं।

पुस्तकालय का अर्थ होता है-पुस्तकों का घर। इसमें विविध विषयों पर पुस्तकों का विशाल संग्रह होता है। पुस्तकालय सरस्वती का पावन मंदिर है। निर्धन व्यक्ति भी पुस्तकालय में विविध विषयों की पुस्तकों का अध्ययन करके ज्ञान प्राप्त कर सकता है। पुस्तकालय ऐसा स्थान है जहाँ उच्च कोटि के ग्रंथ आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।

पुस्तकालय चार प्रकार के होते हैं-(1) व्यक्तिगत पुस्तकालय, (2) विद्यालयों के पुस्तकालय, (3) सार्वजनिक पुस्तकालय, (4) सरकारी पुस्तकालय। इन चारों में से केवल सार्वजनिक पुस्तकालयों का ही उपयोग सभी व्यक्तियों के लिए होता है। इनमें घर पर पुस्तकें ले जाने के लिए इनका सदस्य बनना पड़ता है। कलकत्ता, दिल्ली, मुंबई आदि नगरों में सचल पुस्तकालय भी हैं जो घूम-घूमकर पुस्तकें बाँटते हैं।

पुस्तकालय मानव जीवन की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। ये ज्ञान, कला और संस्कृति के प्रसार केन्द्र होते हैं। ज्ञानवृद्धि के लिए पुस्तकालयों से बढ़कर अन्य कोई साधन नहीं है। पुस्तकालयों में बालकों के लिए बाल-साहित्य भी होता है। घर पर खाली बैठे गप्पें मारने की अपेक्षा पुस्तकालय में जाकर पढ़ना अधिक उपयोगी होता है। पुस्तकालय में पहुँचकर महान विद्वानों, विचारकों और महापुरुषों से साक्षात्कार होता है। यदि हमें महात्मा गाँधी, सुकरात, राम, कृष्ण, ईसा मसीह, महावीर आदि के श्रेष्ठ विचारों की संगति प्राप्त करनी है, तो पुस्तकालय से उत्तम अन्य स्थान कोई नहीं है।

इस समय भारत में कलकत्ता, दिल्ली, मुंबई, पटना, वाराणसी आदि स्थानों पर भव्य पुस्तकालय हैं। इंग्लैण्ड में 50 लाख पुस्तकें और सो के पस्तकालय में लगभग एक करोड़ पुस्तकें हैं। देश में मुसलमानों प्राचीन परंपरा रही है। नालंदा और तक्षशिला में भारत के अति पनि पुस्तकालय थे।

पस्तकालय समाज के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। उनके विकास देशवासियों में नवचेतना का उदय होता है। प्रत्येक गाँव में जनसंख्या के आधार पर पुस्तकालयों का निर्माण होना चाहिए। क्योंकि पुस्तकालय की हैं जो सुयोग्य नागरिकों के चरित्र-निर्माण एवं समाज के उत्थान में सहायक होते हैं। अत: पुस्तकालयों के विकास के लिए सतत् प्रयत्न किए जाने चाहिए।

निबंध नंबर :- 03

पुस्तकालय को ज्ञान और जानकारी का खजाना माना जाता है । प्रत्येक युग में विश्व में अनेक लेखकों, विचारकों और कवियों ने जन्म लिया है । उनके विचारों और अनुभवों को पुस्तकों में संरक्षित रखा जाता है । पुस्तकालय में ऐसे ही महान लेखकों और विचारकों की पुस्तकें एकत्रित कर रखी जाती हैं । शेक्सपियर, वर्डस्वर्थ, प्रेमचंद, तुलसीदास, कालिदास आदि महान कवियों और लेखकों की रचनाएँ यहाँ संग्रहित की जाती हैं । इन पुस्तकों को पढ़ने से हमारा मार्गदर्शन होता है । पुस्तकालय का सदस्य बनकर हम लोग अपनी-अपनी रुचि की पुस्तकों का चुनाव कर सकते हैं । यहाँ से पुस्तकें घर ले जाकर पढ़ी जा सकती हैं । पाठक पुस्तकालय के शांत वातावरण में बैठकर अपनी पसंद की पुस्तकों का अध्ययन कर सकते हैं । पुस्तकालय के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए सभी अच्छे विद्यालयों में पुस्तकालय की स्थापना की गई है। आम जनता के लिए शहरों में सार्वजनिक पुस्तकालय होते हैं । मामूली सी फीस देकर कोई भी इसका सदस्य बन सकता है । पुस्तकालय से जुड़ाव वास्तव में ज्ञान के अथाह भंडार से जुड़ने जैसा है।

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Importance of Books: पुस्तकों का महत्व पर निबंध

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  • Updated on  
  • मार्च 18, 2024

Importance of Books

हमारे जीवन में पुस्तकों का बहुत महत्व है। पुस्तक मनुष्य की सोच को विकसित करती हैं। मनुष्य को अपने दिमाग की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ज्ञान नामक ईंधन की आवश्यकता होती है। इस आवश्यकता को पुस्तकें पूरा करती हैं। पुस्तकों को मनुष्य का सबसे अच्छा मित्र माना जाता है।  हमारे जीवन में Importance of books in Hindi को कम नहीं किया जा सकता है क्योंकि वे न केवल हमारे क्षितिज को व्यापक बनाने में मदद करते हैं बल्कि हमें हमारे आसपास की दुनिया के साथ जोड़ने के द्वार के रूप में भी कार्य करते हैं। वे जीवित किट के रूप में कार्य करते हैं, वे हमें प्रभावित करते हैं और हम पर प्रभाव छोड़ते हैं। पुस्तकों के लाभ और पढ़ने के महत्व को जानना चाहते हैं? इस बारे में उत्सुक कि किताबें हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करती हैं? एक छात्र के जीवन में Importance of books in Hindi के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को पढ़ें, किताबें, उद्धरण और अधिक Pustako ka Mahatva पर निबंध!

Table of contents

नेशनल रीडिंग डे, क्या है नेशनल रीडिंग डे का इतिहास, किताबें आपकी सबसे अच्छी दोस्त हैं, पुस्तकें आपकी कल्पना को प्रकाशित करती हैं, पुस्तकें आपके आसपास के विश्व को परिप्रेक्ष्य देती हैं, किताबों से सीखने के लिए जीवन के सबक की सूची बनाएं, हमारे जीवन में pustako ka mahatva, क्या पुस्तक पढ़ना फिल्म देखने से बेहतर होता है, ये किताबें जरूर पढ़े एक बार (किताब पढ़ने के लाभ), पुस्तकों के उद्धरण का महत्व pustako ka mahatva.

यह भी पढ़ें: निबंध लेखन

पुस्तकों के क्या फायदे हैं? हमारे जीवन में Importance of books in Hindi पर शीर्ष 20 लाभ हैं:

  • किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त हैं।
  • किताबें आपकी कल्पना को रोशन करती हैं।
  • किताबें आपके आस-पास की दुनिया का अपना अनूठा नजरिया बनाने में आपकी मदद करती हैं।
  • किताबें आत्मविश्वास पैदा करती हैं।
  • किताबें आपको मानसिक और भावनात्मक रूप से बढ़ने में मदद करती हैं।
  • किताबें आपकी शब्दावली को बढ़ाती हैं।
  • किताबें आपको नई भाषाएँ सीखने में मदद करती हैं।
  • पुस्तकें आप में विश्लेषणात्मक कौशल विकसित करती हैं।
  • पुस्तकें चिकित्सीय हैं और अद्भुत वैरागी प्रदान करती हैं।
  • किताबें आपको महत्वपूर्ण जीवन पाठ प्रदान करती हैं।
  • पुस्तकें आपकी सरलता को तेज करती हैं।
  • पुस्तकें छात्रों को बुद्धिमान बनाती हैं।
  • पुस्तकें याददाश्त में सुधार करती हैं।
  • किताबें छात्रों के तनाव को दूर करती हैं।
  • किताबें आपके लेखन कौशल को बेहतर बनाती हैं।
  • पुस्तकें हमें चीजों और दृष्टिकोणों से परिचित कराती हैं।
  • किताबें आत्म-सुधार में मदद करती हैं।
  • किताबें पढ़ने से आपके संचार कौशल में सुधार होता है।
  • पुस्तकें इतिहास को दर्ज करती हैं और जागरूकता फैलाती हैं।
  • पढ़ना एक उत्कृष्ट शौक है।

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केरल में ‘लाइब्रेरी मूवमेंट’ के जनक कहे जाने वाले स्वर्गीय पीएन पनिकर के सम्मान में हर साल नेशनल रीडिंग डे मनाया जाता है। आइये जानते है इससे जुड़े इतिहास के बारे में।

पी. एन. पनिकर का जन्म 1 मार्च, 1909 को पिता गोविंदा पिल्लई और माता जानकी अम्मा के घर नीलमपुर में हुआ था। उन्हें केरल में लाइब्रेरी मूवमेंट के जनक के रूप में जाना जाता हैं। 1926 में पनिकर ने अपने गृहनगर में एक शिक्षक के रूप में सनातनधर्म पुस्तकालय की शुरुआत की। 19 जून को हुई उनकी मृत्यु हो गई। जिसके बाद उनकी हर साल पुण्यतिथि को नेशनल रीडिंग डे के रूप में मनाया जाने लगा।

हमारे जीवन मेंImportance of books in Hindi को इंगित करने वाले महान कारणों में से एक यह है कि पुस्तकें हमारे सबसे अच्छे दोस्त हैं। दोस्त हमारे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक हैं। हम एक अच्छे दोस्त के साहचर्य के बिना अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। इसी तरह, एक किताब एक अच्छे दोस्त की तरह होती है जो हमें लगातार खुद के सर्वश्रेष्ठ संस्करण बनने के लिए प्रेरित करती है। किताबें एक अच्छे दोस्त की तरह हमारे दिमाग को ज्ञान से समृद्ध करती हैं। हम किताबों से बहुत कुछ सीख सकते हैं और वे हमारी असफलताओं पर काबू पाने में मदद कर सकते हैं और साथ ही हमारे दिमाग को आकार दे सकते हैं।

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हमारे जीवन में Importance of books in Hindi को समझने के लिए एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि किताबें सबसे रचनात्मक कला रूपों में से एक हैं। हमारे द्वारा पढ़ी गई प्रत्येक पुस्तक में हमें कई अद्भुत पात्रों से भरी एक अलग दुनिया में स्थानांतरित करने की शक्ति है। पुस्तकें हमारी कल्पना शक्ति को बढ़ा सकती हैं और एक ऐसे द्वार के रूप में कार्य कर सकती हैं जो वास्तविक जीवन की कठोर वास्तविकताओं से दूर एक सपनों की दुनिया के द्वार खोलता है। एक अच्छी काल्पनिक किताब पढ़ने पर आपकी कल्पना और रचनात्मकता का अनुकरण होगा।

जरूर पढ़ें: Formal Letter in Hindi

एक अच्छी किताब में हमारे सोचने, बात करने और विश्लेषण करने के तरीके को बदलने की शक्ति है। कई विधाओं में कई किताबें लिखी गई हैं जैसे कि कल्पना, गैर-कल्पना, उपन्यास, नाटक, थ्रिलर, रहस्य, विज्ञान-कथा, आदि। प्रत्येक पुस्तक अपने स्वयं के अनूठे दृष्टिकोण के साथ आती है। यदि आप एक शौकीन चावला पाठक हैं, तो आपको अपना खुद का दृष्टिकोण बनाना होगा, जो आपको दूसरों से अलग खड़ा करने में मदद करेगा। पढ़ना हमें विभिन्न वातावरणों का विश्लेषण करने का एक फायदा देता है जो हमारे दिमाग को चौकस रखता है। पुस्तकें मन की उपस्थिति और अवलोकन कौशल विकसित करने में मदद करती हैं, इस प्रकार हमारे जीवन में Importance of books in Hindi पर प्रकाश डालती हैं।

यह देखें : पत्र लेखन

हमारे जीवन में Importance of books in Hindi हमारे द्वारा प्रदान किए गए ज्ञान तक सीमित नहीं है। पुस्तकें हमारे व्यक्तित्व में बदलाव भी लाती हैं, हमें हमारी बेहतर आस्तीन में विकसित करती हैं और हमें आजीवन संजोने का पाठ देती हैं। यहाँ कुछ हैं: 

  • आत्मविश्वास 
  • खुद की बेहतर समझ 
  • भावनात्मक रूप से मजबूत और अभिव्यंजक 
  • मानसिक दृश्य
  • पहचान की भावना
  • एक जंगली कल्पना रखते हुए
  • हमेशा उत्सुक रहना

यह भी पढ़ें : 50 हिंदी मुहावरे

जब वे कहते हैं कि किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त हैं, तो यह बिल्कुल सच है। न केवल हमारे साथी किताबें हैं, बल्कि वे हमारे सुरक्षित ठिकाने भी हैं। किताबें कभी भी हमसे कुछ भी उम्मीद नहीं रखती हैं। जब भी हम थके हुए या ऊब जाते हैं या तनावग्रस्त होते हैं, तो किताब उठाकर पढ़ने से हमें दूसरी दुनिया में जाने में मदद मिलती है – चिंताओं और रोजमर्रा की तनाव से मुक्त दुनिया। उसी समय, पुस्तकें हमें समृद्ध करती हैं और हमें अकल्पनीय ज्ञान प्रदान करती हैं।

जीवन में कई बार ऐसा होता है जब हम थका हुआ और पराजित महसूस करते हैं या ऐसा महसूस करते हैं कि खुद के साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिता रहे हैं – एक कप चाय और एक अच्छी किताब के साथ एक कोने में बैठने से बेहतर कुछ नहीं है! हमारे जीवन में पुस्तकों का महत्व कई गुना है। मुद्रित या ऑनलाइन, एक पुस्तक सूचनाओं का खजाना है और हमारी कल्पना शक्ति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

यह भी पढ़ें : हिंदी व्याकरण – Leverage Edu के साथ संपूर्ण हिंदी व्याकरण सीखें

यह एक वास्तविकता है कि जब छात्रों की बात आती है, तो किताबें शिक्षकों की भूमिका भी निभाती हैं। अगर हमें कम उम्र से किताबें पढ़ने की आदत है, तो हम जीवन में कुछ भी कर पाएंगे। छात्रों और ऐसे लोगों के लिए जो भाषा में समस्याओं से जूझते हैं या अपनी शब्दावली में सुधार करना चाहते हैं, एक पुस्तक के अलावा और कुछ भी आपको इससे उबरने में मदद नहीं कर सकता। एक किताब किसी भी भाषा में हो सकती है, यह अच्छी शब्दावली में समृद्ध है और इसलिए आत्मविश्वास और आत्म-प्रेम को बेहतर बनाने में मदद करती है। कोई भी हमारे जीवन में पुस्तकों के महत्व के बारे में जारी रख सकता है क्योंकि यह असीमित है। आज एक किताब पकड़ो और पढ़ना शुरू करो!

सिनेमा से हमारा मनोरजन होता है। इसके साथ ही हमें फिल्मों के जरिए ज्ञान भी प्राप्त होता है। वैसे तो सिनेमा और किताबों का अपना अलग अलग महत्व है। अगर दोनों की तुलना करनी ही हो तो इस हिसाब से किताबों को ही बेहतर माना जाएगा। उसका कारण यह है कि जब हम किसी पुस्तक में किसी कहानी को पढ़ते हैं तो हम उस किताब में बताए गए पात्रों के बारे में कल्पना करने लगते हैं। इससे हमारी कल्पना शक्ति और बौद्धिक क्षमता में इजाफा होता है। इसके साथ ही पुस्तक पढ़ने से हमें भाषा की बारीकियों जैसे भाषा शैली, वर्तनी और व्याकरण के बारे में जानकारी मिलती है। इसके साथ ही किताबें पढ़ने से हमें नए शब्दों के बारे में पता चलता है जिससे हमारे शब्द भंडार में भी वृद्धि होती है।

  • सफल लोगों की सात आदतें
  • द फाउंटेनहेड
  • थिंकिग फास्ट एंड स्लो
  • जुगाड़ इनोवेशन
  • इग्नाइटेड माइंड्स

यह भी पढ़ें : ये हैं 10 Motivational Books जो देगी आपको आत्मविश्वास

हमारे जीवन में पुस्तकों के महत्व पर सर्वश्रेष्ठ उद्धरण की तलाश है? किताबें पढ़ने के महत्व पर यहाँ सबसे अच्छे उद्धरण हैं:

  • “कोई भी पुस्तक जो बच्चे को पढ़ने की आदत बनाने में मदद करती है, उसकी एक ज़रूरत पढ़ने के लिए, उसके लिए अच्छा है।”  —माया एंजेलो
  • ” जब भी आप एक अच्छी किताब पढ़ते हैं, तो कहीं न कहीं दुनिया में अधिक रोशनी की अनुमति देने के लिए एक दरवाजा खुलता है।” – वेरा नाजरीन
  • “ साक्षरता दुख से आशा की ओर ले जाने वाला एक पुल है। “  – कोफी अन्नान
  • “ पढ़ना सीखने के लिए आग जलाना है; हर शब्द जो वर्तनी है, वह एक चिंगारी है। “  -विक्टर ह्यूगो
  • हम यह जानने के लिए पढ़ते हैं कि हम अकेले नहीं हैं।”  -सीएस लुईस
  • “किताबें समय के महान समुद्र में प्रकाशस्तंभ हैं।  – व्हिप
  • “एक माता-पिता या शिक्षक के पास केवल उनका जीवनकाल होता है; एक अच्छी किताब हमेशा के लिए सिखा सकती है। ”  —लॉइस एल’अमूर्
  • “जो व्यक्ति नहीं पढ़ेगा उसका कोई फायदा नहीं है जो नहीं पढ़ सकता है।”  -मार्क ट्वेन

यह भी पढ़ें : 100 कठिन शब्द और उनके अर्थ [Most Difficult Words]

  • “हमें पढ़ने दो और हमें नाचने दो-दो मनोरंजन जो कभी भी दुनिया का कोई नुकसान नहीं करेंगे।”  -वोल्टेयर
  • ” पुराना कोट पहनें और नई किताब खरीदें।”  -ऑस्टिन फेल्प्स
  • यह सच नहीं है कि हमारे पास जीने के लिए केवल एक ही जीवन है; यदि हम पढ़ सकते हैं, तो हम जितने चाहें उतने जीवन जी सकते हैं और उतने प्रकार के जीवन जी सकते हैं। ”  -एसआई हयाकावा
  • “खजाना द्वीप पर सभी समुद्री डाकू की लूट की तुलना में पुस्तकों में अधिक खजाना है।”  – वॉल्ट डिज्नी
  • “हमारे बचपन के शायद कोई दिन नहीं हैं जब हम अपने पसंदीदा किताब के साथ बिताए थे।”  – मार्सेल प्राउस्ट
  • “आज पढ़ने वाला कल कल नेता होगा।”  – मार्गरेट फुलर
  • यदि आप चाहते हैं कि आपके बच्चे बुद्धिमान हों, तो उन्हें परियों की कहानियां पढ़ें। यदि आप चाहते हैं कि वे अधिक बुद्धिमान हों, तो उन्हें और अधिक परियों की कहानियां पढ़ें। ”  – अल्बर्ट आइंस्टीन
  • “एक पुस्तक के रूप में वफादार कोई दोस्त नहीं है।”  – अर्नेस्ट हेमिंग्वे
  • “बच्चों को उनके माता-पिता की गोद में पाठक बनाया जाता है।”  – एमिली बुचवाल
  • “एक बच्चे के रूप में ऐसी कोई चीज नहीं है जो पढ़ने से नफरत करता है; केवल वही बच्चे हैं जिन्हें सही किताब नहीं मिली है। ”  – फ्रैंक सेराफिनी
  • कई लोग, उनके बीच में, एक पुस्तक की मात्र दृष्टि में बेहतर महसूस करते हैं।” – जेन स्माइली
  • “अपने साथ एक अच्छी किताब ले जाएँ – किताबें खर्राटे न लें।” – थिया डॉर्न

यह भी पढ़ें : पढ़ने का महत्व

Source : Brain Book

आशा करते हैं कि आपको Importance of books in Hindi का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। जितना हो सके अपने दोस्तों और बाकी सब को शेयर करें ताकि वह भी Importance of books in Hindi का  लाभ उठा सकें और  उसकी जानकारी प्राप्त कर सके । हमारे Leverage Edu में आपको ऐसे कई प्रकार के ब्लॉग मिलेंगे जहां आप अलग-अलग विषय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।अगर आपको किसी भी प्रकार के सवाल में दिक्कत हो रही हो तो हमारी विशेषज्ञ आपकी सहायता भी करेंगे।

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जीवन में पुस्तकों का महत्व पर निबंध Jeevan mein pustako ka mahatva essay in hindi

Essay on importance of books in hindi.

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों पुस्तकें हमारे जीवन के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं इनसे हमें ज्ञान प्राप्त होता है और हम जीवन में कुछ अच्छा करने लायक बनते हैं इसलिए आज का हमारा आर्टिकल Jeevan mein pustako ka mahatva essay in hindi सभी के लिए लिखा गया है

Jeevan mein pustako ka mahatva essay in hindi

चलिए पढ़ते हैं हमारे आज के इस निबंध को.

Jeevan mein pustako ka mahatva essay in hindi

पुस्तकें हमारे जीवन के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है क्योंकि पुस्तकों के जरिए ही हम ज्ञान प्राप्त करते हैं आज हम देखें तो पहले के जमाने के मुकाबले आजकल ज्यादा पुस्तकों का अविष्कार हुआ है इस जमाने में लोग बहुत सी पुस्तके पढ़ते हैं जैसे कि पंचतंत्र की पुस्तक,रामायण,गीता,महापुराण,दादा दादी के नुस्खे आदि बहुत सारी ऐसी पुस्तकें हैं जो कहीं ना कहीं हमें लाभ पहुंचाती हैं.

पहले के जमाने में पुस्तकों का अविष्कार करना थोड़ा मुश्किल होता था लेकिन आज के इस आधुनिक जमाने में पुस्तकों का अविष्कार करना बहुत ही सरल है क्योंकि इस जमाने में छपाई की मशीनें आ चुकी है पुस्तकों से हमारे लिए बहुत सारे लाभ हैं इसलिए यह हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण है सबसे पहला लाभ है हमारा मनोरंजन.

पुस्तकें हमारे मनोरंजन के लिए सबसे अच्छा साधन है.आज के इस आधुनिक युग में बहुत से ऐसे लोग हैं जो घर से बाहर रहते हैं या वह अपने परिवार से दूर रहते हैं या अलग रहते हैं या बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जिनका कोई दोस्त नहीं होता ऐसे लोगों के लिए पुस्तकें एक तरह से मनोरंजन का साधन होती है.पुस्तकों के जरिए लोग अपने जिंदगी में मनोरंजन करके खुश रह सकते हैं क्योकि जीवन में हर एक इन्सान अगर कुछ काम करता है तो उसके लिए मनोरंजन भी होना जरुरी होता हैं.पुस्तकों के द्वारा लोग अच्छा मनोरंजन करते हैं साथ में उन्हें ज्ञान प्राप्त होता हैं दरहसल वो अपनी मनपसंद किताबे पढ़कर मनोरंजन करते हैं और अपना जीवन सही तरह से यापन कर सकते हैं.

पुस्तकों के जरिए हम ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं,शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं दोस्तों जैसे कि मैंने आपको ऊपर कुछ पुस्तकों के नाम बताए हुए हैं उन पुस्तकों से कहीं ना कहीं हमें प्राचीनतम शिक्षा मिलती है.हम उनसे प्रेरित होकर अपने जीवन में कुछ अच्छा कर सकते हैं कुछ बड़ा कर सकते हैं जैसे की रामायण नामक  की किताब से हम सभी को शिक्षा मिलती है की हमें अपने जीवन सही मार्ग पर चलना चाहिए,अपने गुरुओ और माता पिता की आज्ञा का पालन करना चाहिए.किसी भी विकट परिस्थिति में भी अपने कर्त्तव्य से मुख नहीं मोड़ना चाहिए.

साथ में पंचतंत्र जैसा ग्रन्थ भी हमें तरह तरह की शिक्षाए देते हैं जैसे की दुसरो की मदद करने का महत्व,बुरी संगती का असर,एकता का महत्व,हर एक प्राणी के महत्व को समझाती हैं जिससे हम जीवन में एक अच्छे इन्सान भी बन सकते हैं साथ में जीवन में खुशहाली की जिन्दगी जी सकते है साथ में हम एक सफल इंसान बन सकते हैं इसी तरह पुस्तके का महत्व होने के और भी कारण हैं जैसे की पुस्तकें हमें सही और गलत को समझने की क्षमता देती हैं जिसे हम जीवन में आगे बढ़ सकते हैं और खुशहाली की जिंदगी जी सकते हैं पुस्तकों के द्वारा ही हम जीवन में कुछ बड़ा,कुछ अच्छा कर सकते हैं.

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कुछ लोग ऐसे होते हैं जो शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं और जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन उनके पास पैसा नहीं होता जिस वजह से वह जीवन में कुछ भी खास नहीं कर पाते लेकिन पुस्तके उनके लिए एक ऐसा वरदान साबित होती हैं वह बहुत ही कम पैसों में पुस्तकें खरीदकर या अपने दोस्तों,रिश्तेदारों से लेकर पढ़ाई कर सकते हैं और शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं और घर बैठे ही वह ज्ञानवान बनकर जीवन में आगे बढ़ सकते हैं इस तरह से पुस्तकें हर किसी के लिए महत्वपूर्ण होती हैं.

पुस्तकें हमें संस्कारवान बनाती हैं दरअसल इस दुनिया में रहने के लिए बहुत सारी चीजें अति आवश्यक हैं जिनमें से एक है एक इंसान का संस्कारवान होना.पुस्तकें हमको प्राचीनतम संस्कृति के बारे में जानकारी देती है और हमें उस संस्कृति को जीवन में अपनाकर जीवन को खुशहाल रखने के निर्देश देती हैं जिनके जरिए हम जीवन में आगे बढ़ सकते हैं और अपने परिवार वालों को भी खुश रख सकते हैं.पुस्तके हमें बताती है  कि हमें परिवार में किस तरह से रहना चाहिए परिवार में किस तरह का व्यवहार रखना चाहिए

इसके अलावा पुस्तकों से हम अपना इलाज भी कर सकते हैं.बहुत सी ऐसी पुस्तके होती हैं जो घर बैठे हम घरेलू नुस्खों से अपनी तबीयत सही कर सकते हैं दरअसल कभी-कभी ऐसा होता है कि हम अपना इलाज करवाने के लिए घर से बाहर नहीं जा पाते लेकिन अगर हमारे पास पुस्तके हैं तो हम घरेलू नुस्खे को इन पुस्तकों में पड़कर अपना या अपने परिवार के किसी सदस्य को रोग मुक्त कर सकते हैं और जीवन में सही तरह से जीवन जी सकते हैं.

बहुत सी पुस्तकें ऐसी होती हैं जिनके जरिए औरतें खाना बनाने के नए नए तरीके सीख सकती हैं नए-नए व्यंजन बनाना सीख सकती हैं और अपने परिवार को अच्छे-अच्छे व्यंजन खिलाकर उनको खुश रख सकती हैं इस तरह से हम कह सकते हैं कि पुस्तके हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती हैं.पुस्तके ना बोल कर भी हमसे बहुत कुछ बोल जाती हैं और हम अपने जीवन में बहुत कुछ पा लेते हैं इस तरह से हम कह सकते हैं कि पुस्तको का हमारे जीवन में बहुत ज्यादा महत्व हैं.

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Pustak ka Mahatva | Essay in Hindi

Pustak ka Mahatva Essay in Hindi

अच्छी पुस्तकें हमें रास्ता दिखाने के साथ-साथ हमारा मनोरंजन भी करती हैं और बहुत से Pustak ka Mahatva जैसे कि पुस्तकें प्रेरणा की भंडार होती हैं. उन्नति के सभी सूत्र Library में रखी पुस्तकों में सुरक्षित हैं.

Pustak ka Mahatva

पुस्तकें : हमारी मित्र – पुस्तके हमारी मित्र हैं. वे अपना अमृत – कोष सदा हम पर न्योछावर करने को तैयार रहती हैं. अच्छी पुस्तकें हमें रास्ता दिखाने के साथ-साथ हमारा मनोरंजन भी करती हैं. बदले में वे हमसे कुछ नहीं लेती, न ही परेशान या बोर करती हैं. इससे अच्छा और कौन – सा साथी हो सकता है कि जो केवल कुछ दिन देने का हकदार हो, लेने का नहीं. पुस्तकें : प्रेरणा के स्रोत – पुस्तकें प्रेरणा की भंडार होती हैं. उन्हें पढ़कर जीवन में कुछ महान कर्म करने की भावना जागृत होती है. महात्मा गांधी को महान बनाने में गीता, टालस्टाय और थोरों का भरपूर योगदान था. भारत की आजादी का संग्राम लड़ने में पुस्तकों को भी महत्वपूर्ण भूमिका थी. मैथिलीशरण गुप्त की ‘भारत – भारती’ पढ़कर कितने ही नौजवानों ने आजादी के आंदोलन में भाग लिया था. पुस्तकें : विकास की सूत्रधार – पुस्तकें ही आज की मानव – सभ्यता के मूल में है. पुस्तकों के द्वारा एक पीढ़ी का ज्ञान दूसरी पीढ़ी तक पहुंचते-पहुंचते सारे युग में फैल जाता है. विपिल महोदय का कथन है – ‘पुस्तकें प्रकाश – ग्रह हैं जो समय के विशाल समुद्र में खड़ी की गई हैं.’ यदि हजारों वर्ष पूर्व के ज्ञान को पुस्तकें अगले युग तक न पहुंचातीं तो शायद इस वैज्ञानिक सभ्यता का जन्म न होता. प्रचार का साधन – पुस्तकें किसी भी विचार, संस्कार भावना के प्रचार का सबसे शक्तिशाली साधन है. तुलसी के ‘रामचरितमानस’ ने तथा व्यास – रचित महाभारत ने अपने युग को तथा आने वाली शताब्दियों को पूरी तरह प्रभावित किया. आजकल विभिन्न सामाजिक आंदोलन तथा विविध विचारधाराएं अपने प्रचार – प्रसार के लिए पुस्तकों को उपयोगी अस्त्र के रूप में अपनाती हैं. मनोरंजन का साधन – पुस्तकें मानव के मनोरंजन में भी परम सहायक सिद्ध होती हैं. मनुष्य अपने एकांत क्षण पुस्तकों के साथ गुजार सकता है. पुस्तकों के मनोरंजन में हम अकेले होते हैं, इसलिए मनोरंजन का आनंद और अधिक गहरा होता है. इसीलिए किसी ने कहा है – ‘पुस्तकें जागृत देवता हैं. उनकी सेवा करके तत्काल वरदान प्राप्त किया जा सकता है.’

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Hindi Essay on “Pustkalaya ka Mahatav” , ”पुस्तकालय का महत्व” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

पुस्तकालय का महत्व

Pustakalya Ka Mahatav

निबंध नंबर :01 

सृष्टि के समस्त चराचरों में मनुश्य ही सर्वोत्कृष्ट कहलाने का गौरव प्राप्त करता है। मनुष्य ही चिंतन-मनन कर सकता है। अच्छे-बुरे का निर्णय कर सकता है तथा अपने छोटे से जीवन में बहुत कुछ सीखना चाहता है। उसी जिज्ञासावृत पुस्तकें शंात करती है अर्थात ज्ञान का भंडार पुस्तकों में समाहित है।

ऐसा स्थान जहां अनेक पुस्तरों को संगृहीत करके उनका एक विशाल भंडार बनाया जाता है। पुस्तकालय कहलाता है। पुस्तकालय ज्ञान के वे मंदिर हैं जो मानव इच्छा को शांत करते हैं, उसे विभिन्न विषयों पर नई जानकारियां उपलब्ध करते हैं, ज्ञान के संचित कोश से उसे निश्चित करते हैं। अतीत झरोखों की झलक दिखाते हैं तथा उसके बौद्धिक स्तर को उन्नत करते हैं।

दुनियां में विषय अनंत हैं उन विषयों से संबंधित पुस्तकें भी अनंत हैं। उन सभी पुस्तकों को खरीद कर पढ़ पाना किसी के बस की बात नहीं। इस आवश्यकता की पूर्ति पुस्तकालय अत्यंत सुगमता से कर सकता है। बड़े-बड़े पुस्तकालयों में लाखों पुस्तकें संगृहीत होती हैं। इनमें वे दुलर्भ पुस्तकें भी होती हैं जो अब अप्राप्य हैं जिन्हें किसी भी कीमत पर खरीदा नहीं जा सकता।

पुस्तकालय में बैठकर कोई भी व्यक्ति एक ही विषय पर अनेक व्यक्तियों के विचारों से परिचित हो सकता है। अन्य विषयों के साथ अपने विषय का तुलनात्मक अध्ययन भी कर सकता है। अनगिनत पुस्तकों वाले अधिकांश पुस्तकालय पूरी तरह व्यवस्थित होते हैं। विद्यार्थी कछ देर में ही अपनी जरूरत की पुस्तक पा सकता है।

पुस्तकालय में जाते समय उसके नियमों की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। वहां जाकर वही पुस्तकें पढऩी चाहिए जिनकी आपको जरूरत हो। पुस्तकालय में ऐसी अनेक पुस्तकें होती हैं। यदि विद्यार्थी पुस्तकालय में केवल किस्से कहानियों की किताबें पढक़र अपना समय बर्बाद करने के लिए जाते हो तो सदुपयोग करना चाहिए तथा पुस्तालय में बैठकर शांत वातावरण में एकाग्रचित होकर अध्ययन करना चाहिए। पुस्तकालय में बैठकर पुस्तकें पढ़ते समय बिल्कुल शांत रहना चाहिए। पुस्तकालय की पुस्तकों पर पेंसिल या पेन से निशान लगाना, उनके चित्रों आदि को फाडऩा या गंदा करना ठीक नहीं है। वहां बैठकर हमें औरों का भी ध्यान रखना चाहिए। हमें कोई ऐसा आचरण नहीं करना चाहिए जिससे दूसरों को असुविधा हो। पुस्तकालय किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं इसलिए वहां सगृहीत पुस्तकें सामाजिक संपति होती हैं अत: हमें पुस्तकालय की पुस्तकों को उसी दृष्टि से देखना चाहिए।

पुस्तकालयों में संकलित पुस्तकों के माध्यम से व्यक्ति भाव-विचार, भाषा, ज्ञान-विज्ञान आदि सभी विषयों के क्रमिक विकास का इतिहास जानकार उनका किसी भी विशिष्ट दृश्टि से अध्ययन कर सकता है। अपने प्रिय महापुरुष, राजनेता, कवि, साहित्यकार आदि के जीवन और विचारों से कोई व्यक्ति सहज ही साक्षात्कार संभव हो जाता है। जातियों, राष्ट्रों, धर्मों आदि के उत्थान-पतन का इतिहास भी पुस्तकों से जानकर उत्थान और पतन के कारणों को अपनाया या उनसे बचा जा सकता है।

पुस्तकालय ज्ञान-विज्ञान के अनंत भंडार होते हैं। उन्हें अपने भीतर समाए रहने वाला अनंत नदी-धारों, विचार-रत्नों, भाव-विचार-प्राणियों का अनंत सागर एंव निधि कहा जा सकता है। जैसे ज्ञान-विज्ञान के कई तरह के साधन पाकर भी सागर की अथाह गहराई एंव अछोर स्वरूपाकार को सही रूप से नाप-तोल संभव नहीं हुआ करता, उसी प्रकार पुस्तकालयों में संचित अथाह ज्ञान-विज्ञान, विचारों-भावों आदि को खंगाल पाना भी नितांत असंभव हुआ करता है। जैसे अनंत नदियों का प्रवाह नित्य प्रति सागर में मिलते रहकर उसे भरित बनाए रखता है वैसे ही नित्य नई-नई पुस्तकें भी प्रकाशित होकर पुस्तकालयों को भरा-पूरा किए रहती हैं। यही उनका महत्व एंव गौरव है।

Pustakalya 

निबंध नंबर :-02 

अर्थ- पुस्तकालय शब्द दो शब्दों के योग से मिलकर बना है, पुस्तक ़ आलय। जिसका अर्थ है पुस्तकों का घर। पुस्तकालय अनेक प्रकार के होते हैं, जैसे -निजी पुस्तकालय, विद्यालय के पुस्तकालय, सार्वजनिक पुस्तकालय आदि।

प्रत्येक पुस्तकालय अपने आप में कुछ नियम बनाकर रखते हैं हमें पुस्तकालय में शान्ति के साथ बैठाकर अध्ययन करना चाहिये। जहां से पुस्तक उठाएं, हमारा कर्तव्य है कि उसे उसी स्थान पर वैसे ही रख दें।

पुस्तकालय का महत्व- पुस्तकालय को ज्ञान की देवी माता सरस्वती का मन्दिर कहा जाता है। सभी विद्यार्थी को चाहें, वह गरीब हो अमीर हो, बच्चा हो बूढ़ा हो नर हो नारी हो उन्हें किसी भेदभाव के पुस्तकालय मंे जाने की अनुमति प्रदान की जाती है, वे स्वइच्छा से कोई भी पुस्तक वहां से लेकर पढ़ सकते हैं।

पुस्तकालय मंे प्रसिद्व लेखकों के उपन्यास, कहानी संग्रह, नाटक, मनोरंजन काव्य-संगह तथा विद्यार्थियों के लिए परीक्षोपयोगी पुस्तकें उपलब्ध होती हैं।

समय बिताने का एक आदर्श स्थान- पुस्तकालय में जहां एक तरफ ज्ञान के भण्डार हैं वहीं दूसरी तरफ मनोरंजन के सस्ते और श्रेष्ठ साधन भी उपलब्ध हैं। अवकाश के दिनांे में पुस्तकालय समय बिताने का एक आदर्श स्थान है।

ज्ञान में वृद्धि- पुस्तकालय से हम अपनी आवश्यकता की सभी पुस्तकें प्राप्त कर सकते हैं उनका अध्ययन करके अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं।

उपसंहार- पुस्तकालय के द्वारा हमें अपने देश के महापुरूषों के जीवन चरित्र सम्बन्धित महत्वपूर्ण बातों का पता चलता है। यह है कि उन्होनें देश की रक्षा के लिए क्या-क्या कार्य किये और किस प्रकार अपने प्राणों का बलिदान किया। उनकी जीवनियों को पढ़कर हमें उन जैसा बनने की प्रेरणा मिलती है। परन्तु आज के जमाने में देश मे पुस्तकालयों व पुस्तकों की बहुत कमी है, जिस कारण हमें सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त नहीं हो पाता। हमारी सरकार को भारत में पुस्तकालयों के विकास के लिए अधिक प्रयत्न किया जाना चाहिये।

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“पुस्तकें जागत देवता है। उनकी सेवा करके तत्काल वरदान प्राप्त किआ जा सकता है।”

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