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Mera Priya Mitra Essay in Hindi – मेरा प्रिय मित्र पर निबंध

दोस्तों आज के लेख में हमने Mera Priya Mitra पर Hindi निबंध लिखा है अर्थात My Best Friend Essay in Hindi. यहां पर प्रस्तुत किए गए ' मेर...

10 Lines on Mera Priya Mitra in Hindi

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Mera Priya Mitra Essay in Hindi – मेरा प्रिय मित्र पर निबंध

दोस्तो आज हमने Mera Priya Mitra Essay in Hindi  लिखा है मेरा प्रिय मित्र पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।  इस निबंध की सहायता से स्कूल के सभी विद्यार्थी   मेरे प्रिय मित्र पर एक अच्छा निबंध लिख सकते हैं जिससे वे परीक्षा में अच्छे अंको से उत्तीर्ण हो सकते है। हमने यह निबंध सरल भाषा में लिखा है।

जिससे कि विद्यार्थियों को इस निबंध को समझने में किसी प्रकार की परेशानी ना हो। मेरे प्रिय मित्र पर निबंध को हमने हर कक्षा के हिसाब से अलग-अलग भागों में  बांटकर लिखा है।

Mera Priya Mitra Essay in Hindi For Class 1,2,3

मेरे प्रिय मित्र का नाम विशाल है। मैं और मेरा मित्र आदर्श विद्या मंदिर नाम के विद्यालय में एक साथ पढ़ने जाते है। विशाल अपने नाम की तरह ही बहुत बड़े दिल का मित्र है वह सदा खुश रहता है

Mera Priya Mitra Essay in Hindi

और मुझे भी खुश रखता है। हम दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते है। मेरा मित्र विशाल स्वभाव का बहुत ही अच्छा है। हम दोनों विद्यालय में एक साथ खाना खाते हैं और एक दूसरे के साथ खाना बांटते भी है।

विशाल पढ़ाई में भी बहुत होशियार है वह हर बार अव्वल नंबर से पास होता है पहले मैं पढ़ाई में बहुत कमजोर था लेकिन जब से विशाल और मेरी गहरी दोस्ती हुई है तब से मैं भी हर बार अव्वल नंबर से पास होता हूं।

मेरा मित्र कभी कभी मेरे घर भी आता है और मेरी माता पिता उसे बहुत पसंद करते है। विशाल के पिताजी अध्यापक हैं और माताजी गृहणी है।

Mera Priya Mitra Essay in Hindi For Class 4,5,6

मेरे बहुत से अच्छे मित्र हैं लेकिन सबसे अच्छा मित्र अमित है। अमित मेरे घर के पास ही रहता है। अमित एक गरीब परिवार से है लेकिन बहुत ही होनहार एवं ईमानदार है।

वह सदा बड़ों का आदर करता है। उसकी सबसे अच्छी आदत यह है कि वह शाम को जल्दी सोता है और सुबह जल्दी उठकर हम दोनों साथ में सैर करने जाते है।

वह मुझे हमेशा नई नई कहानियां सुनाता है और मैं भी उसे हटाने के लिए चुटकुले सुनाता हूं। हमारी बचपन से ही अच्छी दोस्ती है अगर कभी मुझसे गलती भी हो जाती है तो वह मुझे माफ कर देता है।

अमित के पिताजी फल बेचते है वह कभी-कभी मेरे लिए केले और सेव भी लेकर आता है जिनको खाकर बड़ा आनंद आता है। अमित की माताजी घर पर रहकर कपड़ों की बुनाई करती है।

वह हमेशा मुस्कुराता रहता है जिसके कारण जो भी उसे देखता है वह खुश हो जाता है। जब भी मैं किसी मुसीबत में होता हूं तो वह सदा मेरे साथ खड़ा होता है और मेरा साथ निभाता है।

यह भी पढ़ें –  Mera Ghar Essay in Hindi – मेरा घर पर निबंध

हम दोनों एक ही विद्यालय में पढ़ने जाते है। हम दोनों विद्यालय में जाते ही सबसे पहले गुरुजनों को प्रणाम करते हैं और फिर कक्षा में जाते है।

अमित पढ़ने में बहुत होशियार है वह हर बार कक्षा में प्रथम आता है। अमित इतना अच्छा लड़का है कि कभी-कभी हमारे विद्यालय के अध्यापक भी उसकी तारीफ करते है।

जब भी मैं निराश होता हूं तो वह मुझे हौसला देता है और कभी न हारने की सलाह देता है। हम दोनों विद्यालय से आने के बाद शाम को एक साथ क्रिकेट खेलते है। अमित समय का बड़ा पाबंद है वह कभी भी समय का दुरुपयोग नहीं करता है।

Mera Priya Mitra Essay in Hindi For Class 7,8,9

मेरे अधिक मित्र नहीं है लेकिन जो भी हैं वह अच्छे मित्र हैं लेकिन मेरा सबसे अच्छा मित्र अनिल है। अनिल स्वभाव का थोड़ा चंचल है लेकिन उतना ही होशियार और ईमानदार भी है। हम दोनों एक ही विद्यालय में पढ़ते हैं इसलिए एक दिन उसने मेरी मुसीबत में मदद की थी उसके बाद से हम गहरे मित्र बन गए।

अनिल की सोच बहुत अच्छी है वह सभी के बारे में अच्छा ही सोचता है। वह कभी झूठ नहीं बोलता और हमेशा सत्य का साथ देता है उसे झूठ से सख्त नफरत है। वह अपने दादाजी से शिक्षाप्रद कहानियां सुनकर मुझे सुनाता है जिनसे मुझे भी शिक्षा मिलती है।

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वह सभी बड़े लोगों और गुरुजनों का हमेशा आदर करता है और उनसे विनम्रता से बात करता है। अनिल के पिताजी एक वकील है और अनिल भी बड़ा होकर वकील ही बनना चाहता है। उनकी माता जी गृहणी है जब भी मैं उनके घर पर जाता हूं तो वह मुझे बहुत स्नेह देती है।

अनिल की एक छोटी बहन है वह कक्षा 3 में पढ़ती है। वह मेरी बहन जैसी ही है और मैं उसे बहुत प्यार करता हूं। वह मुझे हर रक्षाबंधन पर राखी भी बांधती है।

मेरा प्रिय मित्र अनिल बहुत सहनशील है वह हर मुसीबत का डटकर सामना करता है। मैं हमेशा बड़ों की आज्ञा का पालन करता है। वह विद्यालय में हर बार कक्षा में प्रथम आता है वह पढ़ाई में होशियार होने के साथ-साथ उसकी रूचि खेलने में भी बहुत है।

वह बैडमिंटन खेल सबसे अच्छा खेलता है और हर बार विद्यालय की तरफ से खेलने जाता है और गोल्ड मेडल जीतकर लाता है। उसे विद्यालय में सभी विद्यार्थी पसंद करते है और हमारे गुरुजन भी उसकी प्रतिभा का लोहा मानते है।

हमारा अगर कभी झगड़ा होता है तो वह हमेशा मुझे माफ कर देता है हम रोज सुबह जल्दी उठ करें टहलने जाते हैं जिससे हमारा स्वास्थ्य सही रहता है और शरीर में चुस्ती स्फूर्ति बनी रहती है। अनिल विनम्र और सरल स्वभाव का है।

अनिल हमेशा दूसरों की मदद करता है एक दिन उसने एक बूढ़े व्यक्ति को सड़क पार कराई। वह हमेशा दूसरों की खुशियों के बारे में सोचता है। वह हमेशा सकारात्मक बातें ही करता है।

मैं जब भी मेरे घर आता है तो सभी को हंसा हंसा कर लोटपोट कर देता है उसके आते ही सबके वह पर अपने आप ही मुस्कान आ जाती है। वह इतना गुणी है फिर भी किसी बात का घमंड नहीं करता है।

Mera Priya Mitra Essay in Hindi For Class 10,11,12

मेरा सबसे प्रिय और सच्चा मित्र रवि है। रवि बहुत ही सरल स्वभाव का है रवि हमेशा बड़ों का आदर करता है और उनसे विनम्रता से बात करता है मैंने उसे कभी भी किसी से ऊंची आवाज में बात करते नहीं सुना है। रवि और में एक ही विद्यालय में पढ़ते है और रोज भी पहले जाते हैं सबसे पहले हम विद्यालय में बनी मां सरस्वती के मंदिर में दर्शन करते हैं और फिर गुरुजनों को प्रणाम करते है।

रवि की भाषा शैली बहुत ही कमाल की है वह सभी से इतने अच्छे से बात करता है कि सभी मुझे प्यार करते है। उसकी सोच सबसे अलग है वह सभी की मदद करता है वह कभी किसी से घृणा नहीं करता है जबकि मैं पहले घृणा करता था लेकिन अब रवि के साथ रहने के कारण मेरी आदत भी बदल गई है।

रवि के पिताजी शहर के बड़े अस्पताल में डॉक्टर है वे बहुत ही अच्छे हैं जब भी मैं उनके घर जाता हूं तो वह मुझे बहुत प्यार करते है और कभी-कभी हमें बाजार में घुमाने भी ले जाते है। रवि की माता जी एक अध्यापिका है वह बहुत ही शांत एवं विनम्र महिला है। जब भी मैं रवि के घर जाता हूं तो वह हमेशा मुझे नाश्ता करवाती है और हमारी पढ़ाई लिखाई के बारे में भी पूछती है।

रवि के दादा-दादी भी उनके साथ रहते हैं वह हमेशा हमें शिक्षाप्रद कहानियां सुनाते हैं और हमें बहुत ही स्नेह भी करते है। रवि भी अपने दादा-दादी की बहुत सेवा करता है और उनकी हर एक आज्ञा का पालन करता है। रवि के दादा-दादी बहुत ही अच्छे स्वभाव के है। उनसे मिलकर मुझे ऐसा लगता है कि जैसे मैं अपने दादा-दादी से मिल रहा हूँ।

रवि भी बड़ा होकर अपने पिताजी की तरह ही एक बड़ा डॉक्टर बनना चाहता है। सभी हमेशा मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करता है एक दिन की बात है जब हम दोनों साथ में बाजार में जा रहे थे तब एक अंधा व्यक्ति सड़क पार नहीं कर पा रहा था तो उसने उनका हाथ पकड़कर सड़क पार कर आयी यह देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा।

रवि के दिल में हमेशा सभी के लिए प्यार रहता है वह हमेशा मेरी मदद करता है पहले मैं पढ़ाई में कमजोर था लेकिन जब से रवि मेरा मित्र बना है तब से मैं भी कक्षा में अव्वल नंबरों से पास होता हूं। विद्यालय में रवि को सब जानते हैं और उसकी प्रतिभा का लोहा भी मानते है।

रवि और मेरा घर एक ही मोहल्ले में है इसलिए हम सुबह जल्दी उठकर बगीचे में घूमने भी जाते हैं और विद्यालय से आने के बाद में हम सभी मित्र मिलकर खो खो भी खेलते है खो खो हमारा पसंदीदा खेल है। रवि हर बार कक्षा में प्रथम आता है रवि पढ़ाई में होशियार होने के साथ-साथ खेलों में भी रुचि रखता है।

रवि का पसंदीदा खेल शतरंज है जब भी शतरंज खेल का आयोजन होता है तो रवि हमेशा उस में हिस्सा लेता है और जीत कर आता है वह हमेशा विद्यालय का नाम रोशन करता है। वह हमेशा साफ सुथरे कपड़े पहनता है और हमने भारत के स्वस्थ अभियान में हिस्सा लेकर हमारे मोहल्ले की सफाई भी की थी इसके लिए हम सभी को मोहल्ले वासियों की तरफ से सम्मानित भी किया गया था।

रवि और मुझे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेना बहुत अच्छा लगता है इसलिए हम हर साल विद्यालय के वार्षिक उत्सव में कविताएं सुनाते है पिछली बार मैंने सूरज पर और रवि ने चांद पर कविता सुनाई थी और लोग कविताएं सुनकर बहुत खुश होते हैं हमारे लिए तालियां बजाते हैं यह देख कर मुझे बहुत ही अच्छा लगता है।

रवि सभी के साथ मिलजुल कर रहता है वह कभी भी किसी को नीचा नहीं दिखाता है और किसी से झूठ भी नहीं बोलता है उसे झूठ बोलने वाले लोगों से सख्त नफरत रहती है। हम दोनों विद्यालय में एक साथ खाना खाते हैं और एक दूसरे के साथ बांटते है। हम दोनों कभी भी कोई बात एक दूसरे से नहीं छुपाते है।

वह सदा आत्मविश्वास से भरा रहता है वह नई शिक्षा ग्रहण करने के लिए बड़ा उत्सुक रहता है उसके मुंह पर एक अलग सा ही तेज है जिसके कारण सभी लोग उसे प्यार करते है। वह हमेशा निस्वार्थ भाव से सभी की सेवा करता है हमारी दोस्ती में भी कभी कोई स्वार्थ नहीं रहा है शायद इसीलिए हम इतने अच्छे दोस्त है।

वह मेरा सच्चा मित्र है क्योंकि उसने विपत्ति में भी मेरा साथ नहीं छोड़ा था एक बार की बात है मैं बहुत बीमार हो गया था जब जैसे ही उसको पता चला वह मेरी सेवा करने के लिए दौड़ा दौड़ा हॉस्पिटल आ गया फोन तो दिन तक लगातार मेरे साथ रहा जब तक कि मुझे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज नहीं कर दिया गया।

रवि को पेंटिंग का बहुत शौख है उसे जैसे ही समय मिलता है वह तरह तरह की पेंटिंग बनाता रहता है एक दिन हम बगीचे में बैठे थे तब उसने बगीचे की हुबहू पेंटिंग बना दी यह सचमुच बहुत ही अच्छी थी उसने वह पेंटिंग मेरे जन्मदिन पर मुझे भेट मैं दी थी।

मैं जब भी मेरे घर पर आता है तो सबसे पहले मेरे माता पिता जी चरण स्पर्श करता है और उनका आशीर्वाद लेता है इससे यह जाहिर होता है कि वह बड़ों का कितना सम्मान और आदर करता है। वह हमेशा मेरे माता पिता जी से उनकी तबीयत के बारे में पूछता हूं यह देख कर कभी-कभी तो मेरी आंखों में आंसू आ जाते है कि कोई इतना अच्छा कैसे हो सकता है।

वह हमेशा ही मेरी प्रेरणा रहा है उसी के कारण आज मेरी आदतों में इतना बड़ा बदलाव आया है वह नहीं होता तो शायद आज मैं इतना अच्छा नहीं हो पाता। वह सही मायनों में मेरा सबसे प्रिय मित्र है। वह अच्छा मित्र होने के साथ-साथ एक अच्छा भाई भी है। मुझे गर्व है कि मुझे रवि जैसा प्रिय मित्र मिला।

आप जीवन में भले ही कम मित्र बनाएं लेकिन मित्र कैसे बनाएं जो कभी भी किसी भी मुसीबत में आपका साथ नहीं छोड़ें।

यह भी पढ़ें –

Mera Priya Khel Kho Kho in Hindi – खो-खो खेल पर निबंध

Mera Ghar Essay in Hindi – मेरा घर पर निबंध

गर्मी की छुट्टी पर निबंध – Summer Vacation Essay in Hindi

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Mera Priya Mitra Essay in Hindi  आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

8 thoughts on “Mera Priya Mitra Essay in Hindi – मेरा प्रिय मित्र पर निबंध”

Nice nibandh Sach mein Kamal ka nibandh hai aur Sacchi mitrata ke bare mein bataya Gaya ismein .

Saurabh Tripathi ji sarhana ke liye aap ka bahut bahut dhanyawad, aap aise hi hindi yatra par aate rahiye.

Last ki line bhi sahi likh diya hota ravi ke jagah kabhi likha hai

Milin ji hum ne galti ko sudhaar diya hai, sujhaav dene ke liye aap ka dhanyawad.

Those are good essays that help children to develop.

Thank you B.Gouri Shankar for appreciation keep visiting hindi yatra.

So Wonderful Nibandh I really Like the Nibhandh

Thank you Nirmal for appreciation, keep visiting hindi yatra

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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- My Best Friend Essay in Hindi

In this article, we are providing My Best Friend Essay in Hindi | Mera Priya Mitra Par Nibandh, मेरा प्रिय मित्र पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों हमने Mera Priya Mitra   Nibandh | Essay on My Best Friend in Hindi लिखा है मेरा प्रिय मित्र पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है। 5 simple Essay on My Best Friend in Hindi language.

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- My Best Friend Essay in Hindi

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- My Best Friend Essay in Hindi 10 lines ( 100 words )

1. राहुल मेरा प्रिय मित्र है।

2. हम पहली कक्षा से साथ-साथ पढ़ते आए हैं। तभी से हमारी अच्छी मित्रता हो गई है।

3. राहुल बहुत अच्छा लड़का है। वह सभी से प्रेम और आदर से बात करता है।

4. हमारी भी आपस में कभी लड़ाई नहीं हुई।

5. राहुल पढ़ाई में चुस्त और अध्यापकों का भी प्रिय है। वह खेल-कूद में भी आगे रहता है।

6. राहुल सदा अपनी चीजें मुझसे बाँटता है और पढ़ाई में मेरी सहायता करता है।

7. राहुल के साथ रहकर मैंने भी खेल-कूद का महत्त्व समझ लिया है।

8. हम पाठशाला के बाद नियमित रूप से घुड़सवारी के लिए जाते हैं।

9. मेरे माता-पिता भी राहुल को बहुत पसंद करते हैं।

10. पिता जी कहते हैं कि अच्छी संगति से ही हम आगे बढ़ सकते हैं।

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- Mera Priya Mitra Nibandh | Essay ( 120 words )

मेरे कई मित्र हैं। पर मेरा प्रिय मित्र रोहन है। उसके प्यार का नाम टिंकू है।

रोहन मेरी ही उम्र का है। हम एक ही कक्षा में पढ़ते हैं। वह पढ़ाई लिखाई में बहुत होशियार है। गणित पढ़ने में वह मेरी मदद करता है। मैं उसे चित्रकारी सीखाता हूँ |

हम सदा साथ खेलते, पढ़ते और चित्रकारी करते हैं। हममें कभी लड़ाई भी हो जाती है| रोहन ही सदा सुलह करता है। वह बहुत नम्र है। बाद में मैं अपनी गलती की माफी माँगता हूँ|

रोहन बहुत अच्छा लड़का है। वह सदा बड़ों का आदर करता है। सभी उसे चाहते हैं।

मैं चाहता हूँ रोहन सदा मेरे साथ रहे। हम सदा अच्छे मित्र रहें।

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Essay on My Family in Hindi Essay on My Father in Hindi

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- My Best Friend Essay in Hindi ( 200 words )

अच्छा मित्र एक दुर्लभ वस्तु है। आज के युग में जहाँ स्वार्थ ही सब कुछ है, अच्छा मित्र पाना एक वरदान जैसा ही है। इस मामले में मैं बड़ा भाग्यशाली हूँ। मेरे तीन-चार मित्र हैं, परन्तु मेरा प्रिय मित्र विकास है। वह मूल रूप से कानपूर का रहने वाला है। पर अब वह पिछले कई वर्षों से दिल्ली में ही रह रहा है। उसके पिता एक ऊँचे पद पर सरकारी कर्मचारी हैं। माँ एक कुशल गृहणी हैं।

विकास और मैं एक ही कक्षा में पढ़ते हैं और कक्षा में पास-पास ही डेस्कों पर बैठते हैं। वह रोहिणी में रहता है और मैं पीतमपुरा में। अतः एक-दूसरे से ज्यादा दूर नहीं रहते। इसीलिए एक-दूसरे के घर आना-जाना तो लगा ही रहता है। उसके माता-पिता मुझे विकास जैसा ही प्यार करते हैं। मेरे माता-पिता का भी विकास पर अपार स्नेह है।

विकास एक होनहार छात्र है। कक्षा में हमेशा प्रथम आता है। उसकी स्मरण-शक्ति असाधारण है। लेकिन उसे तनिक भी घमण्ड नहीं है। पढ़ने-लिखने में वह मेरी सहायता करता है। उसको और मुझे दोनों को बागवानी का शौक़ है। हम दोनों इस विषय पर जब-तब बातचीत करते हैं और पेड़-पौधों की प्रदर्शनियाँ भी देखने जाते हैं। मेरे घर के पीछे एक अपना छोटा-सा उद्यान है। उसे सजाने-संवारने में हम दोनों मित्र अपना खाली समय लगाते हैं।

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- My Best Friend | Mera Priya Mitra Essay in Hindi ( 300 words )

मेरा नाम रोनित है। मैं कक्षा 8 का छात्र हूँ। यूँ तो मेरी कक्षा में बहुत से विद्यार्थी पढ़ते हैं। लेकिन इन सबमें मैं अमन को बहुत पसन्द करता हूँ। वह मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। वह एक होशियार तथा मेहनती छात्र है।

अमन छरहरे शरीर का सुन्दर लड़का है। वह अच्छे परिवार से सम्बन्ध रखता है। उसके पिता सरकारी डॉक्टर है। उसकी माता एक कॉलेज में अध्यापिका हैं। वह भी मुझसे अत्यन्त प्रेम करता है।

वह सदैव साफ स्कूल की पोशाक पहनकर विद्यालय आता है। वह विद्यालय नियमित आता है। वह पढ़ने में होशियार है। उसका सपना बड़े होकर इंजीनियर बनने का है। वह सदैव अपना गृहकार्य पूरा रखता है। वह मेरा गृहकार्य करने में भी मेरी सहायता करता है। जब मुझे कोई परेशानी होती है, तो वह सदैव मेरी सहायता करता है। एक सच्चे मित्र के सभी गुण उसमें मौजूद हैं।

वह विद्यालय में भी अनुशासन के साथ रहता है। वह अपने अध्यापकों की आज्ञा पालन करता है। वह उन्हें कभी किसी शिकायत का अवसर नहीं देता है। उसके सभी अध्यापक भी उसकी प्रशंसा करते हैं।

वह गरीब बच्चों की भी आर्थिक मदद करता है। वह एक धनी डॉक्टर का पुत्र है, किन्तु उसे अपने धनी होने का तनिक भी घमण्ड नहीं है। वह अपनी कक्षा के गरीब बच्चों की फीस, ड्रेस तथा किताबों का व्यवस्था भी अपने पिताजी से कहकर करवाता है।

वह अच्छे विचारों तथा उत्तम स्वभाव का लड़का है। वह अपना समय कभी बर्बाद नहीं करता है। वह विद्यालय के विभिन्न खेलों में भी भाग लेता है। वह विद्यालय की हॉकी टीम का सदस्य है। उसे महापुरुषों की जीवनियाँ पढ़ने तथा उनसे प्रेरणा प्राप्त करने का भी शौक है। वह रोज समाचार पत्र पढ़ता है। वह मुझे भी अधिक पढ़ने तथा समय बर्बाद न करने की प्रेरणा देता है। खाली समय में वह मेरे साथ खेलता है। वास्तव में अमन सच्चा मित्र है तथा ईश्वर की ओर से दिया गया एक वरदान है।

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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- Long Essay on My Best Friend in Hindi ( 500 words )

प्रस्तावना

मनुष्य को उसके जीवन में आने वाली विघ्न-बाधाएँ हमेशा परेशान करती रहती हैं। इनसे छुटकारा पाने के लिए उसे परस्पर सहयोग की आवश्यकता होती है। यह केवल मित्रता के द्वारा ही सम्भव है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य का कोई-न-कोई सच्चा मित्र होता है।

सच्चे मित्र की पहचान

जीवन में मित्र तो बहुत मिल जाते हैं किन्तु सच्चे मित्र का मिलना बहुत ही कठिन है। वास्तव में सच्चे मित्र की पहचान करना तो बहुत ही कठिन कार्य है। सच्चा मित्र तो वह होता है जो विपत्ति में साथ देता है। सच्चे मित्र के सम्मुख हम अपने मन की सभी बातें खोलकर रख सकते हैं। वह अपने मित्र को कुमार्ग से बचाकर सत्य मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। मित्र के अवगुणों पर पर्दा डालकर उन्हें दूर करने की कोशिश करता है और उसकी अच्छाइयों की प्रशंसा करता है।

मेरा प्रिय मित्र

सचिन ही मेरे सुख-दुःख का साथी है। वह मेरा प्रिय मित्र है। उसमें वे सभी गुण विद्यमान हैं जो एक सच्चे मित्र में होने चाहिएँ। वह मेरा पड़ोसी भी है और मेरे साथ ही कक्षा में पढ़ता है। उसकी आयु लगभग 16 वर्ष की है। वह नियमितता का पालन करने वाला है और मुझे भी नियमितता के लिए बाध्य करता है। वह अध्ययन के समय अध्ययन करता है और खेलने के समय खेलता है। वह अपने समय को व्यर्थ नष्ट नहीं करता है। अतः वह प्रत्येक कार्य समय पर करना पसन्द करता है। हमारा अधिकांश समय एक साथ ही व्यतीत होता है। पढ़ाई के विषय में हम दोनों के मध्य स्वस्थ स्पर्धा रहती है। हम दोनों परीक्षा में प्रायः एक-दो अंकों से आगे-पीछे रहते हैं। मेरे मित्र के अन्य गुण-मेरा मित्र सचिन गुणों की खान है। वह

अनुशासन-प्रिय बालक है। वह सदैव प्रातः काल सैर करने जाता है। वह सदैव अपने स्वास्थ्य और स्वच्छता का ध्यान रखता है। वह समय पर पाठशाला जाता है तथा वहाँ मन लगाकर पढ़ता है। वह अपने अध्यापकों की बातों को ध्यान से सुनकर उस पर अमल करता है। इसलिए वह सदैव अपनी कक्षा में सर्वप्रथम रहता है। उसकी खेलों में भी रुचि है। वह प्रथम श्रेणी का खिलाड़ी है। इतना ‘ ही नहीं वह समाज सेवा में भी खूब भाग लेता है अर्थात् वह दीन-दुःखी व्यक्ति की समय पड़ने पर सहायता करता रहता है। उसके मधुर व्यवहार से पड़ोसी भी खुश रहते हैं। उसके अधरों पर सदैव मुस्कान बनी रहती है।

उपसंहार

आज इस स्वार्थपरता के युग में गौतम जैसा सच्चा मित्र मिलना सौभाग्य की बात है। वह हमेशा मुझे उन्नति के शिखर पर देखना चाहता है। वह सदैव मुझ पर तन, मन, धन न्यौछावर करने के लिए तत्पर रहता है। उसका मेरे प्रति अटूट प्रेम है। वह छल, कपट तथा स्वार्थ से सदैव दूर रहता है, इसीलिए प्रत्येक उसे अपना मित्र बनाने को तैयार रहता है। सचिन के इन गुणों के कारण उसके माता-पिता, विद्यालय व उसके साथियों को उस पर गर्व है। मेरी प्रभु से यही प्रार्थना है कि हमारी मैत्री जीवन-पर्यन्त बनी रहे ताकि विपत्ति के समय एक-दूसरे की सहायता कर सकें।

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इस लेख के माध्यम से हमने Mera Priya Mitra Par Nibandh | My Best Friend Essay in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध पर निबंध हिंदी में Class 1 से 12 तक My Best Friend essay in hindi for class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10 My Best Friend per nibandh

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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध | Essay on My Best friend in Hindi

प्रिय दोस्तों आपका स्वागत हैं Essay on My Best friend in Hindi में हमने स्टूडेंट्स के लिए मेरा प्रिय मित्र पर निबंध लिखा हैं. कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 में पढने वाले  बच्चों के लिए उपयोगी हैं.

1000 शब्दों में मेरे प्रिय मित्र का बड़ा निबंध आपकों यहाँ बता रहे हैं. आशा करते हैं यह आपकों बहुत मदद करेगा. चलिए सरल भाषा में लिखा यह निबंध जानते हैं.

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध Essay on My Best friend in Hindi

नमस्कार दोस्तों आज का निबंध मेरा प्रिय मित्र निबंध Essay On My Best Friend In Hindi And English पर दिया गया हैं.

सरल भाषा में स्टूडेंट्स के लिए प्रिय मित्र पर हिंदी व अंग्रेजी में छोटा बड़ा निबंध दिया गया हैं. उम्मीद करते है आपको मेरे प्रिय मित्र का सरल निबंध पसंद आएगा.

मेरा प्रिय मित्र अनुच्छेद

मेरे बहुत सारे मित्र हैं। मोहन उनमें से सबसे खास दोस्त है। वह मेरे घर के पास ही रहता है। वों मेरी कक्षा का साथी है। उनका अच्छा परिवार है। उसके पिता एक डॉक्टर हैं। उनकी मां एक घरेलू महिला है, वे बहुत सम्मानित हैं।

मोहन बुद्धिमान छात्र हैं। वह नियमित रूप से अध्ययन करने वाला लड़का है। वह हमेशा कक्षा में सबसे आगे बैठता हैं। वह अपने स्वास्थ्य भी का काफी ख्याल रखता है।

वह एक फुटबॉल खिलाड़ी और एक अच्छा गायक भी है। वह हमेशा साफ-सुथरी ड्रेस में रहता है। मोहन दिखने में काफी स्मार्ट है,साथ ही, वह बहुत विनम्र लड़का है।

सभी शिक्षक व विध्यार्थी उसका सम्मान करते है. मुझें पूरा यकीन है, वह जरुर एक दिन बड़ा व्यक्ति बनेगा. मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे मोहन जैसा दोस्त मिला। मुझे अपने दोस्त पर गर्व है, भगवान का आशीर्वाद सदा उस पर बना रहे।

150 शब्दों में निबंध : मेरा प्रिय मित्र

मेरा प्रिय मित्र मोहित हैं, मोहित बहुत अच्छा लड़का हैं. आस पडौस के कई मित्र होने के बावजूद मोहित मुझे उन सभी में बहुत प्रिय हैं. जिस कारण वह मेरा प्रिय मित्र हैं. जो अति विनम्र और सरल स्वभाव का धनी हैं.

मोहित मेरे साथ ही मेरी क्लाश में पढ़ता हैं. उसके पिता हेड कांस्टेबल हैं वह स्वयं बड़ा होकर अपने पिता की तरह ही पुलिस सेवा में जाना चाहता हैं.

मोहित की माताजी अध्यापिका हैं. वह अति बेहद मधुर एवं स्नेहशील महिला हैं. मोहित के एक छोटा भाई राहुल भी हैं जो बेहद शरारती हैं.

मोहित पढ़ने में बहुत तेज हैं. हर बार वह प्रथम श्रेणी से उतीर्ण होता हैं. वह पढने के साथ साथ खेलने की रूचि भी रखता हैं. क्रिकेट उसका प्रिय खेल हैं.

स्कूल के अच्छे क्रिकेट खिलाड़ियों में उसे गिना जाता हैं. कई बार स्कूल टीम का नेतृत्व कर स्कूल का नाम रोशन किया हैं. मोहित मेरा अच्छा मित्र हैं, मैं भगवान को ऐसा दोस्त देने के लिए धन्यवाद देता हूँ.

300 शब्द मेरा प्रिय मित्र निबंध Essay On My Best Friend In Hindi

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज के बिना नहीं रह सकता है। इसलिए उसके लिए दोस्ती जरूरी है। लेकिन इस दुनिया में एक सच्चा दोस्त मिलना बहुत मुश्किल है। ज्यादातर उचित मौसम दोस्त हैं।

भगवान की कृपा से, मेरे पास एक तेज़ और सच्चा मित्र है। उसका नाम संकल्प है। वह मेरा सहपाठी भी है। यह मेरा बचपन का दोस्त है। मेरा दोस्त मेरे घर के पास रहता है। हम अधिकांश समय अध्ययन और खेल में एक साथ बिताते है.

वह एक बड़े परिवार से आता है। उनके पिता एक एमएलए हैं। लेकिन उन्हें अपने पिता के राजनीतिक दृष्टिकोण, संपत्ति तथा वो इनका फायदा उठाने का जरा भी प्रयास नही करता है. यह उनकी बड़ी विशेषता है.

उनके शिष्टाचार तथा दुसरों के साथ बात करने का ढंग सभी को पसंद आता हैं क्योंकि वह एक सम्मानित परिवार से संबंधित है। वह अच्छे चरित्र का वाला लड़का है, यह अपने बड़े तथा शिक्षकों का बेहद सम्मान करता है।

उसका व्यवहार सभी के साथ अच्छा रहता है, किसी भी के साथ उनके व्यवहार में बनावटीपन नजर नही आता है। उसके मुस्कुराता हुआ चेहरा सभी के दिल को जीत लेता है,

जब किसी विद्यार्थी को किसी सवाल में कठिनाई आती है, तो वे इनसे सलाह लेते हैं। मेरा यह दोस्त स्वभाव से बहुत विनम्र है। वह कभी किसी के साथ झगड़ा नहीं करता है।

मैं उसे कई कारणों से पसंद करता हूं। वह ईमानदार, निष्पक्ष और सच्चा यार है। वह अपने दोस्तों के लिए सच्चा मित्र है। उसमें बुद्धि और मेहनती दोनों का अनोखा संगम देखने को मिलता है। वह हमेशा कक्षा में सबसे आगे बैठता है, तथा सभी सह शैक्षिक कार्यक्रमों में उत्साह के साथ भाग लेता है।

वह अन्य स्रोतों से अपने ज्ञान में जोड़ता है। वह टीवी कार्यक्रम देखता है लेकिन धार्मिक धारावाहिक उनके पसंदीदा धारावाहिक हैं। वह नियमित रूप से पुस्तकालय भी जाता है।

वह सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास करता है। वह दिखावे में विश्वास नहीं करता है। वह हमेशा अच्छी दोस्ती रखता है। वह धर्मनिरपेक्ष है।

उनका मानना है कि हर इन्सान का दिल ही भगवान का मंदिर है। वह धार्मिक कट्टरता में विश्वास नहीं करता है। इस कारण शिक्षक भी उनकी राय लेते है। मुझे अपने सबसे अच्छे दोस्त पर गर्व है क्योंकि वह मेरा हर छोटा सुख- दुख मेरे साथ साझा करता है। इस तरह के एक अच्छे दोस्त को खोजने काफी मुश्किल है।

मैं नियमित रूप से परिवार के सदस्य के रूप में उनसे मिलता रहता हु। मैं ऐसे नम्र, स्वीट, ईमानदार और प्यारे दोस्त से मिलाने के लिए ईश्वर का बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं।

मेरा प्रिय मित्र निबंध 500 शब्द

आज मैं आपको मेरे प्रिय मित्र रणवीर चौधरी के बारे में बताता हूं। रणवीर चौधरी और मैं एक ही कक्षा में पढ़ते है और साथ ही बैठते है। मेरी इसके साथ दोस्ती पिछली कक्षा में ही हो गई थी।

मैं मेरे दोस्त की बात करू तो वो उसके पिताजी एक किसान है, वो साधारण परिवार से आता है। रनवीर के एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई है। रनवीर की माताजी गृहणी है। रणवीर पढाई में वे बहुत होशियार है।

हमारी कक्षा में उसका प्रथम स्थान आता है। रणवीर पढ़ाई के साथ साथ खेल खुद में भी बहुत रुचि रखता है , मैं और वो स्कूल में लंच के समय वॉलीबॉल खेलते है। रणवीर समय का बहुत पाबंद विधार्थी है, वो रोज समय पर स्कूल पहुंचता है। मैने कभी उसको देरी से विद्यालय आते नही देखा है।

मेरा दोस्त अपने गृहकार्य में कभी लापरवाही नहीं करता है, वो रोज अपना पूरा गृहकार्य करके आता है। रणवीर एक अनुशासनप्रिय विधार्थी है। रणवीर को जब भी कक्षा में टेस्ट का कहा जाता है तो वो इसकी पूरी तैयारी करके आता है, और अच्छे अंक लता है।

रणवीर का व्यवहार बहुत ही अच्छा है। विद्यालय के सभी अध्यापकों और विद्यार्थियों से उसके अच्छे संबंध है। रणवीर हमेशा कक्षा में उन बच्चो की सहायता करता है जो उससे कुछ सीखना चाहते है, उनको वो सिखाता है।

रणवीर हमारी कक्षा का मॉनिटर भी है। वो ईमानदारी से अपना कार्य करता है। रणवीर मुझे भी हमेशा प्रेरित करता है। मैं अपने दोस्त से जब भी गणित या विज्ञान का प्रश्न जो मुझे समझ नहीं आता है, उसे समझाने में पूरी मदद करता है।

रणवीर का सपना आईएएस बनकर देश की सेवा करने का है। रणवीर एक जिज्ञासु विधार्थी है, वो हमेशा हमारे अध्यापक से नए नए प्रश्न करता है। 

अगर किसी भी अध्यापक का पढ़ाया हुआ कोई भी बात समझ नही आए तो रणवीर तुरंत उसे वापस समझाने को कहता है। मेरा दोस्त एक रचनात्मक प्रवृति का विधार्थी है। उसे गणित विषय को पढ़ने में बहुत मज़ा आता है।

उसे जब भी कक्षा के दौरान फ्री टाइम मिलता है वो गणित के प्रश्न हल करने लग जाता है। रणवीर कक्षा में बहुत कम बोलता है और अपने काम से काम रखता है। रणवीर को समय बर्बाद करना बिल्कुल पसंद नहीं है। 

रणवीर पढ़ने के साथ मनोरंजन के लिए भी समय निकलता है। रणवीर मनोरंजन के रूप में एतिहासिक फिल्में देखना पसंद करता है। रणवीर को फोन में नया सीखने में भी बहुत रुचि है।

रणवीर रोज सुबह 6 बजे उठ जाता है और रोज दौड़ करने जाता है और व्यायाम भी करता है। रनवीर कभी भी अपने आप घमंड नहीं करता है, वो हमेशा साथी की मदद करने को तत्पर रहता है। 

मेरे प्रिय मित्र का पसंदीदा खेल वॉलीबॉल है, उसका पसंदीदा क्रिकेटर विराट कोहली है। रणवीर एक अच्छा वक्ता भी है। हमारे विद्यालय में सुबह प्रार्थना स्थल पर वे कभी कभी किसी विषय पर स्पीच देता है।

रणवीर विद्यालय की लगभग सभी अतिरिक्त गतिविधियों में भाग लेता है। रणवीर के इसी व्यवहार के कारण वो मेरा प्रिय मित्र है।

Essay on My Best friend in Hindi Language In 1000 Words

सच्चा मित्र मिल जाने पर जीवन की राह आसान हो जाती हैं.एक सच्चा मित्र व्यक्ति को सदैव सही राह पर चलने के लिए प्रेरित करता हैं. वह उसके लिए आवश्यकता पड़ने पर हर प्रकार की कुर्बानी देने को भी तैयार रहता हैं.

इसलिए कई बार लोग परिवार के सदस्यों से भी अधिक अपने मित्र को महत्व देते हैं. अच्छा मित्र सुख हो या दुःख हमेशा साथ देता हैं. उसमें किसी प्रकार का लोभ एवं कपट नहीं होता हैं. वह हमेशा अपने मित्र का भला सोचता हैं.

मेरे कई मित्र हैं. उन सभी ने आवश्यकता पड़ने पर मेरी यथासम्भव मदद भी की हैं. उनमें अधिकतर मेरे प्रिय मित्र हैं. और मेरे ऐसे मित्र के नामों की सूची काफी लम्बी हैं.

इनमें से कौन मेरे लिए सर्वाधिक प्रिय हैं, इसका निर्णय करना काफी मुश्किल हैं. इनमें से किसी एक का नाम मैं अपने प्रिय मित्र के रूप में लेकर अन्य सभी को नाराज नहीं करना चाहता.

सभी ने जिन्दगी के किसी न किसी मोड़ पर मेरा साथ अवश्य दिया हैं. फिर भी मेरे इन मित्रों में से एक ऐसा भी हैं,  जिसकी मित्रता पर मुझे बहुत गर्व होता हैं. इसलिए नहीं कि आवश्यकता पड़ने पर वह मेरा साथ देता हैं बल्कि इसलिए कि वह एक अच्छा इंसान भी हैं.

इसलिए यदि मैं अपना नाम अपने प्रिय मित्र के रूप में लूँगा, तो मुझे विश्वास हैं कि मेरे अन्य किसी मित्र को मुझसे किसी प्रकार की नाराजगी नहीं होगी.

जॉन कृष्ण खान सिंह मेरा सर्वाधिक प्रिय एवं आदर्श मित्र हैं, जैसा कि उसके नाम से ही पता चल जाता हैं, वह सभी धर्मों का सम्मान करता हैं एवं सभी धर्मों को त्योहारों को भी मनाता हैं.

इस तरह वह विभिन्न धर्मों के बीच भाई चारे की जीती जागती मिसाल हैं. मैंने उससे एक दिन उसके धर्म के बारे में पूछा तो उसने बताया कि मानवता मेरा धर्म हैं और कर्म मेरी पूजा.

यदि मैं लोगों के काम आ सका तो समझूंगा मैंने सफलता प्राप्त कर ली हैं. उसे समाज सेवा अत्यधिक प्रिय हैं. अतः इसी को अपने जीवन का लक्ष्य बनाने के लिए उसने स्नातक के बाद समाज सेवा में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की.

इसके बाद वह एक गैर सरकारी संगठन में कार्य करने लगा. वह प्रतिदिन गरीब बस्तियों में जाकर गरीब बच्चों को निशुल्क पढ़ाता हैं. इसके अतिरिक्त वह उन बस्तियों में साफ़ सफाई करने के लिए अपने साथियों का हाथ भी बंटाता हैं.

जॉन कृष्ण खान सिंह काफी लम्बा नाम हैं. इसलिए उसके गुणों के अनुरूप मैंने उसका नाम मानव रखा. और मैं उसे इसी नाम से बुलाता हूँ.

अपने मित्र को कुसंग से बचाना विपत्ति के समय उसकी सहायता करना, विपत्ति के समय उसकी सहायता करना एवं सांत्वना एवं सहानुभूति देना इत्यादि एक सच्चे मित्र के कर्तव्य के अंतर्गत आते हैं.

मानव जब सारी दुनिया के लिए समाज सेवा के लिए तत्पर रहता हैं, तो भला अपने मित्र का साथ कैसे नहीं देगा. जीवन में जब कभी मैं गलत रास्ते पर चला जाता हूँ, वह मुझे सही रास्ते पर लाया हैं.

जब कभी मैं दुखी रहा हूँ, उसने मेरी सहायता कर मुझे उससे उबारा हैं. इस तरह जीवन के हर मोड़ पर उसने मेरा साथ एक आदर्श एवं सच्चे मित्र के रूप में दिया हैं.

जीवन की भागदौड़ में एक मित्र का होना बहुत आवश्यक हैं. प्रायः देखा जाता हैं कि पारिवारिक जीवन में भी स्वार्थ का समावेश होने के कारण रिश्तों में दरार आ जाती हैं. किन्तु एक मित्रता ऐसा अटूट बंधन हैं, जो दुनियावी स्वार्थों से परे हैं.

मानव के साथ मेरी मित्रता भी ऐसी ही हैं. अंग्रेजी में कहा गया हैं ए फ्रेंड इन नीड, इज फ्रेंड इंडीड अर्थात जो जरूरत के समय साथ दे वही सच्चा मित्र हैं. मानव इस पैमाने पर बिलकुल खरा उतरता हैं.

मेरे इस मित्र ने आवश्यकता पड़ने पर हमेशा मेरा साथ दिया हैं. मित्रता में धन, योग्यता या किसी अन्य चीज को पैमाना नहीं बनाया जाता, जिससे विचार मिलते हैं. प्रायः उससे ही मित्रता होती हैं.

मानव और मेरे विचार बहुत मिलते हैं. इसलिए हम दोनों को एक दूसरे का साथ अच्छा लगता हैं. मित्रता एक ऐसा अभिनव रिश्ता हैं. जो अन्य रिश्तों की भांति थोपा नहीं जाता. अपनी सुविधा एवं रूचि के अनुसार देख परख कर मित्र चुनने की स्वतंत्रता होती हैं.

यह एक ऐसा बंधन हैं. जो दो दिलों, दो मनों को जोड़ता हैं और, इसी के आधार पर वे एक दूसरे के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. बचपन के मित्रों की याद प्रायः सभी को जीवन भर आती हैं, क्योंकि बचपन की मित्रता में किसी प्रकार का कोई स्वार्थ नहीं रहता.

मानव मेरे बचपन का मित्र तो नहीं है, किन्तु उसकी मित्रता पर गर्व हैं और जीवन के किसी मोड़ पर यदि उसके लिए मुझे किसी प्रकार की कोई कुर्बानी देने की आवश्यकता पड़ी तो मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा.

Essay On My Best Friend In English

man is a social creature. he cannot live without society. so friendship is necessary for him. but it is very difficult to have a true friend in this world. there are mostly fair weather friends.

by God’s grace, I have a fast and true friend. his name is Sankalp. he is my class fellow. he is my childhood friend.

he lives just near my house. most of our time we spent together in our studies and games.

he comes from a noble family. his father is an m.l.a. but he is not proud of his father’s political approach, wealth on the property.

his manners are pleasing as he belongs to a respectable family. he is a young boy of good character. he is respectful to his teachers.

his behavior is good. he is not ill-tempered. he has a smiling face. he explains the difficulties when other students consult him. he is very polite. he never quarrels with anybody.

I like him for many reasons. he is honest, fair, and truthful. he is true to his friends. he is both intelligent and diligent.

he always stands first in the class. he is not a bookworm. he takes part in co-curricular activities.

he adds to his knowledge from other sources. he watches t.v programs but religious serials are his favorite serials. he is a regular visitor to the library.

he believes in simple living and high thinking. he does not believe in the show. he always keeps good company. he is secular.

he believes that every man’s heart is the temple of God. he does not believe in this crimination. the teachers have a high opinion of him.

I am proud of my best friend because he shares my sorrow. such a good friend is hard to find. I visit him regularly as a member of the family.

I thank almighty for having blessed me with such gentle, sweet, sincere and affectionately friend.

i have many friends. mohan is the best of them. he lives next door to me. he is also my class fellow. he belongs a good family. his father is a doctor. his mother is a noble lady, they are very much respected.

mohan is intelligent students. he is regular in studies. he always stand first in the class. he takes care of his health. he is a football player. he is an also good singer.

he is always neat and clean. he looks very smart, still, he is a very humble boy. all the teacher like him. I am sure that Mohan will become a great man, someday.

I am lucky to have such friend. I am proud of him, may God bless him.

One comment

Anuj kumar aapka website mujhe accha laga thanks

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  • गर्भधारण की योजना व तैयारी
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प्रिय मित्र पर निबंध (Essay on Best Friend in Hindi)

प्रिय मित्र पर निबंध (Essay on Best Friend in Hindi)

In this Article

मेरा प्रिय मित्र पर 10 लाइन का निबंध शेयर (10 Lines on Best Friend in Hindi)

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध 200-300 शब्दों मे (short essay on best friend in hindi 200-300 words), मेरा प्रिय मित्र पर निबंध 400-600 शब्दों में (essay on best friend in hindi 400-600 words), प्रिय मित्र के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है (what will your child learn from a best friend essay), अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (faqs).

निबंध लेखन में बच्चों का सबसे पसंदीदा टॉपिक है ‘मेरा प्रिय मित्र’। यह एक ऐसा निबंध है जो बचपन में हम सभी ने लिखा है। हमें अक्सर स्कूल, कॉलेज और घर के आस-पास बहुत से दोस्त मिलते हैं, पढ़ाई करते समय, खेलते समय हमारे साथ होते हैं। लेकिन इन सभी दोस्तों में कोई एक ऐसा खास दोस्त होता है जिसे हम अपना प्रिय मित्र या फिर बेस्ट फ्रेंड कहते हैं। यह दोस्त हमारे बेहद करीब होता है जिससे हम हर बात बिना किसी संकोच के शेयर कर सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं हम अपने इस करीबी मित्र से खुलकर अपने सुख-दु:ख बांटते हैं।

हमारे बच्चों के भी कई दोस्त होते हैं। इनमें से कोई तो एक ऐसा होता है जिसे बच्चा सबसे ज्यादा पसंद करता है और उसके साथ हर समय रहना चाहता है। मेरा मित्र पर एस्से या बेस्ट फ्रेंड पर निबंध प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। जब कभी बच्चे को स्कूल में मेरा प्रिय मित्र पर निबंध लिखने को कहा जाता है तो तुरंत वह अपने बेस्ट फ्रेंड के बारे में सोचता है। लेकिन भले आप और आपका बच्चा उस दोस्त के बारे में सब कुछ जानते हों फिर भी निबंध लिखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होता है। अगर बच्चे को स्कूल में मेरा प्रिय मित्र पर 10 लाइन में या मेरा प्रिय मित्र पर लेख लिखने को दिया गया है तो यह आर्टिकल पूरा जरूर पढ़ें। बेस्ट फ्रेंड पर एस्से चाहे हिंदी हो या इंग्लिश, दोनों ही सब्जेक्ट्स में काम आता है। माय बेस्ट फ्रेंड पर निबंध लिखने के लिए इस आर्टिकल में कुछ सैंपल दिए गए हैं। यहाँ हमने सभी सैंपल में ‘अमित’ नाम को प्रिय मित्र के तौर पर इस्तेमाल किया है। बच्चे को ‘अमित’ की जगह अपने बेस्ट फ्रेंड का नाम लिखने को कहें।

हर किसी का कोई न कोई बेस्ट फ्रेंड होता है और सबकी अलग-अलग खासियत होती है। माय बेस्ट फ्रेंड 10 लाइन हिंदी में लिखने के लिए नीचे उदाहरण दिया गया है कि आखिर अपने प्रिय दोस्त के बारे में 10 वाक्यों में कैसे बताएं। कभी कभी टीचर मेरा प्रिय मित्र पर 5 लाइन भी लिखने को कह सकते हैं।

  • अमित मेरा सबसे अच्छा दोस्त है।
  • अमित मेरे स्कूल में मेरी क्लास में ही पढ़ता है।
  • अमित एक सभ्य और आज्ञाकारी लड़का है।
  • वह बहुत होशियार है और पढ़ाई में हमेशा आगे रहता है।
  • फुटबॉल और शतरंज उसके पसंदीदा खेल हैं।
  • मेरे स्कूल के सभी शिक्षक उसे बहुत पसंद करते हैं।
  • मेरा प्रिय मित्र हमेशा दूसरों की मदद भी करता है।
  • मैं अपनी सारी बातें उसे बताता हूं।
  • अमित मुझसे हमेशा सच बोलता है।
  • मैं चाहता हूँ की हमारी दोस्ती हमेशा ऐसी ही बनी रहे।

अगर आपको माय बेस्ट फ्रेंड पर एस्से छोटे रूप में लिखने को बोला गया है तो आप इस सैंपल का सहारा ले सकते हैं और बच्चे को सिखा सकते हैं कि हिंदी में मेरा प्रिय मित्र पर पैराग्राफ में कैसे लिखना है। यह निबंध पैराग्राफ ऑन माय बेस्ट फ्रेंड इन हिंदी या मेरा दोस्त एस्से इन हिंदी, इस तरह के प्रश्न के उत्तर के रूप में लिखना चाहिए। आइए देखते हैं:

वैसे तो हमारे बहुत से दोस्त होते हैं लेकिन कोई एक खास दोस्त होता है जो हमारे बेहद करीब होता है, जिससे हम अपनी सभी बातें बताते हैं। उसे हमारा प्रिय मित्र कहा जाता है। यह दोस्त सिर्फ हमारे ही करीब नहीं होता बल्कि परिवार में भी उसे सभी चाहते हैं। यह दोस्त अक्सर हमारे घर के पास रहता है या फिर स्कूल में साथ में होता है। अमित मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। हम एक ही स्कूल में पढ़ते हैं और वह मेरे घर के पास ही रहता है। हम दोनों कक्षा में साथ में बैठते हैं और अपना टिफिन भी आपस में बांटते हैं। शाम को एक साथ गृहकार्य करके हम बाहर खेलने जाते हैं। अमित बहुत ही सभ्य लड़का है और बड़ों का कहना मानता है। वह सभी से अच्छे से व्यवहार करता है। वह पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी काफी होशियार है। उसका पसंदीदा विषय गणित है। इसके अलावा फुटबॉल और शतरंज उसके पसंदीदा खेल हैं। मेरे स्कूल के सभी शिक्षक अमित को बहुत पसंद करते हैं। अमित और मैं अपनी सभी बातें एक-दूसरे के साथ बांटते हैं। अमित मुझसे हमेशा सच बोलता है। मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूँ की वह मेरा प्रिय मित्र है। मैं चाहता हूँ की हमारी दोस्ती हमेशा ऐसी ही बनी रहे।

दो प्रिय मित्र

मेरा प्रिय मित्र निबंध हिंदी में विस्तृत रूप में भी लिखा जाता है। बेस्ट फ्रेंड के बारे में अधिक क्रिएटिविटी और बेहतर तरीके से एक बड़ा 400-600 शब्दों वाला निबंध लिखना है, तो हमारे द्वारा बताए गए प्रिय मित्र के निबंध के विचार को आप अपना सकते हैं और अच्छे से अच्छे शब्दों का प्रयोग करके निबंध और भी आकर्षक बना सकते हैं। ज्यादा शब्दों में हिंदी में बेस्ट फ्रेंड पर एस्से लिखने के लिए एक सैंपल नीचे दिया गया है।

प्रिय मित्र कौन होता है? (What Is a Best Friend?)

बेस्ट फ्रेंड वो अमूल्य व्यक्ति है जिसे हमें हमेशा अपने करीब रखना चाहिए। क्योंकि हमने अपने जीवन की सभी खास यादें अपने माता-पिता के अलावा उसी के साथ बिताई होती हैं। वो हमारे सुख-दुःख में साथ देता है। प्रिय मित्र ज्यादातर वह होता है जो घर के पास ही रहता है। हम एक साथ स्कूल जाते हों और वापस आकर शाम को एक साथ होमवर्क करते हों और बाद में साथ में खेलने बाहर जाते हों। आपके माता-पिता उसको अपने बच्चे की तरह ही मानते हों और वह भी हमारी तरह उनकी इज्जत करता हो।

प्रिय मित्र के गुण (Qualities Of Best Friend)

अगर हमारे जीवन में बहुत से दोस्त हैं लेकिन उनमें से अपने सबसे अच्छे और खास दोस्त की पहचान करनी है तो उसके कुछ गुणों पर जरूर ध्यान देना चाहिए जैसे –

  • वह बुरे वक्त में भी हमारा साथ देता है।
  • हमारे लिए किसी से भी लड़ने के लिए तैयार हो जाता है।
  • हम बिना किसी संकोच के उनसे हर बात को बता सकते हैं।
  • हमारी गलती होने पर हमें अकेले में समझाता है।
  • हमारे माता-पिता भी उसे बहुत पसंद करते हैं।
  • वह बड़ों का सम्मान करता है और सबके साथ अच्छे से व्यवहार करता है।

प्रिय मित्र की अहमियत (Importance Of Best Friend)

जिंदगी में एक अच्छे और सच्चे दोस्त की जरूरत हर किसी को होती है। एक ऐसा इंसान जिस पर हम आंख बंद कर के भरोसा कर सके। चाहे जैसी भी परिस्थिति आए वो बेस्ट फ्रेंड हमेशा हमारे साथ खड़ा रहे। वो इतना करीब हो की उसे बिना कुछ बताए भी हमारी परेशानी समझने की कोशिश करे। हमारा प्रिय मित्र हमें यह सिखाए कि जीवन में कितनी भी समस्या आए हमें बिना परेशान हुए उसे सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए। वह हमें यह समझाए कि दूसरों पर कैसे विश्वास किया जाए या परेशानी में मदद कैसे की जाए। सच्चा दोस्त वह होता है जो आपकी बताई हर बात को अपने मन में सुरक्षित रखे और किसी से न बताए। जब भी जीवन में कुछ अच्छा या बुरा हो तो हमारे दिमाग में सबसे पहला ख्याल हमारे प्रिय मित्र का ही आता है। इसलिए जिंदगी में एक प्रिय मित्र की अहमियत बहुत होती है।

बच्चों के लिए निबंध का विषय ऐसा होना चाहिए जिसे वो अपनी पूरी क्रिएटिविटी के साथ अच्छा लिख सके। प्रिय मित्र पर बच्चा आराम से निबंध लिख सकता है अगर उसका कोई अच्छा और सच्चा दोस्त है। साथ ही इस निबंध से बच्चे को सही तरह से लिखने, वाक्यों और शब्दों को चुनने में मदद मिलेगी। इसकी मदद से बच्चा अपने लिखने के तरीके में सुधार ला सकता है। माय फ्रेंड एस्से इन हिंदी या मेरा प्रिय मित्र एस्से इन हिंदी एक ऐसा टॉपिक है जो लगभग हर पेरेंट्स और टीचर बच्चों को देते ही हैं। इसलिए इस आर्टिकल में बताए गए पॉइंट्स को ध्यान में रखते हुए और सैंपल को पढ़कर अपने बच्चे के सबसे अच्छे दोस्त पर एस्से लिखने में उसको मदद करें। साथ ही, यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

1. अपने बच्चे का प्रिय मित्र कैसे चुनें?

अपने बच्चे का बेस्ट फ्रेंड चुनते वक्त ये ध्यान रखें कि वह आपके बच्चे को सिर्फ खेल-कूद में ही आगे नहीं बढ़ा रहा बल्कि पढ़ाई में भी मदद करता है और बड़ों की इज्जत करता है।

2. प्रिय मित्र की खासियत क्या होती है?

सबसे अच्छा और खास दोस्त वो होता है जो आपके बुरे-अच्छे वक्त में हमेशा साथ रहे। सपोर्ट करे और दूसरों से आपके लिए लड़ सके। अगर आप गलत करते हैं तो आपको अकेले में समझाए।

3. क्या सबके प्रिय मित्र होते हैं?

नहीं, हर कोई इस मामले में इतना भाग्यशाली नहीं होता कि उसके साथ कोई सच्चा दोस्त हो। इसलिए यदि आपका कोई प्रिय मित्र है, तो उसका ध्यान रखें और उसे उतना ही महत्व दें जितना वह आपको देता है।

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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध Essay on My Best friend in Hindi

इस लेख आप मेरा प्रिय मित्र पर निबंध Essay on My Best friend in Hindi पढ़ सकते हैं। यह निबंध 700 शब्दों मे स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है। अगर स्कूल छात्र चाहें तो इस निबंध का उपयोग अपनी परीक्षा में अपने प्रिय दोस्त पर निबंध लिखने के लिए कर सकते हैं।

Table of Content

प्रस्तावना Introduction

मित्रता या दोस्ती हर किसी के जीवन में एक अहम भूमिका निभाता है। दोस्ती एक व्यक्ति के लिए प्यार, स्नेह, और सम्मान की भावना है। जीवन एक मित्र के बिना व्यर्थ है। एक अच्छा दोस्त आपको अ पने दुख-सुख को बताता है आपके दुःख-सुख में आपका साथ देता है।

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध Essay on My Best friend in Hindi (700 Words)

जितेंद्र मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। बचपन से ही हम दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते आए हैं। वह एक आदर्श विद्यार्थी है। वह कक्षा में सबसे आगे है। वह सबके साथ उदार और शिष्टाचार का भाव रखता है। वह किसी के साथ झगड़ा नहीं करता है। जब हम स्कूल में पढ़ते थे शाम को मैं अपने घर जाता था, तो हम एक साथ पढ़ते हैं और खेलते हैं। उसकी मां मुझे बहुत प्यार करती है।

अब हम दोनों दोस्त एक ही कॉलेज में पढ़ाई करते हैं । 11वीं में हम दोनों मित्रों ने अलग-अलग विषय चुना जिसके कारण हम दोनों अलग-अलग कक्षा में शिक्षा लेते हैं परंतु कॉलेज का समय खत्म होने के बाद हम साथ-साथ ही घर को लौटते हैं।

मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारी मित्रता जीवन भर ऐसे ही बनी रहेगी क्योंकि हम दोनों दोस्त एक दूसरे के विचारों की सराहना करते हैं। हमारी दोस्ती कभी खत्म नहीं होगी। यह सदाबहार है। यह तब तक चलेगा जब तक कि सूर्य-चंद्रमा इस ब्रह्मांड पर हैं।

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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध | My Friend Essay in Hindi

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध: दोस्ती भगवान् की एक बहुत बड़ी देन है। खुशनसीब होते है वो लोग जिनके पास अच्छे दोस्त होते है। कहते

Editorial Team

July 14, 2022

Mera Priya Mitra

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध: दोस्ती भगवान् की एक बहुत बड़ी देन है। खुशनसीब होते है वो लोग जिनके पास अच्छे दोस्त होते है। कहते है कि एक सच्चा दोस्त वो होता है जो विपत्ति के समय साथ दें। एक दोस्त ही तो होता है जिसके साथ हम अपनी सभी अच्छी, बुरी बातें शेयर करते है। दोस्त हमारी ज़िन्दगी में एक भाई जैसा होता है। ऐसे दोस्त बनाओं जो आपको ज़िन्दगी के हर कदम पर प्रेरित करें और हर कदम पर आपका साथ दें। दुनिया में हर किसी का एक दोस्त होता है और ऐसे ही Mera Priya Mitra भी है।

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मित्र भगवान् द्वारा मनुष्यों को प्रदान किया जाना जाने वाला एक अनमोल तोहफा होता है और जिस व्यक्ति के पास यह तोहफा नहीं है उससे दुर्भाग्यशाली व्यक्ति इस दुनिया में कोई हो ही नहीं सकता है। जिस तरह जीवन में माता-पिता एवं जीवन साथी का एक अनोखा रिश्ता होता है जिनसे हम अपने सुख एवं दुःख बांटते है वैसे ही दोस्त भी एक अहम् होता है जिनसे हम अपनी सभी अच्छी एवं बुरी सभी बाते शेयर करते है। इसलिए इस लेख में हम Mera Priya Mitra Par Nibandh वो भी Mera Mitra in Hindi में लेकर आये है।

अगर आपका भी कोई प्रिय मित्र, सच्चा दोस्त या Best Friend है और आप उसको समर्पित Mera Mitra Essay in Hindi लिखना चाहते है तो निचे हमने मेरा प्रिय मित्र निबंध, मेरा प्रिय मित्र Essay In Hindi, मेरा मित्र हिंदी में 10 लाइन और My Best Friend Essay In Hindi जैसे निबंध दिए है उन्हें ज़रूर पढ़ें।

Table of Contents

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध – (Mera Priya Mitra Nibandh In Hindi)

Mera Priya Mitra Par Nibandh – मेरा प्रिय मित्र 100 Words

मेरे कई दोस्त है लेकिन राहुल मेरा सबसे प्रिय मित्र है। राहुल हमारी सोसाइटी में ही रहता है, उसके पिता पोस्ट ऑफिस में काम करते है। राहुल बहुत ज़्यादा धनी तो नहीं पर वो बहुत इंटेलीजेंट और ईंमानदार है। राहुल को में “मेरा प्रिय मित्र” इसलिए कहता हु क्युकी वो व्यव्हार में औरो से बहुत अलग है। उसे मिलते ही हर कोई उससे प्रभावित हो जाता है।

मेरा मित्र राहुल समय का बहुत पाबन्द है और वो अपने सभी काम वक़्त पर और व्यवस्थित तरीके से करता है। वह पढाई में भी बहुत अच्छा है और मुझे मेरी पढाई में मदद भी करता है। राहुल बहुत हसमुख है और लोगो से बड़े आदर से पेश आता है, इसीलिए उसे सब पसंद करते है।

राहुल की सबसे ख़ास बात ये है की वो पढाई के साथ-साथ घर पर अपनी माँ को काम में हाथ बटाता है और इस बात के लिए में उसकी बहुत इज़्ज़त करता हूँ। मेरा मित्र राहुल मेरे लिए प्रेरणा का बहुत बड़ा स्त्रोत है। मुझे उससे कई चीज़े सिखने मिलती है। चाहे पढाई हो, लोगो के सामने अच्छा व्यव्हार या समय की पाबंदी, यह सब बाते मुझे राहुल से सिखने मिली।

मुझे इस बात पर गर्व है कि राहुल मेरा प्रिय मित्र है, मैं हमेशा उसके साथ एक अच्छा दोस्त बनकर रहूँगा और उससे नयी-नयी चीजें सीखता रहूँगा।

मेरा प्रिय मित्र Essay In Hindi

मेरे ज़्यादा दोस्त तो नहीं है पर जो मेरे दोस्त है वो सब अच्छे है और उन सब में मेरा सबसे प्रिय दोस्त विशाल है। विशाल मेरे मित्रो की सूचि में सबसे ऊपर है। अच्छा स्वाभाव, होशियार और ईमानदारी विशाल को मेरा प्रिय मित्र बनाती है। मुझे ख़ुशी है की मुझे विशाल के रूप में एक अच्छा दोस्त यानि मित्र मिला।

विशाल एक गरीब घर से है। उसके पिता मज़दूर, और उसकी माँ सिलाई कड़ाई करके घर खा खर्चा चलाते है। विशाल खुद स्कूल के बाद कुछ घंटे पार्ट टाइम काम करके अपने परिवार की आमदनी में योदगान देता है ताकि अपने माँ – बाप का हाथ बटा सके।

मेरे मित्र विशाल की यही चीज़ मुझे बहुत पसंद है। सुबह सूरज की पहली किरण के साथ उठकर व्यायाम करना, फिर स्कूल के लिए तैयार होकर स्कूल पहुंचना और स्कूल के बाद काम पर जाना। ऐसी उम्र में जहा हम सब अच्छी और आराम देय ज़िन्दगी गुज़ार रहे है, विशाल अभी से मेहनत और जद्दोजहद में लगा है।

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध

विशाल की यही बाते मुझे बेहद पसंद आती है। इतनी मेहनत – मशक्कत करने के बाद भी विशाल पढाई में अव्वल आता है। उसे स्कूल में सभी शिक्षक बहुत पसंद करते है और सभी को विशाल से प्रेरणा लेने के लिए कहते है।

स्वाभाव की बात करें तो विशाल हमेशा दुसरो की मदद के लिए तैयार रहता है। स्कूल में एक्टिविटी हो या किसी छात्र को पढाई में मदद चाहिए हो, विशाल किसी काम के लिए ना नहीं कहता।

इतने सुन्दर चरित्र, सभी कामो में अव्वल और दुसरो को मदद करने में सबसे आगे। यह सब खूबियां विशाल को सबसे अलग और बेहतर बनाती है और इसी कारण विशाल हमारी क्लास में “मॉनिटर” की पदवी मिली हुई है।

मुझे ख़ुशी और गर्व है की विशाल मेरा सबसे प्रिय मित्र है में हमेशा उसका दोस्त बना रहूँगा।

मेरा मित्र हिंदी में 10 लाइन

1. मेरे बहुत दोस्त है पर जिसकी दोस्ती का मैं दम भरता हु वो है मेरा मित्र साहिल।

2. साहिल एक अच्छा, सुलझा हुआ और होशियार इंसान है।

3. मेरा मित्र साहिल पढाई में अव्वल और हर काम को बड़ी ही रूचि से करता है।

4. साहिल बहुत मालदार तो नहीं पर वो पढ़ी के साथ-साथ कुछ घंटे काम कर अपने घर की आमदनी में योगदान देता है।

5. वह घर पर अपनी माँ को काम में हाथ भी बटाता है और अपने माँ-बाप की बहुत इज़्ज़त और आदर करता है।

6. साहिल से मुझे बहुत कुछ सिखने मिलता है और मेरे लिए वो प्रेरणा का बहुत बड़ा स्त्रोत है।

7. सरल स्वाभाव, हमेशा कुछ नया सिखने की भूख और मेहनत में विश्वास। यही सब खूबियां साहिल को सबसे अलग और सबसे बेस्ट बनाती है।

8. मेरे माँ-बाप साहिल को बेहद पसंद करते है और मुझे उसके जैसा बनने के लिए कहते है।

9. साहिल मेरा सच्चा मित्र है क्युकी वह मुझे पढाई के लिए प्रेरित करता है और मेरी मदद भी करता है।

10. मैं बहुत खुशनसीब हूँ, साहिल के रूप में मुझे मेरा सच्चा मित्र मिला और उसी से मुझे मित्रता का महत्त्व समझा।

My Best Friend Essay In Hindi

हम सबके दोस्त होते है पर उनमे कुछ ही लोग हमरे सच्चे दोस्त या Best Friend होते है।

दोस्त ऐसा हो जो हमें अच्छे कामों के लिए, नयी चीज़े सिखने के लिए और जीवन के हर कदम पर हमारा साथ दें। मुझे ख़ुशी है की मेरे पास एक ऐसा दोस्त है।

निखिल, My Best Friend – मेरा सच्चा दोस्त। मैं निखिल को अपना प्रिय मित्र इसलिए कहता हु क्युकी वह औरो से बिलकुल अलग और बहुत मेहनती इंसान है।

वह पढाई में अच्छा होने के साथ-साथ सभी तरह की स्पोर्ट्स एक्टिविटीज में भी अच्छा है। मेरे लिए तो निखिल एक ऑल-राउंडर इंसान है जिसे सबकुछ आता है।

निखिल सभी से मिल जुलकर रहता है, वह कभी किसीको निचा नहीं दिखाता और कभी किसीसे कोई झगड़ा नहीं करता। जब कोई निखिल को किसी बात के लिए आलोचना करता है तो वह उसे सकारात्मक तरीके से लेकर अपनी भूल सुधार लेता है, मुझे मेरे Best Friend निखिल की यह खूबी बहुत पसंद है।

मेरा दोस्त निखिल अपने काम में ईमानदार और अपने व्यवहार में बहुत सरल है। हमारे स्कूल में सभी शिक्षक निखिल की बहुत तारीफ करते है और सभी बच्चो को निखिल से प्रेरणा लेने के लिए कहते है।

निखिल के पिता एक बड़े वबिज़नेस-मेन है, उसका बहुत बड़ा घर है और वह बहुत मालदार है। इतना मालदार होने के बावजूद भी निखिल सादगी से ज़िन्दगी गुज़ारता है।

हमारे स्कूल में कई गरीब छात्र है जो पिछड़े वर्ग से है पर निखिल सबसे मान-सम्मान के साथ बात करता है और अपनी अमीरी का प्रदर्शन नहीं करता।

इतनी सारी खूबियों के साथ निखिल एक हसमुख इंसान है और दूसरों को हसाता रहता है। वह हमेशा कहता है की दूसरों को खुश करना ही सबसे बड़ा पुण्य का काम है।

निखिल के कारण मेरे अंदर बहुत सारे सकारात्मक बदलाव आये और उसे मुझे जीने का हुनर सिखाया है। अगर निखिल नहीं होता तो आज मैं शायद इतना अच्छा नहीं हो पता। निखिल सही मायनो में मेरा सच्चा मित्र है।

मुझे ख़ुशी है की मेरे पास निखिल जैसा Best Friend है और मैं यही दुआ करूँगा की सबको निखिल जैसा मित्र मिले।

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (वीडियो)

Sources – Surendra Study Store

तो ये थे मेरा प्रिय मित्र, My Best Friend Essay In Hindi, मेरा प्रिय मित्र Essay In Hindi, मेरा मित्र हिंदी में 10 लाइन से जुड़े निबंध। अगर आपको यह निबंध अच्छे लगे तो हमें ज़रूर बताये। और हाँ, आपके प्रिय मित्र के बारे में हमें Comment में बताना ना भूलें।

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Hindi Essay on "Mera Priya Mitra", "मेरा प्रिय मित्र " for Students Complete Hindi Speech, Paragraph for class 5, 6, 7, 8, 9, and 10 students in Hindi Language

मेरा प्रिय मित्र  mera priya mitra.

जितेंद्र मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। बचपन से ही हम दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते आए हैं। वह एक आदर्श विद्यार्थी है। वह कक्षा में सबसे आगे है। वह सबके साथ उदार और शिष्टाचार का भाव रखता है। वह किसी के साथ झगड़ा नहीं करता है। जब हम स्कूल में पढ़ते थे शाम को मैं अपने घर जाता था, तो हम एक साथ पढ़ते हैं और खेलते हैं। उसकी मां मुझे बहुत प्यार करती है।

जितेन्द्र भी अक्सर मेरे घर आता है। जितेन्द्र के कोई भाई और बहन नहीं हैं। तो वह मेरे छोटे भाइयों को पसंद करता है। हर रविवार को दोपहर में, हम नदियों के किनारे घूमने जाते हैं। जितेंद्र को चित्रकला करने का शौक है। वह बहुत ही सुंदर चित्र बनाता है। एक सच्चा दोस्त हमेशा आपके साथ खड़ा रहता है जैसे कि हर मुश्किल में जितेंद्र मेरे साथ रहता है। हर किसी के पास दोस्त तो कई सारे होते हैं परंतु प्रिय मित्र एक ही होता है। मुझे उससे बहुत प्यार है। हम लोगों का घर भी पास-पास है इसलिए हम बचपन से ही एक दूसरे के अच्छे मित्र हैं। हम दोनों दोस्त अपने प्रारंभिक शिक्षा से ही एक साथ जुड़े हुए हैं।

एक बार मुझे तेज बुख़ार हो रहा था तो जितेंद्र मेरा तबीयत देख कर रोने लगा और वह भी 2 दिन तक स्कूल नहीं गया। हम दोनों दोस्त को एक दूसरे की बहुत चिंता रहती है। यही हम दोनों के मित्रता को और मजबूत बनाता है। अब हम दोनों दोस्त एक ही कॉलेज में पढ़ाई करते हैं। 11वीं में हम दोनों मित्रों ने अलग-अलग विषय चुना जिसके कारण हम दोनों अलग-अलग कक्षा में शिक्षा लेते हैं परंतु कॉलेज का समय खत्म होने के बाद हम साथ-साथ ही घर को लौटते हैं।

जितेंद्र बहुत ही मजाकिया दोस्त है। मुझे कविताएं लिखने का शौक है और जितेंद्र मेरी कविताओं को बहुत ही ध्यान से सुनता है और उसे मेरी कविताएं बहुत पसंद है। उसी प्रकार मुझे भी जितेंद्र के बनाए हुए चित्र बहुत पसंद है। कुछ तो मैंने अपने घर के कमरे की दीवार पर भी लगाएं हैं। जितेंद्र ने कई चित्रकला प्रतियोगिता में पुरस्कार जीता है।

मेरे प्रिय मित्र जितेंद्र की बातें सच में मुझे बहुत ही प्रेरित करती हैं। वह कहता है कि आगे बढ़कर उसे लोगों के लिए कुछ अच्छा काम करना है। अपने प्रारंभिक शिक्षा के समय में मैं पढ़ाई में उतना अच्छा नहीं था परंतु जितेंद्र के साथ रहकर मेरी शिक्षा में बहुत सुधार आया और साथ ही मैंने अपने मेट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास किया। आज भी वह मेरे कैरियर के निर्माण में मेरे लिए एक प्रेरणा है।

वह अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करता है और चाहता है कि मैं भी ऐसा ही करूँ। उनका सहयोग निश्चित रूप से मुझे अपना लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करेगा। मेरा और उसका परिवार छुट्टियों में पिकनिक जाते हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारी मित्रता जीवन भर ऐसे ही बनी रहेगी क्योंकि हम दोनों दोस्त एक दूसरे के विचारों की सराहना करते हैं। हमारी दोस्ती कभी खत्म नहीं होगी। यह सदाबहार है। यह तब तक चलेगा जब तक कि सूर्य-चंद्रमा इस ब्रह्मांड पर हैं।

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Essay on my best friend in hindi मेरा प्रिय मित्र पर निबंध.

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Essay on My Best Friend in Hindi

hindiinhindi Essay on My Best Friend in Hindi

Essay on My Best Friend in Hindi 200 Words

मेरे कई दोस्त हैं लेकिन रेहान मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। वह मेरा सहपाठी भी है। हम स्कूल में एक ही डेस्क पर बैठते हैं। हम एक साथ विद्यालय भी जाते हैं। हम अपने अधिकांश समय एक साथ बिताते हैं। रेहान में कई गुण हैं। वह एक आदर्श छात्र है। वह स्कूल आने में कभी देरी नहीं करता है। उसका व्यवहार अन्य छात्रों के लिए आदर्श है। वह पढाई में बहुत अच्छा है और अपने कक्षा में हमेशा प्रथम आता है। वह सरल जीवन और उच्च सोच में विश्वास रखता है और वह बहुत ही विनम्र स्वभाव का विद्यार्थी है। उसकी स्कूल पोशाक हमेशा साफ सुथरी होती है। उसके पिता एक प्रसिद्ध डॉक्टर हैं और उनकी मां भी एक डॉक्टर हैं। वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है। उसके मम्मी पापा उससे बहुत प्यार करते हैं। रेहान अपने माता – पिता का आँखों का तारा है।

रेहान हमेशा दूसरों से अच्छी बातें सीखने की कोशिश करता है। वह गरीबों और जरूरतमंदों की हमेशा मदद करता है। वह मेरे अध्ययन के लिए भी बहुत मददगार है। वह हमारी स्कूल क्रिकेट टीम का कप्तान है। रेहान ने विद्यालय के लिए क्रिकेट टूर्नामेंट में कई ट्राफियां जीती हैं। वह एक अच्छा गायक भी है। मुझे अपने दोस्त पर गर्व है।

Essay on My Best Friend in Hindi 300 Words

मेरा प्रिय दोस्त सबसे अलग है जिससे मैं अपनी भावनाओं को साझा कर सकता हूँ, उसका नाम अभिनव है। वह हमारे घर के पास में ही रहता है। हम एक ही कक्षा में है और हम दोनो कक्षा – 3 में मिले थे। वह हमारी कक्षा का सबसे होनहार छात्र है। हम एक साथ कक्षा में बैठते है और अपनी हर चीज को बिना किसी कठिनाई के साझा करते है। हम एक दूसरे की जरूरतों को अच्छी तरह से समझते है। वह स्वभाव में भी बहुत अच्छा है। वह दिखने में लम्बा, सुन्दर और स्मार्ट है। वह बहुत आज्ञाकारी है। वह पढाई में भी बहुत अच्छा है वह अपने स्कूल के काम को बडे ध्यान से करता है। वह हमारी कक्षा अध्यापिका का प्रिय छात्र है क्योंकि वह सभी शिष्टाचारों का पालन करता है।

हम अपना खाना भी साझा करते है। वह मेरी भावनाओं का सम्मान करता है और हमेशा मेरी मदद करता है। हम दोनो की ज्यादातर आदते एक जैसी है। हमे संगीत सुनना, कार्टून देखना और घर पर लूडो खेलना भी बहुत पसंद है। हम खेल के मैदान में भी एक दूसरे का ध्यान रखते है। जब हम दोनों में से एक स्कूल नही जाता तो हम अपनी स्कूल की कापी भी साझा करते है। हमें ड्राईंग करना भी बहुत पसंद है। हम अपने अपने माता पिता के साथ गर्मियों की छुट्टीयों में धूमने जाते है मुझे अपने प्रिय मित्र पर गर्व है।

Essay on My Best Friend in Hindi 350 Words

मेरे प्रिय मित्र का नाम धीरज है। मैं और मेरा मित्र गुरुकुल विद्या मंदिर नाम के विद्यालय में एक साथ पढ़ने जाते है। हम दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते है। हम विद्यालय में एक साथ खाना खाते हैं और एक दूसरे के साथ खाना बांटते भी है। धीरज पढ़ाई में भी बहुत होशियार है, वह हर बार अव्वल नंबर से पास होता है। पहले मैं पढ़ाई में बहुत कमजोर था लेकिन जब से धीरज और मेरी गहरी दोस्ती हुई है तब से मैं भी हर बार अव्वल नंबर से पास होता हूं।

धीरज मेरे घर के पास ही रहता है। वह कभी कभी मेरे घर भी आता है और मेरे माता पिता उसे बहुत पसंद करते है। धीरज के पिताजी व्यापारी हैं और माताजी गृहणी है। धीरज हमेशा खुश रहता है और मुझे भी खुश रखता है। मेरा मित्र धीरज स्वभाव का बहुत ही अच्छा है, हमारी बचपन से ही अच्छी दोस्ती है। अगर कभी मुझसे गलती भी हो जाती है तो वह मुझे माफ कर देता है।

वह सदा बड़ों का आदर करता है। उसकी सबसे अच्छी आदत यह है कि वह शाम को जल्दी सोता है और सुबह जल्दी उठकर सैर करने जाता हैं। धीरज समय का बड़ा पाबंद है वह कभी भी समय का दुरुपयोग नहीं करता है। वह हमेशा मुस्कुराता रहता है जिसके कारण जो भी उसे देखता है वह खुश हो जाता है। जब भी मैं किसी मुसीबत में होता हूं तो वह सदा मेरे साथ खड़ा होता है और मेरा साथ निभाता है। जब भी मैं निराश होता हूं तो वह मुझे हौसला देता है और कभी न हारने की सलाह देता है। वह सही मायनों में मेरा सबसे प्रिय मित्र है।

वह अच्छा मित्र होने के साथ-साथ एक अच्छा भाई भी है और अच्छा पुत्र भी है। मुझे गर्व है कि मुझे धीरज जैसा प्रिय मित्र मिला। शुक्रिया ! ऐ दोस्त मेरी जिन्दगी में आने के लिए, हर लम्हे को इतना खूबसूरत बनाने के लिए, तू है तो हर खुशी पर मेरा नाम लिख गया है, शुक्रिया ! मुझे इतना खुशनसीब बनाने के लिए…

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Hindi Essay on “Mera Priya Mitra” , ”मेरा प्रिय मित्र ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

मेरा प्रिय मित्र 

Mera Priya Mitra

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi

4 Best Essay on “Mera Priya Mitra”

निबंध नंबर : 01.

प्रस्तावना – ‘मित्र’ शब्द कहना बहुत आसन है लेकिन एक सच्चा मित्र पाना बहुत कठिन है | एक सच्चा मित्र वही है जो आपकी अवयाशकता  में सहायता, शिक्षा देता है और उचित पथ का मार्गदर्शन करता है | कमजोरियों और अवगुणों को दिखाता है | में बहुत भाग्यशाली हु की मैंने गोविन्द जैसा एक अच्छा मित्र पाया|वह मुझे मेरे स्कूल में मिला | हम दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते हैं | वह मृदुभाषी है और दयालुतापूर्ण तथा शिष्टाचारी व्यवहार करता है | वह कंप्यूटर का अत्यंत प्रेमी है | वह बहुत बुद्धिमान तथा हमेशा कक्षा में प्रथम आता है |

एक आज़ाकारी पुत्र – उसकी यूनिफार्म हमेशा साफ और स्वच्छ रहती है। वह । सभी शिक्षकों का बहुत सम्मान करता है तथा अपने माता-पिता की आज्ञा मानता है । । उसका शरीर बहुत अच्छा है। वह रोज व्यायाम करता है और सुबह जल्दी उठता है।

कठिन पश्रिमी और मेहनती – वह एक व्यावसायिक परिवार से जुड़ा हुआ है। लेकिन फिर भी वह अपने धन पर कभी घमण्ड नहीं करता। उसके माता-पिता और बहन सभी मृदुभाषी हैं। वह काम में नियमितता, कठिन परिश्रम और अच्छी आदतों से प्यार करता है।

उपसंहार – मैं अपने घनिष्ठ मित्र से बहुत प्यार करता हूं क्योंकि मेरा मित्र ठीक वैसा ही है जैसा मित्र के बारे में कहा गया है। मित्र वही जो वक्त पर काम आये। मेरा मित्र गोविन्द न सिर्फ मेरे वक्त पर काम ही आता है बल्कि वह जरूरत पड़ने पर किसी भी विषय पर मुझे उचित मार्गदर्शन भी देता है। मुझे अपने मित्र पर गर्व है।

मेरा प्रिय मित्र

निबंध नंबर : 02.

इंसान एक सामाजिक जानवर है। वह अकेला नहीं रह सकता। वह अपने जीवन की खुशियों तथा दु:खों को बाँटने के लिए एक साथी चाहता है। एक सच्चा दोस्त जीवन की जरूरत है। वह जीवन में औषधि का कार्य करता है। वह हर अच्छे-बुरे हालात में आपके कसाथ होता है। वह प्रेरणा का स्त्रोत होता है तथा जीवन में अच्छे काम करने के लिए आप को प्रोत्साहित करता है। इस प्रकार के मित्र आसानी से जीवन में नहीं मिलते। खुशकिस्मती से मेरे जीवन में एक ऐसा दोस्त है। उसका नाम गौरव है।

गौरव मेरा सहपाठी है। वह मेरी उम्र का है। वह एक अच्छे परिवार से सबध रखता है। उसके पिता जी डाक्टर हैं। उसकी माता जी एक कालेज में पढ़ाती हैं। वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है। वह अक्सर हमारे घर आता है। हम साथ मिलकर पढ़ाई भी करते हैं। वह एक मीठा बोलने वाला लड़का है। वह कभी किसी से झगड़ा नहीं करता। वह सभी दोस्तों की सहायता करता है। वह बड़ों की इज्जत करता है। अध्यापक भी उसकी बहत तारीफ करते हैं।

गौरव पढ़ने में बहुत अच्छा है। वह कक्षा में हमेशा अव्वल आता है। वह स्कूल के लिए बहुत पाबंद है। वह हमेशा नियमों का पालन करता है। वह अपने खाली पीरियड व्यर्थ नहीं करता। वह रोज़ाना पुस्तकालय जाता है। वह नई-नई पत्रिकाएँ पढ़ता है। उसको सदा नई जानकारियां होती हैं। वह सदा अपनी जानकारी सभी दोस्तों के साथ बाँटता है। वह प्रतियोगिताओं में अक्सर भाग लेता रहता है। उसने कई ईनाम भी जीते हैं। वह दिल तथा दिमाग से बहुत तेज़ है।

गौरव को खेलों की अहमियत भी पता है। इसलिए वह खेलों में भाग लेता है। वह क्रिकेट का अच्छा खिलाड़ी है। उसने कई क्रिकेट के टूर्नामैंट खेले हैं। क्रिकेट के खेल ने उसे समझदार और शांत बनाया है। उसके चेहरे पर सदा एक बच्चे जैसी मुस्कुराहट होती है। वह एक सच्चा मोती है। वह केवल अपने परिवार का ही नहीं बल्कि स्कूल का भी गर्व है। भगवान उसे अच्छा तथा तन्दरुस्त जीवन प्रदान करें।

निबंध नंबर : 03

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह कभी भी अकेला नहीं रह सकता। जीवन में सफल होने के लिए उसे सहयोग की आवश्यकता होती है। इसलिए वह अनेक लोगों से सम्पर्क बनाता है। ऐसे समय में उसके मित्र उसके लिए बहुत सहायक होते हैं। संसार में मित्रों की कमी नहीं। मित्र तो हर किसी को बनाया जा सकता है, परन्तु सच्चा मित्र बनाने के लिए बुद्धि का प्रयोग करना पड़ता है। सुख में तो सभी मित्र बन जाते हैं परन्तु सच्चा मित्र वही है जो विपत्ति में काम आता है। सच्चा मित्र मिलना बहुत कठिन है। धन्य है वह व्यक्ति जिसने सच्चा मित्र पा लिया है।

मोहन मेरा प्रिय मित्र है। उसका कद लम्बा, शरीर सुडौल है। वह सुन्दर और पूर्णतः स्वस्थ है तथा बड़े शान्त स्वभाव का एवं हंसमुख है। वह मेरे बचपन का साथी है। हम दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते हैं। वह गुणों का भंडार है। उसका हृदय उदार है। यदि मैं कोई गल्त काम करने लगूं तो मुझे समझा-बुझा कर सावधान कर देता है।

वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है। इसके पिता जी डाक्टर है और बहुत धनी हैं। फिर भी वह उनके धन का दुरुपयोग नहीं करता। उसके पिता पढ़ाई में उसकी सहायता करते हैं और वह अपने पिता के काम में सहायता करता है। उसके पिता जी ने उसे अच्छे संस्कार दिए हैं। इसलिए मोहन सदा सब की भलाई की बात सोचता है और सबकी भलाई करता है। इसीलिए डाक्टर साहब उसे बहुत प्रेम करते हैं और उस पर पूरा विश्वास करते हैं। मैं जब भी मोहन के घर जाता हूँ, वह मुझे बहुत प्यार करते हैं।

मोहन अपनी कक्षा का सबसे मेधावी और बद्धिमान छात्र है। वह श्रेणी में सदा प्रथम स्थान प्राप्त करता है। सभी अध्यापक उसका सम्मान करते हैं और पढ़ाई में उसकी सहायता करते हैं। वह स्कूल के दूसरे कार्यक्रमों में भी भाग लेता है। भाषण प्रतियोगिताओं, खेलों में प्रथम स्थान प्राप्त करके उसने स्कूल का नाम रोशन किया है।

उसमें समाज-सेवा की भावना भी विद्यमान है। वह गरीब बच्चों की पढ़ाई में सहायता करता है। अपनी कक्षा में वह उन बच्चों का मार्ग-दर्शन करता है जो पढाई में पीछे रह जाते हैं। वह हर किसी से स्नेहपूर्ण व्यवहार करके उनका मन जीत लेता है। उसका प्रेममय हृदय सबको लुभाता है।

वह अपने स्कूल की पत्रिका के लिए लेख भी लिखता है। ये लेख समाज तथा देश की पीड़ा को प्रकट करने वाले होते हैं। मुझे आशा है कि मेरा मित्र एक दिन समाज एवम् राष्ट्र की महान् सेवा करेगा। मुझे अपने मित्र पर गर्व है। भगवान् उसकी आयु लम्बी करे।

निबंध नंबर : 04

मित्र कौन?- मनुष्य जीवन-पथ पर अकेला चलने में कठिनाइयों का सामना करता है। उसे ऐसे व्यक्ति की खोज रहती है, जो उसके दुख-सुख, हर्ष-विषाद में साथ देनेवाला हो, जिस पर विश्वास किया जा सके। सच्चा मित्र अमूल्य निधि होता है। सच्चे मित्र की प्राप्ति से जीवन-रूपी उद्यान में वसंत की बहार आ जाती है। कविवर रामधारी सिंह दिनकर ने कहा है-

‘ मित्रता बड़ा अनमोल रत्न,

कब इसे तोल सकता है धन?’

सच्चा मित्र वही है, जो सदा मित्र का कल्याण सोचे, कुमार्ग से बचाए, सुमार्ग पर ले जाए तथा हर स्थिति में साथ दे, मित्र की परख विपत्ति या संकट की स्थिति में होती है।

मेरा प्रिय मित्र -मेरा सबसे प्रिय मित्र डेविड है। डेविड में एक सच्चे मित्र के सारे गुण मौजूद हैं। वह पढ़ने-लिखने में जितना तेज है, खेलकूद में भी उतना ही बढ़-चढ़कर भाग लेता है। वह शांत स्वभाव का तथा हँसमुख है। वह शिष्ट, भावुक, मेहनती एवं सबका प्रिय है। वह प्रतिभावान, विवेकशील, सच्चरित्र और विद्यालय के सभी  सहपाठियों एवं शिक्षकों का प्रिय है। उसका मेरे प्रति विशेष लगाव है। वह हर समय मेरी सहायता करता है। हम दोनों के माता-पिता हमारी मित्रता से प्रसन्न हैं।

डेविड जैसा मित्र सभी को नहीं मिलता है।

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Nice but difficult

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i agree man

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Ya but not so much difficult it’s easy 😎

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essay in hindi mera priya mitra

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध

हर उम्र और हर जगह पर, हमारे नएं नएं दोस्त बनते रहते हैं। घर के पास, स्कूल में,  कॉलेज में, ऑफिस में या समाज में हमारे कई मित्र होते हैं। जिस पर हम आंख बंद करके विश्वास कर सकते हैं और उसे अपने मन की हर बात बता सकते हैं। कोई भी समस्या आने पर हमें, सबसे पहले उसी की याद आती है। क्योंकि हमें विश्वास होता है कि, हमारा वही मित्र हमारा सही मार्गदर्शन करेगा। यहां हमने मेरा प्रिय मित्र पर कुछ निबंध प्रस्तुत किए हैं :

मेरा प्रिय मित्र पर छोटे एवं बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Best Friend in Hindi)

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध - My Best friend Essay in Hindi

प्रथम निबंध (150 शब्द)

मेरा नाम अजय है। मैं कक्षा 8 का विद्यार्थी हूं। मैं जय नारायण सरस्वती विद्या मंदिर बरेली में पढ़ता हूं। मेरा सबसे अच्छा मित्र आशीष है। वह हमारे पास रहने वाली हमारे पड़ोसी अंकल शर्मा जी का बेटा है। मेरी और आशीष की दोस्ती लगभग 7 साल पुरानी है। वह मेरा प्रिय मित्र है।

हम दोनों एक ही कक्षा में सहपाठी है। हम दोनों मित्र साथ-साथ विद्यालय जाते हैं आवश्यकता पड़ने पर हम एक दूसरे की पढ़ाई में मदद करते हैं। आशीष बहुत ही सरल एवं विनम्र स्वभाव का छात्र है। उसके बोलने का तरीका बहुत ही मधुर है जो हर किसी का आसानी से हृदय जीत सकता है यही कारण है कि वह मेरा परम मित्र है।

हम दोनों को क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है । रोज शाम को हम स्टेडियम में क्रिकेट खेलने जाते हैं। आशीष काफी होनहार और होशियार लड़का है । वह हमारी कक्षा में हमेशा प्रथम आता है। वह अपने माता पिता की सारी बातें मानता है। आशीष हर उठ कर अपने माता पिता की चरण स्पर्श करता है।

शारीरिक तौर पर भी वह काफी मजबूत है। वह प्रतिदिन सुबह उठकर व्यायाम करता है। मैं भी उसे अपने हृदय से पसंद करता हूं । कहा जाता है कि सच्चा मित्र भगवान का तोहफा होता है। मुझे हमारी मित्रता पर गर्व है।

द्वितीय निबंध (250 शब्द)

प्रस्तावना :.

मित्रों का हमारे जीवन में क्या महत्व है, यह हम सभी अच्छी तरह जानते हैं। हम सभी के मित्र होते हैं और मित्रों के साथ हम बहुत ज्यादा खुश भी रहते हैं। हम सभी अपने जीवन में बहुत सारे मित्र बनाते हैं और उनके साथ ही अपना ज्यादा समय बिताते हैं। लेकिन, फिर भी उनमें से एक दोस्त ऐसा होता है, जो हमें बहुत ज्यादा अच्छा लगता है।

  • मेरा प्रिय मित्र

मेरे बहुत सारे मित्र हैं। अजय भी मेरा मित्र हैं। वह मेरे सभी मित्रों में से मुझे सबसे ज्यादा अच्छा लगता है। वह भी मुझे बहुत पसंद करता है। वह मेरे घर के बिल्कुल पास में रहता है। हमारी दोस्ती बहुत पुरानी और गहरी है।

बचपन से ही हम साथ खेलते हैं। हम एक ही स्कूल में पढ़ते है, और रोज साथ साथ ही स्कूल जाते हैं।  पूरे मोहल्ले और स्कूल में हमारी दोस्ती बहुत प्रसिद्ध है। हम आपस में बहुत लड़ते भी है, लेकिन जल्दी ही फिर से एक हो जाते हैं।

वह मुझसे एक साल बड़ा है। अजय पढने में बहुत तेज है, इसलिए वह पढ़ाई में मेरी सहायता करता है। पड़ोसी होने के कारण हमारे माता-पिता में भी अच्छी मित्रता है। हम दोनों ही अपने माता-पिता की बात मानते हैं, और अच्छे बच्चों की तरह रहते हैं इसलिए वे भी हमारी दोस्ती से बहुत खुश हैं।

हमें सही मार्ग दिखाने वाला, मुश्किल में हमारा साथ देने वाला और हमारी बातों को सुनने और समझने वाला ही हमारा प्रिय मित्र यानी बेस्ट फ्रेंड होता है। जीवन में यदि सभी को मेरे मित्र जैसे अच्छे मित्र मिल जाएं, तो यह हमारे लिए बहुत ही अच्छी बात है। ऐसे मित्रों को हमेशा संभालकर रखें।

तृतीय निबंध (300 शब्द)

हम सभी बहुत से रिश्तों से जुड़े हुए होते हैं। और हर रिश्ता हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। दोस्ती का भी एक रिश्ता होता है, जो कि हर व्यक्ति के लिए बहुत ही खास होता है। हम अपने मित्र से, अपने मन की बात खुलकर कह सकते हैं। मित्र हमारे हर सुख और दुख का साथी होता है। एक अच्छा मित्र, हर समय हमारी मदद करने के लिए तैयार रहता है, और हमें हमेशा सही सलाह देता है। हम बहुत सी बातों के लिए, अपने मित्रों पर निर्भर होते हैं।

मेरा सच्चा मित्र

यूं तो, घर के आसपास और विद्यालय में, मेरे बहुत सारे मित्र हैं और मैं सभी को पसंद करता हूं। लेकिन उन सभी में से, दीपक मुझे सबसे ज्यादा अच्छा लगता है। दीपक भी मुझे बहुत पसंद करता है। दीपक एक समझदार और होनहार लड़का है।

वह पढ़ने में बहुत तेज है, इसलिए वह पढ़ाई में हमेशा मेरी मदद करता है। उसके साथ रहकर, मैंने बहुत अच्छी बातें सीखी है। मेरे मम्मी पापा को भी दीपक बहुत अच्छा लगता है। वह मुझे हमेशा दीपक के साथ रहने के लिए कहते हैं। वह मेरे घर के पास ही रहता है।

कभी कभी दीपक, गलती करने पर मुझे डांटता भी है और समझाता भी हैं। वह भी हर बात में मेरी सलाह लेता है। हम दोनों ही एक दूसरे के साथ बहुत खुश रहते हैं। सुबह हम साथ में स्कुल जाते हैं और शाम को, साथ में खेलते हैं और खुब मस्ती भी करते हैं। लेकिन खेलने के पहले अपना होमवर्क जरुर पूरा कर लेते हैं।

हम दोनों में कभी कभी छोटी मोटी लड़ाई भी हो जाती हैं, लेकिन हम जल्दी ही उसे सुलझा लेते हैं। दीपक और मेरी मित्रता, हमेशा ऐसी ही रहे और हम हमेशा एक दुसरे के मित्र बनें रहे यही मेरी भगवान से प्रार्थना है।

मित्र और मित्रता, हमारे जीवन में बहुत मायने रखते हैं। लेकिन मित्र बनाते समय हमेशा सोच समझकर ही मित्र बनाएं। एक अच्छा मित्र, हमें हमेशा बुराई से बचाता है और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

चतुर्थ निबंध (400 शब्द)

प्रस्तावना:.

हर व्यक्ति के जीवन में मित्र बहुत जरूरी होते हैं। मित्रों के बिना हमारा जीवन अधूरा सा होता है। मित्र हमारे सुख-दुख के साथी होते हैं, जिनके साथ हम अपनी हर बात कर सकते हैं। जरुरी नहीं है कि हमारे बहुत सारे मित्र हो, लेकिन कम से कम एक, अच्छा और सच्चा मित्र तो हर किसी की जिंदगी में होना ही चाहिए, क्योंकि एक सच्चा मित्र, हमारे जीवन का वह आधारस्तम्भ होता है, जो हमारे जीवन को आधार देकर, मजबूत बनाता है।

हमारी हर परेशानी को दूर करता है और हर परिस्थिति में हमारा साथ देता है। हमें सही गलत का अहसास कराने वाला भी हमारा सच्चा मित्र होता है, वह हमें गलत रास्ते पर जाने से रोकता है और हमारा सही मार्गदर्शन करता है।

मेरा मित्र, मेरी प्रेरणा

गौतम मेरा सबसे अच्छा मित्र हैं। हम दोनों को एक दूसरे के साथ समय बिताना अच्छा लगता है। हमारे और भी कई मित्र हैं। हम उन सब के साथ भी घुल-मिल कर रहते हैं। लेकिन हमारी दोस्ती सबसे अलग है। हम हमेशा एक दुसरे का साथ देते हैं। हमारी रुचियां अलग अलग है, लेकिन इससे हमारी दोस्ती पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।

उसे खेलकूद में रुचि है तो मुझे पढ़ाई करना अच्छा लगता है। वह बहुत अच्छा क्रिकेट खेलता है, और स्कूल की क्रिकेट टीम का कप्तान भी है। गौतम पढ़ने में थोड़ा कमजोर है इसलिए, मैं समय पर पढ़ाई में उसकी मदद करता हूं।

गौतम से मैंने बहुत सी अच्छी बातें सीखी है। वह अपने मम्मी पापा की हर बात मानता है और कभी भी उनसे बहस नहीं करता है। वह सबसे मिलजुल कर और प्यार से रहता है। अपनी क्रिकेट टीम में भी वह सबके साथ एक जैसा व्यवहार करता है, इसलिए टीम के सभी खिलाड़ी उसकी हर  बात मानते हैं।

गौतम के हंसमुख स्वभाव की वजह से, पढ़ाई में कमजोर होने के बावजूद, हमारे सभी शिक्षकों को वह बहुत प्रिय है। बड़ा होकर वह एक अच्छा खिलाड़ी या फिर एक शेफ बनना चाहता है और मैं साइंटिस्ट बनना चाहता हूं। हम दोनों के लक्ष्य अलग अलग है लेकिन हम एक दूसरे को आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करते रहते हैं।

हमारे कारण, हमारे मम्मी पापा की भी आपस में दोस्ती हो गई है। वे रोज तो नहीं मिलते हैं, लेकिन महिने में एक बार तो हम सभी खाने पर मिलते हैं। हमारी दोस्ती से, हमारे मम्मी पापा को भी खुशी होती है, और वे हमें हमेशा एक साथ रहने के लिए कहते हैं।

मेरा मित्र गौतम, बहुत ही मेहनती हैं। वह सुबह पांच बजे उठ जाता है और खेल की प्रेक्टिस करता है। हम दोनों के घर ज्यादा दूर नहीं है, इसलिए वह रोज मुझे भी अपने साथ जॉगिंग के लिए लेकर जाता है। इससे मेरा स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। उसकी मेहनत देखकर मुझे भी अपने लक्ष्य को पाने की प्रेरणा मिलती है। जिस तरह वह पूरी लगन और मेहनत से, अपने खेल पर ध्यान देता है, उससे प्रेरित होकर, मैं भी अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान देता हूं। मेरा मित्र गौतम, मेरा प्रिय मित्र ही नहीं, बल्कि मेरी प्रेरणा भी है।

हमारे जीवन की कुछ बातें ऐसी होती हैं, जिन्हें हम सबको नही बता सकते हैं। लेकिन मन में भी नहीं रखना चाहते हैं, ऐसे में हमें जरुरत होती है किसी ऐसे व्यक्ति की, जो हमारी बात सुने, समझें और उसे अपने तक ही सीमित रखें, यानी कि किसी को भी ना बताएं। तब हमें हमेशा हमारे प्रिय मित्र की याद आती है।

जीवन में गौतम जैसे मित्र कभी कभी मिलते हैं, जो आपके मित्र होकर आपकी प्रेरणा बन जाते हैं। ऐसे मित्रों का हमेशा सम्मान करना चाहिए और हमेशा उनके साथ रहना चाहिए।

आज आपने क्या सीखा ):-

यहां हमने आपको मेरा प्रिय मित्र पर छोटे तथा बड़े निबंध उपलब्ध कराए हैं। उम्मीद करते हैं आप यह सीख गए होंगे कि इस विषय पर निबंध कैसे लिखना है। यदि हमारे द्वारा लिखे गए यह निबंध आपके लिए उपयोगी साबित हुए हैं तो अपने मित्रों के साथ SHARE करना ना भूले।

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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध / My Best Friend Essay in Hindi / Mera Priya Mitra par Nibandh 

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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध / My Best Friend Essay in Hindi / Mera Priya Mitra par Nibandh 

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध Mera Priya Mitra par Nibandh Hindi Essay on my best Friend

🗣️  मेरा प्रिय मित्र पर निबंध ( Mera Priya Mitra par Nibandh) पर यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए और अन्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लिखा गया है।

संसार के सभी संबंधों में मित्रता का संबंध बहुत सुंदर होता है। यह किसी भी पद, पहचान या धन पर निर्भर नहीं होता। हम जानते हैं कि श्रीकृष्ण ने एक महाराजा होते हुए भी अपने बचपन के मित्र सुदामा को आदर और सत्कार दिया था। मैं अमित हूँ और इस निबंध में अपने प्रिय मित्र सौरभ के गुणों और हमारी मित्रता पर कुछ बातें साझा करूंगा। जिस तरह कृष्ण ने अपनी मित्रता को हमेशा पवित्र बनाकर रखा, वैसे ही मैं भी हमारी मित्रता को अच्छा बनाने की कोशिश करता हूँ।

सौरभ के विशेष गुण

सौरभ में कई उल्लेखनीय गुण हैं। फिर भी सौरभ के कुछ गुण मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। वह मेरी ही कक्षा में पढ़ता है। वह पढ़ाई में होशियार है। हमारे शिक्षक सौरभ को बहुत पसंद करते हैं। वह प्रतिवर्ष वार्षिक परीक्षा में प्रथम स्थान पर आता है। उसे इतिहास और अंग्रेजी पढ़ने में काफी रुचि है। विद्यालय आते समय वह अपने माता-पिता के नियमित चरण स्पर्श करता है। हमारे विद्यालय के परिसर में स्थित मंदिर में वह भगवान से आशीर्वाद भी लेता है। पिछले माह उसे एक कला प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करने के लिये पुरस्कार भी मिला था, अत: वह कला का भी एक अच्छा छात्र है।

सौरभ के व्यवहार से हम सभी मित्र संतुष्ट रहते हैं। किसी भी विपदा के समय सौरभ हर किसी की सहायता के लिये तैयार रहता है। उससे हमें काफी सारी चीजें सीखने को मिलती हैं। मेरे माता-पिता भी सौरभ के साथ मेरी संगति को सराहते हैं। हम दोनों मित्र गलत कामों और बुरे लोगों से दूर रहते हैं। सौरभ मुझे परीक्षा से पूर्व सभी विषयों की तैयारी करने में मदद भी करता है। वह मेरे हित के लिये मेरी गलतियाँ बताता है और उन्हें सुधारने में सहायता करता है।

हमारी मित्रता की कुछ घटनाएं

सौरभ और मेरी मित्रता की शुरुआत कक्षा 6 से हुई थी। हम दोनों इस विद्यालय में नये छात्र थे। अन्य छात्रों की तुलना में मैं सौरभ के साथ समय बिताना पसंद करता था। धीरे-धीरे हमारी मित्रता घनिष्ठ होती गई। अब हम कक्षा नौ में साथ पढ़ रहे हैं, इस बीच अब तक हमारे बीच न कोई झगड़ा हुआ, न ही कोई मनमुटाव। 

एक बार विद्यालय से जाते हुए कुछ आवारा लड़कों ने मुझे परेशान करना शुरु किया। जब सौरभ ने मुझे देखा तो उसने पास खड़ी पुलिस से सहायता माँगी। पुलिस ने उन लड़कों को डाँटकर वापस भेज दिया। हम दोनों ने पुलिस का धन्यवाद किया। इस तरह सौरभ ने अपनी सूझ-बूझ से मुझे उन लड़कों से बचाया। मैंने भी सौरभ का शुक्रिया अदा किया और हमारी मित्रता को ऐसे ही बरकरार रखने का वादा किया।

सच्ची मित्रता

सच्चे मित्र बहुत ही कम होते हैं। बिना किसी लालच और घृणा के मित्रता निभाने वाले ही सच्चे मित्र होते हैं। सौरभ और मैं भी वैसे ही सच्चे मित्र हैं। हम दोनों हमेशा एक दूसरे को आवश्यकता होने पर मदद करते हैं। एक दूसरे के लक्ष्यों की प्राप्ति में भी हम सहायता करते हैं और प्रेरणा देते हैं। एक सच्चे मित्र की पहचान होती है कि वह हमेशा अपने मित्र की भलाई के लिये ही सोचता है। 

सौरभ और मेरी मित्रता सच्ची मित्रता है। हमारे परिवार के जन भी इसका समर्थन करते हैं। एक मित्र के रूप में सौरभ जैसा मित्र मिलना बहुत सौभाग्य की बात है। इसीलिये मैं स्वयं पर गर्व अनुभव करता हूँ कि मेरा मित्र सौरभ है। आप भी हमेशा अपनी मित्रता को सच्चा बनाने का प्रयास करें।

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My Best Friend Essay in Hindi मेरा प्रिय मित्र पर निबंध 

मेरे घर के आस-पास और विद्यालय में मेरे कई सारे मित्र हैं लेकिन मेरे प्रिय मित्र का नाम विक्की है। 

वह अपने स्वभाव और कर्मठ कार्य के लिए जाना जाता है। उसका नाम विक्की उसके कर्मों पर ही प्रेरित होता है। मेरा प्रिय मित्र विक्की दिन-ब-दिन विकास के पद चिन्ह पर बढ़ रहा है। दुनिया में हर किसी का एक दोस्त होता है और ऐसे ही Mera Priya Mitra भी है। विक्की लगभग मुझसे एक माह बड़ा है। जिस कारण विक्की मेरे काफी ज्यादा नजदीक है। मुझे मेरे मित्र विक्की के साथ एक अलग ही अद्भुत सहायता और सुरक्षा महसूस होती है। My Best friend essay in hindi में आपको इसके बारे में आगे और जानकारी मिलेगी तो Mere Priya Mitra Par Nibandh ज़रूर पढ़ें। 

हमारी मित्रता का आरंभ – Mere Priya Mitra par Nibandh

मेरे प्रिय मित्र विक्की की जिंदगी काफी ज्यादा जटिल है। आपको बताएं तो मेरी और विक्की की मित्रता हमारे विद्यालय में कक्षा 6 में हुई। कक्षा 6 से लेकर आज तक मेरे और मेरे मित्र विक्की की मित्रता अटल रही है। आज हमारी मित्रता को 9 साल पूरे हो चुके हैं। वैसे देखा जाए तो साइकोलॉजी फैक्ट के अनुसार जिन लोगों की दोस्ती को 7 साल पूरे हो जाते हैं, उस दोस्ती में दरार आने के चांस बहुत कम है। मेरा मित्र विक्की और मै कहीं भी जाते थे तो पूरा का पूरा विद्यालय हमारी जोड़ी को देख कर हैरान हो जाता था। हमारी जोड़ी को लोग जय और वीरू के साथ कृष्ण और सुदामा की जोड़ी भी कहते थे। इसलिए इस लेख में हम Mera Priya Mitra Par Nibandh वो भी Mera Mitra in Hindi में लेकर आये है।

मेरे मित्र के जटिल जिंदगी

मेरा मित्र एक बेहद ही गरीब परिवार से आता है। उसकी जिंदगी में कई ऐसे मोड़ आए जिस कारण वह अपने आप को बदकिस्मत समझने लगा। दरअसल मेरे मित्र विक्की के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए जिसमें उसकी जिंदगी का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पल जब उसने मुझे साझा किया तो मेरी आंखों में भी आंसू आ गए। वह पल बहुत ही ज्यादा इमोशनल था। उसने ने मुझे बताया कि उसकी मां का देहांत बचपन में 2 वर्ष की उम्र मे ही हो गया। इस कारण उसके नसीब में मां की ममता देखने को नहीं मिली। तो वहीं जब मां का देहांत हुआ तो विक्की के पिता ने विक्की को आश्रम छोड़ दिया। जिसके पीछे का कारण लाचार फाइनेंसियल कंडीशन था। मेरे मित्र विक्की के चार भाई बहन थे, जिसमें एक बहन का देहांत जन्म के कुछ समय बाद ही हो गया। तो विक्की की दोनों बहनों की शादी हाल ही में हुई है। 

मेरे मित्र को मिली दूसरी जिंदगी

मेरे मित्र विक्की को उसके पिता ने आश्रम में 5 वर्ष की उम्र में पढ़ाई लिखाई के लिए छोड़ दिया। तो विक्की को एक नई जिंदगी का रूप मिला। जहां पर विक्की को कई भाई-बहन मिले तो वही एक नए माता-पिता का भी साथ मिल गया। वैसे मेरे मित्र विक्की की जिंदगी बिल्कुल भगवान कृष्ण की तरह थी। जहां जन्म किसी और ने दिया तो वही पालन पोषण किसी और ने किया। धीरे-धीरे जब विक्की बड़ा होता गया तो विक्की जिंदगी को समझने लगा। विक्की ने आश्रम में अपने माता पिता को काफी ज्यादा याद किया। कभी-कभी अपने आश्रम के साथियों के साथ लड़ाई झगड़े में माता-पिता की याद विक्की को बहुत आई। लेकिन विक्की के हौसले को सलाम करना चाहिए। 

हमारी रुचियां

मेरे मित्र विक्की और मेरी रूचि काफी ज्यादा सामान्य थी। मेरा मित्र विक्की काफी ज्यादा इंटेलिजेंट था। हम दोनों को पढ़ाई में काफी ज्यादा दिलचस्पी थी। दोनों मिलकर साथ पढ़ते थे और अपने साथियों की पढ़ाई में मदद भी करते थे। विक्की और मुझे दोनों को क्रिकेट में काफी ज्यादा रुचि थी। हम दोनों एक साथ खेलते और एक साथ खाना खाते थे। हालांकि 10वी की परीक्षा में हम दोनों ने बेहतर अंकों के साथ अगली कक्षा में उन्नति करी। लेकिन यहां पर विक्की को मुझ से थोड़ा दूर होना पड़ा। मैंने विज्ञान वर्ग में एडमिशन लिया तो विक्की ने वाणिज्य वर्ग में अपना एडमिशन कराया। लेकिन हम दोनों मौका देखते ही साथ में रहते थे। मेरे और विक्की के बीच मित्रता को देख बाकी लोग हमें भाई समझते थे। हालांकि हम दोनों अलग-अलग गर्भ से पैदा हुए हैं लेकिन हमारे बीच स्वभाव और नजदीकियों को देख हर कोई कह देगा कि हम दोनों भाई है। 

कुछ महत्वपूर्ण यादें

मैं और विक्की मिलकर काफी ज्यादा पढ़ाई पर ध्यान देते थे। लेकिन मौका मिलते ही हम दोनों खूब हंसी मजाक कर अपने दुखों को सुख में तब्दील करते थे। हम दोनों के बीच आज तक कभी भी लड़ाई नहीं हुई। हालांकि कभी-कभी मनमुटाव होता था, लेकिन हम दोनों का रिश्ता ही ऐसा था कि 2 दिन के बाद ही हमें हमारी गलती का एहसास हो जाता था। एक किस्सा मुझे आज भी याद है जब मैं किसी और दिशा में भटक रहा था तो मेरे मित्र विक्की ने मुझे सही रास्ता दिखा कर मेरा मार्गदर्शन किया। ठीक इसी प्रकार विक्की को जब भी किसी भी चीज की आवश्यकता पड़ी तो मैंने विक्की का भरपूर सहयोग किया। परंतु एक याद ने हम दोनों को काफी ज्यादा तोड़ दिया।

 दरअसल यह बात 12वीं कक्षा की है हम दोनों एग्जाम दे रहे थे। जहां विक्की की बहन की शादी थी लेकिन विक्की सम्मिलित नहीं हो पाया, जिसके कारण विक्की अंदर से काफी ज्यादा टूट गया। और उस को रोता देख मेरी भी आंखों से आंसू निकल गए। आज मेरे मित्र की पूरी जानकारी आप mera mitra essay in hindi मे जान चुके है। 

मेरे मित्र के गुण

मेरे मित्र में अवगुण बिल्कुल भी नहीं है लेकिन गुणों की बात करें तो विक्की के अंदर इतने गुण थे, जिनको बयां कर पाना नामुमकिन है। विक्की एक होनाहर, समझदार एवं तार्किक व्यक्ति था। विक्की लड़ाई झगड़े से काफी ज्यादा दूर रहता था। इसके अलावा विक्की की सबसे बड़ी बात यह थी कि विक्की प्रत्येक व्यक्ति को दोस्त बनाता था, और किसी के साथ विक्की का मनमुटाव नहीं था। इसके अलावा विक्की में घमंड तो बिल्कुल भी नहीं है। आज हम दोनों काफी बड़े हो चुके हैं लेकिन हम दोनों समय देखकर जरूर मिलते हैं। 

प्रिय मित्र का महत्व – Best friend Importance in hindi

जीवन में एक ऐसे व्यक्ति की सभी को आवश्यकता होती है जिसके आने से ज्यादातर परेशानियां दूर हो जाए। उसी स्थिति में सृष्टि में प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में मित्र को जरूर शामिल किया जाता है। मित्र सिर्फ मित्र ही नहीं बल्कि एक भाई की तरह होता है। जो व्यक्ति को प्रत्येक तरीके से संभाल सकता है। मित्र के अंदर प्रेम क्रोध और समझ सब कुछ होता है। मित्र को आप अपनी सभी बातें बता सकते हैं। हिंदू धर्म में मित्र को एक अलग उपाधि दी गई है। मित्र के कई उदाहरण भी हैं जहां कृष्ण और सुदामा की दोस्ती को दुनिया याद करती है। और my best friend in hindi को पढ़कर आप भी अपने दोस्त को याद जरूर करेंगे।

मैने अपने बड़े भाई समान दोस्त से बहुत सारे गुण सीखे हैं। इतना निस्वार्थ समझदार और प्यारा मित्र भगवान सभी को दे। विद्यालय और घर पर सब सदस्यों को उस पर मान है। वो बड़ा हो कर सभी का नाम रोशन करेगा। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि मेरे प्रिय मित्र की सारी मनोकामाएं पूरी हो, उसकी जिंदगी से दुख दूर हो जाएं। वो हमेशा सुखी रहे और उसे अपने लक्ष्यों को पाने की शक्ति मिलती रहे।

इसी के साथ मेरे प्यारे मित्र पर निबंध समाप्त होता है। मुझे आशा है आपको निबंध mera pyara mitra par nibandh in hindi / My Best Friend Essay in Hindi पसंद आया होगा। धन्यवाद।। 

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विनम्र अनुरोध:

इस तरह “ मेरा प्रिय मित्र पर निबंध ( Mera Priya Mitra par Nibandh / My Best Friend Essay in Hindi) ” यहीं पूरा होता है। हमने अपना सर्वश्रेष्ठ देते हुए पूरी कोशिश की है कि इस हिंदी निबंध में किसी भी प्रकार की त्रुटि ना हो। फिर भी यदि आप को इस निबंध में कोई गलती दिखती है तो आप अपना बहुमूल्य सुझाव ईमेल के द्वारा दे सकते है। ताकि हम आपको निरन्तर बिना किसी त्रुटि के लेख प्रस्तुत कर सकें।

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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध – Mera Priya Mitra Essay in Hindi

Mera priya mitra par nibandh.

मेरे घर के आस-पास और विद्यालय की कक्षा में बहुत सारे मित्र हैं परन्तु मेरे सबसे प्रिय मित्र का नाम वरदान है। वो अपने अच्छे स्वभाव और बहुत से गुणों की वजह से बिलकुल नाम की तरह अपने परिवार और मित्रों के लिए वरदान ही है। वो मुझसे एक साल बड़ा है और बिलकुल मेरे बड़े भाई और दोस्त की तरह हर समय मेरी सहायता और सुरक्षा के लिए तैयार होता है। 

हमारी मित्रता का आरम्भ

Mera Priya Mitra

वरदान हमारे मकान मालिक का सबसे बड़ा बेटा है। कुछ वर्ष पहले पिता जी की ट्रांसफर के सिलसिले में हम इनके घर किराए पर रहने लगे। तबसे हमारा मित्रता का रिश्ता गहरा होता गया। हमारा परिवार मकान मालिक के परिवार जितना अमीर नहीं था परन्तु वरदान ने कभी अपने बाकी मित्रों और मुझ में अंतर नहीं किया। वो शहर के बड़े स्कूल में पड़ता था और मैं छोटे से सरकारी स्कूल में। उसके बहुत मित्र घर आया जाया करते थे परन्तु वो सबको बहुत गर्व से मुझ से मिलाया करता था। वह एक कक्षा आगे था इसलिए अपनी किताबें भी मुझे दे दिया करता था और पढ़ाई में सहायता करता था। 

हमारी रुचियाँ

हमारी सारी रुचियाँ लगभग समान थी। विद्यालय से बाद हम अपनी गली में खेलने जाते हैं। हम गली की एक ही क्रिकेट टीम में थे और जब इकठ्ठे बल्लेबाजी करते थे तो हमें हराना मुश्किल हो जाता था। बहुत लोग हमारी मित्रता से जलते थे और हमें एक दूसरे के लिए भड़का कर लड़ाई करवाना चाहते थे परन्तु हमें एक दूसरे पर पक्का भरोसा था। वो अपने खिलोने और वीडियो गेम्स भी मुझे खेलने को देता है। हम दोनों को काल्पनिक नॉवेल पढ़ना पसंद था इसलिए हम वो भी मिल जुल कर पढ़ा करते थे, और बाद में उसकी कहानी के बारे में विस्तार में चर्चा किया करते थे। इससे हमारी जानकारी भी बढ़ती थी और मनोरंजन भी होता था। 

जब हमारी किराए वाली मंज़िल पर बिजली चली जाती तो वरदान मुझे एक साथ टीवी देखने के लिए अपने कमरे में ले जाता। हम खूब बातें करते और अपने मन पसंद कॉमेडी नाटक देख कर खूब हंसते। वरदान को मेरी मां के हाथ के राजमा चावल बहुत पसंद थे इसलिए जब भी मां खाने में को बनाती, वो दौड़ कर हमारी मंज़िल पर खाना खाने आ जाता। वो मेरी मां का भी बहुत आदर करता था और घर में सबका दिल लगा के रखता था। 

सहायता का एक किस्सा

बड़ी कक्षा कि अच्छी पढ़ाई के लिए मैं भी वरदान के स्कूल में चला गया। मेरे पढ़ाई में नंबर अच्छे आने कि वजह से शुल्क में छात्रवृत्ति मिल जाया करती थी। वरदान के इस विद्यालय के विद्यार्थियों को हर वर्ष किसी ना किसी एक दो दिन के लिए शिक्षात्मक यात्रा पर ले कर जाता था। इस बारी उन्हें बहुत बड़ी विज्ञान नगरी दिखाने ले कर जाया जा रहा था और वरदान अच्छे से जानता था कि मुझे विज्ञान में कितनी रुचि है और उस विज्ञान नगरी को देखना मेरा सपना था। वह यह भी जानता था कि हमारे घर का खर्च पिता जी की आमदनी से पूरा पूरा ही निकलता था। इसलिए जब यात्रा से दो दिन पहले मेरा उदास चेहरा देखा तो वो समझ गया की मेरी क्या समस्या है। 

वो झट से अपने कमरे में दौड़ा और अलमारी से अपनी गुल्लक निकाल कर पैसे गिनने लगा। यात्रा के लिए विद्यालय में दो हज़ार रुपए जमा करवाने थे। वरदान ने अपनी गुल्लक से पैसे निकाल कर अगले दिन अध्यापिका को दे दिए और मेरा नाम भी यात्रा में जाने वाले बच्चों में लिखवा दिया। यह सब करने के बाद उसने मुझे बताया कि में भी अगले दिन यात्रा पर उसके साथ जा रहा हूं। मैंने भावुक हो कर उसे गले लगा कर उसका शुक्रिया किया। 

मेरे मित्र के गुण

वरदान एक बेहतरीन मित्र होने के साथ साथ एक बेहतरीन बेटा भी है। वो अपने मां बाप और मेरे मां बाप का समान आदर करता है। वो अपने से बड़ों से बहुत निम्रता और सम्मान से बात करता है। वो किसी के साथ लड़ाई झगड़ा नहीं करता और सबके साथ प्रेम से रहता है। वो कभी धैर्य नहीं खोता और बिलकुल निस्वार्थ है और अपने सारे खिलोने और किताबों को बाकियों साथ मिल बांट कर उपयोग करता है। वो प्रकृति से भी बहुत प्यार करता है, और हम सुबह प्रातः काल की सैर करने इकठ्ठे जाते हैं। 

उसमें किसी बात का कोई घमंड नहीं है और कोई दिखावा नहीं करता। उसको बाहर के खाने से अच्छा मेरी मां का हाथ का खाना लगता है। कहा जाता है कि सच्चा मित्र वही जो मुसीबत के समय काम आए। यदि कभी किसी की भलाई या सहायता का मौका मिले तो वो पीछे नहीं हटता। मैने उससे यह भी सीख ली है की अपने लक्ष्य ज़रूर निर्धारित करो और उन्हें पूरा करने के लिए प्रयास भी करते रहो, और हार से कभी निराश मत हो। 

मैने अपने बड़े भाई समान दोस्त से बहुत सारे गुण सीखे हैं। इतना निस्वार्थ और प्यारा मित्र भगवान सब को दे। विद्यालय एवम् घर पर सब सदस्यों को उस पर मान है। वो बड़ा हो कर सबका नाम रोशन करेगा। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि मेरे प्रिय मित्र की सारी मनोकामाएं पूरी हो, वो हमेशा सुखी रहे और उसे अपने लक्ष्यों को पाने की शक्ति मिलती रहे।

इसके साथ ही – Mera priya mitra par nibandh समाप्त होता है। आशा करते हैं कि यह आपको पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य कई निबंध पढ़ने के लिए हमारे आर्टिकल – निबंध लेखन को चैक करें।

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Hindi Essay on “Mera Priya Mitra ”, “मेरा प्रिय मित्रा”, Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

मेरा प्रिय मित्रा

Mera Priya Mitra 

अतुल सही अर्थों में अतुलनीय है। वह मेरा प्रिय मित्र है।

हम पहली कक्षा से साथ-साथ पढ़ते आए हैं। तभी से हमारी अच्छी मित्रता हो गई है।

अतुल बहुत अच्छा लड़का है। वह सभी से प्रेम और आदर से बात  करता है। हमारी भी आपस में कभी लड़ाई नहीं हुई। अतुल पढ़ाई ‘ में चुस्त और अध्यापकों का भी प्रिय है। वह खेल-कूद में भी आगे  रहता है।

अतुल सदा अपनी चीजें मुझसे बाँटता है और पढ़ाई में मेरी सहायता। करता है। अतुल के साथ रहकर मैंने भी खेल-कूद का महत्त्व समझ लिया है। हम पाठशाला के बाद नियमित रूप से घुड़सवारी के लिए जाते हैं।

मेरे माता-पिता भी अतुल को बहुत पसंद करते हैं। पिता जी कहते हैं कि अच्छी संगति से ही हम आगे बढ़ सकते हैं।

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My Best Friend Essay In Hindi

मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – My Best Friend Essay In Hindi

मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – essay on my best friend in hindi.

संकेत-बिंदु –

  • मित्र-एक अनमोल धन
  • सच्चे मित्र की पहचान
  • सच्ची मित्रता के उदाहरण

मेरा मित्र / मेरा सच्चा मित्र / मित्र की आवश्यकता पर निबंध – Mera Mitr / Mera Sachcha Mitr / Mitr Kee Aavashyakata Par Nibandh

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न  हिंदी निबंध  विषय पा सकते हैं।

भूमिका – मनुष्य के जीवन में दुख-सुख आते-जाते रहते हैं। सुख के पलों को वह बड़ी आसानी से बिता लेता है, पर दुख के पल बिताना कठिन हो जाता है। ऐसे समय में उसे ऐसे व्यक्ति की ज़रूरत महसूस होती है जो दुख में उसका साथ दे, उसका दुख बाँट ले। दुख की बेला में साथ निभाने वाला व्यक्ति ही सच्चा मित्र होता है।

My Best Friend Essay In Hindi

मित्र एक अनमोल धन – एक सच्चा मित्र ही व्यक्ति के दुख में काम आता है, अतः वह अनमोल धन से भी बढ़कर होता है। मित्र रूपी यह धन किसी को मिलना कठिन होता है। जो लोग भाग्यशाली होते हैं, उन्हें ही सच्चे मित्र मिल पाते हैं। सच्चा मित्र उस औषधि के समान होता है जो उसे पीड़ा से बचाता है। इतना ही नहीं वह अपने मित्र को कुमार्ग से हटाकर सन्मार्ग की ओर ले जाता है और उसे पथभ्रष्ट होने से बचाता है।

Essay On My Best Friend In Hindi

सच्चे मित्र की पहचान – सच्चे मित्र की पहचान करना बड़ा कठिन काम होता है। किसी व्यक्ति में कुछ गुणों को देखकर लोग उसे मित्र बना बैठते हैं। ऐसे मित्र बुरा समय आने पर उसी तरह साथ छोड़ जाते हैं, जैसे-जाल पर पानी मछलियों का साथ छोड देता है। ऐसे में हमें जल जैसे स्वभाव वाले व्यक्ति को मित्र बनाने की भूल नहीं करनी चाहिए। कवि रहीम ने ठीक ही कहा है –

जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह। रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छोड़त छोह।

सच्चे मित्र की पहचान विपत्ति के समय ही होती है। कवि रहीम ने कहा है –

कह रहीम संपत्ति सगे, बनत बहुत बहु रीत। विपति कसौटी जे कसे. तेईं साँचे मीत।।

कवि तुलसीदास ने भी कहा है कि विपत्ति के समय में मित्र की परीक्षा करनी चाहिए –

आपतिकाल परखिए चारी। धीरज, धरम, मित्र, अरु नारी।।

सच्ची मित्रता के उदाहरण – इतिहास में अनेक उदहारण हैं, जब लोगों ने अपने मित्र के साथ सच्ची मित्रता का निर्वाह किया। उनकी मित्रता दूसरों के लिए आदर्श और अनुकरणीय बन गई। इस क्रम में कृष्ण और सुदामा की मित्रता विशेष रूप से उल्लेखनीय है। श्रीकृष्ण और सुदामा की स्थिति में ज़मीन आसमान का अंतर था। कहाँ कृष्ण द्वारिका के राजा और कहाँ सुदामा भीख माँगकर जीवन यापन करने वाले ब्राह्मण। कृष्ण ने ‘कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली’ की लोकोक्ति झुठलाकर सुदामा को इतना कुछ दिया कि उन्हें अपने समान बना दिया और सुदामा को इसका पता भी न लगने दिया।

दूसरा उदाहरण श्रीराम और सुग्रीव का है। श्रीराम ने सुग्रीव की मदद की और सुग्रीव ने अंत समय तक श्रीराम की सहायता की, जबकि राम अयोध्या के राजा और सुग्रीव मामूली से वानर राज।

इसी तरह कर्ण और दुर्योधन की मित्रता का उदाहरण उल्लेखनीय है। कर्ण जानता था कि दुर्योधन का साथ देने के कारण उसे अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ेगा, परंतु अपनी जान की परवाह न करके उसने दुर्योधन का साथ निभाते हुए प्राण दे दिया।

उपसंहार –  जीवन में किसी का मित्र बनना जितना कठिन है, उससे भी अधिक कठिन है मित्रता का निर्वाह करना। हमें मित्र बनकर सच्ची मित्रता का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। हमें मित्र के सुख में सुख और उसके दुख को अपना दुख समझना चाहिए। कहा भी गया है

जे न मित्र दुख होंहि दुखारी। तिनहिं बिलोकत पातक भारी।।

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध – Essay on my best friend in Hindi

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (Essay on my best friend in Hindi): मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है. उसे अपने व्यक्तित्व को विकसित करने के लिए परिवार और समाज की सहानुभूति और सहयोग की आवश्यकता है. वह अपने जीवन में कई लोगों के संपर्क में आता है. उनमें से कुछ के व्यवहार और लक्ष्य हैं जो उनके स्वयं के व्यवहार और लक्ष्य से मेल खाते हैं. समय के साथ, उनके साथ स्नेह और अंतरंगता बढ़ती जाती है और उससे मित्रता का जन्म होता है. दोस्तों के बिना जीवन बेकार है. बिना शर्त दोस्ती इंसान के दिल में करुणा जगाती है. तो चलिए हमारे मुख्य लेख की ओर बढ़ते है जो है मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (My best friend essay in Hindi) .  

भूमिका 

प्रत्येक मानव की जीवन रूपी राह में कितने ही लोग उसके संपर्क में आते हैं और बिछुड़ते रहते हैं. संपर्क में आने वाला प्रत्येक व्यक्ति उसका मित्र नहीं बन सकता. मित्र वही बनता है जिस व्यक्ति से प्रेम घनिष्ठ होता है. प्रेम भी छोटे-बड़े कई व्यक्तियों से होता है परन्तु वे सारे मित्र नहीं कहलाते हैं. मित्रता प्रायः समान आयु, समान विचार धारा, समान पेशे के लोगों से ही होती है. इसी दृष्टी से मेरे कई मित्र हैं. कुछ लड़के मेरे पड़ोस में रहने वाले हैं, कुछ मेरे साथ पढ़ने वाले, कुछ मेरे साथ खेलने वाले मेरे मित्र हैं. लेकिन सलीम मेरा सबसे प्रिय मित्र है. में और वह समान विचारधारा के हैं. हम दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते हैं. यद्यपि वह मुसलमान है, में हिन्दू हूँ परन्तु उसका और मेरा दिल एक है.  

मेरे मित्र का परिचय

मेरा मित्र सलीम एक कुलीन परिवार से सम्बन्ध रखता है. वह हमारे निकटस्थ कालोनी में निवास करता है. उसके पिताजी एक राजकीय विद्यालय में अध्यापक हैं. वे मेरे पिता जी के सच्चे मित्र हैं. हमारे घर पर प्रायः आते रहते हैं. उनका परिवार व हमारा परिवार परस्पर चिर-परिचित है. सलीम की बहिन मुझे रक्षा बंधन के दिन राखी बांधती है इसलिए वह मेरी धर्म की बहिन है. उसकी माता जी एक सुशील नारी हैं. वह मुझे सदैव अपने पुत्र की तरह प्यार करती हैं. हम दोनों परिवार एक दूसरे के सुख-दुःख में सक्रिय भाग लेते हैं. सलीम मेरे समान विचार, समान आयु व समान पेशा का मित्र है क्यूंकि हम दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते हैं. सब बातों को ध्यान में रखते हुए सलीम जैसे मित्र को पाकर में खुश हूँ.

mera priya mitra par nibandh

मेरे मित्र की अभिरुचि

हम दोनों मित्रों की रूचि लगभग समान है. फिर भी कई मामलों में उसकी रूचि मेरे से भी अधिक रहती है. इसलिए वह हमेशा हर कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर उत्तीर्ण होता है और में द्वितीय स्थान लेकर उत्तीर्ण होता हूँ. खेल-कूदों में प्रायः उसकी और मेरी रूचि समान है. हम दोनों अधिकतर क्रिकेट पसंद करते हैं. वैसे हम अन्य खेलों में भी भाग लेते हैं. संगीत में उसकी विशेष अभिरुचि है और में फिल्मी गीत पसंद करता हूँ. उसको संगीत के राग-रागनियों का अच्छा ज्ञान है. वह एक बुद्धिमान छात्र है. सादा जीवन व सादा पहनावा उसको पसंद है. वह एक हंसमुख व मिलनसार लड़का है. उसके मधुर व्यवहार से अध्यापक व छात्र सभी खुश रहते हैं.

परस्पर व्यवहार                    

हम दोनों की मित्रता हिन्दू-मुस्लिम एकता की प्रतीक है. हम एक दूसरे के त्यौहार में खुलकर भाग लेते हैं. ईद के अवसर पर हम उसके घर पर बधाई देने जाते हैं और एक दुसरे के गले मिलते हैं. उसके घर बने पकवानों को खाते हैं. ईद के दिन वे हमारे घर पर मिठाई  देते हैं. इसी प्रकार हमारे त्योहारों होली और दीवाली पर वे हमारे घर आकर बधाई देते हैं और गले मिलते हैं. दीपावली पर में उनके घर मिठाई देने जाता हूँ. रक्षा बंधन पर उसकी बहिन मेरे राखी बांधती है और मेरी बहिन उसके राखी बांधती है. हम एक दूसरे के शुभ कार्यों में सक्रीय भाग लेते हैं और एक दूसरे को पूरा सहयोग देते हैं.

सलीम जैसे मित्र को पाकर में अत्यंत खुश हूँ. हम दोनों अभिन्न मित्र हैं. में आशा करता हूँ कि विषम परिस्थितियों में भी उसकी और मेरी मित्रता सदा कायम रहेगी बल्कि निरंतर बढ़ती जायेगी. मित्रता बनानी सरल होती है परन्तु उसको सदा के लिए निभाना कठिन होता है.

मेरा प्रिय मित्र पर 10 लाइन

  • मेरा प्रिय मित्र का नाम रोशन दास है.
  • वह मेरा पड़ोसी है.
  • हम दोनों एक ही स्कूल में और एक कक्षा में पढ़ते हैं.
  • उनके पिता एक शिक्षक हैं और वह मेरे पिता के अच्छे दोस्त भी हैं.
  • हम दोनों की सोच लगभग एक जैसी है.
  • उसका पसंदीदा खेल क्रिकेट है और मेरा भी.
  • वह पढ़ाई में मुझसे बेहतर है और उसका पसंदीदा विषय गणित है.
  • पढ़ाई और क्रिकेट के अलावा उसे डांस करना भी पसंद है.
  • वह बहुत दयालु है.
  • रोशन जैसा दोस्त मिलना आसान नहीं है.

आपके लिए :-

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मित्रता ईश्वर का सबसे बड़ा उपहार है. दो शरीरों के बीच एकमात्र सच्ची आत्मा उपस्थित ही सच्ची मित्रता है. तो ये था मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (My best friend essay in Hindi ). उम्मीद है की ये निबंध आपको पसंद आया होगा. ये निबंध को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें. मिलते है अगले निबंध में. धन्यवाद.

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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध Essay on My Best friend in Hindi

आज्ञाकारी आदर्श छात्र - .

प्रिय मित्र

परिश्रमी छात्र - 

मित्र पर गर्व -.

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Meta priy mitra

Plz write easy word's and make simple sentences for lower classes below class- 2. BUT THIS ESSAY IS AWESOME. THANK YOU!! 🙂

6 class ke liye mere preye mitre per 250 shabdo mai nibandh

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मेरा सच्चा मित्र पर निबंध

1-मेरा सच्चा मित्र पर निबंध | mera saccha mitra, priya mitra par nibandh.

प्रस्तावना – सच्चा मित्र वही होता है जो जीवन के हर मोड़ पर आपके साथ खड़ा हो। जीवन के हर मुश्किल परिस्थिति में आपके संग खड़ा हो और आपको सबसे बेहतर समझे वह सच्चा मित्र कहलाता है। जीवन के हर सुख -दुःख में आपके साथ हो , और अपने मित्र की हर परेशानी में हाज़िर हो जाए , वह होता है , सच्चा मित्र। सच्चा मित्र अपने दोस्त का हमेशा भला चाहता है| जिन्दगी में आधी रात को भी मित्र की ज़रूरत पड़े , उसके लिए दौड़कर चला आता है। जीवन में वह व्यक्ति खुशनसीब होता है जिसे सच्चा मित्र मिलता है। वह सच में भाग्यशाली होता है। आज के दिनों में सच्चा मित्र पाना मुश्किल हो गया है। सच्चा मित्र कभी भी स्वार्थी नहीं होता है , वह अपने मित्र के लिए अपनी सारी खुशियों का त्याग कर सकता है। सच्चा दोस्त हमेशा अपने मित्र का आत्मविश्वास बढ़ाते है।

सच्चा मित्र वह है जिससे कोई भी बात , दुःख -दर्द और परेशानी हम साझा कर सके। जीवन में सभी को एक सच्चे साथी की ज़रूरत होती है। सच्चे दोस्त के साथ जितना प्यार होता है , उतनी लड़ाई भी होती है। अगर जिंदगी में हम कभी निराश हो जाए तो वह हौसले और आशा की किरण बनकर हमारा साथ देते है। अगर हम जीवन में कुछ गलत करते है तो सच्चा मित्र हमे हमेशा सही राह दिखाते है। अगर हमारे आँखों से आंसू छलके तो वह उसे पोंछ देते है अर्थात हमारे जिन्दगी में व्याप्त दुःख और परेशानी को कम कर देते है।

सच्चा मित्र अपनी दोस्ती जीवन पर्यन्त निभाता है। सच्चा मित्र अपना कर्त्तव्य निभाने में कभी पीछे नहीं हठता है। एक सच्चा दोस्त निस्स्वार्थ होकर दोस्त की सहायता करता है। मित्रता सबसे प्यार भरा रिश्ता होता है। दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो हर रिश्ते में हो सकती है। माता पिता , बहन , भाई भी हमारे सच्चे और अच्छे दोस्त होते है। दोस्ती हर रिश्ते को खूबसूरत और सहज बना देती है।

दोस्ती खून का नहीं बल्कि दिल से बनाया हुआ रिश्ता होता है। आजकल लोग सच्चा मित्र पाने के लिए तरस जाते है। लोगो के पास इतना वक़्त नहीं है कि वह अपनी दोस्ती निभा सके।मगर सच्चे मित्र अपने व्यस्त जीवन में भी मित्र के लिए समय निकाल लेते है। सच्चे मित्र अनमोल होते है और उन्हें हमेशा हमें संजोय कर रखना चाहिए। सच्चा मित्र एक दवाई की भाँती होते है जो अपने दोस्तों के तकलीफो को दूर कर देता है। सच्चे मित्र मार्ग दर्शक होते है। अगर दोस्त मार्ग भटक जाए तो वह अपनी सच्ची मित्रता निभाकर उसे सही मार्ग पर ले आते है।

सच्चे मित्र की पहचान बुरे वक़्त पर होती है। अक्सर हम कुछ चीज़ो को देखकर कई लोगो को दोस्त बना लेते है। जब परिस्थिति ख़राब होती है , तब पता चलता है कौन सच्चा है और कौन झूठा। सच्चा मित्र प्रत्येक कार्य को पूरा करने में अपने मित्र का जोश बढ़ाता है। सच्चा मित्र अपने दोस्त को जीवन के विषम परिस्थितियों में कभी गिरने नहीं देता है। सच्चा मित्र आजीवन अपने मित्र को उचित मश्वरा देता है और कभी भी उसे बुरे हालातो में टूटने नहीं देता है।

प्राचीन समय में भी सच्ची मित्रता के कई उदाहरण हमे देखने को मिलते है। रामायण में श्रीराम और सुग्रीव की दोस्ती। श्रीराम ने जैसे सुग्रीव की सहायता की , उसी प्रकार सुग्रीव ने भी आखरी वक़्त तक प्रभु श्रीराम का साथ दिया। श्रीकृष्ण और सुदामा की दोस्ती को कौन नहीं जानता है। श्रीकृष्ण संपन्न राजा थे और सुदामा एक साधारण ब्राह्मण जो भिक्षा करके अपने दैनिक जीवन का गुजारा करते थे। इन सबसे उनकी दोस्ती में कोई फर्क नहीं पड़ा । श्रीकृष्ण ने कभी भी इन चीज़ो को महत्व नहीं दिया क्यूंकि वह सुदामा से बेहद प्यार करते थे। उनकी दोस्ती की मिसाल आज भी हम देते है।

आज कल के इस भाग दौड़ वाले जीवन में लोग दोस्त तो बना लेते है , परन्तु उसे निभा नहीं पाते है। दोस्त बनाना सरल होता है मगर मित्रता निभाना भी लोगो को आना चाहिए। मनुष्य कम उम्र से ही दोस्त बनाता है। कुछ गहरे दोस्त विद्यालय और कॉलेज में बनते है। ऐसे दोस्त हमेशा दिल के करीब होते है। मनुष्य अकेला कभी नहीं रह सकता है। मनुष्य को सच्चे साथी और हमदर्द की हमेशा ज़रूरत होती है।

सच्चे मित्र को हम बेझिजक अपने गोपनीय बातो को कह सकते है। वह हमारे सारे राज़ और मन की बातो को अपने तक ही सीमित रखते है। जब बच्चे बड़े होकर युवा अवस्था में पहुँच जाते है , तो वह युवको के साथ दोस्ती करते है। महिलाएं , महिलाओं के साथ और पुरुष , पुरुषो के साथ मित्रता करते है। लड़का लड़की भी अच्छे मित्र हो सकते है। दफतरो और कार्यस्थलों में भी लोगो को अच्छे सहकर्मी मिलते है , जो बाद में चलकर अच्छे और सच्चे मित्र बन जाते है।

जब व्यक्ति की उम्र हो जाती है तो वह व्यस्क लोगो के साथ मित्रता करते है। सच्चा मित्र हमारे जीवन के हर पड़ाव में साथ निभाता है। कुछ दोस्ती के रिश्ते बचपन से लेकर आखरी दम तक चलते है , उसे सच्ची मित्रता कहते है। चाहे जीवन का कोई भी मोड़ हो , दोस्त आपको मिल जाएंगे , मगर सच्चा मित्र मिल पाना भाग्य की बात होती है।

समाज में जीने के लिए मनुष्य को आस पास के लोगो से भी मित्रता रखनी पड़ती है। चाहे व्यक्ति दूसरे धर्म या जाति का हो , दोस्ती हर चीज़ से ऊपर होती है। सच्चे दोस्तों को इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ता है। जिनके पास सच्चे मित्र है , उनकी जिन्दगी सरलता से कट जाती है। जिनके पास सच्चे मित्र हो , वह कभी भी उदास नहीं रहते है।

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जीवन में सच्चा मित्र मिलना किसी खजाने से कम नहीं है। मेरे भी अनेक मित्र हैं, परंतु पवन मेरा सच्चा और सबसे प्रिय मित्र है। मुझे उसकी मित्रता पर गर्व है। हमारी मित्रता को विद्यालय एवं पड़ोस में एक आदर्श के रूप में देखा जाता है, क्योंकि हमारी दोस्ती स्वार्थ पर आधारित नहीं है।

पवन एक अमीर परिवार से है। उसके पिता एक प्रसिद्ध डॉक्टर हैं। उसकी माँ अध्यापिका हैं। पवन उनका इकलौता पुत्र है। उसकी एक छोटी बहन भी है। दोनों बहन-भाई में बड़ा स्नेह है। उसके सारे परिवार का जीवन बड़ा ही नियमित है और पवन भी एक अनुशासन प्रिय बालक है। वह अपने माता-पिता की हर बात को सहर्ष मानता है। उसमें एक अच्छे पुत्र के सभी गुण विद्यमान हैं।

पवन मेरी कक्षा में ही पढ़ता है। हम दोनों एक ही डेस्क पर बैठते हैं। वह हमेशा चित्त लगाकर पढ़ाई करता है। सभी शिक्षक उससे प्रसन्न रहते हैं। वह पढ़ाई में बहुत होशियार है। वह हर वर्ष परीक्षा में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करता है। सभी को विश्वास है कि वह बोर्ड की परीक्षा में स्कूल का नाम अवश्य उज्ज्वल करेगा। वह अपना गृहकार्य (होमवर्क) समय पर करता है और नियमित रूप से उसकी जाँच करवाता है। वह सदैव पुस्तकालय से पुस्तकें लेकर अपना ज्ञान बढ़ाता रहता है। मैं उसके नोट्स से काफी मदद लेता हूँ।

मेरा मित्र पवन बड़ा होकर डॉक्टर बनना चाहता है। वह अपने लक्ष्य के प्रति अभी से सचेष्ट है। वह मुझे भी इस दिशा में प्रेरित करता रहता है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि बड़ा होकर वह अपना लक्ष्य अवश्य प्राप्त करेगा। पवन मेरे पड़ोस में ही रहता है। वह सदैव मधुर बोलता है। घमंड तो उसमें नाममात्र भी नहीं है। हम दोनों प्रातः प्रतिदिन सैर करने जाते हैं। दो-तीन किलोमीटर की सैर करने के पश्चात् हम बगीचे में व्यायाम करते हैं। फिर घर वापस आते हैं। हम शाम को दो घंटे एक साथ मिलकर पढ़ते हैं। उसके माता-पिता मुझे भी अपना पुत्र जैसा ही मानते हैं। हम दोनों के परिवारों में घनिष्ठ संबंध हैं।

मेरा मित्र पवन स्वभाव से बहुत अच्छा है। विनम्रता उसका गुण है। वह सदैव बड़ों का आदर-सम्मान करता है। पढ़ने के अलावा खेल-कूद _ में भी वह सदा आगे रहता है। हम दोनों स्कूल की क्रिकेट टीम में मिलकर खेलते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेते हैं। ___ मैं ईश्वर से उसकी दीर्घायु की कामना करता हूँ। मैं चाहता हूँ कि हमारी मित्रता सदैव बनी रहे।

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3 thoughts on “मेरा सच्चा मित्र पर निबंध”

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Bas yaar ads hata do aur point to point rakho extra add mat karo.

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