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हॉकी पर निबंध (Hockey Essay in Hindi)

हॉकी

हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है हालांकि, सभी देशों के द्वारा खेला जाता है। यह तेज खेला जाने वाला खेल है जो, दो टीमों के बीच में खेला जाता है। सभी खिलाड़ियों का लक्ष्य अधिक अंक प्राप्त करने के लिए बॉल को दूसरी टीम के नेट पर मारना होता है। हमारा देश 1928 में हॉकी में विश्व विजेता रह चुका है और ओलम्पिक खेलों में 6 स्वर्ण पदक (गोल्ड मेडल) जीत चुका है। 1928 से 1956 तक का समय भारतीय हॉकी के लिए स्वर्णकाल के रुप में जाना जाता है। बुद्धिमान हॉकी के खिलाड़ियों ने देश को गौरवान्वित किया, क्योंकि उन्होंने इस बीच में ओलम्पिक खेलों में भारत ने बहुत बार हॉकी में विजय प्राप्त की थी। वे हॉकी खेलने के जादू को अच्छी तरह से जानते थे और जिसने सभी के दिलों को जीत लिया।

हॉकी पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Hockey in Hindi, Hockey par Nibandh Hindi mein)

हॉकी पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

यह भारत का राष्ट्रीय खेल है, भारत इस खेल में बहुत अच्छी जीतों से कई बार गौरवान्वित हुआ है। भारत हॉकी के क्षेत्र में लगातार कई सालों तक विश्व विजेता रह चुका है। अब यह खेल अन्य देशों, जैसे- हॉलैंड, जर्मनी, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, आदि में भी प्रसिद्ध हो गया है।

हॉकी खेलने का तरीका और लाभ

यह दो टीमों के बीच खेला जाने वाला खेल है, जिसमें दोनों टीमों में 11-11 खिलाड़ी होते हैं। इस खेल में पूरे समय खिलाड़ियों की स्थिति (गोल कीपर, दांया पीछे (राइट बैक), केन्द्रीय फॉरवर्ड (सेंट्रल फॉरवर्ड) और बांया पीछे (लेफ्ट बैक)) बहुत महत्वपूर्ण होती है। हॉकी खेलने से हमारे मसल बनते है , रक्तचाप कम होता है, वजन घटता है और हमारा मन भी तरोताजा रहता है।

हॉकी का इतिहास

भारतीय हॉकी के स्वर्णकाल के नायक ध्यान चन्द, अजीत पाल सिंह, धनराज पिल्लै, अशोक कुमार, ऊधम सिंह, बाबू निमल, बलबीर सिंह सीनियर, मोहम्मद शाहिद, गगन अजीत सिंह, लेस्ली क्लॉडियस, आदि थे। वे सभी वास्तविक नायक थे, जो भारतीय हॉकी के क्षेत्र को बड़ी सफलता की ओर ले गए थे। ध्यानचंद एक प्रतिभाशाली हॉकी खिलाड़ी थे, जिन्हें अभी भी हॉकी के जादूगर के रूप में बुलाया जाता है।

हमें हॉकी को बढ़ावा देने की आवश्यकता है और इस खेल के महत्व को समझते हुए हमें इसमें बढ़ चढ़ कर भाग लेने की जरुरत है। हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है और इसे वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय करने में हम सभी को योगदान करना चाहिए।

निबंध 2 (400 शब्द)

भारत में अन्य खेलों (जैसे – क्रिकेट, बैडमिटन, टेनिस आदि) की निरंतर बढ़ती हुई प्रसिद्धी के बाद भी हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है। इसे आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त नहीं है, फिर भी राष्ट्रीय खेल के रुप में चुना गया है।

भारतीय हॉकी के लिए स्वर्णकाल 1928-1956 तक था, जब इसके बुद्धिमान खिलाड़ियों ने ओलम्पिक में लगातार 6 स्वर्ण पदक जीते थे। इसके बाद, हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी मेजर ध्यान चन्द की मृत्यु के बाद हॉकी का भविष्य अंधकार युक्त हो गया। उस समय बहुत से हॉकी खलने वाले गैर-भारतीय खिलाड़ी (एंग्लो-इंडियन) आस्ट्रेलिया के लिए प्रवास कर गए। फिर भी, आज भारतीय खिलाड़ियों में हॉकी के लिए रुचि में थोड़ी सी वृद्धि हुई है। धनराज पिल्लै, जो भारतीय हॉकी के एक और नायक थे, भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान भी रह चुके हैं। वर्तमान में वह भारतीय हॉकी टीम के प्रबंधक के रूप में नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने हॉकी के लिए एक अर्जुन पुरस्कार जीता था।

हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल क्यों हैं?

हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल, भारत में हॉकी के स्वर्णकाल (1928 से 1956 तक) के कारण चुना गया। उस समय तक, भारतीय हॉकी खिलाड़ियों ने हॉकी में वास्तव में बहुत बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था, इसलिए उनकी लगातार जीत और उनकी अद्भुत योग्यता ही इस खेल को देश के राष्ट्रीय खेल के रुप में चुनने का कारण बनी। स्वर्णकाल के दौरान, भारत ने सक्रिय रुप से भागीदारी की और 24 ओलम्पिक खेलों को खेला। सबसे अधिक आश्चर्यचकित करने वाला तथ्य यह था कि, इसने सभी मैचों को 178 गोल बनाकर जीता था। इसने टोकियो ओलम्पिक (1964) में और मॉस्को ओलम्पिक (1980) में स्वर्ण पदकों को जीता था।

हॉकी बहुत ही अच्छा खेल है और विद्यार्थियों के द्वारा सबसे अधिक पसंद किया जाता है। हॉकी के लिए दूसरा स्वर्णकाल लाने के लिए, इसे कॉलेज और स्कूलों में विद्यार्थियों को नियमित भागीदारी के द्वारा बढ़ावा दिया जाना चाहिए। योग्य बच्चों को स्कूली स्तर से ही हॉकी को सही तरीके से खेलना सिखाना चाहिए। भारतीय हॉकी की गरिमा बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा हॉकी खेलने वाले विद्यार्थियों के लिए धन कोष, वित्तीय सुविधाओं के साथ अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करानी चाहिए।

निबंध 3 (500 शब्द)

हॉकी मैदान में खेले जाना खेल है, जिसे 11-11 खिलाड़ियों को रखने वाली दो टीमों के द्वारा खेला जाता है। इसे भारत का राष्ट्रीय खेल इसिलिए चुना गया है क्योंकि भारत हॉकी में कई सालों तक विश्व विजेता रहा था। हॉकी को आधिकारिक रुप से राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया गया है हालांकि, इसे केवल भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है, क्योंकि भारत ने हॉकी में बहुत से स्वर्ण पदकों को जीता है। यह पूरे संसार में बहुत से देशों के द्वारा खेला जाता है। यह बहुत ही मँहगा खेल नहीं है और किसी भी युवा के द्वारा खेला जा सकता है। यह बहुत ही रुचि और आनंद का खेल है, जिसमें बहुत ज्यादा गतिविधियाँ और अनिश्चितताएं शामिल होती हैं। यह रफ्तार का खेल है और परिस्थितियाँ बहुत शीघ्र बदलती है, जो आश्चर्य पैदा करती है।

भारत में हॉकी का महत्व

हॉकी भारत में बहुत महत्वपूर्ण खेल है क्योंकि भारत को हॉकी के क्षेत्र में कई वर्षों तक विश्व विजेता बनाया है, इसलिए इसे भारत के राष्ट्रीय खेल के रुप में चुना गया है। इस खेल का इतिहास बड़ा और महान है, क्योंकि यह बुद्धिमान खिलाड़ियों द्वारा भारत की जड़ों में गहराई तक समाया हुआ है। यह भारत के प्राचीन ज्ञात खेलों में से एक है हालांकि, इसकी जड़े अब योग्य हॉकी खिलाड़ियों और आवश्यक सुविधाओं की कमी के कारण कमजोर हो गई हैं। इस खेल के अस्तित्व को प्राचीन ओलम्पिक खेलों से पहले 1200 साल पुराना खेल माना जाता है।

पहले समय में, यह अलग तरीकों के साथ खेला जाता था हालांकि, अब इसे मैदानी हॉकी के रुप में खेला जाता है, जो 19वीं सदी में ब्रिटिश द्वीपों में विकसित हुआ था। यह अंग्रेजी विद्यालयों में खेला जाने वाला खेल था, जो भारत में ब्रिटिश सेना के द्वारा लाया गया था। इसके बाद, यह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर फैल गया और इसने विश्व भर में प्रसिद्धी प्राप्त कर ली। इस खेल को नियंत्रित करने और अपने नियमों का मानकीकरण करने के लिए, लंदन हॉकी एसोसिएशन का गठन किया गया था। बाद में, अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (1924 में) और महिला हॉकी के अंतर्राष्ट्रीय महासंघ का गठन किया गया।

भारत में सबसे पहले हॉकी क्लब कलकत्ता (1885-86) में गठन किया गया था। भारतीय खिलाड़ियों ने अपने सफल ओलम्पिक खेल की शुरुआत 1928 के एम्सटर्डम में की थी, जहाँ उन्होंने हॉकी में स्वर्ण पदक जीता था। यह एक शानदार भारतीय हॉकी खिलाड़ी, जिनका नाम ध्यानचंद था, की वजह से हुआ। उन्होंने वास्तव में एम्सटर्डम की भीड़ के सामने सभी भारतीयों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। भारत लगातार हॉकी के अपने स्वर्ण युग के दौरान छह ओलम्पिक स्वर्ण पदक और लगातार 24 हॉकी मैच जीता था। हॉकी के स्वर्णिम युग के उत्कृष्ट खिलाड़ियों में से कुछ ध्यानचंद, बलबीर सिंह, अजीत पाल सिंह, अशोक कुमार, ऊधम सिंह, धनराज पिल्लै, बाबू निमल, मोहम्मद शाहिद, गगन अजीत सिंह, लेस्ली क्लॉडियस, आदि थे।

निबंध 4 (600 शब्द)

हॉकी कई देशों में खेला जाने वाला एक सबसे लोकप्रिय और दिलचस्प खेल है। यह भारत का राष्ट्रीय खेल चुना गया है हालांकि, इसके लिए किसी भी प्रकार की आधिकारिक घोषण नहीं की गई है। इस खेल में दो टीमें होती हैं और दोनों टीमों में 11-11 खिलाड़ी होते हैं। एक टीम के खिलाड़ियों का लक्ष्य दूसरी टीम के खिलाफ हॉकी के प्रयोग से विरोधी टीम के नेट पर बॉल मारकर अधिक से अधिक गोल बनाना होता है।

हमारे देश ने छह ओलंपिक स्वर्ण पदक और लगातार विभिन्न मैच जीतने के बाद हॉकी के क्षेत्र में एक शानदार रिकॉर्ड बना दिया है। जब भारत ने लगातार विभिन्न हॉकी मैच जीते थे उस समय को हॉकी के स्वर्णिम दौर (1928 से 1956 के बीच के समय) के रूप में कहा जाता है। स्वर्णिम दौर के प्रसिद्ध खिलाड़ी ध्यानचन्द थे, और उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों की वजह से उन्हें हॉकी के जादूगर के रूप में जाना जाता है।

हॉकी का इतिहास और उत्पत्ति

हॉकी भारत में वर्षों पहले से खेला जाने वाला प्राचीन खेल है। यह हॉकी की छड़ी (स्टिक) और बॉल के साथ खेला जाता है। यह 1272 ईसा, पूर्व से पहले आयरलैंड में और 600 ईसा. पूर्व के दौरान प्राचीन यूनान में खेला जाता था। हॉकी के बहुत से रुप है; जैसे- मैदानी हॉकी, आइस हॉकी, स्लेज हॉकी, रोलर हॉकी, सड़क हॉकी, आदि। आजकल, मैदानी हॉकी को आमतौर पर, खेला जाता है। आइस हॉकी, मैदानी हॉकी के बिल्कुल विपरीत है, जो कनाडा और उत्तरी अमेरिका के बर्फीले मैदानों में खेली जाती है।

हॉकी खेलने के लिए आवश्यक उपकरण

हॉकी को सुरक्षित रुप से खेलने के लिए रुख उपकरणों की आवश्यकता होती है जिनके नाम, हैलमेट, नेक (गर्दन) गार्ड, कंधे के पैड, घुटनों के पैड, कोहनी के पैड, कप पॉकेट के साथ जैक्सट्रैप और सुरक्षात्मक कप (पुरुषों के गुप्तांग की रक्षा के लिए कप), हॉकी की छड़ी, और एक बॉल।

हॉकी के रुप

हॉकी के अन्य रुप (जो हॉकी या अपने पूर्ववर्तियों से उत्पन्न हुए हैं) जैसे; एअर (हवा में) हॉकी, बीच (समुद्री तट) हॉकी, बॉल हॉकी, बॉक्स हॉकी, डेक (बन्दरगाह) हॉकी, फ्लोर (जमीनी) हॉकी, फुट हॉकी, जिम हॉकी, मिनी हॉकी, रॉक हॉकी, पौंड हॉकी, पॉवर हॉकी, रौसेल हॉकी, स्टेकर हॉकी, टेबल हॉकी, अन्डर वॉटर हॉकी, यूनिसाइकल हॉकी आदि।

भारत में हॉकी का भविष्य

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि, वास्तव में हॉकी के खेल का भारत में स्वर्णकाल के बाद अच्छा समय अब बीत गया है। यह हॉकी में रुचि और हॉकी के योग्य खिलाड़ियों की कमी के साथ ही भविष्य में इस खेल को नियमित रखने के लिए युवाओं को आवश्यक सुविधाओं की कमी के कारण हुआ है। ऐसा लगता है कि, यह कभी भी खत्म नहीं होगा और हॉकी के लिए लोगों के प्यार, आदर और सम्मान के कारण हॉकी का स्वर्ण युग वापस आएगा। यद्यपि, हॉकी के स्वर्ण युग को भारत में वापस लाने के लिए भारतीय सरकार के द्वारा अधिक प्रयासों, लगन और समर्थन की आवश्यकता है। भारतीय हॉकी लीग, हॉकी टीमों को बढ़ाने (2016 तक 8 टीम और 2018 तक 10 टीम) के लिए कुछ प्रभावशाली रणनीतियों को लागू करने की योजना बना रही है। आने वाले तीन सत्रों में (2016 से 2018 तक 6 मैचों का टूर्नामेंट होगा) भारतीय हॉकी और आस्ट्रेलिया हॉकी के बीच अनुकूल समझौता हुआ है।

हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है। ऐसा केवल कहा जाता है हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक तौर पर कोई घोषणा नहीं हुई है। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि, हॉकी के स्वर्ण युग को वापस लाकर इसे आधिकारिक रुप से राष्ट्रीय खेल घोषित कराया जाए। इसके लिए बच्चों को स्कूल के समय से ही उन्हें सभी सुविधाओं को प्रदान करने के द्वारा उच्च स्तर पर बढ़ावा देने के साथ ही अध्यापकों, अभिभावकों और सरकार के द्वारा प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

Hockey Essay

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Essay on hockey in hindi हॉकी पर निबंध.

Essay on Hockey in Hindi language. हॉकी पर निबंध। Today we will write Hindi essay on Hockey. Essay on Hockey in Hindi is important because it is our national game. One of the most common asked question in Hindi essay is “Essay on Hockey in Hindi Language”. Essay on Hockey in Hindi is asked in 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12.

Essay on Hockey in Hindi

Essay on Hockey in Hindi in 300 Words

बुजुर्ग कह गए हैं कि तेज दिमाग के लिए शरीर का सेहतमंद होना बहुत जरूरी है। ठीक ही तो है, जब तक हमारा शरीर चुस्त नहीं होगा, तब तक हम कोई भी काम अच्छे ढंग से भला कैसे कर पाएँगे? सेहत अच्छी रखने का सबसे मजेदार तरीका है, खेल। पूरी दुनिया में हजारों तरह के खेल खेले जाते हैं, जिनमें से एक है, हॉकी।

हम हिंदुस्तानियों के लिए हॉकी बहुत खास है, क्योंकि यह हमारा राष्ट्रीय खेल है। इसे हॉकी स्टिक और गेंद के साथ खेला जाता है। ध्यानचंद, उधम सिंह, बलबीर सिंह, धनराज पिल्लै जैसे खिलाडियों ने इस खेल में भारत का नाम खूब रोशन किया है।

हमारे देश में हॉकी 150 साल से भी पहले से खेली जा रही है। सबसे पहले 1928 में एम्सटर्डम में हुए ओलंपिक खेलों में भारतीयों ने पूरी दुनिया के सामने यह खेल खेला। धीरे-धीरे हमारे खिलाड़ी इस खेल में इतने माहिर हो गए कि 1928 से 1956 तक उन्होंने पूरी दुनिया में इस खेल में अपना वर्चस्व बनाए रखा। इस दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने ओलंपिक खेलों में लगातार 6 बार स्वर्ण पदक जीते। तब भारत ने 24 हॉकी मैच खेले और सभी जीते।

1960 के फाइनल मैच में भारत की टीम पाकिस्तान से हार गई, लेकिन 1964 के टोक्यो ओलंपिक्स में हमारी टीम ने एक बार फिर धुआँधार वापसी की और स्वर्ण पदक जीत लिया। 1980 के मॉस्को ओलंपिक में भी यही जीत दोहराई गई। लेकिन अब यह सिलसिला टूट चुका है। हमने इस खेल पर ध्यान देना कम कर दिया था, पर अब सरकार और हॉकी संगठन कोशिश कर रहे हैं कि एक बार फिर हमारे हॉकी खिलाड़ी पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन करें।

Essay on Hockey in Hindi in 500 Words

हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है जिसे दुनिया के सभी देशों द्वारा खेला जाता है जैसे- हॉलैंड, जर्मनी, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड। यह एक तेज खेले जाने वाला खेल है, जो दो टीमों के बीच बहुत जोश से खेला जाता है। बहुत ही रुचि और आनंद का खेल है, जिसमें बहुत ज्यादा गतिविधियाँ और अनिश्चितताएं शामिल होती हैं।

भारत 1928 में हॉकी का विश्व कप जीत चुका है और इसके इलावा ओलंपिक खेलों में भी भारत 6 बार स्वर्ण पदक जीत चुका है। 1928 से लेकर 1956 तक का सफर भारतीय हॉकी के लिए बहुत ही शानदार रहा है जिसकी वजह से हॉकी के खेल में भारत ने खूब नाम कमाया है। उस वक़्त हॉकी के खिलाड़ियों (ध्यान चन्द, अजीत पाल सिंह, धनराज पिल्लै, अशोक कुमार, ऊधम सिंह, बाबू निमल, बलबीर सिंह सीनियर, मोहम्मद शाहिद, गगन अजीत सिंह, लेस्ली क्लॉडियस) ने सभी का दिल जीत लिया था और आज भी हॉकी भारत में बहुत अच्छी खेली जाती है लेकिन हॉकी को इतना सम्मान नहीं मिल रहा जितना कि इसे पहले मिलता था।

हॉकी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। यह हमारे शरीर की सहनशक्ति को सुधारने में हमारी मदद करता है। हॉकी खेलने वाले व्यक्ति हमेशा अपनी जिंदगी में प्रयास और लगन से काम नियमित रुप से करते रहते हैं जो उन्हें आगे बढ़ने मैं प्रेरित करता रहता है।

हॉकी एक मैदान में खेले जाने वाला खेल है, हलाकि ये खेल बिलकुल भी आसान नहीं है, पर इस खेल का नियमित अभ्यास करके इसे अच्छी तरह से खेला जा सकता है। प्रत्येक टीम ने 11 -11 खिलाड़ी होते हैं और इन सभी खिलाड़ियों का लक्ष्य अधिक अंक प्राप्त करना होता है जो अपनी हॉकी के द्वारा गेंद को मारते मारते गोल करने पर मिलते है। 11 – 11 खिलाड़ियों वाली दो टीमों में 5 आगे (फॉरवर्ड), दो पूरी तरह से पीछे की ओर (फुल बैक), 3 थोड़े पीछे की ओर (हॉफ फुल बैक)और एक गोल-कीपर के रुप में बँटे होते हैं।

भविष्य में इस खेल को नियमित रखने के लिए युवाओं का प्यार कभी भी काम नहीं होगा पर सुविधाओं की कमी के कारण हॉकी के खेल को भारत में बहुत नुकसान पहुंचा हे। जरूरत हे तो सरकार दवरा इस खेल को बढ़ाव देने की और सभी सुविधाओं देने की।

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हॉकी पर निबंध

Essay on Hockey in Hindi

हॉकी पर निबंध : Essay on Hockey in Hindi :- आज के इस लेख में हमनें ‘हॉकी पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है। यदि आप हॉकी पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

हॉकी पर निबंध : Essay on Hockey in Hindi

प्रस्तावना :-

खेल मनुष्य के लिए बहुत ही आवश्यक होते है। खेल के माध्यम से मनुष्य का शारीरिक व मानसिक विकास बहुत तीव्र गति से होता है। खेल खेलने से मन का तनाव भी दूर हो जाता है।

खेल व्यक्ति के मन को उत्साह से भर देता है। खेल से व्यक्ति में खेल भावना व दल के साथ खेलने की भावना का विकास होता है, जो जीवन मे उसके बहुत काम आती है।

जब वहीं खेल व्यक्ति अपने देश के लिए खेल रहा होता है या देख रहा होता है, तो उसमें देशप्रेम की भावना का विकास भी होता है। वर्तमान समय में दुनिया में बहुत सारे खेल खेले जाते है। जिनमें में से एक खेल हॉकी है।

हॉकी का इतिहास और उत्पत्ति :-

हॉकी सबसे प्रसिद्ध खेलों में से एक है। इसे सबसे पहले 1272 ईसा पूर्व खेला गया था। इस खेल को 600 ईसा पूर्व आयरलैंड व यूनान में बहुत बडी संख्या में खेला जाता था। हॉकी बहुत से रूपों में खेली जाती है, जैसे:- मैदानी हॉकी, आइस हॉकी, रोलर हॉकी, सड़क हॉकी व स्लेज हॉकी।

वर्तमान समय में इस खेल का सबसे प्रसिद्ध प्रारूप मैदान हॉकी व आइस हॉकी है। आइस हॉकी मुख्य रूप से कनाडा व अमेरिका जैसे देशों में प्रसिद्ध है। जहाँ बहुत अधिक संख्या में बर्फ मौजूद होती है।

हॉकी के नियम :-

किसी भी खेल को खेलने के लिए उसके बुनियादी नियमों का पता होना बहुत आवश्यक है। तभी आप उस खेल का पूरा आनंद ले पाएंगे। इस खेल में एक समय पर 2 दलों के द्वारा खेला जाता है।

एक दल में 11 खिलाड़ी होते है। इसमें खिलाड़ियों के पास एक हॉकी स्टिक होती है। उस स्टिक की मदद से एक गेंद को दूसरी टीम के गोल पोस्ट तक मारना होता है।

इस दौरान यदि गोल पोस्ट के पास गेंद किसी टीम के खिलाड़ी के शरीर पर गेंद लग जाए तो फ़ाउल हो जाता है। इसके बदले में विपक्षी टीम को एक शॉट खेलने का मौका मिलता है। इस खेल में एक रैफरी भी होता है, जो खेल को बारीकी से देखकर निर्णय लेता है।

हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल :-

हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है। इसे भारत में बहुत पसंद भी किया जाता है। आजादी के समय भारत विश्वस्तर की सबसे अच्छी टीम थी।

हॉकी में भारत को ओलंपिक में पहला पदक भी मिला था। वर्तमान समय में क्रिकेट के दौर के कारण हॉकी पर लोग इतना अधिक ध्यान नहीं दे रहे है।

आज भी भारत की टीम अच्छा प्रदर्शन करती है, लेकिन क्रिकेट के मुकाबले लोग हॉकी का खेल देखने नही जाते है। इसलिए इस खेल के खिलाड़ियों को इतनी अधिक प्रसिद्धि नही मिल पाती है।

इसलिए, इस खेल के लिए उतने अधिक पैसे भी नही मिलते है और खिलाड़ियों को अपने जीवनयापन के लिए कुछ और काम भी करना पड़ता है, जिससे खिलाड़ी अपने खेल पर सही से ध्यान नहीं दे पाते है।

हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है। आज भारत के लोगों को इस खेल पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि, इसके खिलाड़ियों को भी बाकी खेलों की तरह सम्मान प्राप्त हो। सरकार को भी इस खेल पर अधिक ध्यान देना होगा।

इसके खिलाड़ियों को उचित सुविधाएँ उपलब्ध करवानी चाहिए। जिससे भारत के खिलाड़ी भी बाकी देशों के खिलाड़यों की तरह अच्छी तकनीक के साथ अपने खेल का अभ्यास कर सके।

हम सभी को भी इस खेल के खिलाडियों के साथ अच्छा व्यवहार करना होगा। मैदानों पर जाकर इनका समर्थन करना होगा। ताकि, ये भी भारत के लिए पदक प्राप्त करें और भारत का नाम रोशन करें।

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।

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Essay on Hockey in Hindi- हॉकी पर निबंध

In this article, we are providing an Essay on Hockey in Hindi. हॉकी पर निबंध- Essay on my favourite game Hockey in Hindi,  About Hockey in Hindi, Mera Priya Khel Hockey.

खेल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। भारत का राष्टरीय खेल हॉकी है। इस खेल में भारतीयों ने अपनी मेहनत और लगन से सिक्का जमाया है। हॉकी के खेल हरी मैदान में खेला जाता है। इसमें 11 खिलाड़ीयों की दो टीमें होती है। यह खेल हॉकी स्टीक और गेंद के साथ खेला जाता है। इसे खेलने वाले खिलाड़ीयों में मजबूती होनी चाहिए। इस खेल में दोनों टीमों को एक दुसरे के खिलाफ गोल करने होते हैं जो टीम ज्यादा गोल करती है वो जीत जाती है। हॉकी के सबसे पहले कप्तान ध्यानचंद को हॉकी का जादुगर भी कहा जाता है। वह अपनी हॉकी स्टीक से गेंद को इस तरह से नियंतरन में रखते थे मानों गेंद स्टीक से चिपक ही गई हो। उनके जैसा कप्तान अब तक कोई दूसरा नहीं हुआ है।भारतीय खिलाड़ी इस खेल में बहुत ही कौशल है। हॉकी को बहुत से देशों ने भी अपनाया है। हॉकी को मिल जुलकर ही खेला जा सकता। इससे लोगो में सहनशक्ति, मजबूती और दोस्ती की भावना उत्पन्न होती है। हॉकी के लिए खुले कपड़े,हल्के जुते पहने जाते है ।

हॉकी का इतिहास – वैसे तो हॉकी भारत का राष्टरीय खेल लेकिन इसका जन्म इंग्लैंड में हुआ था। 1921 में हॉकी की तरह का ही लेकिन बिल्कुल हॉकी जैसा नहीं एक खेल ईरान में भी खेला जाता था। ईरान से वह खेल युरानियों ने सीखा और वहा से रोम गई। जब यह खेल इंग्लैंड पहुँचा तो पता चला की वहाँ पर तो बिल्कुल हॉकी जैसा खेल 1886 से ही खेला जाता था। 1895 में इंग्लैंड और आयरलैंड के बीच पहला अंतराष्टरीय हॉकी मैच हुआ था। हॉकी की असल शुरूआत अंतराष्टरीय हॉकी महासंघ की स्थापना के बाद हुई। 1908 में हॉकी को ओल्मपिक में शामिल किया गया । 1928 में भारत ने पहली बार हॉकी में भाग लिया और स्वर्ण पदक हासिल कर हॉकी के खेल को अपना बना लिया। कई सालों तक भारत लगातार स्वर्ण पदक जीतता रहा। हॉकी में 1928-1956 तक भारत ने 6 स्वर्ण पदक ,1 सिल्वर और 1 बरोंज पदक जीता। भारत के खिलाड़ीयों को हॉकी में निपुण माना जाता है।

आज के दौर में हॉकी – धीरे धीरे लोग अब हॉकी से दुर जाते जा रहे है। उनकी पसंद समय के साथ बदलती जा रही है । लोगों के दिलों में हॉकी का स्थान क्रिकेट ने ले लिया है। हालांकि हॉकी में अब महिलाओं ने भी भाग लेना शुरू किया है। बहुत से बच्चे देश का नाम रोशन करने के लिए और हॉकी की टीम में शामिल होने के लिए बहुत मेहनत करते हैं। हॉकी देश का मान सम्मान है। हमारे देश की पहचान है। वैसे तो हर खेल का अपना ही महत्तव है।

हॉकी एक ऐसा खेल है जिसमें एकागरता का होना बहुत ही आवश्यक है। शुरू से ही भारतीय खिलाड़ी गेंद को नियंतरऩ में रखने और पास देने में बहुत कौशल है। खिलाड़ीयों में सहने ,दौड़ने और तीन घंटे लगातार मैदान में खड़े होने की शक्ति होनी चाहिए। अंत: हम सबको मिलकर अपने राष्ट्रीय खेल हॉकी को बढ़ावा देना चाहिए।

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हॉकी पर निबंध – Essay on hockey in Hindi

हेलो दोस्तों, मैं आज आपके लिए लेकर आया हूँ हॉकी पर निबंध (Essay on hockey in Hindi). हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है, फिर भी बच्चों को क्रिकेट और फुटबॉल के बारे में जितना ज्ञान है वह शायद हॉकी के बारे में उतना नहीं है. अगर आपको भी हॉकी के बारे में कम जानकारी है, तो आपको चिंता करने की बात नहीं है. क्योंकि जब आप आगे बढ़ेंगे और हमारा लेख हॉकी खेल पर निबंध (Hockey essay in Hindi ) को पढ़ेंगे, तो आपको हॉकी के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी.

खेलों के साथ मनुष्य का संबंध घनिष्ठ है. किसे खेलना पसंद है, तो किसे खेल देखना पसंद है. सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का मुख्य लक्ष्य होता है की विभिन्न खेलों में भाग लेकर ख्याति प्राप्त कर देश का गौरव बढ़ाना है. ये खिलाड़ी कुछ खेल घर के अंदर खेलते हैं. कुछ अन्य खेलों का आयोजन खुली आकाश के निचे में किया जाता है. फुटबॉल, क्रिकेट, हॉकी, आदि खुले मैदान में खेले जाते हैं. हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है. इसे बेहतर बनाने के लिए भारतीय हॉकी संघ कोशिश कर रहा है.

संक्षिप्त इतिहास

यह माना जाता है कि हॉकी शब्द अंग्रेजी के शब्द ‘hook’ से आया है. कुछ लोगों का मानना ​​है कि यह खेल का जन्म यूरोपीय महाद्वीप में तेरहवीं शताब्दी में हुआ था. हॉकी उत्तर और दक्षिण अमेरिका, यूरोप और एशिया में देखने को मिलता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हॉकी खेल समिति का गठन किया गया है और खेल के लिए नियम बनाए गए हैं. 1925 में भारतीय हॉकी महासंघ की उत्पत्ति. ध्यान चंद ट्रॉफी, नेहरू ट्रॉफी, रंगस्वामी कप, आगा खान कप, सिंधिया गोल्ड कप  आदि के लिए हॉकी प्रतियोगिताओं को राष्ट्रीय स्तर पर भारत के विभिन्न हिस्सों में आयोजित किया जा रहा है.

hockey par nibandh

हॉकी एक आयताकार मैदान पर खेला जाता है. मैदान तीन सौ फीट लंबा और एक सौ अस्सी फीट चौड़ा होता है. समतल खुले मैदान की सीमा रेखा द्वारा निर्धारित की जाती है. गोल पोस्ट बारह फीट चौड़ा और सात फीट ऊंचा होता है. गोल पोस्ट के सामने वाले हिस्से को छोड़कर सभी पक्ष नेट द्वारा कवर किए जाते हैं.

खेलों का उपकरण 

एक प्रकार की टेढ़ी स्टिक इसका मुख्य उपकरण है. इस खेल में आमतौर पर सफेद गेंदों का उपयोग किया जाता है. गेंद कॉर्क से बना है और चमड़े के साथ कवर किया गया है. मैदान पर बर्फ होने पर लाल गेंदों का उपयोग किया जाता है.

हॉकी दो टीमों के बीच खेला जाता है. प्रत्येक टीम में खिलाड़ियों की संख्या ग्यारह है. प्रत्येक टीम में एक गोलकीपर, दो बैक, तीन हाफबैक और पांच फॉरवर्ड खिलाड़ी होते हैं. टीम का मुख्य सदस्य कप्तान होता है. खेल को दो रेफरी या अंपायरों द्वारा प्रबंधित किया जाता है. टाइम कीपर और दो लाइन्समैन खेल प्रबंधन में सहायता करते हैं.

खिलाड़ी विशेष पोशाक पहनते हैं. गोलकीपर का पोशाक अन्य खिलाड़ियों के पोशाक से अलग होता है. खेल शुरू करने के लिए कौन सा पक्ष किस तरफ होगा, यह टॉस द्वारा निर्धारित किया जाता है. एक टीम दूसरे टीम को गोल देने की कोशिश करती है. गेंद को स्टिक से मारा जाता है. एक गोल तब होता है जब गेंद दूसरी तरफ गोल पोस्ट के बीच और क्रॉसबार के नीचे गोल लाइन को पार करती है. एक खिलाड़ी खेल के दौरान दूसरे खिलाड़ी को ब्लॉक करना दंडनीय अपराध है. यदि एक समय में, दोनों टीमों के खिलाड़ियां गलतियाँ करते हैं, तो खिलाड़ियों को वहां से ‘बुली’ कर दिया जाता है. गोलकीपर के अलावा कोई भी खिलाड़ी शरीर के अंगों की मदद से गेंद को रोक नहीं सकते है. हॉकी मैच का पहला भाग आमतौर पर पैंतीस मिनट तक रहता है. पांच मिनट का विश्राम समय होता है. फिर दूसरे हाफ में पैंतीस मिनट का खेल होता है. यदि इस समय के दौरान खेल का निर्णय नहीं लिया जाता है तो अतिरिक्त समय खेला जाता है. खेल के दौरान खिलाड़ी अपनी स्टिक नहीं बदलते हैं. खेल प्रारंभ से अंत तक सभी नियमों का ठीक से पालन किया जाता है. खेल के नियमों का उल्लंघन करने के लिए दंड हैं. अपराध के अनुसार कभी-कभी पेनल्टी कॉर्नर और पेनल्टी स्ट्रोक मारे जाते हैं. यदि आवश्यक हो, तो किसी भी खिलाड़ी को जुर्माने के रूप में खेल से या मैदान से हटा दिया जाता है.

हॉकी में भारत की सफलता

1928 के ओलंपिक नीदरलैंड के एम्स्टर्डम में आयोजित किए गए थे. भारतीय दल का नेतृत्व जयपाल सिंह कर रहे थे. कप्तान जयपाल और उनकी टीम ने उच्च गुणवत्ता वाले खेल का प्रदर्शन करके भारत के लिए स्वर्ण पदक लाए थे. विश्व ओलंपिक खेलों का आयोजन क्रमश: 1932,1936, 1948, 1952 और 1956 में लॉस एंजिल्स, बर्लिन, लंदन, हेलसिंकी और मेलबर्न में हुआ था. इन सभी जगहों पर भारतीय टीम को उच्च गुणवत्ता के खेल का प्रदर्शन करके हॉकी चैंपियन होने का सम्मान प्राप्त किया था. भारत ने 1964 और 1980 में स्वर्ण पदक भी जीते हैं. 1980 के मास्को ओलंपिक के बाद, भारत अपनी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है. एक समय था जब भारतीय हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद सभी का ध्यान आकर्षित कर सकते थे. दर्शकों उन्हें ‘हॉकी जादूगर’ कहते थे. उनकी हॉकी स्टिक को मैजिक स्टिक कहा जाता था.

भारत के लिए हॉकी खेलने वाले खिलाड़ियों में रूप सिंह, गुरमीत सिंह, पृथ्वीराज सिंह, अजितपाल सिंह, दिग्विजय सिंह, मोहम्मद जाफर, दिलीप तिर्की, मोहम्मद हुसैन, मोहम्मद यूसुफ, एरिक पेनिगर, संदीप सिंह और अन्य शामिल हैं.

महिला हॉकी विश्व कप

2010 में अर्जेंटीना ने हॉकी का महिला विश्व कप जीता था. फाइनल में नीदरलैंड को 3-1 से हराया था. अर्जेंटीना ने 2002 के बाद दूसरी बार 2010 में हॉकी विश्व कप जीता. 2010 में, भारत टूर्नामेंट में नौवें स्थान पर रहा.

भारत की महिला हॉकी टीम

जिन खिलाड़ियों को भारतीय महिला हॉकी टीम में खेलने का मौका मिला है, उनमें विनीता टोप्पो, सुभद्रा प्रधान, जयदीप कौर, असुंता लकड़ा, किरण द्वीप कौर, मुक्ता प्रभा बारला, दीपिका ठाकुर, रितु रानी, ​​सुरिंदर कौर, सबा अंजुम, रानी रामपाल, सलीमा टेटे और नेहा गोयल शामिल हैं.

भारत की महिला हॉकी टीम अक्टूबर 2010 में नई दिल्ली में 19 वें राष्ट्रमंडल खेल ( commonwealth games ) में पांचवें स्थान पर रही थी.

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खेलकूद की आवश्यकता होती है. हॉकी खेलने से स्वास्थ्य में सुधार होता है और अनुशासन बढ़ता है. मन में आत्मविश्वास आता है. अच्छे खिलाड़ियों को नौकरी के अवसर मिलते हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन होने से देशों के बीच अच्छे संबंध स्थापित होते हैं. खेलों से दुनिया में शांति कायम करने में मदद मिलने की उम्मीद है. हॉकी में जीत भारतीय राष्ट्रवाद और स्वाभिमान का प्रतीक है. भारत को ओलंपिक खेलों में खुद को स्थापित करने की जरूरत है.

हॉकी पर निबंध 10 लाइन

  • हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है.
  • हॉकी अन्य देशों में भी लोकप्रिय है.
  • भारत हॉकी में विश्व विजेता रह चुका है.
  • इस खेल में दो टीमें एक दूसरे के खिलाफ खेलती हैं.
  • प्रत्येक खिलाड़ी के हाथ में हॉकी स्टिक होती है.
  • भारत ने हॉकी में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते हैं.
  • हॉकी के कई रूप हैं.
  • जिसमें आइस हॉकी, रोलर हॉकी, फील्ड हॉकी आदि हैं.
  • मुझे अपने दोस्तों के साथ हॉकी खेलने का भी शौक है.
  • भारत की महिला हॉकी टीम भी अपनी प्रतिष्ठा स्थापित कर रही है.  

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यह था हमारा लेख हॉकी पर निबंध (Essay on hockey in Hindi). उम्मीद है यह निबंध आपको पसंद आया होगा. हॉकी के ऊपर आपके पास और कुछ जानकारी है तो हमें जरूर बताएं. अगर ये निबंध पसंद आया है, तो यह निबंध को शेयर करना न भूलें. मिलते हैं अगले लेख में. धन्यवाद. 

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हॉकी पर निबंध

Essay on Hockey in Hindi : हमारे देश में कई खेल खेले जाते हैं, उन खेलो में से एक हॉकी भी है। हॉकी हमारे राष्ट्रीय खेल हैं। हॉकी खेल में भारत ने विश्व कप भी जीत रखा हैं।

Essay on Hockey in Hindi

हम यहां पर अलग-अलग शब्द सीमा में हॉकी पर निबंध (Essay on Hockey in Hindi) शेयर कर रहे हैं। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होंगे।

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हॉकी पर निबंध | Essay on Hockey in Hindi

हॉकी पर निबंध (250 शब्द) .

हॉकी हमारे देश का राष्ट्रीय खेल हैं। देश और दुनिया के कई खेल खेले जाते हैं और उन्हीं खेलों की चमक में हॉकी का खेल छुपता दिखाई देता हैं। हॉकी खेल के बारे में काफी कम लोग हमारे देश में जानते हैं। उनमें वे युवा भी शामिल हैं जो हॉकी खेलने से पीछे हटते हैं, यही कारण हैं कि आज देश के राष्ट्रीय खेल को कम पसंद किया जा रहा हैं।

देश में क्रिकेट की चमक ने इन खेलों की चमक कम कर दी हैं। हॉकी हमारे देश का राष्ट्रीय खेल हैं हालाँकि यह खेल दुनिया के और भी कई देशों में खेला जाता हैं। हॉकी खेल को खेले की कला के बारे में देखे तो यह खेल काफी तेज खेला जाता हैं। हॉकी खेल दो टीमों के बीच खेला जाता हैं।

दोनों टीम के खिलाड़ियों का एक ही लक्ष्य होता है कि निर्धारित समय में पॉइंट बनाना और हॉकी स्टिक से बोल को नेट में मारना। हमारा देश इस हॉकी में 1928 में विश्व कप जीत चूका हैं। यह भी कहा जाता हैं कि 1928 से 1956 के बीच के काल हॉकी के लिए स्वर्णकाल रहा हैं।

हॉकी खेल खेलने वाले देश के खिलाड़ियों ने अब तक इस खेल में कई कारनामें किये हैं। खेल में देश को कई पदक जितवाए हैं। हॉकी के खेल की देश के कई घरेलु प्रतियोगिता होती हैं। इस खेल को खेलने वाले खिलाड़ी अक्सर युवा ही होते हैं, जो इस खेल को खेलते हैं।

हॉकी पर निबंध (800 शब्द) 

हॉकी एक प्रकार का खेल हैं, जो हमारे देश का राष्ट्रीय खेल हैं। हॉकी भले ही हमारे देश का राष्ट्रीय खेल हैं पर इस खेल को सभी देशों में खेला जाता है। हॉकी खेल को दो टीम आपस में खेलते हैं।

हॉकी सबसे तेज खेला जाने वाला खेल हैं, जिसमें एक टीम के खिलाड़ी बोल को हॉकी स्टिक से सामने वाले टीम के पाले में गेंद मारता हैं और दूसरी वाली टीम उसे रोकती हैं। हॉकी खेल को खेलने वाली 1 टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं और सामने वाली टीम में भी 11 खिलाड़ी होते हैं, जो तेजो से इस खेल को खेलने का प्रयास करते हैं।

जो टीम तेजी से पॉइंट बनती हैं वो टीम जीत जाती हैं। हॉकी खेल को खेलने के लिए एक हॉकी स्टिक का होना जरुरी हैं। हॉकी स्टिक से ही हॉकी की गेंद को रगड़कर पाले या नेट तक ले जाया जाता हैं।

हमारा राष्ट्रीय खेल हैं हॉकी

हॉकी हमारा राष्ट्रिय खेल हैं। इतना ही नहीं इस खेल को कई देशों में भी खेला जाता हैं। हॉकी में भारत एक बार तो विश्व चैंपियन भी बन चूका हैं। हॉकी के विश्वकप में हमारा देश 1928 में विश्वविजेता बन चूका हैं। इतना ही नहीं हमारा भारत देश हॉकी में 6 स्वर्णपदक भी जीत चूका हैं, जो हमारे लिए काफी गर्व की बात हैं।

साल 1928 से साल 1956 का साल हमारे देश के लिए हॉकी का स्वर्णकाल रहा हैं। इन सालों के बीच देश के खिलाड़ियों ने इस खेल में कई कारनामें किये हैं। ऐसा माना जाता हैं कि इन्हीं सालों के बीच ही हमारे देश के खिलाड़ियों ने हॉकी के खेल को और भारत की टीम को विश्व में एक पहचान दिलाई हैं।

अन्य देशों में भी हैं पसंदीदा

हॉकी हमारे देश का राष्ट्रीय खेल हैं और हम इस बात पर गर्व भी करते हैं। परन्तु क्या आप इस बात को जानते हैं कि हॉकी का खेल अन्य और भी कई देशों में खेला जाता हैं। हॉकी होलैंड, जर्मनी, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान इत्यादि देशों में भी खेला जाता है। ओलिंपिक में भी यह सभी टीमें और विश्व की सभी टीम हिस्सा लेती हैं।

इन सभी टीम में भारत भी हिस्सा लेती हैं और हमारे देश को हमेशा गोरवान्वित करती हैं। पर कुछ दुखद बात तो यह हैं कि यह खेल क्रिकेट और फुटबॉल के पैरों तले कहीं लुप्त हो रहा हैं। इस खेल को बचाना और इसका सरंक्षण करना हमारा पहला फर्ज बनना चाहिए। हमें इसको बचाना चाहिए।

वर्तमान में हॉकी के खेल काफी कम देखने को मिलते हैं बजाय क्रिकेट और फुटबॉल के। यह दोनों खेल लोगों को इतने मनमोहक कर देते हैं कि लोग अब हॉकी जैसे खेल को भूल रहे हैं और इससे पीछे हट रहे हैं।

हॉकी खेल के बारे में संक्षिप्त जानकारी

हॉकी खेल को खेलने के लिए एक टीम में 11 और सामने वाली टीम 11 खिलाड़ी होता हैं। यह सभी खिलाड़ी हॉकी से बोल को मारते हुए गोलपॉइंट तक ले जाते हैं, जहां उन्हें गोल करना होता हैं। इस टीम में एवं गोलकीपर होता हैं जो सामने वाली टीम के गोल होने से रोकता हैं।

जैसे ही कोई सामने वाली टीम गोल करती हैं, उनके खिलाड़ी गोल को रोकने का प्रयास करता हैं और बोल को वापस मैंदान की और फेंकता हैं, जो टीम सबसे ज्यादा गोल बना देती हैं, वो टीम जीत जाती हैं।

कई देश खेलते हैं हॉकी

हॉकी भले ही हमारा राष्ट्रीय खेल हैं बावजूद इसके हॉकी को और भी कई देशों में खेला जाता हैं। हॉकी को हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी पसंद किया जाता हैं। हॉकी खेल की प्रशिधि भी काफी बढ़ रही हैं।

हॉकी हमारे देश में राष्ट्रीय स्तर पर भी खेला जाता हैं। हमारे देश में हॉकी की कई प्रांतीय टीम हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर खेलती है। हमारे देश में राजस्थान, पंजाब, कर्णाटक इत्यादि और सारे राज्यों की टीम यह मैच खेलती हैं। विश्व के कई प्रशिद्ध खेलों की सूची में भी यह खेल शामिल हैं।

हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल हैं। हॉकी खेल को ही भारत में काफी पसंद किया जाता हैं। देश में हॉकी खेल की कई राज्य टिमें है, जो इस खेल को खेलने के लिए हिस्सा लेती हैं। हमारे देश हॉकी का विश्व चैंपियन भी रह चूका हैं। हमें अपनी हॉकी टीम पर और हमारे राष्ट्रीय खेल पर गर्व हैं।

अंतिम शब्द 

हमने यहां पर “हॉकी पर निबंध (Essay on Hockey in Hindi)” शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar

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Essay on Hockey in Hindi – हॉकी पर निबंध

October 16, 2017 by essaykiduniya

यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में हॉकी पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraph, Short and Long Essay on Hockey in Hindi Language/ Mera Priya khel Hockey for students of all Classes in 200, 300 and 400 words.

essay about hockey in hindi

Essay on Hockey in Hindi – हॉकी पर निबंध ( 200 words )

हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है। यह अंग्रेजों द्वारा भारत में लाया गया था लेकिन आधुनिक हॉकी की शुरूआत 1886 में हॉकी ऐशोसिएसन की स्थापना के बाद हुई थी। भारतीय खिलाड़ी हॉकी खेलने में दक्ष है और पास देने में कुशल है। हॉकी खेलने के लिए एक 92 फूट लंबा और 52-56 फूट चौड़ा मैदान चाहिए होता है। हॉकी खेलने के लिए एक स्टीक, गेंद , खुले कपड़े और जुते चाहिए होते हैं। हॉकी में दो टीमें होती है जिसमें प्रत्येक टीम में 11 सदस्य होते है। हर टीम को गोल करना होता है।

सर्वप्रथम हॉकी का अंतराष्ट्रीय मैच इंग्लैंड और आयरलैंड के बीच में 1895 में खेला गया था। 1908 में हॉकी को ओलंपिक में शामिल किया गया था। 1928 में भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में भाग लिया था। 1936 में भारत की टीम के कप्तान ध्यानचंद को हॉकी का जादुगर कहा जाता है। वह गेंद को इस तरह नियंत्रित रखते थे मानो वह स्टीक से चिपकी हुई हो। भारतीय टीम ने हॉकी का मैच जीतकर अपना सिक्का जमाया है। भारतीय खिलाड़ी गेंद पर अच्छा नियंत्रण रखते हैं। यह भारतीयों के लोकप्रिय खेल में से एक है। पुरूषों की तरह महिलाएँ भी हॉकी खेलती है और उनकी भी अपनी टीम है।

Essay on Hockey in Hindi – हॉकी पर निबंध ( 300 Words ) 

हॉकी जो हमारी राष्ट्रीय खेल है वह मेरा पसंदीदा गेम है कई सालों तक हम विश्व चैंपियन थे। यह खेल बहुत आसान है। बीस खिलाड़ी इस खेल को खेलने के लिए आवश्यक है।

सभी प्रमुख खेलों में से – क्रिकेट, फुटबॉल हॉकी और टेनिस, मैं हॉकी को प्राथमिकता देता हूं। यह एक मर्दाना गेम है और सबसे दिलचस्प है। यह मुझे मजबूत और स्वस्थ बनाता है हॉकी रे पसंदीदा गेम है और शायद कोई अच्छा मैच नहीं है जिसे मैं याद करता हूं। मैं इसे पसंद नहीं बल्कि हॉकी का एक अच्छा खिलाड़ी भी हूं। मैं अपने स्कूल ग्यारह के कप्तान रहा हूँ अंतिम रविवार मैं एक दिलचस्प मैच देखने गया।

इंटर स्कूल हॉकी टूर्नामेंट के दौरान यह दो स्थानीय टीमों के बीच खेला गया था। यह एक अंतिम मैच था। दोनों टीमें खेल मैदान में 5.30 पी.एम. खिलाड़ी अपने संबंधित वर्दी में थे-सफेद और नीला

टॉस के तुरंत बाद खेल शुरू हुआ यह बहुत शुरुआत से तेज था नीले रंग की वर्दी के साथ टीम शुरू हुई। यह दूसरी टीम को दबा देना शुरू कर दिया उसके बाद के केंद्र में आगे की तरफ से गेंद आगे बढ़ी और फिर इसे सही पर साथी को दे दिया। यह साथी जो ‘डी’ में पहले से ही था, वह गेंद को मुश्किल से मारा बॉल, हालांकि, गोलपोस्ट पर उतरी टीम ने, इसलिए, एक लक्ष्य को कम करने से चूक गई।

खेल अब बहुत रोमांचक हो गया है। गेंद को दूसरी टीम ने पकड़ा था। उनका केंद्र-आगे गेंद को आगे बढ़ाया और जल्द ही ‘डी’ में था। गेंद को मारने से पहले, उसे पूर्ण-बैक द्वारा बनाया गया था।

पहले रुकने के दौरान, कोई भी टीम किसी भी गोल को स्कोर कर सकती थी आधे समय के बाद ज्वार की बारी थी। द ब्लूज़ ने अपने विरोधियों को दबाया, बहुत कठिन। लेकिन दूसरी टीम के पीठ और आधे पीठ ने खुद को इतने अच्छे से बचाव किया कि वे हर बार विफल रहे।

अब दूसरी टीम की बारी थी उनके केंद्र-आगे ने फिर से गेंद को ले लिया, ‘डी’ में पहुंचे और गेंद को गोल में भेज दिया। एक लक्ष्य बनाया गया था। ज़ोर से खेल ताली बजाने के बीच फिर से शुरू हुआ। ब्लूज़ थोड़ा परेशान लग रहा था। कोई भी नहीं छोड़ रहा था उन्होंने एक और प्रयास किया इस बार वे एक गोल बनाने में सफल हुए।

यह अंतिम क्षण का प्रयास था बहुत जल्द समय समाप्त हो गया था और मैच ड्रॉ में समाप्त हुआ। मैच वास्तव में बहुत दिलचस्प था दोनों टीमों समान रूप से मिलान किया गया। खिलाड़ियों ने अच्छा खेल दिया और सच्चे खिलाड़ी भावनाओं में मैंने मैच का जादू देखा।

Essay on Hockey in Hindi – हॉकी पर निबंध ( 400 Words )

हॉकी ने हमेशा भारतीय खेल मैदान में गौरव का स्थान ग्रहण किया है। हालांकि मैं हॉकी नहीं खेलता हूं, मैं इस गेम को देखना पसंद करता हूं। मैं आपको एक ऐसे मैच का वर्णन करना चाहता हूं पिछला रविवार, मैं भारतीय ग्यारह और शेष भारत टीमों के बीच एक मैच देखने के लिए पर्याप्त भाग्यशाली था। यह पर आयोजित किया जा रहा था। ग्वालियर में हॉकी स्टेडियम यह एक प्रतिष्ठित मैच था। भारत के प्रधान मंत्री जैसे कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मंडप में खड़ा है लोगों से भरा, बेसब्री से शुरू करने के लिए मैच की प्रतीक्षा कर रहा है। खिलाड़ियों ने मैदान में चार पी में प्रवेश किया मीटर। भारत ग्यारह हल्का नीला शर्ट और नौसेना के नीले शॉर्ट्स में कपड़े पहने हुए थे।

जबकि शेष भारत टीम नारंगी और लाल रंग में तैयार की गई थी कई प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ियों जैसे जूड फिलिप्स और परगत सिंह दोनों टीमों के लिए खेल रहे थे। इन टीमों ने पहले बहुत ही अच्छे खेल खेला था, इसलिए उनके पास बहुत उम्मीदें थीं। धमकाने के समय से दोनों टीमों ने एक आक्रामक मैच खेले। एक टीम के हमले की प्रत्येक लहर दूसरे से हमले की दूसरी लहर के साथ प्रतिकार हो गई थी दोनों टीमें अच्छी छड़ी के काम और टीम के खेल का एक संयोजन का प्रदर्शन किया।

उनके ड्रिब्ब्लिंग और गलती से गेंद खेलने के लिए वेई उच्च गुणवत्ता का था। पहले छमाही में कोई लक्ष्य नहीं बनाया जा सकता है दूसरे छमाही में खेल फिर समान रूप से लड़ा था। हालांकि, खेल के पिछले दस मिनट में, परगट सिंह ने दाहिनी ओर से एक कदम बनाया। उन्होंने शेष भारत के लक्ष्य की दिशा में गेंद को ढंक दिया। जैसे ही वह हड़ताली क्षेत्र पर पहुंच गया, उसने गेंद को एक बड़ा हिट दिया। गेंद की चोंच गोलकीपर को भ्रमित करने के लिए पर्याप्त थी, जो इसे रोकने में नाकाम रही और गेंद नेट पर सीधे चली गई। पूरे स्टेडियम एक खुशी के उत्सव में उभर आया। शेष भारत ने इस लक्ष्य को अपने स्वयं के एक के साथ विरोध करने का प्रयास किया। वे सफल नहीं थे भारतीय ग्यारह के लिए 1-0 की जीत के साथ मैच समाप्त हो गया। उन्हें प्रधान मंत्री से एक क्रिस्टल ट्रॉफी मिली।

हम उम्मीद करेंगे कि आपको यह निबंध ( Essay on Hockey in Hindi – हॉकी पर निबंध ) पसंद आएगा।

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हॉकी पर निबंध

essay about hockey in hindi

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essay on hockey in hindi

हॉकी अन्य टीमों से जीतने या हराने के लिए नियमों और विनियमों का पालन करते हुए दो टीमों (प्रत्येक में ग्यारह खिलाड़ी) के बीच हुक वाली छड़ियों का उपयोग करके खेला जाने वाला एक आउटडोर गेम है।

हॉकी पर निबंध, short essay on hockey in hindi (100 शब्द)

हॉकी भारत का एक राष्ट्रीय खेल है जो पूरे देश में खेला जाता है। यह एक तेज खेल है जो दो टीमों के बीच एक दूसरे के खिलाफ खेला जाता है। प्रत्येक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं। सभी खिलाड़ी अधिक स्कोर पाने के लिए अन्य टीम के नेट में गेंद को हिट करने का लक्ष्य रखते हैं। हमारा देश 1928 में हॉकी का विश्व चैंपियन रहा है और उसने ओलंपिक खेलों में 6 स्वर्ण पदक जीते थे।

1928 से 1956 के बीच की अवधि को भारतीय हॉकी के स्वर्ण युग के रूप में जाना जाता है। शानदार भारतीय हॉकी खिलाड़ियों ने देश के लिए कई बार हॉकी के लिए ओलंपिक खेल जीते हैं और इस वजह से देश को उनपर गर्व है। वे हॉकी खेलने के जादू को अच्छी तरह से जानते थे और सभी का दिल जीतते थे।

हॉकी पर निबंध, essay on hockey in hindi (150 शब्द)

हॉकी एक सबसे लोकप्रिय खेल है और भारत के राष्ट्रीय खेल के रूप में जाना जाता है। इसे नियमित रूप से खेलने से हमें कई तरह से फायदा होता है। यह अच्छे स्वास्थ्य की पेशकश करके शरीर की सहनशक्ति में सुधार करने में मदद करता है। इसे खेलने और अभ्यास करने वाले व्यक्ति को जारी रखने के लिए अधिक प्रयास और समर्पण की आवश्यकता होती है। यह एक बाहरी खेल है जिसे आमतौर पर भारतीय युवाओं द्वारा पसंद किया जाता है। यह इतना आसान नहीं है लेकिन इस खेल का नियमित अभ्यास चैंपियन बनने में बहुत मदद कर सकता है।

प्रत्येक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं (पांच फ़ॉर्वर्ड के रूप में विभाजित, दो पूर्ण पीठ, तीन आधा बैक और एक गोल कीपर)। यह 5 से 10 मिनट के अंतराल के साथ 35 मिनट के दो हिस्सों में खेला जाता है। यह बहुत ज्यादा रुचि का खेल है और आनंद आसानी से दर्शकों को हॉकी मैच देखने के लिए प्रेरित करता है। यह खिलाड़ी को विभिन्न स्वास्थ्य और वित्तीय लाभ प्रदान करता है। इस खेल में रुचि रखने वाला व्यक्ति आसानी से अपना अच्छा करियर बना सकता है।

मेरे प्रिय खेल हॉकी पर निबंध, essay on hockey in hindi (200 शब्द)

प्रस्तावना:.

हॉकी भारत में अन्य खेलों और खेलों (जैसे क्रिकेट, बैडमिंटन, आदि) की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद भारत का एक राष्ट्रीय खेल है। यह आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय खेल के रूप में चुना गया मान्यता प्राप्त नहीं है। भारत में हॉकी का सुनहरा दौर 1928 से 1956 तक था जब इसके शानदार खिलाड़ियों ने इसके लिए लगातार छह ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते थे।

बाद में हॉकी स्टार और ध्यानचंद नाम के हीरो की मौत के बाद हॉकी का भविष्य अंधकार में आ गया। उस समय कई हॉकी खेलने वाले एंग्लो इंडियन ऑस्ट्रेलिया चले गए थे। हालाँकि, हाल ही में इसे हॉकी के प्रति भारतीय खिलाड़ियों के हित में थोड़ी वृद्धि हुई है। धनराज पिल्ले भारतीय क्षेत्र हॉकी के एक और नायक थे जो भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान रह चुके हैं। वर्तमान में उन्हें भारतीय हॉकी टीम के प्रबंधक के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्होंने हॉकी के लिए अर्जुन पुरस्कार जीता था।

क्यों हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है

भारत में हॉकी के स्वर्णिम काल (1928 से 1956 तक) के कारण हॉकी को राष्ट्रीय खेल के रूप में चुना गया है। उस समय, भारतीय हॉकी खिलाड़ी वास्तव में उत्कृष्ट काम कर रहे थे, इसलिए उनकी नियमित जीत और उत्कृष्ट प्रतिभा इस खेल को देश के राष्ट्रीय खेल के रूप में चुनने का कारण थी। उस सुनहरे समय के दौरान, भारत ने सक्रिय रूप से भाग लिया और 24 ओलंपिक मैच खेले। और सबसे आश्चर्य की बात यह थी कि इसने 178 गोल दागकर सभी मैच जीते और केवल 7 गोल लिए। इसने टोक्यो ओलंपिक (1964) और मास्को ओलंपिक (1980) में स्वर्ण पदक जीते थे।

निष्कर्ष:

हॉकी एक अच्छा खेल है और ज्यादातर छात्रों द्वारा पसंद किया जाता है। हॉकी के लिए एक और सुनहरा दौर लाने के लिए, इसे स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों के बीच सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए बढ़ावा देना चाहिए। प्रतिभाशाली बच्चों को स्कूल स्तर से ही सही हॉकी खेलने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। भारतीय गौरव को संरक्षित करने के लिए सरकार द्वारा छात्रों के लिए आवश्यक धन और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करनी चाहिए।

हॉकी पर निबंध, essay on hockey in hindi (250 शब्द)

हॉकी एक अच्छा खेल है जिसे आमतौर पर देश के युवाओं द्वारा पसंद और खेला जाता है। यह दुनिया भर के अन्य देशों में भी खेला जाता है। हालाँकि, यह भारत का राष्ट्रीय खेल है, क्योंकि भारत ने इस खेल को कई बार अद्भुत जीत के साथ महिमामंडित किया है। भारतीय कई वर्षों तक हॉकी के क्षेत्र में विश्व चैंपियन रहा है।

अब यह खेल अन्य देशों जैसे हॉलैंड, जर्मनी, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, आदि में भी लोकप्रिय हो गया है। यह एक तेज़ खेल है, जिसमें खिलाड़ियों को हर समय दौड़ना पड़ता है जब भी खेल अपनी गति लेता है। यह प्रत्येक में ग्यारह खिलाड़ियों के साथ दो टीमों का खेल है। खेल खत्म होने तक खिलाड़ियों को हर समय सतर्क रहना पड़ता है। इस खेल में खिलाड़ियों के सभी पद (जैसे गोल कीपर, राइट बैक, सेंटर फॉरवर्ड और लेफ्ट बैक) बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं।

स्वर्ण युग हॉकी के भारतीय नायकों में से कुछ थे ध्यान चंद, अजीत पाल सिंह, धनराज पिल्ले, अशोक कुमार, उधम सिंह, बाबू निम्मल, बलबीर सिंह सीनियर, मोहम्मद शाहिद, गगन अजीत सिंह, लेस्बियन क्लॉडियस, आदि। वे असली हीरो थे। जिन्होंने हॉकी के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता की ओर भारत का नेतृत्व किया। ध्यानचंद एक शानदार हॉकी खिलाड़ी थे जिन्हें आज भी हॉकी का जादूगर कहा जाता है।

1928 में हॉकी में भारत पहली बार विश्व चैंपियन बना और एम्स्टर्डम ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता। उस वर्ष के बाद, भारत ने हॉकी में अपनी विश्व चैंपियनशिप को बनाए रखा जब तक कि वह रोम ओलंपिक में जीत हासिल नहीं कर पाया। बाद में, मॉन्ट्रियल ओलंपिक में इसे सातवां स्थान मिला, मास्को ओलंपिक (1980) में स्वर्ण पदक हासिल किया; हालांकि, 1984 में फिर से एक स्वर्ण पदक जीत गया।

हॉकी पर निबंध, hockey essay in hindi (300 शब्द)

hockey

हॉकी एक बाहरी खेल है जिसे दो टीमों द्वारा खेला जाता है जिसमें प्रत्येक में ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। इसे भारत के राष्ट्रीय खेल के रूप में चुना गया है क्योंकि भारत कई वर्षों तक हॉकी में विश्व चैंपियन रहा है। इसे आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय खेल के रूप में घोषित नहीं किया गया है, केवल राष्ट्रीय खेल के रूप में माना जाता है क्योंकि भारत ने हॉकी में कई स्वर्ण पदक जीते थे।

यह दुनिया भर के कई देशों में खेला जाता है। यह एक महंगा खेल नहीं है और किसी भी युवा द्वारा खेला जा सकता है। यह बहुत रुचि और आनंद का खेल है जिसमें बहुत सारी कार्रवाई और रहस्य शामिल हैं। यह बहुत तेज खेल है और इस खेल में बहुत बार स्थिति बदल जाती है जो आश्चर्यचकित करती है।

भारत में हॉकी का महत्व:

हॉकी भारत में बहुत महत्व का खेल है क्योंकि इसे राष्ट्रीय खेल के रूप में चुना जाता है क्योंकि इसने कई बार भारत को हॉकी में विश्व चैंपियन बनाया था। इस खेल का एक बड़ा और उज्ज्वल इतिहास है क्योंकि यह शानदार हॉकी खिलाड़ियों द्वारा भारत में गहरी जड़ें जमाया गया था। यह भारत के सबसे पुराने ज्ञात खेलों में से एक है, लेकिन प्रतिभाशाली हॉकी खिलाड़ियों और आवश्यक सुविधाओं की कमी के कारण अब जड़ कमजोर हो गई है। यह खेल ओलंपिया के प्राचीन खेलों से पहले लगभग 1200 साल पुराना माना जाता है।

पहले यह विभिन्न रूपों में खेला जाता था, हालांकि वर्तमान में इसे फील्ड हॉकी के रूप में खेला जाता है जिसे 19 वीं शताब्दी में ब्रिटिश द्वीप समूह में विकसित किया गया था। यह एक अंग्रेजी स्कूल का खेल था जो ब्रिटिश सेना रेजिमेंटों द्वारा भारत लाया गया था। बाद में, यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल गया और इसे दुनिया भर में लोकप्रियता मिली। इस खेल को नियंत्रित करने और इसके नियमों को मानकीकृत करने के लिए, लंदन हॉकी एसोसिएशन का गठन किया गया था। बाद में, अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (1924 में) और अंतर्राष्ट्रीय महिला महासंघ का गठन किया गया।

भारत में पहला हॉकी क्लब कलकत्ता (1885-86) में बनाया गया था। भारतीय हॉकी खिलाड़ियों ने 1928 में एम्स्टर्डम खेलों में अपना सफल ओलंपिक डेब्यू किया था जहाँ उन्होंने ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था। यह ध्यानचंद नामक एक शानदार भारतीय हॉकी के दिग्गज के कारण हुआ। उन्होंने वास्तव में एम्स्टर्डम की भीड़ के सामने सभी भारतीयों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भारत ने हॉकी के स्वर्ण युग के दौरान लगातार छह ओलंपिक स्वर्ण पदक और 24 लगातार हॉकी मैच जीते। हॉकी के स्वर्ण युग के कुछ उत्कृष्ट खिलाड़ी थे ध्यानचंद, बलबीर सिंह सीनियर, अजीत पाल सिंह, अशोक कुमार, उधम सिंह, धनराज पिल्ले, बाबू निमल, मोहम्मद शाहिद, गगन अजीत सिंह, लेस्ली क्लॉडियस, आदि।

हॉकी पर निबंध, long essay on hockey in hindi (400 शब्द)

हॉकी कई देशों में खेला जाने वाला सबसे लोकप्रिय और दिलचस्प खेल है। इसे भारत के राष्ट्रीय खेल के रूप में चुना गया है, हालांकि इसे कभी भी आधिकारिक घोषणा नहीं मिली। इस खेल में प्रत्येक में ग्यारह खिलाड़ियों के साथ दो टीमें हैं। इस खेल में एक टीम के खिलाड़ियों का लक्ष्य हॉकी स्टिक का उपयोग करके प्रतिद्वंद्वी के गोल पोस्ट में एक गेंद डालकर अन्य टीम के खिलाफ अधिकतम गोल करना होता है।

हमारे देश ने छह ओलंपिक स्वर्ण पदक और लगातार विभिन्न मैच जीतने के बाद हॉकी के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट रिकॉर्ड बनाया है। जिस अवधि में भारत ने लगातार विभिन्न हॉकी मैच जीते, उसे स्वर्णिम काल (1928 से 1956) कहा जाता है। ध्यानचंद सुनहरे समय के प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी थे और अपनी उत्कृष्ट उपलब्धि के कारण हॉकी के जादूगर के रूप में जाने जाते थे।

हॉकी का इतिहास और उत्पत्ति

हॉकी भारत में वर्षों से खेला जाने वाला एक प्राचीन खेल है। यह हॉकी स्टिक और बॉल के साथ खेला जाता है। यह 1272 ईसा पूर्व आयरलैंड में और 600 ईसा पूर्व प्राचीन ग्रीस में खेला गया था। हॉकी के विभिन्न रूप हैं; उनमें से कुछ को फील्ड हॉकी, आइस हॉकी, स्लेज हॉकी, रोलर हॉकी, स्ट्रीट हॉकी, आदि के नाम से जाना जाता है। अब एक दिन, फील्ड हॉकी खेली जाती है। आइस हॉकी को कनाडा और उत्तरी संयुक्त राज्य अमेरिका की बर्फीली परिस्थितियों में खेले जाने वाले फील्ड हॉकी के व्युत्पन्न के रूप में विकसित किया गया था।

हॉकी खेलने के लिए आवश्यक उपकरण:

हॉकी के खेल को सुरक्षित तरीके से खेलने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपकरणों की आवश्यकता होती है, जिन्हें हेलमेट, नेक गार्ड, शोल्डर पैड, एल्बो पैड, कप पॉकेट के साथ जॉकस्ट्रैप और पुरुष जननांगों को सहारा देने या उनकी रक्षा के लिए), हॉकी स्टिक, और एक पक या बॉल कहा जाता है।

हॉकी के प्रारूप:

हॉकी के अन्य रूप (हॉकी या उसके पूर्ववर्तियों से प्राप्त) एयर हॉकी, बीच हॉकी, बॉल हॉकी, बॉक्स हॉकी, डेक हॉकी, फ्लोर हॉकी, फुट हॉकी, जिम हॉकी, मिनी हॉकी, नॉक हॉकी, तालाब हॉकी, पावर हॉकी जैसे हैं। , रॉसॉल हॉकी, स्केटर हॉकी, टेबल हॉकी, अंडरवाटर हॉकी, यूनीसाइकिल हॉकी और कई अन्य।

भारत में हॉकी का भविष्य:

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि, भारत में हॉकी के सुनहरे दौर का अच्छा समय भारत में हॉकी के सुनहरे युग के बाद खत्म हो गया। यह रुचि और प्रतिभाशाली हॉकी खिलाड़ियों की कमी के साथ-साथ युवाओं को भविष्य में खेल जारी रखने के लिए आवश्यक सुविधाओं की कमी के कारण था। ऐसा लगता है कि यह कभी खत्म नहीं होगा और हॉकी का सुनहरा युग इस राष्ट्रीय खेल में भारतीय युवाओं के प्यार, सम्मान और समर्पण के कारण वापस आ जाएगा।

हालाँकि, भारत में हॉकी के स्वर्ण काल ​​को वापस लाने के लिए भारत सरकार द्वारा इसे बहुत प्रयास, समर्पण और समर्थन की आवश्यकता है। हॉकी इंडिया लीग हॉकी टीमों (2016 तक 8 टीमों और 2018 तक 10 टीमों) का विस्तार करने के लिए कुछ प्रभावी रणनीतियों को लागू करने की योजना बना रही है। आगामी तीन सत्रों के लिए हॉकी में भाग लेने के लिए हॉकी इंडिया और हॉकी ऑस्ट्रेलिया के बीच एक अनुकूल समझौता हुआ है।

हॉकी भारत का एक राष्ट्रीय खेल है। यह केवल कहा गया है, हालांकि आधिकारिक तौर पर घोषित नहीं किया गया है। अब, यह हमारी जिम्मेदारी है कि इसे फिर से अपना सुनहरा दौर लाकर आधिकारिक रूप से घोषित राष्ट्रीय खेल बना दिया जाए। शिक्षकों, अभिभावकों और सरकार के अंत से उन्हें सभी सुविधाएं प्रदान करके स्कूल के समय से छात्रों के बीच इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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राष्ट्रीय खेल हॉकी पर निबंध (National Game Hockey Essay In Hindi)

राष्ट्रीय खेल हॉकी पर निबंध (National Game Hockey Essay In Hindi)

आज हम राष्ट्रीय खेल हॉकी पर निबंध (Essay On National Game Hockey In Hindi) लिखेंगे। राष्ट्रीय खेल हॉकी पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

राष्ट्रीय खेल हॉकी पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On National Game Hockey In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।

बहुत से देशो की तरह भारत में भी हॉकी खेल ज़्यादातर लोग खेलते है। स्कूल, कॉलेज और कई शिक्षा संस्थानों में हॉकी खेल को खेला जाता है। हॉकी एक अंतराष्ट्रीय खेल है। हॉकी खेल की शुरुआत ब्रिटिश लोगो ने की थी।

क्रिकेट की तरह भारत और अन्य देशो में हॉकी खेल को खेला जाता है। हॉकी को पूरे संसार में खेला जाता है। यह एक मनोरंजक खेल है, जिसे खुले मैदान में खेला जाता है। भारत में खेलों से संबंधित हॉकी का एक उज्ज्वल और बड़ा गहरा इतिहास है।

भारत में कई शानदार खिलाड़ी हैं, जो देश के लिए हॉकी खेले हैं। हॉकी खेल देश का सबसे पुराना खेल है। हॉकी एक घुमावदार छड़ी के साथ खेला जाता है। छड़ी का मकसद है, गेंद को आगे बढ़ाना और गोल करना।

स्ट्राइकर को लक्ष्य को मारने में कुशल होना चाहिए, ताकि उनके शॉट्स सफलतापूर्वक गोल पोस्ट में प्रवेश कर सकें। गोलकीपर के पास उन गोल्स को रोकने की जिम्मेदारी होती है, ताकि वह विपरीत टीम को गोल ना करने दे सके।

हॉकी के खेल को बड़े और छोटे बच्चे समान रूप से खेलना पसंद करते है। हॉकी हमें एक साथ एकजुट होकर खेलना और एक दूसरे के सहयोग का महत्व सिखाता है। हॉकी खेल को खेलने के लिए कड़ी परिश्रम की ज़रूरत होती है। हॉकी खेल इतना प्रसिद्ध हो गया कि पूरे दुनिया में हॉकी खेल को खेला जाने लगा।

खिलाड़ी और हॉकी खेलने का समय

इस खेल में दो टीमें होती है। एक टीम में ग्यारह खिलाड़ी होते है। यह खेल तकरीबन 60 मिनट के लिए खेला जाता है। हॉकी का खेल चार क्वाटर में खेला जाता है। इस खेल को खेलने के लिए एक गेंद और एक स्टिक यानी छड़ी का इस्तेमाल किया जाता है।

गोल की विशेषता

जो टीम अधिक गोल करती है, वह विजयी कहलाती है। हॉकी खेल को वर्ष 1908 में ओलिंपिक खेलो में मान्यता दी गयी थी। सबसे पहले हॉकी खेल यूनान और आयरलैंड में खेला गया था।

ध्यानचंद हॉकी के  जादूगर

मेजर ध्यानचंद ने हॉकी खेल को लोकप्रिय बनाया था। उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता है। उन्होंने भारत को हॉकी खेल में छह स्वर्ण पदक जितवाए है। उन्होंने हॉकी खेल को अपने देश भारत में लोकप्रिय बना दिया था।

आज भी जब हॉकी का नाम आता है, तो साथ ही उनका नाम भी लिया जाता है। हॉकी के उस सुनहरे युग को आज भी देश के लोग याद करते है।

हॉकी के विभिन्न प्रकार

हॉकी खेल के विभिन्न प्रकार है। जैसे मैदानी हॉकी, स्लेज, रोलर और आइस हॉकी। ज़्यादातर स्थानों में मैदानी हॉकी खेल खेला जाता है। कई तरह की हॉकी लोगो द्वारा खेली जाती है। जैसे एयर हॉकी, बॉक्स हॉकी, डेक हॉकी, फ्लोर हॉकी, फुट हॉकी, टेबल हॉकी, जिम हॉकी, मिनी हॉकी, अंडर वाटर हॉकी, रॉक हॉकी, पौंड हॉकी इत्यादि।

खेल में अंतराल

इस खेल में एक मज़बूत गेंद होता है और घुमावदार छड़ी होती है। इस छड़ी के सहारे गेंद को मारकर गोल किया जाता है। इस खेल में पांच मिनट का अंतराल समय दिया जाता है, ताकि खिलाड़ियों को थोड़ा आराम करने का मौका मिले और वह फिर से जोश के साथ खेले।

पुराने जमाने की हॉकी

पहले जब हॉकी खेल खेलने की शुरुआत हुयी थी, तब एक छड़ी होती थी। जो लकड़ी की बनी हुयी होती थी। गेंद बहुत ही औसत दर्जे का होता था। पहले हॉकी की छड़ी मुड़ी हुयी नहीं होती थी। अब हॉकी स्टिक मुड़ी हुयी होती है।

नियमो में बदलाव और विकास

हॉकी खेल के नियमो में परिवर्तन और विकास इंग्लैंड में हुआ था। पहले जब खिलाड़ी चौदह मीटर दूर से गोल करते, तो उसे मान्यता नहीं दी जाती थी। अभी नियमो में काफी परिवर्तन लाया गया है।

हॉकी खेल के आवश्यक नियम

एक बदलाव किया गया है, जिसके अनुसार हॉकी खेल अब 60 मिनट का होता हैं। जो प्रत्येक 20 मिनट में तीन-चौथाई में विभाजित किया गया हैं। मैच का उद्देश्य प्रतिद्वंद्वी टीम के गोल पोस्ट में ज़्यादा से ज़्यादा गोल मारना है।

जो टीम सफलतापूर्वक अधिक गोल स्कोर करती है, वह मैच जीत जाती है। इसके अलावा स्टिक के आयाम और गेंद के वजन के नियमो का उल्लेख किताबों में पहले से ही निर्धारित  है।

यदि मैदान पर उन्होंने आयाम और वजन को गलत पाया, तो उस खिलाड़ी को मैच से बाहर कर दिया जाता है। खेल के अधिकांश नियम फुटबॉल की तरह हैं और नियम के उल्लंघन के लिए कुछ दंड हैं।

हॉकी एसोसिएशन की स्थापना

हॉकी एसोसिएशन की स्थापना वर्ष 1886 में हुयी थी। उसके बाद हॉकी खेल की तरफ लोगो की दिलचस्पी बढ़ने लगी। हॉकी खेल को हर देश में प्राथमिकता दी गयी और इसे हर देश में खेला जाने लगा।

भारत में हॉकी खेल

जिस प्रकार क्रिकेट खेल के चाहने वाले है, उसी प्रकार हॉकी खेल के चाहने वाले भी है। हॉकी के खिलाड़ियों को भी उतनी ही प्रशंसा और सम्मान मिलता है, जितना की क्रिकेट के खिलाड़ियों को मिलता है।

देश में हॉकी खेल उस समय प्रसिद्ध होने लगा था। इसलिए हॉकी क्लब का निर्माण कोलकाता शहर में करवाया गया था। सन 1928 में भारतीय हॉकी टीम ने तीन स्वर्ण पदक जीते थे। सबसे पहली दफा भारतीय हॉकी टीम वर्ष 1928 में एम्स्टर्डम जाकर खेली थी।

हॉकी खेल में भारत का बेहतरीन प्रदर्शन

उस समय भारत ने हॉकी खेल के जगत में बेहतरीन प्रदर्शन किया। इस वजह से अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खेल में भारत ने अपनी जगह बना ली और पूरी दुनिया में भारत के हॉकी खिलाड़ियों के प्रति सम्मान बढ़ गया।

मेजर ध्यानचंद के नेतृत्व में देश छह बार स्वर्ण पदक जीत चूका था। यह 1928 से 1956 के बीच हुआ था। उस समय भारत ने इतने अधिक स्वर्ण पदक हॉकी में जीते थे और यही कारण है कि इस युग को स्वर्ण युग कहा जाता है।

हॉकी खेलने के लिए आवश्यक उपकरण

हॉकी खेल को सुरक्षित तरीके से खेलने के लिए विभिन्न तरह के उपकरण हैं, जो एक खिलाड़ी को गंभीर चोटों से बचाते हैं। उनके उपकरण में हेलमेट, पैड, गर्दन गार्ड, जॉकस्ट्रैप, कोहनी पैड, हॉकी स्टिक और एक गेंद शामिल हैं।

हॉकी की लोकप्रियता

भारत कई सालो तक हॉकी खेल में विश्व विजयी रहा। हॉकी खेल अन्य देशो जैसे हॉलैंड, जर्मनी, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया इत्यादि देशो में भी काफी लोकप्रिय हो गया है। हॉकी खेल में गोल कीपर, राइट बैक, सेंट्रल फॉरवर्ड और लेफ्ट बैक जैसे ज़रूरी स्थान होते है, जिन्हे खिलाड़ियों को संभालना पड़ता है।

स्वर्ण युग के कुछ बेहतरीन खिलाड़ी

अजीत पाल, धनराज पिल्लै, अशोक कुमार, ऊधम सिंह, गगन अजीत सिंह, बलबीर सिंह इत्यादि बेहतरीन हॉकी खिलाड़ी थे, जिन्होंने हॉकी में योगदान दिया। भारतीय हॉकी को मांट्रियल ओलिंपिक में सातवा स्थान प्राप्त हुआ।

भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी

अंतरष्ट्रीय हॉकी खेलो में भारत के खिलाड़ियों ने अपना लाजवाब प्रदर्शन दिया। यही वजह है कि हॉकी को भारत ने राष्ट्रिय खेल के रूप में चुना। सन 1928 से सन 1956 तक भारत ने हॉकी में निरंतर जीत हासिल की थी।

उस स्वर्ण युग को आज भी गर्व से याद किया जाता है। टोक्यो ओलिंपिक और मॉस्को ओलिंपिक में भारत ने अपनी जीत का डंका बजाया था और स्वर्ण पदक जीता था।

हॉकी का आने वाला भविष्य

स्वर्णयुग में हॉकी खेल के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भारत ने बहुत अच्छा समय देखा था। आज योग्य खिलाड़ियों की कमी और सठिक सुविधाओं के ना होने के कारण अच्छे खिलाड़ी नहीं मिल पा रहे है।

लोगो का हॉकी के प्रति प्यार होने के कारण यह विश्वास है कि हॉकी का स्वर्णयुग फिर से वापस आएगा। भारतीय हॉकी लीग हॉकी खेल को प्रोत्साहित करने के लिए अच्छी योजनाएं बना रही है।

हॉकी खेल की अहमियत

हॉकी खेल सबसे पुराने और जाने माने खेलो में से एक है। हॉकी का इतिहास भारत में बड़ा और विस्तृत है। इसे पहले विभिन्न तरीको से खेला जाता था। मैदानी हॉकी लोग ज़्यादातर जगहों पर खेलते है।

बर्फीले जगहों पर आइस हॉकी भी खेली जाती है। हॉकी पहले अंग्रेजी स्कूलों में खेला जाता था। यह ब्रिटिश द्वारा अधिकतर खेला जाता था। इसके बाद लंदन हॉकी एसोसिएशन का निर्माण किया गया, ताकि हॉकी के नियमो का मानकीकरण हो।

हॉकी खेल को बढ़ावा

विद्यालयों में हॉकी खेल को बढ़ावा मिलना चाहिए। अच्छे हॉकी कोच नियुक्त किये जाने चाहिए, जो बच्चो को अच्छे तरीके से हॉकी के नियमो को सीखा सके। जो बच्चे हॉकी अच्छा खेलते है, उन्हें स्कूल स्तर पर हॉकी टूर्नामेंट में भाग लेना चाहिए।

सरकार को उन विद्यार्थियों का समर्थन करना चाहिए जो हॉकी अच्छा खेलते है और वित्तीय मदद सरकार द्वारा विद्यार्थियों को मिलनी चाहिए।

हॉकी युवाओ को खेलना बहुत पसंद है। हॉकी और क्रिकेट जैसे लोकप्रिय खेल युवाओं को खेलना बड़ा पसंद है। हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल कहा जाता है, मगर आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुयी है। आज हॉकी के खिलाड़ियों को एक बार फिर से उस स्वर्ण युग को जिन्दा करना होगा।

ऐसा करने से हॉकी को फिर से उस स्थान पर पहुंचाया जाएगा, जिससे देश का सर ऊंचा हो गया था। ऐसा करने से निश्चित तौर पर हॉकी को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय खेल घोषित किया जाएगा। सरकार को हॉकी के खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि वह और अधिक जोश के साथ खेल सके।

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तो यह था राष्ट्रीय खेल हॉकी पर निबंध (National Game Hockey Essay In Hindi), आशा करता हूं कि राष्ट्रीय खेल हॉकी पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On National Game Hockey) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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Essay on Hockey in India in Hindi

आज के समय में देश में खेल का काफी महत्व है। आज की युवा पीढ़ी की रुचि खेलकूद में अधिक होती है। जिसके कारण हमारे भारत देश को देश के कोने कोने से नए नए खिलाड़ी मिलते हैं। जो कि नेशनल लेवल पर जीत कर हमारे भारत देश का नाम रोशन करते हैं। हमारे भारत देश में अलग-अलग प्रकार के खेलों का अलग अलग महत्व है ।परंतु हमारे भारत देश का राष्ट्रीय खेल है हॉकी, जो कि आज के समय में हमारे देश के युवा पीढ़ियो द्वारा खेला जाता है। हॉकी खेल हमारे देश में  लंबे समय से खेला जा रहा है। इसीलिए हमारे भारत देश के लिए हॉकी खेल का एक अलग ही महत्व है। इस खेल से कई ऐतिहासिक कहानियां भी जुड़ी हुई है। किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल निर्धारित करने का सबसे स्पष्ट कारण यह है की वह खेल उस देश के लोगों के दिलों में गर्व का कारण होना चाहिए।

हॉकी खेल क्या है:-

हॉकी एक प्रकार का खेल है जो कि  युवाओं द्वारा खेला जाता है। हॉकी खेल भारत का राष्ट्रीय खेल है। यह शायद आज के समय में खेला जाने वाला सबसे प्राचीन खेलों में से एक है। ग्रीस में ओलंपिक के प्राचीन खेलों की शुरुआत से पहले लगभग 1200 साल पहले छड़ी  की माध्यम से 1 गेंद का मार्गदर्शन करके यह खेल को खेला जाता था। इस खेल को दुनिया में बहुत पुराने समय से खेला जा रहा है। इस खेल को या तो घास के मैदान पर या फिर एक साथ मैदान पर खेला जाता है। दिखने में यह मैदान एक साफ चटाई की तरह होता है। इस खेल के अंतर्गत दो टीम होती है । दोनों टीम के अंतर्गत 11-11 खिलाड़ी होते हैं ।जो कि आपस में मुकाबला करके पॉइंट स्कोर करते हैं। जब तक मैच की समाप्ति नहीं हो जाती तब तक खिलाड़ियों को चौकन्ना रहना पड़ता है ।और उनके पॉइंटस् प्राप्ति के आधार पर एक टीम को विजई घोषित किया जाता है।

हॉकी का इतिहास:-

हॉकी आज के समय में खेले जाने वाला  प्राचीन खेलों में से एक है। पुराने समय में जब स्कॉटलैंड में गॉलवे के नियमों ने हॉकी के खेल को प्रतिबंधित किया था। तब यह खेल को छोटी सी छड़ी और गेंद के सहारे खेला जाता था। यह खेल ब्रिटिश सरकार के राज के दौरान पेश किया गया था। इस खेल को ब्रिटिश सरकार द्वारा 19वीं सदी में एक लोकप्रिय स्कूल खेल के रूप में विकसित किया गया था।  1921 में लंदन हॉकी संघ की स्थापना की गई थी। और उसके बाद 1924 में अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ की स्थापना मुख्य रूप से दुनिया में ब्रिटिश खेल के रूप में की गई थी। भारत में 1855 में पहली हॉकी क्लब को कोलकाता में स्थापित किया गया था। बंगाल हॉकी भारत का पहला हॉकी संघ है जो कि 1960 में स्थापित किया गया था। भारत में 1928 में पहली बार ओलंपिक में भाग लिया था।

भारत ने 1928 में हॉकी मैच में भाग लिया था और जीता था। भारत 1928 में हॉकी में विश्व विजेता रह चुका है। और ओलंपिक खेल 6 गोल्ड मेडल जीता है। सन 1928 से 1956 तक के बीच में बुद्धिमान युवा खिलाड़ियों द्वारा विजय प्राप्त करके देश को गौरवान्वित किया है। इसीलिए 1928 से 1956 तक का समय भारतीय हॉकी के लिए स्वर्ण काल के रूप में जाना जाता है।

भारत में हॉकी का महत्व:-

हॉकी भारत का बहुत ही महत्वपूर्ण खेल है ।क्योंकि भारत को हॉकी के क्षेत्र में कई वर्षों तक विश्व विजेता बनाया है। इसलिए हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल के रूप में माना जाता है। और इसका सम्मान पूरे भारतवासी गर्व के साथ करते हैं। यह खेल भारत में प्राचीन समय से खेला जा रहा है। इस खेल को बुद्धिमान खिलाड़ियों द्वारा भारत की जड़ों में गहराई तक कमाने में पूरा योगदान दिया गया है। हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल, भारत में हॉकी के स्वर्ण काल के कारण चुना गया था। क्योंकि उस समय भारत की युवा पीढ़ी द्वारा इस खेल को बड़े ही दिलचस्पी के साथ खेला जाता था। और इस खेल मे  पहले के समय में गोल्ड मेडल हासिल किया गया था। जो कि भारत के लिए काफी सम्मान की बात है। हॉकी भारत में तो खेला हि जाता है ,परंतु यह दुनिया के अलग-अलग देशों द्वारा भी बड़ी दिलचस्पी के साथ खेला जाता है। हॉकी के क्षेत्र में हमारे भारत ने काफी तरक्की हासिल की है। ऐसा लगता है कि यह कभी खत्म नहीं होगा और हॉकी के लिए लोगों के दिलों में प्यार ,आदर ,सम्मान के कारण हॉकी का स्वर्ण युग एक दिन वापस जरूर आएगा।

हालांकि आज के समय में हॉकी का महत्व धीरे- धीरे कम होते जा रहा है । क्योंकि आज के समय में लोगों की दिलचस्पी हॉकी से ज्यादा अन्य खेलों में देखा जा रहा है। इसीलिए भारत सरकार द्वारा हॉकी को सब लोगों के दिलों में वापस लाने के लिए कुछ प्रयत्न करने पड़ेंगे। हॉकी के क्षेत्र में प्राचीन काल के समय में भारत ने काफी तरक्की और नाम हासिल किया है। इस खेल को उतना ही माता के साथ देखा जाता है जितना कि पहले देखा जाता था । आज के समय में बहुत लोग ऐसे हैं जो कि फौजी में रुचि रखते हैं। और हमारे भारत सरकार द्वारा भी हमारे राष्ट्रीय खेल की उपयोगिता और महत्वता को समझाते हुए इसे पूरे गर्व और सम्मान के साथ लोगों को इनका महत्व समझाने का प्रयास किया गया हैं।

हॉकी प्राचीन समय से खेले जाने वाला एक बहुत ही अच्छा खेल है। और आज के समय में विद्यार्थियों के द्वारा इसे बहुत ही प्रसन्न किया जाता है। यह बहुत ही सरल और सीधा सा खेल है । हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है इसलिए इस खेल को भारत वासियों द्वारा दिल से इज्जत और सम्मान दिया जाता है। खेल के द्वारा हमारे भारत देश में काफी नाम कमाया है। पहले के समय से हि इस खेल को बड़ी दिलचस्पी के साथ खेला जाता हैं । भारत देश ने हॉकी के कई सारे मैच जीतकर भारत को गोल्ड मेडल प्रदान किया हैं। इसीलिए आज के समय में हॉकी मैच को खेलने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित किया जाता है। भारतीय हॉकी की गरिमा बनाए रखने के लिए सरकार ने हॉकी खेलने वाले विद्यार्थियों के लिए धन कोष और वित्त सुविधा के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई है।

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हॉकी पर छोटा निबंध। Short Essay on Hockey in Hindi

हॉकी पर छोटा निबंध। Short Essay on Hockey in Hindi : हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है। हॉकी एक लोकप्रिय खेल है जिस प्रकार यह खेल भारतवर्ष में कई वर्षों से खेला जा रहा है उससे यह प्रतीत होता है कि यह अखिल भारतीय है। वास्तविकता यह है कि भारतवर्ष में हॉकी को अंग्रेजों ने शुरू किया था। भारतीय इस खेल में दक्ष हो गए और अंतरराष्ट्रीय मैचों में विजय प्राप्त करके नाम कमाया। हॉकी का खेल दो टीमों के मध्य खुले मैदान में खेला जाता है। प्रत्येक टीम में 11 11 खिलाड़ी होते हैं। प्रत्येक टीम गोल करने का प्रयत्न करती है। हॉकी का मैदान 92 मीटर लंबा और 52 मीटर चौड़ा होता है। हॉकी के खेल में हल्के मजबूत और सही नाप के कैनवास के जूते¸झंडिया¸गोल के खंभे तथा तख्ते तथा गोल की जालियां आदि चीजें काम आती हैं। हॉकी का खिलाड़ी स्वास्थ्य तथा मजबूत होना चाहिए।

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मीरा बाई पर निबंध - essay meera bai in hindi, हॉकी पर निबंध essay on hockey in hindi.

हॉकी पर निबंध Essay on Hockey in Hindi

मेरा प्रिय खेल फुटबॉल पर निबंध क्रिकेट पर निबंध

मेरा प्रिय खेल हॉकी , हॉकी के नियम .

  • एक मैच के दौरान एक टीम अधिकतम तीन खिलाड़ियो को बदल सकती है। 
  • एक बार बदला गया खिलाड़ी दुबारा उस मैच मे नहीं खेल सकता है। 
  • गोलकीपर अपने क्षेत्र मे बोल को किक मार सकता है। या अपने शरीर से रोक सकता है। 
  • बोल को शरीर को हिस्से से रोकने के लिए खिलाड़ी को अपने पैरो को हवा मे रखना पड़ता है। यदि ऐसा नहीं होता है। और खिलाड़ी बोल को छु लेता है। तो उस खिलाड़ी की टीम को नुकसान होता है। 
  • हॉकी को डंडे की सहायता से खेला जाता है। और इस डंडे को हॉकी कहते है। 
  • बोल को हॉकी की सहायता से फेंका जा सकता है। 
  • यदि कोई खिलाड़ी जानबूझकर बोल को गोल पोस्ट के बाहर कर दे तो इस पर विपक्षी टीम को पेनल्टी कॉर्नर मिलता है। 
  • पेनाल्टी स्ट्रोक आक्रमण की टीम का कोई भी खिलाड़ी मार सकता है। जिसे विरोधी टीम का सिर्फ गोलकीपर ही रोक सकता है। यदि ये बोल कंधे से ऊँची हो ओ इसे गोलकीपर स्टिक की सहायता से रोक सकता है। 
  • यदि पेनाल्टी स्ट्रोक की बोल अर्धवृत के बाहर चली जाए। तो पेनाल्टी स्ट्रोक समाप्त हो जाता है। 
  • यदि गोलकीपर द्वारा किसी भी प्रकार से नियमो का उलंघन कर बोल को रोक दिया जाए ओ भी वह गोल माना जाएगा। 
  • हॉकी खेल मे खिलाड़ियो द्वारा नियमो का उलंघन करने पर उन्हे को तीन प्रकार के कार्ड दिए जाए है।
  • हरा कार्ड देने पर खिलाड़ी को चेतावनी दी जाती है। पीला कार्ड देने पर खिलाड़ी को 5 मिनट के लिए मैच से बाहर कर दिया जाता है। तथा लाल कार्ड देने पर खिलाड़ी को उस पूरे मैच से बाहर कर दिया जाता है।

हॉकी की प्रमुख प्रतियोगिताएँ

  • ओलम्पिक हॉकी 
  • विश्व कप 
  • एशिया कप 
  • बेटन कप
  • लेडी रतन टाटा कप 
  • एमसीसी कप गुरुनानक कप 
  • सिंधिया गोल्ड कप 
  • ध्यानचंद ट्रॉफी 
  • सीनियर नेहरू हॉकी ट्रॉफी 
  • एशियाए हॉकी
  • इन्दिरा गोल्ड कप 
  • रंगास्वामी कप

जीवन में खेलों का महत्व निबंध मेरा प्रिय खेल क्रिकेट पर निबंध शिक्षा में खेलकूद का महत्व पर निबंध मेजर ध्यानचंद पर निबंध

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भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी पर निबंध | Hockey Essay in Hindi

Essay on Hockey in Hindi

राष्ट्रीय खेल हॉकी पर निबंध | HOCKEY ESSAY IN HINDI 

Essay on Hockey in Hindi

आज हम राष्ट्रीय खेल हॉकी पर निबंध (Essay On National Game Hockey In Hindi) लिखेंगे। राष्ट्रीय खेल हॉकी पर लिखा यह निबंध (bharat ka rashtriya khel hockey par nibandh) बच्चों (kids) और class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद हो सकता है. इसे speech, Paragraph और Nibandh के रूप में भी प्रस्तुत कर सकते हैं. 

राष्ट्रीय खेल हॉकी पर निबंध (National Game Hockey Essay In Hindi)

Table of Contents

हॉकी का इतिहास और उत्पत्ति 

ऐसा माना जाता है कि हॉकी का खेल अपने आरंभिक रूप में हलिंग और शिंटी नामों से खेला जाता था। मध्यकाल में छड़ी द्वारा खेला जाने वाला फ्रांसीसी खेल ‘हॉकी’ प्रचलित था, जो आज पूरे विश्व में खेला जाता है। आधुनिक जगत में 1971 में हॉकी विश्वकप प्रतियोगिता का आरंभ हुआ। आज हॉकी की अनेक अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएँ होती हैं; जैसे-यूरोपियन कप, विश्व कप, एशियाई कप आदि।

हॉकी का विस्तार 

भारत में हॉकी के विस्तार का श्रेय मुख्य रूप से ब्रिटिश सेना को जाता है। 19वीं शताब्दी में अंग्रेजी विद्यालयों में हॉकी खेलने की शुरुआत हुई। 1908 में हॉकी को पहली बार ओलंपिक में शामिल किया गया। 1980 में महिला हॉकी टीम ओलंपिक में शामिल की गई। धीरे-धीरे यह खेल महिलाओं का लोकप्रिय खेल बन गया। इसे विद्यालयों, महाविदयालयों, क्लवों आदि में खेला जाने लगा।

हॉकी के ज़रूरी नियम 

हॉकी की टीम में ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। पाँच खिलाड़ी फॉरवर्ड, तीन हाफ़बैक, दो फुलबैक और एक गोलकीपर होता है। हॉकी खेलने का मैदान चौकोर होता है। इसके केंद्र में एक केंद्रीय रेखा और दो अन्य रेखाएँ खींची जाती हैं। हॉकी का खेल एक छड़ी (स्टिक) तथा गेंद के द्वारा खेला जाता है। एक खेल में 35 मिनट के दो भाग होते हैं, जिनमें 5 से 10 मिनट का अंतराल होता है। खेल केवल किसी खिलाड़ी को चोट लगने की स्थिति में हो रोका जाता है। गोलकीपर मोटे और हलके पैड पहनता है। उसे शरीर या पैर की मदद से गेंद रोकने की इजाजत होती है। अन्य खिलाड़ी गेंद को केवल स्टिक से ही रोकते हैं।

हॉकी में खिलाड़ियों दवारा कई तरह की गलतियाँ भी की जाती हैं, जिन्हें फाउल कहते हैं। अधिकांशतः फाउल के दंड के रूप में विरोधी दल को एक फ्री हिट दी जाती है। खेल के प्रत्येक भाग के लिए एक निर्णायक रेफ़री होता है।

हॉकी का भारत में इतिहास 

भारत में यह खेल सर्वप्रथम कोलकाता में खेला गया था। भारतीय टीम का गठन सबसे पहले वहीं हआ था। 26 मई को भारतीय हॉकी टीम पहली बार ओलंपिक खेलों में शामिल हुई और विजयी हुई थी। भारत के पास ओलंपिक स्वर्ण पदकों के उत्कृष्ट रिकॉर्ड हैं। हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को ‘हॉकी का जादूगर’ कहा जाता था। 1928 से 1956 तक भारत में हॉकी का स्वर्णिम काल था। इस दौरान भारत ने हॉकी में 6 ओलंपिक पदक जीते थे।आज भी हॉकी का खेल भारत में खूब खेला जाता है।

उम्मीद है आपको ये Hindi Essay on ” National Game Hockey “, “हॉकी का हिंदी में लेख”, “Hockey ka Lekh aur Essay” Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and 10 अच्छा लगा होगा. 

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हॉकी पर निबंध हिंदी | Hockey Essay in Hindi

हॉकी एक बहुत लोकप्रिय और रोमांचकारी खेल है। यह हमारा राष्ट्रीय खेल भी है। हॉकी में शक्ति, स्फूर्ति और कौशल की आवश्यकता होती है। यह दो दलों के बीच खेला जाता है। प्रत्येक टीम में 1111 खिलाड़ी होते हैं। यह खेल 70 मिनट तक खेला जाता है। 35 मिनट के बाद में 10 मिनट का अवकाश और विश्राम रहता है। विश्राम के बाद पाले बदल दिये जाते हैं। हॉकी के खेल का मैदान 100 गज लम्बा और 60 गज चौड़ा होता है। दोनों छोरों पर दो गोल होते हैं। प्रत्येक गोल की लम्बाई 12 फिट तथा ऊंचाई 6 फिट होती है।

हॉकी स्टिक और बॉल से.खेली जाती है। स्टिक का एक छोर गोलाई में मुड़ा हुआ होता है। इससे बॉल को मारकर गोल में ले जाने का प्रयत्न किया जाता है। हॉकी का खेल राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय, स्थानीय आदि सभी स्तरों पर खेला जाता है। यह ऑलम्पिक्स में भी खेला जाता है। इसमें जो गति, स्फूर्ति, उत्तेजना और रोमांच होता है, वह दर्शनीय है।

हॉकी पुरुष तथा महिलायें दोनों खेलते हैं। हॉकी के साथ 80 से अधिक देश जुड़े हुये हैं। अन्य देशों में भी यह खेल फैलता जा रहा है। दिनप्रतिदिन इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। भारत का इस खेल के साथ गहरा और अटूट संबंध रहा है। भारत के प्रसिद्ध खिलाड़ी ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। उन जैसा महान हॉकी खिलाड़ी दूसरा आज तक पैदा नहीं हुआ। भारत ने कई अन्य महान हॉकी खिलाड़ी पैदा किये हैं। पिछले कुछ वर्षों में आस्ट्रेलिया, जर्मनी, हॉलैण्ड, इंग्लैंड आदि देशों ने भी हॉकी में बड़ा नाम कमाया है। पाकिस्तान का भी हॉकी में बड़ा नाम है। फुटबाल और क्रिकेट की तरह हॉकी भी बड़ा लोकप्रिय खेल है।

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हॉकी पर निबन्ध | Essay on Hockey in Hindi

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हॉकी पर निबन्ध | Essay on Hockey in Hindi!

हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है । हॉकी एक लोकप्रिय खेल है, जिस प्रकार यह खेल भारतवर्ष में कई वर्षों से खेला जा रहा है उससे यह प्रतीत होता है कि यह खेल भारतीय है । वास्तविकता यह है, कि भारतवर्ष में हॉकी को अंग्रेजों ने शुरू किया था । भारतीय इस खेल में दक्ष हो गए और अन्तर्राष्ट्रीय मैचों में विजय प्राप्त करके नाम कमाया ।

बहुत पहले ईरान के लोग बल्लों से एक खेल खेला करते थे । यह खेल हॉकी से मिलता था । किन्तु वह खेल हॉकी की तरह बढ़िया नहीं था । ईरानियों से यह खेल यूनानियों ने सीखा और उसे रोम तक पहुंचाया। वर्ष 1921 में एथेन्स में हुई खोज के आधार पर इस बात की पुष्टि हुई, कि यूरोप – यह खेल पूर्व से ही पहुंचा । किन्तु आधुनिक हॉकी से मिलता-जुलता खेल पहली बार इंग्लैण्ड में ही खेला गया उस समय यदि 14 मीटर से ज्यादा की दूरी से गोल किया जाता तो उसे गोल नहीं माना जाता था ।

किन्तु तब तक गोल वृत्त नहीं बनाया जाता था । जिस प्रकार की हाँकी अब खेली जा रही है हॉकी का जन्म 1886 में तब हुआ जब हाँकी एसोसियेशन की स्थापना हुई । इसके बाद इंग्लैण्ड और आयरलैंड के मध्य वर्ष 1895 में पहला अन्तर्राष्ट्रीय मैच खेला गया ।

ADVERTISEMENTS:

हॉकी का खेल दो टीमों के मध्य खुले मैदान में खेला जाता है । प्रत्येक टीम में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं । प्रत्येक टीम गोल करने का प्रयत्न करती है । हॉकी का मैदान 92 मीटर लम्बा और 52 से 56 मीटर चौड़ा होता है । हॉकी के खेल में गेंद, हाँकी, चुस्त ड्रैस, हल्के मजबूत और सही नाप के केनवास के जूते, झंडियां, गोल के खंभे तथा तख्ते तथा गोल की जालियां आदि चीजें काम आती हैं । हॉकी का खिलाड़ी स्वस्थ तथा मजबूत होना चाहिए ।

उसमें इतनी शक्ति होनी चाहिए कि वह दो-तीन घंटे सक्रियता तथा एकाग्रता से खेल सके और तेजी से दौड़ सके । हॉकी के खिलाड़ी में फुर्तीलापन, तत्काल निर्णय लेने की शक्ति तथा सहिष्णुता होनी चाहिए । हाँकी के खेल में सहयोग तथा सद्‌भावना जरूरी है, अकेला खिलाड़ी कुछ नहीं कर सकता । कुछ खिलाड़ी ड्रिबलिंग से दूसरे दर्शकों को मुग्ध कर देते हैं किन्त, यह अच्छा खेल नहीं है । वर्ष 1908 में हॉकी को ओलम्पिक खेलों में शामिल कर लिया गया ।

उस वर्ष जो अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता हुई उसमें केवल इंग्लैण्ड, स्कॉटलैड, वैल्स, आयरलैंड, जर्मनी तथा फ्रांस ने भाग लिया । पहले हॉकी के खेल में भरपूर मनोरंजन प्रदान करने की ओर ध्यान दिया जाता था । अब यह खेल विजय-पराजय को ध्यान में रखकर खेला जाता है ।

भारत ने ओलम्पिक हॉकी में सन् 1928 में पहली बार भाग लिया । भारत में अंतिम स्पर्धा में हालैंड को 3० गोल से पराजित करके हॉकी जगत में अपने नाम का सिक्का जमा दिया । चार वर्ष बाद लॉस एंजिल्स में भारत ने फिर से स्वर्ण पदक प्राप्त किया ।

भारतीय खिलाड़ी ड्रिबलिंग में कुशल थे । 1936 की भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मेजर ध्यानचंद को जिन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता था और उन जैसा हॉकी का जादूगर विश्व में अभी तक नहीं हुआ है । देश में अभी हाल ही में उनका 100वां जन्मदिवस मनाया गया । भारतीय खिलाड़ियों का गेंद पर सदैव नियंत्रण रहता था और वे पास देने में भी कुशल थे । प्रत्येक खिलाड़ी प्रतिरक्षा तथा आक्रमण करना जानता था । भारतीय खिलाड़ियों में टीम की भावना थी । वे राष्ट्र के लिए खेलते थे ।

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हॉकी पर निबंध | Hockey Essay in Hindi | Essay on Hockey in Hindi

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Updated on: March 28, 2024

Essay on Hockey in Hindi   :    इस लेख में हमने  हॉकी पर निबंध के बारे में जानकारी प्रदान की है। यहाँ पर दी गई जानकारी बच्चों से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारी करने वाले छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगी।

हॉकी पर निबंध: फील्ड हॉकी एक ऐसा खेल है जिसे छड़ी और गेंद के साथ खेला जाता है। हॉकी को दो टीमों की आवश्यकता होती है, जिसमें प्रत्येक पक्ष में ग्यारह सदस्य होते हैं। खेल का मकसद या उद्देश्य विपरीत टीम के खिलाफ अधिक से अधिक गोल करना है।

हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है और भारत में इसका व्यापक रूप से सम्मान किया जाता है। हमें न केवल हमारे बीच शानदार हॉकी खिलाड़ियों पर गर्व है, बल्कि हम इस प्रतिभाशाली खेल में महारत हासिल करने का अवसर पाकर भी सम्मानित महसूस कर रहे हैं।

आप   लेखों, घटनाओं, लोगों, खेल, तकनीक के बारे में  और    निबंध   पढ़ सकते हैं   ।

  • 1 हॉकी पर लंबा निबंध (500 शब्द)
  • 2 हॉकी पर लघु निबंध (150 शब्द)
  • 3 हॉकी पर 10 पंक्तियाँ
  • 4 हॉकी निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
  • 5 इन्हें भी पढ़ें :-

हॉकी पर लंबा निबंध (500 शब्द)

फील्ड हॉकी हमारे देश में व्यापक रूप से खेला जाने वाला टीम खेल है। यह घास, कृत्रिम या पानी वाली टर्फ, या सिंथेटिक क्षेत्रों पर खेला जाता है। प्रत्येक टीम में दस खिलाड़ी और एक गोलकीपर होता है।

हॉकी एक घुमावदार छड़ी से खेली जाती है। इसका उद्देश्य गेंद को छड़ी के घुमावदार सिरे से आगे बढ़ाना और एक गोल करना है। स्ट्राइकर लक्ष्य को मारने में असाधारण रूप से कुशल होते हैं ताकि उनके शॉट सफलतापूर्वक गोल पोस्ट में प्रवेश कर सकें। गोलकीपर के पास उन लक्ष्यों को बाधित करने की जिम्मेदारी होती है, जिन्हें विपरीत टीम गोल करना चाहती है।

हॉकी एक ऐसा खेल है जिसमें बहुत अभ्यास और समर्पण की आवश्यकता होती है। हॉकी आमतौर पर एक आयताकार मैदान पर खेली जाती है, और यह एक बाहरी खेल है। गोलकीपर एक भारी गद्देदार जर्सी और हेलमेट पहनता है और एक घुमावदार हॉकी स्टिक के साथ गोल पोस्ट के सामने खड़ा होता है। हॉकी स्टिक अक्षर “J” जैसा दिखता है। गोलकीपर को सुरक्षात्मक सूट पहनना पड़ता है क्योंकि हॉकी स्टिक से टकराने पर गेंद बहुत तेज गति से गोल पोस्ट की ओर दौड़ती है, और गद्देदार सूट की कमी से गंभीर चोट लग सकती है।

खेल हमेशा दोनों टीमों के कप्तानों के बीच टॉस से शुरू होता है। टॉस जीतने वाला व्यक्ति या तो मैदान के अपने पक्ष का चयन कर सकता है या पहले इसे पास करने का विकल्प चुन सकता है। खेल प्रत्येक सत्र में 75 मिनट के लिए खेला जाता है। पैंतीस मिनट के दो राउंड हैं और दोनों श्रृंखलाओं के बीच में एक ब्रेक है। इस समय का उपयोग दवाओं, रणनीतिक योजना, उपचार आदि के लिए किया जाता है। टीमें संबंधित क्षेत्रों में अपनी स्थिति लेती हैं, और एक तरफ एक केंद्र पास बनाता है।

खेल जारी रहता है क्योंकि चालक दल गेंद को एक-दूसरे को पास करते हैं, अपने विरोधियों को गेंद से दूर रखने की कोशिश करते हैं, और गोल करने की कोशिश करते हैं। अंत में, अधिक गोल करने वाली टीम मैच जीत जाती है। समूहों के बीच ड्रॉ के मामले में, शुरू में एक मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाता है। यदि टीमें अभी भी स्कोर नहीं कर पाती हैं और ड्रा अनसुलझा रहता है, तो शूटआउट होता है। एक शूटआउट में, प्रत्येक टीम के तीन सदस्यों को पेनल्टी स्ट्रोक मिलता है। अधिक स्कोर करने वाली टीम को मैच का विजेता घोषित किया जाता है।

भारत में पुरुष और महिला दोनों फील्ड हॉकी खेलते हैं। भारत की महिला हॉकी टीम ने इस आदमी की दुनिया में जगह बनाने के लिए संघर्ष किया। लेकिन, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी ताकत और दृढ़ संकल्प के साथ प्रयास करते रहे। हॉकी को जोरदार अभ्यास और पेशेवर प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। पेशेवर रूप से हॉकी खेलने वाले व्यक्तियों को अपना खिताब अर्जित करने के लिए दिन-रात मेहनत करनी पड़ती है। वे अपने देशों में गौरव वापस लाने से पहले अमानवीय मात्रा में प्रयास और अभ्यास के पागल घंटे लगाते हैं।

फील्ड हॉकी के अलावा, आइस हॉकी भी है जो आइस स्केटिंग रिंगों पर खेली जाती है। बंडी, रोलर हॉकी, स्ट्रीट हॉकी सभी विभिन्न प्रकार की हॉकी खेली जाती हैं। यह हमारे देश के लिए बड़े गर्व की बात है कि हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है।

हॉकी पर लघु निबंध (150 शब्द)

हॉकी भारत में एक प्राचीन और सम्मानजनक खेल है। ध्यानचंद और बलबीर सिंह सीनियर जैसे खिलाड़ियों ने हॉकी में अपने उत्कृष्ट कौशल से हमारे देश को और जीत दिलाई है। समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और एक खेल के रूप में हॉकी की लोकप्रियता के कारण ही इतिहास हमारा राष्ट्रीय खेल है। जब भारत में क्रिकेट एक लोकप्रिय खेल नहीं था, तब भी हॉकी ने लाखों लोगों का दिल चुरा लिया था। भारत ने 1928 से 1956 के बीच हॉकी के लिए प्रत्येक ओलंपिक पदक जीता। ऐसी प्रतिभा की जीत और त्रुटिहीन सफलता के कारण, हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है। हॉकी टीम के प्रयास को प्रोत्साहित करती है और सहयोग का मूल्य सिखाती है।

हॉकी पर निबंध | Hockey Essay in Hindi | Essay on Hockey in Hindi

हॉकी पर 10 पंक्तियाँ

  • हॉकी एक बाहरी खेल है जो बच्चों और वयस्कों द्वारा बड़े उत्साह और उत्साह के साथ खेला जाता है।
  • इसमें प्रत्येक टीम में ग्यारह खिलाड़ी थे, और मैच की अवधि पचहत्तर मिनट थी।
  • हॉकी हमें टीम प्रयास, टीम वर्क और सहयोग का मूल्य सिखाती है।
  • एक सफल हॉकी टीम बनाने के लिए टीम के प्रत्येक सदस्य के अंतहीन समर्पण और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है।
  • टीम के प्रत्येक सदस्य को पहले अपने देश के लिए और दस अन्य टीम के सदस्यों के लिए खेलना चाहिए। हॉकी टीम में स्वार्थ कोई विकल्प नहीं है।
  • प्रत्येक टीम के सदस्य को अन्य सदस्यों का सहयोग, विश्वास और सम्मान करना चाहिए जैसे कि इनके बिना; टीम के जीतने की कोई संभावना नहीं है।
  • टॉस जीतना और पास होने का पहला मौका चुनना निश्चित रूप से टीम को थोड़ा सा फायदा पहुंचाता है, लेकिन टेबल सेकंड में बदल सकते हैं।
  • हॉकी का मतलब अपने साथियों पर काफी भरोसा करना है। यदि सदस्यों के बीच विश्वास नहीं होगा, तो वे गेंद को सही ढंग से पास नहीं कर पाएंगे।
  • गोलकीपर एक टीम के लिए एक आवश्यक और अपरिहार्य भूमिका निभाता है।
  • हॉकी भारत में सबसे सम्मानित और लोकप्रिय खेलों में से एक है, और हमें अपने खिलाड़ियों का सम्मान और प्रोत्साहन करना चाहिए।

हॉकी निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. हॉकी कैसे खेली जाती है?

उत्तर: हॉकी एक गेंद और एक जे-आकार की घुमावदार छड़ी के साथ खेली जाती है। खिलाड़ी गेंद को छड़ी के घुमावदार सिरे से पास करते हैं और अधिकतम गोल करने का लक्ष्य रखते हैं।

प्रश्न 2. क्या हॉकी घर के अंदर खेली जा सकती है?

उत्तर: हॉकी स्टेडियमों और कृत्रिम मैदानों में खेली जा सकती है, लेकिन इसे घर के अंदर, घरों के अंदर नहीं खेला जा सकता।

प्रश्न 3. मैं हॉकी कैसे सीख सकता हूँ?

उत्तर: हॉकी सीखने के लिए पेशेवर प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 4. क्या हॉकी में करियर किफायती है?

उत्तर: पेशेवर हॉकी खिलाड़ी बनने के लिए कड़ा संघर्ष करने की तैयारी करनी चाहिए। खेल के लिए समर्पण, समर्पण और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है।

उत्तर: Soccer

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