my school essay hindi

Essay on My School in Hindi, मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में

essay on my school in Hindi

मेरा विद्यालय पर निबंध –  Essay of my school in Hindi is Important for all classes 5th to 12th.

Essay on My School in Hindi – इस लेख में हमने विद्यालय के बारे में बताया है। विद्यालय और शिक्षा हमारे जीवन में किस प्रकार महत्व रखती है, यह हमने निबंध की सहायता से बताया है। School पर निबंध लिखने से पूर्व आपको अपने विद्यालय की छवि को अपने सम्मुख रखना चाहिए। इससे आपको निबंध लिखने में महत्वपूर्ण सहायता प्राप्त होती है।

सामग्री (Content)

मेरे विद्यालय पर निबंध 200 शब्दों में

विद्यालय स्थल, विद्यालय इमारत, विद्यालय परिसर, विद्यालय की सुख-सुविधाएँ, विद्यालय में अनुशासन, विद्यालय के विविध अध्यापक-अध्यापिकाएँ व् विविध विषय, विद्यालय के प्रधानाध्यापक, विद्यालय में प्रतियोगिताएँ, विद्यालय के समारोह, विद्यालय का परीक्षा-परिणाम.

स्कूल एक ऐसी जगह है जहां बच्चे बड़े हो सकते हैं और खेल सकते हैं। मेरा स्कूल वह है जहाँ मैं अपना अधिकांश दिन बिताता हूँ, और इसने मेरे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मेरे स्कूल में अच्छी तरह से रखे गए बगीचों और खेल के मैदानों के साथ एक सुंदर परिसर है। इसमें एक अच्छी तरह से सुसज्जित पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशालाएँ और कंप्यूटर प्रयोगशालाएँ हैं, जो सभी हमारी पढ़ाई में सहायता करती हैं। कक्षाएँ विशाल और अच्छी तरह हवादार हैं, जिससे सीखने का अनुकूल माहौल बनता है। शिक्षाविदों के अलावा, मेरा विद्यालय खेल, संगीत, नृत्य और नाटक जैसी पाठ्येतर गतिविधियों पर जोर देता है। पूरे वर्ष के दौरान, स्कूल छात्रों को अपनी प्रतिभा और कौशल दिखाने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है। मेरे शिक्षक जानकार, अनुभवी और सहायक हैं। वे न केवल हमें विषय पढ़ाते हैं, बल्कि हमें व्यक्तिगत और सामाजिक रूप से विकसित करने में भी मदद करते हैं। वे हमेशा हमारी सहायता करने और हमें आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार रहते हैं। संक्षेप में, मेरा विद्यालय सीखने की जगह से कहीं अधिक है; यह एक ऐसी जगह भी है जहाँ मैंने आजीवन दोस्त बनाए हैं, बहुमूल्य अनुभव प्राप्त किए हैं, और ऐसी यादें बनाई हैं जिन्हें मैं अपने शेष जीवन के लिए संजो कर रखूँगा। मेरा स्कूल (My School) पर 10 लाइन

विद्यालय को प्राचीन काल से ही मंदिर का स्थान दिया गया है।  प्राचीन काल में बालक 6, 8 अथवा 11 वर्ष की अवस्थाओं में गुरुकुलों (विद्यालयों) में ले जाए जाते थे और गुरु के पास बैठकर ब्रह्मचारी के रूप में शिक्षा प्राप्त करते थे। गुरु उनके शारीरिक और बौद्धिक संस्कारों को पूर्ण करता हुआ, उन्हें सभी शास्त्रों एवं उपयोगी विद्याओं की शिक्षा देता तथा अंत में दीक्षा देकर उन्हें विवाह कर गृहस्थाश्रम के विविध कर्तव्यों का पालन करने के लिए वापस भेजता। वर्तमान के विद्यालय, प्राचीन काल के गुरुकुलों से बहुत अलग अवश्य हैं किन्तु आज भी विद्यालयों को मंदिरों का और अध्यापकों को भगवान् का दर्जा दिया जाता है।

मेरा विद्यालय बहुत सुंदर है और मुझे मेरा विद्यालय बहुत अच्छा लगता है। मेरा विद्यालय मेरे घर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, इसलिए हमारे विद्यालय से एक पीले रंग की स्कूल बस रोज़ सुबह 8 बजे समय पर मेरे घर के सामने मुझे लेने आती है और मेरी माता जी रोज मुझे बस में बिठा कर स्कूल भेजती हैं। मेरा विद्यालय शहर की भीड़भाड़ से दूर एकांत स्थल पर है। प्राचीन काल से ही विद्यालयों के लिए ऐसे स्थान को उपयुक्त समझा जाता था, जहाँ पर किसी प्रकार का शोर न हो, क्योंकि पढ़ाई के लिए शांति की आवश्यकता होती है। मेरा विद्यालय बहुत बड़ी जगह में फैला हुआ है, इसके चारों ओर ऊँची-ऊँची दीवारें हैं।

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मेरे विद्यालय की इमारत चार मंजिला है। जो अंग्रेज़ी के L आकार में निर्मित की गई है। विद्यालय में 80 कमरे हैं। प्रत्येक कमरे में हवादार खिड़कियाँ हैं। इन कमरों की चपरासी द्वारा रोज सफाई की जाती है जिससे हम स्वच्छ माहौल में पढ़ाई कर पाते है। मेरे विद्यालय में कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की पढ़ाई होती है। मैं कक्षा आठ में पढ़ता हूँ। मेरी कक्षा विद्यालय के द्वितीय मंजिल पर है।

मेरे विद्यालय के पीछे की ओर एक बहुत बड़ा मैदान है। जिसमें हम सभी विद्यार्थी खेल-कूद का आनंद लेते हैं। यही पर हमारा प्रार्थना स्थल है जहां पर हम सुबह प्रार्थना करते है और अपने दिन की शुरुआत करते हैं। विद्यालय के मैदान के चारों ओर बड़े-बड़े वृक्ष लगे हुए हैं और छोटी-छोटी घास लगी हुई है। विद्यालय परिसर में कई छोटी-छोटी वाटिकाएँ भी हैं, जिनमें रंग-बिरंगे फूल खिले होते है। इससे हमारे विद्यालय का वातावरण बहुत ही अच्छा रहता है और यह देखने में भी बहुत सुंदर लगता है।

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(i) विद्यालय में प्रवेश करते ही माँ सरस्वती का मंदिर है जहाँ हम रोज जाकर प्रार्थना करते हैं और माँ सरस्वती का आशीर्वाद लेकर अपनी पढ़ाई शुरू करते हैं। (ii) मेरे विद्यालय में कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के विषयों को हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों माध्यमों में पढ़ाया जाता है। (iii) विद्यालय में जल की व्यवस्था के लिए चार वाटर कूलर लगे हुए हैं जिससे हमें गर्मियों में ठंडा पानी मिलता है और साधारण पानी के लिए पानी की छ: बड़ी टंकियाँ हैं। (iv) मेरे विद्यालय के दोनों तरफ छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग 10 शौचालयों की व्यवस्था है। (v) विद्यालय में एक बड़ी लाइब्रेरी है, जिसमें हम हर रोज जाकर समाचार, पत्र पत्रिकाएँ एवं कहानियों की किताबें पढ़ते हैं। (vi) हमारे विद्यालय में 100 कंप्यूटरों का एक बड़ा कक्ष है, जिसमें हर दिन हमारी एक कक्षा कंप्यूटर से संबंधित होती है। (vii) मेरे विद्यालय में शिक्षकों के बैठने के लिए एक स्टाफ रूम की व्यवस्था भी है, जिसमें सभी शिक्षक बैठकर आपस में विचार विमर्श करते है। (viii) मेरे विद्यालय में प्रत्येक कक्षा में विद्यार्थियों के बैठने के लिए टेबल और कुर्सी की व्यवस्था की गई है और गर्मियों में हवा के लिए प्रत्येक कक्षा में चार पंखे लगे हुए है। (ix) हर कक्षा के बाहर छोटा कूड़ादान रखा गया है, जिसमें विद्यार्थी अपनी कक्षा का कूड़ा डालते हैं। इससे विद्यालय में गंदगी नहीं फैलती। (x) प्रत्येक कक्षा में एक बड़ा ब्लैक बोर्ड है जहाँ पर हमारे अध्यापक-अध्यापिकाएँ आकर हमें किसी भी विषय के बारे में लिखकर समझाते है। (xi) विद्यालय में एक तरणताल भी है, जहाँ छात्र तैराकी करते और सीखते हैं। (xii) विद्यालय में एक विशाल सभागार भी है, जहाँ पर उत्सवों और रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। (xiii) हमारा विद्यालय गरीब छात्रों के लिए वर्दी और पुस्तकों का भी उचित प्रबंध करता है। योग्य छात्रों को छात्रवृत्ति भी दी जाती है।

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अनुशासन किसी भी व्यक्ति की सफलता में अहम् भूमिका निभाता है। जब बच्चा छोटा होता है तो वह पहले परिवार से तथा बाद में विद्यालय में जाकर अनुशासन के महत्त्व को समझता है। अनुशासन की दृष्टि से हमारा विद्यालय बहुत कठोर है। विद्यालय में यदि कोई विद्यार्थी अनुशासन का उल्लंघन करता है तो उसे कड़ा दंड दिया जाता है। प्रतिदिन वर्दी, नाखून और दाँतों का निरिक्षण किया जाता हैं। प्रत्येक विद्यार्थी के घर पर उसके अनुशासन की मासिक रिर्पोट भेजी जाती है।

हमारे विद्यालय में कुल 50 अध्यापक-अध्यापिकाएँ है, जो कि प्रत्येक कक्षा में अलग-अलग विषय पढ़ाते हैं। सभी अध्यापक-अध्यापिकाएँ अपने-अपने विषयों में विद्वान है जिस कारण हमें हर विषय सरलता से समझ में आ जाता है। हमारे विद्यालय में प्रत्येक सप्ताह योगा की कक्षा भी होती है जिसमें योगा करना सिखाया जाता है तथा योगा के महत्त्व को समझाया जाता है। हमें अपने स्वास्थ्य को कैसे अच्छा रखना है, यह भी बताया जाता है। योगा से हमारे तन-मन में चुस्ती और स्फूर्ति बनी रहती है, जिससे हमारा पढ़ाई में मन लगा रहता है।

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हमारे विद्यालय के प्रधानाध्यापक बहुत ही शांत और अच्छे व्यक्तित्व के व्यक्ति हैं। वह हमें हमेशा कुछ नया करने की सलाह देते हैं और रोज प्रार्थना में हमें एक शिक्षाप्रद कहानी सुनाकर हमें शिक्षा का महत्व बताते है। उन्होंने जब से विद्यालय का कार्यभार संभाला है, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और साथ ही विद्यालय की प्रतिष्ठा भी बढ़ गई है।

हमारे विद्यालय में प्रत्येक सप्ताह कोई ना कोई प्रतियोगिता होती रहती है, जैसे – चित्र-कला, वाद-विवाद, कविताएँ आदि की प्रतियोगिताएँ होती रहती है। जिसमें सभी विद्यार्थी बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। हमारे विद्यालय में कुछ बड़ी संस्थाओं द्वारा भी प्रतियोगिताएँ रखी जाती है, जिसमें विद्यार्थियों को इनाम के तौर पर कभी-कभी कुछ शुल्क भी दिया जाता है। हमारे विद्यालय का मैदान बड़ा होने के कारण खेलकूद की जिला स्तरीय प्रतियोगिताएँ हमारे विद्यालय में ही होती है। इसमें हमारे विद्यालय के विद्यार्थी भी भाग लेते हैं। मेरे विद्यालय में हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, क्रिकेट, कबड्डी आदि की प्रतियोगिताएँ होती है।

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विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है कि विद्यार्थियों का शारीरिक, मानसिक विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक विकास भी हो। इसके लिए हमारे विद्यालय में हर साल 15 अगस्त, 26 जनवरी और वार्षिक उत्सव पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है। जिनमें सभी विद्यार्थी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन हमारे विद्यालय में एन.सी.सी. के विद्यार्थी परेड करते हैं, इसके बाद हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य हमारे देश का तिरंगा झंडा फहराते हैं, फिर हमारे देश का राष्ट्रगान गाया जाता है और इसके पश्चात देशभक्ति गीतों  पर तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है। विद्यालय के वार्षिकोत्सव के दिन भी बहुत सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। इसके साथ ही स्कूल में अलग-अलग गतिविधियों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय  आए विद्यार्थियों को पुरस्कार दिए जाते है।

हमारे विद्यालय का परिणाम हर वर्ष शत-प्रतिशत ही रहता है, जिसके कारण हमारा विद्यालय हमारे शहर का जाना-माना विद्यालय बन गया है। विद्यालय के परीक्षा-परिणाम  के शत-प्रतिशत रहने का कारण यहाँ के शिक्षकों का विद्वान और अच्छे व्यक्तित्व का होना भी है, जो विद्यार्थियों के सभी प्रश्नों को धैर्य के साथ सुनते हैं तथा उनका समाधान करते हैं। अध्यापकों के साथ-साथ बच्चों और उनके अभिभावकों की मेहनत के कारण भी विद्यालय का परीक्षा परिणाम हर वर्ष शत-प्रतिशत रहता है।

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किसी भी राष्ट्र की सर्वोत्तम निधि उस राष्ट्र के बच्चों को कहा जाता है। राष्ट्र के विकास के लिए आवश्यक है कि बच्चों का सर्वांगीण विकास अच्छे से हो और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए विद्यालय एक उपयुक्त जगह है। जहाँ पर बच्चा पढ़-लिख कर सुसंस्कृत और सभ्य नागरिक बनता है और देश की प्रगति में अपना सहयोग देता है। विद्यालय और शिक्षा का एक व्यक्ति के जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है। अतः हम सभी को चाहिए कि हम प्रत्येक बच्चे को विद्यालय और शिक्षा के समीप लाएँ ताकि वह देश की प्रगति में अपना अथाह सहयोग प्रदान करे।

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मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

विद्यालय अर्थात विद्या का आलय या घर, मतलब वो स्थान जहां विद्या उपार्जन होता हो। हमारे संस्कारों में विद्या को देवी का स्थान दिया गया है और विद्यालय को ‘मंदिर’ की उपमा दी गयी है। मेरा विद्यालय एक ऐसा विषय है, जिस पर अक्सर निबंध आदि लिखने को दिया जाता रहता है। हमारी जिन्दगी का सबसे अहम समय हम अपने विद्यालय में ही बिताते है। विद्यालय से हमारी ढ़ेरो यादे जुड़ी रहती है। इसलिए विद्यालय सबकी जिन्दगी में बहुत मायने रखता है।

मेरा विद्यालय पर छोटे – बड़े निबंध (Short and Long Essay on My School in Hindi, Mera Vidyalaya par Nibandh Hindi mein)

मेरा विद्यालय पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

मेरा विद्यालय एक आदर्श विद्यालय है। मेरे विद्यालय में पठन पाठन उच्च स्तर का है। मेरे विद्यालय में शिक्षा के महत्त्व को समझते हुए, विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते है। मेरा विद्यालय सारी सुविधाओं से लैस है।

मेरे विद्यालय का स्थान

मेरे विद्यालय का नाम बाल निकेतन है। यह शहर की भीड़-भाड़ से दूर, बेहद शांत माहौल में विद्यमान है। इसके चारों ओर हरियाली ही हरियाली है। जिस कारण वातावरण शुध्द रहता है और हमें शुध्द वायु भी मिलती है। मेरा विद्यालय मेरे घर से थोड़ी ही दूरी पर है। मेरे विद्यालय का व्यास बहुत बड़ा है। इसके चारों तरफ सुंदर-सुंदर फूलों की क्यारियां लगी है।

पठन पाठन का तरीका

हमारे विद्यालय का परिणाम (रिजल्ट) प्रति वर्ष शत-प्रतिशत आता है। मेरे विद्यालय की गणना शहर के अच्छे स्कूलों में की जाती है। मेरे विद्यालय में हर वर्ष वार्षिकोत्सव होता है, जिसमें कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम कराये जाते हैं। जिसमें हर प्रतियोगिता में उत्तीर्ण बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है। मेरे विद्यालय में प्रायोगिक शिक्षा पर भी ध्यान दिया जाता है। हमारे शिक्षक हमारे भीतर कौशल के विकास पर भी ध्यान देते है।

हमारा और सरकार का यह दायित्व है की हमारा विद्यालय आदर्श विद्यालय बने। हमारे विद्यालय से आदर्श विद्यार्थी निकलने चाहिए, जो राष्ट्र को नई दिशा दे सके। 

निबंध 2 (400 शब्द) – विद्यालय की भूमिका

मेरा विद्यालय मुझे बहुत पसंद है। हमारा विद्यालय हमारे भविष्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी उपयोगिता कोई नज़रअंदाज नहीं कर सकता। विद्यालय ही है, जो हमें सामान्य से विशेष बनाता है। हमारी छिपी प्रतिभा को खोज निकालता है। हमारा स्वयं से साक्षात्कार कराता है।

विद्यालय की परिभाषा

विद्यालय अर्थात विद्या का आलय या घर। ऐसा स्थान जहां अध्ययन-अध्यापन के द्वारा शिक्षा प्रदान की जाती है।

विद्यालय की परिकल्पना

विद्यालय की परंपरा कोई नयी नहीं है। सदियों से हमारा देश ज्ञान का स्रोत रहा है। हमारे यहां आदिकाल से ही गुरुकुल परंपरा रही है। बड़े-बड़े राजा महाराजा भी अपना राजसी वैभव छोड़कर ज्ञान-प्राप्ति के लिए गुरुकुल जाते थे। यहा तक की ईश्वर के अवतार श्रीकृष्ण और श्रीराम भी पढ़ने के लिए गुरुकुल आश्रम गये थे। गुरू का स्थान ईश्वर से भी ऊपर होता है, संसार को ऐसी सीख दी।

विद्यालय की भूमिका

जिन्दगी का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, हमारा बाल्यकाल। यही वो समय होता है जब हम केवल खुद के लिए जीते है। दोस्त बनाते हैं। दोस्तों के साथ हंसते है, रोते है। जीवन का असली आनंद अनुभव करते हैं। इन सब खुशी के पलों में हमारा विद्यालय हमारे साथ होता है।

कभी-कभी तो मां-बाप से ज्यादा नजदीकी हमारे शिक्षक हो जाते है। हमें हर कदम पर थामने और सम्भालने के लिए तैयार रहते है। मां-बाप के डर के कारण बहुत से बच्चे अपने शिक्षकों से ही अपनी परेशानियां बताते है। विद्यार्थी के जीवन को सही राह एक शिक्षक ही दिखाता है।

विद्यालय सरकारी और निजी दोनों प्रकार होते है। आजकल ऐसी लोगों की धारणा हो गयी है कि केवल निजी विद्यालयों में ही पढ़ाई होती है। यह धारण गलत है। इसी बात का लाभ ढ़ेरो  विद्यालय वाले उठाते है। हर माता-पिता अपने बच्चों को श्रेष्ठ शिक्षा देना चाहते है। किंतु सबकी हैसियत इतनी नहीं होती कि वो इन विद्यालयों की मोटी शुल्क राशि को भर सकें।

आजकल शिक्षा का व्यवसायीकरण हो गया है। सभी केवल अपनी जेब भरने में लगे है। बच्चों के भविष्य की किसी को चिंता नहीं है। दिन पर दिन शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। विद्यालय ही तो वो जरिया होता है, जहां से देश के भविष्य का सृजन होता है। सरकार ने इस संबंध में कई नियम बनाये हैं। किन्तु पालन तो आम जनता को ही करना है।

निबंध 3 (500 शब्द) – विद्यालय की विशेषताएं व प्रकार

मेरे विद्यालय का नाम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है। मेरे विद्यालय का परिसर काफी बड़ा है। मेरे विद्यालय में दो-दो मंजिल की चार इमारतें है। इसके चारों तरफ बड़े-बड़े पेड़ लगे हुए है। इसमें बड़े-बड़े पचास से भी ज्यादा कमरे है। हर कमरे में बड़ी-बड़ी खिड़कियां और दो-दो दरवाजे है। बड़े-बड़े तीन खेल के मैदान है। साथ में लगा हुआ बास्केट-बॉल कोर्ट भी है।

हमारे विद्यालय में पचास से ज्यादा शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं। सभी बहुत ही सहृदयी और मिलनसार है। बच्चों की हर संभव सहायता करते है।

विद्यालय की विशेषताएं

नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 (NCF 2005) और शिक्षा का अधिकार 2009 (RTE 2009) ने कुछ मानक तय कर रखे हैं, जिसके अनुसार ही विद्यालय की बनावट और वातावरण होना चाहिए। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 (NCF 2005) ने भारत में शिक्षा के स्तर में प्रोन्नति हेतु महत्वपूर्ण कदम उठायें हैं। जो बहुत कारगर भी सिध्द हुएं हैं। RTE 2009 ने विद्यार्थियों के समग्र विकास में विद्यालय की विशेष और महत्वपूर्ण भूमिका बतायी है। विद्यालय की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चों की हर छोटी-बड़ी आवश्यकताओं का ध्यान रखे।

मानक के अनुसार कुछ विशेषताएं अधोलिखित हैं-

  • शांत वातावरण होना चाहिए।
  • ट्रेंड टीचर्स होने चाहिए।
  • विद्यालय का बोर्ड परीक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन होना चाहिए।
  • नियमित गृह कार्य दिया जाना चाहिए।
  • छात्र/छात्राओं के मूल्यांकन हेतु सतत मूल्यांकन पद्धति अपनायी जानी चाहिए।
  • स्वाध्याय हेतु एक पुस्तकालय एवं वाचनालय होना चाहिए।
  • अतिरिक्त पाठ्येतर गतिविधि पर बल देना चाहिए ।
  • विभिन्न विषयों में प्रतियोगी परीक्षाओं की व्यवस्था होनी चाहिए
  • अध्यापन हेतु कक्ष विशाल और हवादार होने चाहिए।
  • सी० बी० एस० ई० के निर्देशानुसार सत्र 2009 – 2010 से ही कक्षा 9 व् 10 में भी अंको के स्थान पर ग्रेडिंग व्यवस्था लागू कर दिया गया है, जिसका पालन होना चाहिए।
  • शीतल पेय-जल की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए ।
  • समुचित शौचालयों का प्रबंध होना चाहिए ।
  • शारीरिक, योग, नृत्य एवं संगीत शिक्षा की उचित व्यवस्था होनी चाहिए ।
  • छात्रो की अंतः क्रियाओं एवं मानसिक विकास हेतु वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि कराना चाहिए।
  • विद्यालय की वार्षिक पत्रिका छपनी चाहिए, जिसमें हर क्षेत्र के मेधावी बच्चों का उल्लेख होना चाहिए।
  • सभी कक्षाओं में स्मार्ट कक्षा की व्यवस्था होना चाहिए ।

विद्यालय के प्रकार

बचपन से बड़े होने तक हम अलग-अलग विद्यालयों में पढ़ते है। विद्यालयों के भी कई प्रकार होते हैं, जैसे

  • आंगनवाड़ी – आंगनवाड़ी में सामान्यतः छोटे बच्चों को बैठना और बाकी आधारभूत चीजें सिखाते हैं।
  • प्राथमिक विद्यालय – प्राथमिक पाठशाला में एक से पाँच तक की पढ़ाई होती है।
  • माध्यमिक विद्यालय – इस व्यवस्था में प्रथम से आठवीं तक की शिक्षा दी जाती है। कभी-कभी यह कक्षा छः से आठ तक भी होती है।
  • उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय – बारहवीं तक की शिक्षा यहां संपादित होती है।

विद्यालय में जब हमारा दाखिला होता है तो उस वक़्त हम नन्हें पौधे रहते हैं। हमारा विद्यालय ही हमे सींच कर बड़ा वृक्ष बनाता है। और इस दुनिया में रहने योग्य बनाता है। अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घड़ियां हम अपने विद्यालय में ही बिताते है। बड़े होने पर हम सबसे अधिक विद्यालय में बिताये लम्हों को ही याद करते हैं।

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FAQs: Frequently Asked Questions on My School (मेरा स्कूल पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- सन 1715 में, संत जॉर्ज एंग्लो-इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल, चेन्नई में है।

उत्तर- तक्षशिला

उत्तर- सन 1848 में सावित्री बाई फुले ने देश का पहला बालिका विद्यालय खोला था।

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Essay on My School in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध 150, 300 और 600 शब्दों में

Essay on My School in Hindi

Essay on My School in Hindi : हमारी जिंदगी में विद्यालय और शिक्षा काफी महत्व रखती है। बिना विद्यालय और शिक्षा के हम एक अच्छे जीवन की कल्पना नही कर सकते है। इसलिए हमें विद्यालय के महत्व को जानना बहुत ज़रूरी है।

स्कूलों में अक्सर मेरा विद्यालय पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है। अगर आपको भी Mera  School Par Nibandh लिखने के लिए कहा गया है, तो इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े। मेरा विद्यालय निबंध हिंदी में Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7 और 8 सभी के लिए उपयोगी हैं। मैने यहां पर My School Essay in Hindi में 150, 300 और 600 शब्दों में लिखा है।

मेरा विद्यालय पर निबंध 150 शब्दों में (Essay on My School in Hindi)

स्कूल विद्या का मंदिर होता है, जहां पर हमें विद्या (शिक्षा) मिलती है। विद्यालय में हम शिक्षा के महत्व को समझते है, और शिक्षा की मदद से हम अपनी जिंदगी को एक सही दिशा देते है।

अगर मैं अपने स्कूल की बात करूँ तो मेरे स्कूल का नाम “ महावीर विद्या मंदिर ” है, जो राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित है। मेरा स्कूल शहर से थोड़ी दूर शांत जगह पर है, जहां हम बस की मदद से जाते है। मेरे स्कूल में लगभग 1000 छात्र पढ़ते हैं, और सभी छात्र अनुशासन में रहते है।

मेरे विद्यालय का भवन काफी सुंदर है, जहां पर सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां पर एक बड़ा खेल का मैदान, एक पुस्तकालय, एक विज्ञान की प्रयोगशाल और एक कंप्यूटर लैब है। इसके अलावा एक बहुत बड़ा हॉल भी हैं, जहां हम सभी मिलकर सुबह-सुबह प्रार्थना करते है।

मेरे विद्यालय में अनेक तरह के खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है। मेरे स्कूल के सभी अध्यापक और अध्यापिकाएँ बहुत अच्छी हैं, जो हमें प्यार से पढ़ाते हैं। मुझे यहां पर बहुत कुछ सिखने को मिल रहा है, और मैं अपने स्कूल को बहुत प्यार करता हूँ।

मेरा विद्यालय पर निबंध 300 शब्दों में (My School Essay in Hindi)

प्रस्तावना.

विद्यालय हमारी जिंदगी का काफी अहम हिस्सा है। जब बड़े हो जाते है, तब भी स्कूली घटनाएं हमारी जिंदगी की सबसे यादगार घटनाओं में से एक होती है। क्योंकि स्कूल के साथ हमारे बच्चपन की यादे जुड़ी होती है। विद्यालय हमें जिंदगी में आगे बढ़ना सिखाता है।

विद्यालय की परीभाषा

विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहां पर शिक्षा ग्रहण की जाती है। यहां पर बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं नैतिक गुणों का विकास होता है। यह एक मंदिर है जहां सभी प्रकार के बच्चे एक ही तरह की ड्रेस पहनकर पढ़ाई करते है।

विद्यालय में बिना भेदभाव के अध्यापक बच्चों को शिक्षा देते है। यहां पर बच्चों को शिक्षा, ज्ञान और कौशल प्राप्त होता है, और अंतत बच्चे का व्यक्तित्व निर्माण होता है।

मेरे विद्यालय का भवन

मेरे स्कूल का नाम “ महावीर विद्या मंदिर ” है, और यह राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थिति है। मेरा विद्यालय भवन तीन मंजिला है, जहां सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध है। मेरे स्कूल में कक्षा 10वीं तक पढ़ाई करवाई जाती हैं। मेरे स्कूल में एक बड़ा हॉल और एक बड़ा खेलकूद का मैदान भी है।

मेरे विद्यालय में बड़ी-बड़ी कक्षाएं, एक पुस्तकालय, एक विज्ञान की प्रयोगशाला, और कंप्यूटर लैब भी है। मेरे विद्यालय में प्रेवश करते ही सामने प्रधानाचार्य का ऑफिस है। इसके अलावा विद्यालय के चारों तरफ पेड़-पौधे भी हैं।

मेरा विद्यालय की अध्यापक-अध्यापिकाएँ

मेरे स्कूल में कुल आठ अध्यापक और अध्यापिकाएँ हैं, जो काफी अच्छे से पढ़ाती है। मेरी स्कूल के सभी टीचर्स अनुभवी और विद्वान है। मेरे विद्यालय में सभी तरह के विषय पढ़ाए जाते हैं, जैसे- हिंदी, गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान आदि। और सभी विषय के लिए विशेष अनुभवी अध्यापक मौजुद है।

मेरी स्कूल एक पीटी टिचर और एक योगा टीचर भी है, जो हमारी शेहत का ख्याल रखते है। हमारी स्कूल में समय-समय पर खेल प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है, जिसमें सभी अध्यापक अपना योगदान देते है।

विद्यालय में अनुशासन

मेरे विद्यालय में काफी अनुशासन है, और इसके लिए विद्याल में कुछ कठोर नियम भी बनाए गए हैं। सभी विद्यार्थी नियमों की पालना करते है, और स्कूल में अनुशासन बनाए रखते है। विद्यालय में अनुशासन बहुत जरूरी है, क्योंकि बिना अनुशासन के पढ़ाई नही की जा सकती है।

उपसंहार

मेरा विद्यालय बहुत अच्छा है, जहां मुझे सभी तरह की सुविधाएं मिलती है। मुझे पूरा यकिन है कि मैं यहां पर पढ़कर एक अच्छा इंसान बनूंगा, और अपने पूरे परिवार व स्कूल का नाम रोशन करूंगा। मैं अपने सभी अध्यापकों का धन्यवाद करता हूँ, जो मुझे इतना अच्छे से और प्यार से पढ़ा रहे है।

Essay on My School in Hindi से हम विद्यालय के महत्व को समझ सकते है।

मेरा विद्यालय पर निबंध 600 शब्दों में (Essay on My School in Hindi)

उपसंहार (विद्यालय का परिचय).

 स्कूल एक ऐसा स्थान है जहां पर हम धीरे-धीरे बड़े होते है, और हमारे व्यक्तित्व का निर्माण होता है। मेरा अधिकतर समय स्कूल में बितता है, जहां मैं अपने दोस्तों के साथ पढ़ाई भी करता हूँ और मस्ती भी करता हूँ। मेरी स्कूल का नाम “ महावीर विद्या मंदिरा उच्च माध्यमिक विद्यालय ”  है, जहां 12वीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है।

मेरा विद्यालय बहुत अच्छा है, जहां पर सभी अध्यापक अच्छे और अनुभवी है, और सभी सुख-सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां पर पढ़ाई करने योग्य अनुकूल माहौल है। मेरे स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक शिक्षा और कौशल पर भी ध्यान दिया जाता है। सच में, मेरा विद्यालय काफी अच्छा है, जिसे मैं बहुत प्यार करता हूँ।

विद्यालय क्या है, इसके प्रकार

विद्यालय का शाब्दिक अर्थ होता है- विद्या और आलय। इसका मतलब है कि एक ऐसा स्थान जहां पर विद्या मिलती हो। प्राचीन समय में पहले गुरुकुल हुआ करते थे, जहां पर गुरू शिष्यों को अनेक तरह की शिक्षाएं देते थे। हालांकि अब गुरुकुल को विद्यालय और स्कूल बोला जाता है। और इसके साथ ही प्राचीन काल की तुलना में शिक्षा का ढंग भी बदल गया है। विद्यालय मंदिर का रूप होता है, जहां व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण होता है।

हम बचप्पन से बड़े होने तक अलग-अलग विद्यालयों में पढ़े हैं, जैसे- आंगनवाड़ी, प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय और फिर उच्च माध्यमिक विद्यालय। इसके बाद महाविद्यालय (कॉलेज) में जाकर पढ़ाई करते है।

इसके अलावा भी विद्यालय के अन्य प्रकार होते हैं, जैसे- सरकारी विद्यालय, निजी विद्यालय, आवासीय विद्यालय, धार्मिक विद्यालय, कौशल निर्माण विद्यालय और सैनिक विद्यालय।

मेरे विद्यालय की विशेषताएं

मेरा विद्यालय काफी अच्छा हैं, जहां सभी सुविधाएं दी गयी है। यहां पर कोई भी बच्चा आसानी से पढ़ सकता है। मेरे स्कूल की निम्नलिखित विशेषताएं हैं-

  • मेरा विद्यालय शहर से थोड़ा दूर शांत जगह पर है, और चारों तरफ खुला वातावरण है।
  • मेरे स्कूल में सभी विषय के लिए विशेष अनुभवी अध्यापक और अध्यापिकाएं हैं।
  • मेरा स्कूल तीन मंजिला है, और स्कूल के बाहर एक गार्डन भी है।
  • स्कूल में एक प्रार्थन हॉल, एक पुस्तकालय, एक कंप्यूटर लैब, और एक विज्ञान प्रयोगशाला है।
  • विद्यालय में शीतल जल और शुद्ध पानी की व्यवस्था है।
  • विद्यालय में अनेक खेलकूद और सांस्कृतिक प्रोग्राम होते हैं।
  • मेरे स्कूल में पढ़ने के लिए काफी अच्छा वातावरण है।
  • मेरे विद्यालय में काफी अच्छा अनुशासन है।
  • मेरे स्कूल में कक्षा 12 तक पढ़ाई करवाई जाती हैं।

मेरे विद्यालय में विद्यार्थियों का अनुशासन

मेरे विद्यालय में सबसे ज्यादा अनुशासन पर ध्यान दिया जाता है। क्योंकि जब तक अनुशासन नही होगा, तब तक पढ़ाई संभव नही है। अनुशासन की वजह से ही सभी कक्षाएं समय पर लगती है, और बच्चे भी समय पर स्कूल आते है। व्यक्ति के जीवन में अनुसाशन होना बहुत जरूरी है, और यह अनुसाशन स्कूल की मदद से ही आता है।

हमारी स्कूल में अच्छा अनुसाशन होने की वजह से हम समय पर पढ़ते है और समय पर खेलते भी हैं। जिंदगी में अनुशासन का होना बेहद ज़रूरी है।

मेरे विद्यालय की शिक्षण प्रणाली

एक अच्छे विद्यालय में अच्छी शिक्षण प्रणाली होना बहुत ज़रूरी है, और मेरे विद्यालय में है। मेरे स्कूल में एक दिन में दो पारीयां चलती हैं, जिसमें सुबह के समय प्राथमिक कक्षा से 6वीं कक्षा के विद्यार्थी आते है। और फिर 12 बजे के बाद 7वीं कक्षा से 12 कक्षा के विद्यार्थी आते है।

मेरे स्कूल में रेगुलर क्लासेस चलती है, और बीच में रेस्ट भी मिलती है। पढ़ाई के बाद बच्चों को खेलने का समय भी दिया जाता है। इसके अलावा जो भी बच्चे पढ़ाई में कमजोर होते है, उन्हे विशेष क्लासेस भी दी जाती है।

सभी कक्षाओं में समय-समय पर टेस्ट भी होते हैं, ताकि बच्चों की स्थिति का पता चल सके।

प्रतियोगिताओं का आयोजन

मेरे विद्यालय में हर साल अनेक तरह की प्रतियोगिताएं भी होती है जैसे- चित्र-कला, वाद-विवाद, कविताएँ आदि, ताकि हम पढ़ाई के साथ-साथ अन्य कौशल भी सीख सके। यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है, जिससे हमें काफी कुछ नया सिखने को मिलता है।

विद्यालय के प्रति हमारा कर्तव्य

विद्यालय एक विद्या का मंदिर है, जिसके प्रति हर विद्यार्थी के कुछ कर्तव्य होते हैं। हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है कि हम अपने स्कूल में अनुसाशन को बनाए रखे। और अच्छा रिजल्ट प्राप्त करके स्कूल का नाम रोशन करें। हमे अपने शिक्षकों को सम्मान देना चाहिए, और उन्हे अपनी लाइफ में हमेशा याद रखना चाहिए।

विद्यालय एक बच्चे के जीवन में काफी अहम भूमिका निभाता है, क्योंकि विद्यालय से बच्चे को शिक्षा, ज्ञान और कौशल मिलता है,और एक अच्छा व्यक्तित्व का निर्माण होता है। यहां पर मुझे पढ़ाई के साथ-साथ और भी कई तरह के अनुभव भी मिल रहे है। मैं अपनी स्कूल को बहुत प्यार करता हूं, और मैं हमेशा अपने विद्यालय पर गर्व महसूस करूंगा।

मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में 10 लाइन (Mera  School Par Nibandh)

  • मेरी स्कूल का नाम “महावीर विद्या मंदिर माध्यमिक विद्यालय” है जो शहर कुछ दूर स्थित है।
  • मेरा विद्यालय एक शांत जगह पर है, जहां पढ़ाई का माहौल काफी अच्छा है।
  • मेरे विद्यालय में बहुत सारे कमरे, प्रार्थना स्थ, खेलकूद का मैदान, पुस्तकालय और लैब उपलब्ध हैं।
  • मेरे स्कूल में रोज़ाना सुबह 30 मिनट तक प्रार्थना होती है, और फिर भोजन से पूर्व भी छोटी-सी प्रार्थना होती है।
  • मेरे विद्यालय में प्रत्येक विषय को पढ़ाने के लिए अनुभवी और योग्य शिक्षक मौजुद हैं।
  • स्कूल में बच्चों के प्रति प्रधानाचार्य और सभी शिक्षकों का काफी अच्छा व्यवहार है।
  • मेरे स्कूल में अनुशासन पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
  • स्कूल के बाहर गार्डन में सभी बच्चे रोज़ाना खेलते है।
  • मेरे विद्यालय में हर साल अनेक तरह के सांस्कृतिक प्रोग्राम और प्रतियोगिताएं होती हैं।
  • मैं अपने स्कूल से काफी प्यार करता हूँ, और मैं अपने स्कूल के लिए गर्व महसूस करता हूं।

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मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

इस पोस्ट में हमने मेरा विद्यालय पर निबंध (Essay on My School in Hindi) हिन्दी में लिखा है। स्कूल के विद्यार्थी जो मेरी पाठशाला पर निबंध की खोज में हैं वे इस स्कूल पर सुंदर निबंध की मदद ले सकते हैं।

Table of Content

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi (1000 Words)

मेरे विद्यालय का नाम और रूप name and structure of my school.

मेरे विद्यालय का नाम अरविन्द पब्लिक स्कूल है। मेरा विद्यालय बहुत बड़ा और भव्य है, यह भुबनेश्वर में स्थित है।  यह तीन मंजिला है और इसकी  इमारत बहुत ही सुन्दर है। यह मेरे घर के पास शहर के केंद्र में स्थित है।

मेरे विद्यालय की सुविधाएँ Facilities in My School

इसमें विज्ञान और वाणिज्य में 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए कक्षाएं हैं तथा नर्सरी के बच्चों के लिए भी यही कक्षायें बनायी गई है और दूसरी मंजिल पर एक कंप्यूटर प्रयोगशाला है, तथा यहाँ पर कक्षा पांच से दश तक के छात्र एवं छात्राओं की पढाई के लिए उत्तम व्यवस्था की गई है।

ड्राइंग रूम, म्यूजिक रूम, साइंस लेबोरेटरीज और ऑडियो वीडियो रूम भी हैं। हमारे विद्यालय में पांच हजार छात्र हैं। जिनमें 2000 लड़कियां और 3000 लड़के है। हमारे स्कूल के ज्यादातर छात्र ज्यादातर स्कूल इंटर-स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और उच्च स्थान लाते हैं और सभी गतिविधियों का समर्थन करते है।

मेरे स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक Principal and Teachers of My School

मेरे विद्यालय में शिक्षा व उत्सव education and celebrations in my school.

मेरे स्कूल के अध्ययन मानदंड बहुत ही रचनात्मक हैं जो हमें किसी भी कठिन विषय को आसानी से समझने में मदद करते हैं। हमारे शिक्षक हमें बहुत ईमानदारी से सब कुछ सिखाते हैं और हमें व्यावहारिक रूप से ज्ञान भी देते हैं।

मेरे विद्यालय में पाठ्यक्रम गतिविधियाँ Curriculum activities in My School

हमारे विद्यालय में तैराकी, स्काउटिंग, एनसीसी, स्कूल बैंड, स्केटिंग, गायन, नृत्य इत्यादि कई सह-पाठ्यचर्या गतिविधियाँ हैं। विद्यालय के मानदंडों के अनुसार कक्षा शिक्षक द्वारा अनुचित व्यवहार और अनुशासित गतिविधियों वाले छात्रों को दंडित भी किया जाता है।

विद्यालय जाने का समय My School Time

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन 10 lines on my school in hindi, निष्कर्ष conclusion.

हमारे विद्यालय के शिक्षक बहुत ही अनुभवी और योग्य है। शिक्षकों और हमारी प्राचार्या के नेतृत्व में हमारा विद्यालय लगातार उन्नति कर रहा है।  आशा करते हैं आपको मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi हिन्दी में अच्छा लगा होगा।

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मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi (Class 1 to10)

मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi

इस लेख में आप मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi पढ़ सकते है। जिसे बेहद ही सरल भाषा में लिखा है। मेरे विद्यालय पर निबंध कक्षा 3 से 8 तक परीक्षाओं में विभिन्न रूपों से पूछा जाता है।

इसमें हमने प्रस्तावना, मेरे विद्यालय का नाम, अनुशासन, शिक्षक, पुस्ताकालय, वार्षिकोत्सव, तथा 10 लाइन के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi)

किसी भी राष्ट्र के विकास में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान होता है। बच्चे किसी भी देश की वास्तविक निधि होते हैं क्योंकि शिक्षा के जरिए यही भविष्य में बड़े-बड़े डॉक्टर, नेता, पुलिस और कलाकार आदि बनते हैं।

बच्चों के भविष्य निर्माण में शिक्षा स्थानों की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण होती है। विद्यालय दो शब्दों से मिलकर बना है विद्या+आलय।

शिक्षा प्राप्त करने का प्राथमिक स्रोत विद्यालय होता है जहां सभी बच्चों को शुरुआत से शिक्षा प्रदान की जाती है। विद्यालय में सभी बच्चे अनुशासन के साथ अपनी पढ़ाई करते हैं। अनुशासन तोड़ने पर शिक्षकों द्वारा बच्चों को सजा भी दी जाती है।

विद्यालय में सभी कक्षाओं के लिए अलग-अलग शिक्षक होते हैं जो बच्चों को विभिन्न विषयों का ज्ञान देते हैं। विद्यालयों में कई कमरों की सुविधाएं होती है जिसमें बेंच पर बैठकर बच्चे अपनी पढ़ाई करते हैं। यहां के सभी कमरे हवादार और रोशनी वाले होते हैं।

हर वर्ष बच्चों के बौद्धिक और शारीरिक विकास के लिए अलग-अलग प्रकार के महोत्सव का आयोजन किया जाता है। सभी बच्चे बड़े हर्षोल्लास के साथ प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं जिसमें जीतने वाले को इनाम भी दिया जाता है।

हमारे विद्यालय का नाम Our School Name in Hindi

मेरे विद्यालय का नाम विवेकानंद हाई स्कूल है जो पूरे शहर में प्रख्यात विद्यालयों में से एक है। मेरे विद्यालय में कुल एक से लेकर 12वीं तक की शिक्षा दी जाती है।

हमारे विद्यालय में कुल दो हज़ार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। इसके अलावा बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए कुल एक सौ पचास शिक्षक और आठ चपरासी हैं।

मेरे विद्यालय में बिजली की अच्छी व्यवस्था है तथा आवश्यकता के लिए जनरेटर भी लगाया गया है। बच्चों के पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था की गई है।

विद्यालय के चारों ओर हरे-भरे मैदान हैं जिनमें कई प्रकार के वृक्ष लगाए गए हैं। यह वृक्ष पूरे विद्यालय को बेहद ठंडा और सुकून भरा वातावरण प्रदान करते हैं।

मेरा विद्यालय बाहर से देखने पर बेहद शानदार दिखाई देता है। विद्यालय में कुल चार मंजिलें हैं जिनमें प्रत्येक मंजिलें में 12 कमरे स्थित हैं। यहां के प्रत्येक कमरे अत्यंत हवादार और रोशनी दार हैं।

विद्यालय के प्रत्येक कमरों में 6 खिड़कियां हैं जिनसे बाहर का हरा भरा दृश्य दिखाई देता है। बच्चों के बैठने के लिए लकड़ी के बेंच तथा शिक्षकों के बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था की गई है।

प्रत्येक कमरे में बड़े ब्लैक बोर्ड लगवाए गए हैं जिन पर लिखकर मेरे शिक्षक हमें विभिन्न विषयों की शिक्षा देते हैं।

बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए कंप्यूटर लैब की भी व्यवस्था की गई हैं जिनमें प्रत्येक हफ्ते में 3 दिन सभी बच्चों को यहां पर ले जाया जाता है। इसके अलावा मेरे विद्यालय में स्मार्ट बोर्ड की भी व्यवस्था है जिसके द्वारा शिक्षक हमें पाठ्यक्रम तथा इसके अलावा आवश्यक जानकारियां देते हैं।

मेरे विद्यालय का अनुशासन Discipline My School in Hindi

मेरे विद्यालय के नियम बहुत सख़्त हैं, जिन्हें सभी बच्चों को आवश्यक रूप से पालन करना होता है।

विद्यालय की सुरक्षा के लिए मुख्य द्वार पर एक चौकीदार बैठता है जिसका मुख्य कार्य समय पर द्वार खोलने तथा बंद करने का होता है।

सभी कक्षाएं नियमित रूप से प्रातः काल निश्चित समय पर लगने शुरू हो जाती हैं। विलंब से आने वाले छात्रों को शिक्षक द्वारा दंडित किया जाता है।

मेरे विद्यालय में सभी विद्यार्थियों के वेशभूषा और व्यवहार पर खास ध्यान दिया जाता है। इसके लिए हर रोज शिक्षक सभी बच्चों के नाखून, बाल और यूनिफॉर्म नियमित रूप से देखते हैं। यदि कोई विद्यार्थी विद्यालय के अनुशासन का पालन ना करें तो उसे प्रधानाचार्य द्वारा कड़ी सजा दी जाती है।

इसके अलावा विद्यालय के सभी कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। यदि कोई विद्यार्थी दूसरे विद्यार्थी के साथ लड़ाई झगड़ा करता पकड़ाया गया तो उसे विद्यालय से दरखास्त भी कर दिया जाता है।

विद्यालय में प्रवेश तथा छुट्टी के समय सभी बच्चे कतार में खड़े होकर शांति से जाते हैं। यदि कोई बच्चा अनुशासनहीनता करता है तो शिक्षक उसे सबसे आखिर में जाने देते हैं।

मेरे विद्यालय के शिक्षक My School Teachers in Hindi

मेरे विद्यालय में पढ़ाने वाले प्रत्येक शिक्षक बहुत परिश्रमी और विद्वान हैं जो हर समय बच्चों के हित का ध्यान रखते हैं। शिक्षको के परिश्रम के कारण मेरे विद्यालय के विद्यार्थियों का परिणाम बहुत अच्छा आता है।

विभिन्न विषयों को अलग-अलग शिक्षकों द्वारा हमें पढ़ाया जाता है। सभी शिक्षक पूरी लगन और श्रद्धा से बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने का प्रयास करते हैं।

वे हमें लिखित तथा मौखिक रूप से अभ्यास करवाते हैं और घर के लिए अभ्यास कार्य भी देते हैं। मेरे शिक्षक सभी विद्यार्थियों पर समान रूप से ध्यान देते हैं और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं।

मेरे विद्यालय का पुस्ताकालय Library in My School in Hindi

मेरे विद्यालय में एक विशाल पुस्तकालय भवन की स्थित है। इस पुस्तकालय में विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के पढ़ने के लिए की व्यवस्था की गई है।

पुस्तकालय भवन बहुत बड़ा है जिसमें साफ सफाई के लिए विशेष ध्यान रखा जाता है, जिसके लिए कूड़ेदान की व्यवस्था की गई है।

जहाँ अलग-अलग भाषाओं में समाचार पत्र , मासिक पत्र, वार्षिक पत्र, तथा अर्धवार्षिक पत्र रखे गए हैं। इसके अलावा विद्यार्थियों के पढ़ने के लिए रोमांचक तथा साहसिक कहानियों की पुस्तकें भी रखी गई हैं।

पुस्तकालय में बच्चों के परीक्षाओं के रिकार्ड्स भी रखे गए हैं। इसके अलावा चित्रकला प्रतियोगिता में जीतने वाले बच्चों के द्वारा बनाए गए चित्र यहां के दीवारों पर लगाए गए हैं।

मेरे विद्यालय का वार्षिकोत्सव School’s Annual Function in My School

मेरे विद्यालय में प्रत्येक वर्ष वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जाता है जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थी बड़ी प्रसन्नता से भाग लेते हैं।

शुरुआत में सबसे पहले विद्यार्थीगण द्वारा राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गाए जाते हैं जिसके बाद शिक्षक तथा प्रधानाचार्य अपनी तरफ से विद्यालय के लिए भाषण देते हैं।

वार्षिक महोत्सव के प्रारंभ में प्रधानाचार्य विद्यालय के इतिहास के बारे में सभी को संबोधित करते हैं जिसके बाद कार्यक्रम का प्रारंभ होता है।

मेरे विद्यालय में प्रत्येक वर्ष वार्षिकोत्सव के दिन छुट्टी होती है जिसके अंतर्गत विद्यार्थी द्वारा कला प्रदर्शनी और खेलकूद की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा नाटक, नृत्य, संगीत आदि कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है।

विद्यार्थियों के साथ शिक्षक भी अपनी तरफ से विद्यालय के लिए कविता और लेख प्रस्तुत करते हैं। इन सभी कार्यक्रमों में प्रधानाचार्य द्वारा जीतने वाले उम्मीदवार को पुरस्कार दिया जाता है।

अंत में प्रधानाचार्य द्वारा पूरे वर्ष में आयोजित हुए प्रतियोगिताओं में जीतने वाले विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के इनाम दिए जाते और उन्हें मंच पर बुलाकर सम्मानित भी किया जाता है। वार्षिक उत्सव खत्म होने पर सभी बच्चों को मिठाईयां और चॉकलेट्स दी जाती है।

मेरे विद्यालय पर 10 लाइन Best 10 Lines on My School in Hindi

  • मेरे विद्यालय में सरस्वती माता का एक छोटा सा मंदिर है।
  • हमारे विद्यालय में साफ सफाई के लिए हर कक्षा में कूड़ेदान की व्यवस्था की गई है।
  • प्रत्येक वर्ष विद्यालय द्वारा सभी छात्र छात्राओं को पिकनिक पर ले जाया जाता है।
  • मेरे विद्यालय में प्रत्येक वर्ष वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जाता है।
  • विद्यालय में प्रत्येक दिन अन्य विषयों के साथ पीटी का भी विषय होता है।
  • मेरे विद्यालय में कंप्यूटर लैब तथा साइंस लैब की सुविधा है।
  • हमारा विद्यालय बहुत ही विशाल तथा सुंदर है।
  • मेरे विद्यालय के चारों ओर हरा भरा मैदान है।
  • हमारे विद्यालय में वर्तमान के सभी तकनीकों की सुविधाएं उपलब्ध है।
  • विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास के लिए मेरे विद्यालय में सभी प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने मेरा विद्यालय पर निबंध (My School Essay in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारी से भरपूर लगी हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें।

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मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi

नमस्कार दोस्तों आज का निबंध मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi पर दिया गया हैं.

मेरी स्कूल पर सरल निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 200, 250, 300, 400, 500 शब्दों में छोटा बड़ा माय स्कूल एस्से इन हिंदी के रूप में याद करवा सकते हैं.

मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi

Paragraph On My School In Hindi & English For Students: Here We Share With You Short Paragraph On My School For Students In English & Hindi Language.

Write A Short Paragraph Of About 100 Words On My School Use Following Words- Govt, Big, Building, Room, Airy, Doors, Hall, Library, Reading Room, Headmaster, Students, Teachers.

My School Paragraph In English In 100 Words

I Read In Government Upper Primary School. The Building Of The School Is Very Grand. It Is In The Center Of the City.

There Are Thirty Rooms In My School. All The Rooms Are Very Big And Airy. Our School Has a Big Hall. There Is A Good Library In Our School.

There Are Two thousand Books In It. There Is A Reading Room. We Read Newspapers And Magazines In It. Our School Has a Big Playground.

We Play Games There In The Evening. There Are Five Hundred Students In Our School. All Are Teachers Are Very Kind And Learned. Our Headmaster Is A Learned Men.

My School Paragraph In Hindi In 100 Words

मैं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ. स्कूल की इमारत बहुत भव्य हैं. यह शहर के मध्य में हैं. मेरे स्कूल में तीस कमरे हैं. सारे कमरे बहुत बड़े और हवादार हैं.

हमारे स्कूल में एक बड़ा हॉल हैं. हमारे स्कूल में एक अच्छा पुस्तकालय हैं. इसमें दो हजार पुस्तकें हैं. इसमें दो हजार पुस्तके हैं. एक वाचनालय हैं. हम इसमें समाचार पत्र और पत्रिकाएँ पढ़ते हैं.

हमारे स्कूल में एक बड़ा खेल का मैदान हैं. हम शाम को वहां खेल खेलते हैं. हमारे स्कूल में पांच सौ विद्यार्थी हैं. सब अध्यापक बहुत दयालु और विद्वान हैं.

(मेरा विद्यालय) Essay On My School In English And Hindi

why I like my school- I read in ramjas senior secondary school no 5. it always shows good results. it is situated in Karol Bagh.

its pass percentages are cent percent. the teacher is good and able. they are hard-working. the principal is a good guide. the students are hard-working and sincere. the school discipline is good.

in has the grand building is good playgrounds. the rooms are big and the games are compulsory.

our school library is housed in a hall. there are 50,000 books in it.

moral teaching is imparted to the students in our school. our principal and teachers take personal care of the students. so I like my school very much.

मेरा विद्यालय पर निबंध ( Mera Vidyalaya Nibandh in Hindi)

मैंने रामजस उच्च माध्यमिक विद्यालय संख्या 5 में पढ़ता हूँ। यह मेरा विद्यालय हर साल अच्छे परिणाम देता है। यह करोल बाग में स्थित है।

हमारे यहाँ का पास शत प्रतिशत रहता है. सभी अध्यापक लग्न व मेहनत से शिक्षण कार्य करवाते है. हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य एक अच्छे गाइड के रूप में विद्यार्थियों को निर्देशित करते है. उनकी इमानदारी व् लग्न से विद्यालय में अच्छा अनुशासन का माहौल है.

मेरे विद्यालय में बड़ा स्कूल भवन है तथा एक अच्छा खेल मैदान है, जहाँ पर नियमित रूप से खेलों का आयोजन किया जाता है. स्कूल में कई बड़े कमरे है, जिनमें एक पुस्तकालय कक्ष भी है, जिनमें पढ़ने के लिए पचास हजार से अधिक विभिन्न विषयों की पुस्तकें है.

विद्यालय में एकेडमिक शिक्षा के अलावा नैतिक शिक्षा का भी अच्छा प्रबंध है. प्रधानाचार्य व सभी अध्यापक छात्र छात्राओं की देखभाल करते है. तथा विद्यालय में घर जैसा माहौल मिलता है. इस कारण मेरा विद्यालय मुझे बहुत पसंद है.

हमारा विद्यालय पर निबंध हिंदी में

हमारा विद्यालय उदयपुर शहर के मध्य में स्थित है. इसका नाम महाराणा भूपालसिंह राजकीय प्राथमिक विद्यालय है. हमारे विद्यालय में लगभग 400 विद्यार्थी पढ़ते है. यहाँ पर शिक्षा का उत्तम प्रबंध है.

इसमें 15 बड़े कमरे, एक विशाल पुस्तकालय और एक वाचनालय है. वाचनालय में अनेक समाचार पत्र और पत्रिकाएँ आती है. हमारे विद्यालय में खेलकूद के लिए एक विशाल मैदान है. और खेलकूद की अच्छी व्यवस्था है.

हमारा विद्यालय अनुशासन में श्रेष्ट है. इसमें आठ अध्यापक तथा सात अध्यापिकाएं है. एक शारीरिक शिक्षक तथा एक पुस्तकालय अध्यक्ष भी है.

हमारे सभी गुरुजनों के साथ छात्रों का अच्छा व्यवहार है, हमारे विद्यालय के प्रधानाध्यापक जी विद्यालय की प्रगति का पूरा ख्याल रखते है. हमारे स्कूल में पढाई के अतिरिक्त कई विषयों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है.

अन्य सह शैक्षणिक क्रियाकलाप भी चलते रहते है. इन सब विशेषताओं से हमें अपने विद्यालय पर गर्व है.

500 Words विद्यालय पर निबंध Essay on School in Hindi

विद्यालय देश का वह पवित्र स्थान हैं जहाँ देश के भविष्य का निर्माण होता हैं, विद्यालय विद्या विद्या की देवी का पवित्र मंदिर हैं. जिस स्थान पर विद्यार्थी विद्याअध्ययन के लिए आते हैं.

वह स्थान ही स्कूल या विद्यालय कहलाता हैं. विद्यालय दो शब्दों से मिलकर बनता हैं- विद्या+आली अर्थात विद्या का घर. विद्यालय में गुरू एवं शिष्य के सम्बन्ध अत्यंत मधुर होते हैं. मुझे अपने विद्यालय पर गर्व हैं. हमारे विद्यालय का नाम आदर्श विद्या मंदिर हैं.

मेरा विद्यालय भवन

हमारे विद्यालय का भवन अत्यंत सुंदर व विशाल है इसमें बीस कमरे हैं. प्रत्येक कमरा हवादार एवं प्रकाशयुक्त हैं. पुस्तकालय कक्ष, विज्ञान प्रयोगशाला, खेलकूद कक्ष, स्काउट कक्ष एवं एक बड़ा मीटिग हॉल भी हमारे विद्यालय में हैं.

शिक्षकों के बैठने के लिए एक स्टाफ रूम हैं. प्रधानाचार्य का कक्ष मुख्य द्वार के पास ही हैं, प्रत्येक छात्र के बैठने के लिए अलग अलग कुर्सी मेज की व्यवस्था हैं.

मेरे विद्यालय का वातावरण

हमारे विद्यालय में चालीस शिक्षक हैं. सभी शिक्षक अपने अपने विषय के विद्वान् हैं. छात्रों के साथ शिक्षक बहुत अच्छा व्यवहार करते हैं. कक्षा में शिक्षक इतनी अच्छी तरह से समझाते हैं कि छात्रों को सब कुछ समझ में आ जाता हैं.

शिक्षक अपने साथ शिक्षण से सम्बन्धित सहायक सामग्री लाते हैं. जिससे हम सब छात्र अत्यंत रूचि के साथ पढ़ते हैं.

हमारे विद्यालय का शैक्षिक वातावरण अत्यंत सुंदर हैं. जिस समय कक्षाएं चलती हैं. उस समय पूरे विद्यालय प्रांगण में शांति रहती हैं.

जिन छात्रों का समय खेलकूद का होता हैं वे चुपचाप पंक्तिबद्ध होकर मैदान में चले जाते हैं, जहाँ खेलकूद के शिक्षक तरह तरह के खेल सिखाते हैं. तथा साथ खेलते भी हैं.

मेरे विद्यालय के प्रधानाचार्य

हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य अत्यंत कुशल प्रशासक हैं. वे अनुशासनप्रिय हैं वे स्वयं अच्छे खिलाड़ी हैं. तथा अंग्रेजी विषय में पीएचडी हैं उनका व्यवहार हमेशा विद्यार्थियों तथा बच्चों के साथ अच्छा रहता हैं.

वे विद्यालय की सफाई पर विशेष ध्यान देते हैं. विद्यालय की सफाई के लिए चार अनुचर भी हैं.

विद्यालय व्यवहारिक विषयों की जानकारी देते हैं. यहाँ हमें मिलकर रहना सिखाया जाता हैं. माता-पिता गुरूजनों का आदर करना हम यही से सीखते हैं. देश के प्रति प्रेम रखना तथा राष्ट्रीय एकता की बाते विद्यालय में ही सिखाई जाती हैं.

अपना विद्यालय मुझे कितना पसंद हैं, इसे शब्दों में व्यक्त कर पाना कठिन हैं. विद्यालय मेरा पूजाघर हैं. मैं इसकी वन्दना करता हूँ और नित्य प्रति इसे शीश झुकाकर नमन करता हूँ.

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

मैं एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ, मेरेव विद्यालय का नाम सरस्वती विद्या मंदिर हैं. इनकी गिनती शहर के प्रसिद्ध विद्यालयों में होती हैं. पढ़ाई खेल तथा अन्य गतिविधियाँ हमारे स्कूल का प्रमुख हिस्सा हैं.

मेरे विद्यालय में लगभग 750 विद्यार्थी हैं. 30 से ज्यादा अध्यापक और अध्यापिकाएं हैं. इनके अतिरिक्त 4 लिपिक और 2 चपरासी भी यहाँ कार्यरत हैं. अध्यापकगण अनुभवी विद्वान एवं परिश्रमी हैं.

हमारे प्रधानाचार्य बहुत ही गुणी और अनुशासनप्रिय हैं. विद्यार्थियों के साथ उनका व्यवहार बहुत ही मधुर हैं. समय समय पर वे विद्यार्थियों को मार्गदर्शन भी देते हैं.

मेरे विद्यालय की इमारत पक्की हैं. इसमें 25 हवादार कमरे हैं. विद्यालय के एक कमरे में प्रधानाचार्य कार्यालय भी हैं. जो कि साफ़ सुथरा और भली भांति सजा हुआ हैं. कक्षाओं में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह आदि स्वतंत्रता सैनानियों के फोटो लगे हुए हैं.

विद्यालय में एक पुस्तकालय भी हैं जहाँ से सभी छात्रों कप पढने के लिए पुस्तकें उपलब्ध होती हैं. विद्यालय में प्रायोगिक कक्षाओं के लिए लैब भी बनी हुई हैं. मेरे विद्यालय का परीक्षा परिणाम लगभग शत प्रतिशत रहता हैं और कई विद्यार्थी मेरिट में भी स्थान पाते हैं.

निर्धन छात्रों को प्रतिवर्ष छात्रवृति भी उपलब्ध करवाई जाती हैं. मेधावी छात्रों का प्रतिवर्ष सम्मान भी किया जाता हैं. बोर्ड की कक्षाओं में गणित और विज्ञान संकाय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल देने की परम्परा हैं. मुझे अपने इस विद्यालय पर बहुत गर्व हैं.

मेरा विद्यालय निबंध Mera Vidyalaya Essay in Hindi

मैं नवम कक्षा का विद्यार्थी हूँ. मैं राजेन्द्र नगर स्थित बाल भारती पब्लिक स्कूल में पढ़ता हूँ. यह विद्यालय नगर के मध्य में एक लम्बे चौड़े स्थान में स्थित हैं. मेरे विद्यालय का दोमंजिला भवन बहुत विस्तृत हैं.

यह नगर के श्रेष्ट विद्यालयों में से एक हैं. इसका परीक्षाफल प्रतिवर्ष बहुत अच्छा रहता हैं. इस विद्यालय के भवन में लगभग ४० कमरें हैं. जो बहुत ही सुंदर हैं ये कमरे विद्यार्थियों को बहुत पसंद हैं. इन कमरों में विद्युत् वायु प्रकाश की उचित व्यवस्था हैं. विद्यालय के प्रांगण में एक सुंदर सी फुलवाड़ी हैं.

जिसकी हरी भरी घास रंग बिरंगे फूल और लहलहाती लताएं विद्यालय में आने वालों का मन मोह लेती हैं. विद्यालय के मध्य एक बहुत बड़ा मैदान हैं. जहाँ हमारी प्रार्थना होती हैं और खेल के समय अध्यापक बच्चों को खेल खिलाते हैं.

मेरे विद्यालय में लगभग दो हजार छात्र एवं छात्राएं विद्या का अध्ययन करते हैं. यह विद्यालय प्रथम कक्षा से 12 वीं कक्षा तक हैं. मेरे विद्यालय में लगभग साठ अध्यापक तथा अध्यापिकाएं कार्यरत हैं. ये सभी प्रशिक्षित तथा अपने विषय के पूर्ण ज्ञाता हैं.

मेरे विद्यालय में एक प्रधानाचार्य तथा एक उप प्रधानाचार्य हैं जो बहुत अनुशासनप्रिय हैं. प्रधानाचार्य तथा उप प्रधानाचार्य जी के कमरों के साथ विद्यालय का कार्यालय भी हैं.

एक बड़े कमरे में पुस्तकालय तथा तीन बड़े बड़े कमरों में विज्ञान की प्रयोगशालाएं स्थित हैं. मेरे विद्यालय के सभी अध्यापक व अध्यापिकाएं बहुत ही दयालु तथा विद्यार्थियों की हितैषी हैं वे विद्यार्थियों की कठिनाइयों को सुलझाने का प्रयास करते हैं. विद्यार्थी भी अपने गुरूजनों का बहुत सम्मान करते हैं.

विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम विद्यालय में चलाए जाते हैं. जैसे स्काउटिंग, रेडक्रोस, एनसीसी वाद विवाद प्रतियोगिता, नाटक, लोक नृत्य आदि. इसके अतिरिक्त कुछ खेल भी खिलवाएं जाते हैं. जैसे वालीवाल, क्रिकेट, फुटबाल, हॉकी आदि.

प्रत्येक वर्ष मेरा विद्यालय मेरा विद्यालय खेल कूद व भाषण प्रतियोगिता में कोई न कोई पुरस्कार प्राप्त कर लेता हैं. स्वच्छता और अनुशासन तो मेरे विद्यालय की मुख्य विशेषताएं है. यहाँ विद्यार्थी अनुशासन, आज्ञाकारिता और सद्व्यवहार की शिक्षा ग्रहण करते हैं.

इन सब विशेषताओं के कारण मुझे अपने विद्यालय पर गर्व हैं. यह सारे नगर में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता हैं.

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my school essay hindi

Essay on My school in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध (1000+ शब्द)

Essay on My school in Hindi: दोस्तो आज हमने मेरा विद्यालय पर निबंध  कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है।

500+ Words Essay on My School

शिक्षा हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। हम ज्ञान के बिना कुछ भी नहीं हैं, और शिक्षा वह है जो हमें दूसरों से अलग करती है। शिक्षा प्राप्त करने का मुख्य कदम एक स्कूल में स्वयं को नामांकित करना है। स्कूल अधिकांश लोगों के लिए पहली सीखने की जगह के रूप में कार्य करता है। इसी तरह, यह एक शिक्षा प्राप्त करने वाली पहली स्पार्क है। मेरा स्कूल मेरा दूसरा घर है जहाँ मैं अपना अधिकांश समय बिताता हूँ। इन सबसे ऊपर, यह मुझे जीवन में बेहतर करने के लिए एक मंच देता है और मेरे व्यक्तित्व का निर्माण भी करता है। मैं शहर के सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित स्कूलों में से एक में पढ़कर धन्य महसूस करता हूं। इसके अलावा, मेरे स्कूल में बहुत सारी संपत्तियां हैं जो मुझे इसका हिस्सा बनने के लिए भाग्यशाली महसूस करती हैं। अपने स्कूल के इस निबंध में, मैं आपको बताऊंगा कि मुझे अपने स्कूल से प्यार क्यों है और मेरे स्कूल ने मुझे क्या सिखाया है।

आई लव माय स्कूल?

मेरा स्कूल आधुनिक शिक्षा और पुरानी वास्तुकला के बीच सही संतुलन बनाता है। मेरे विद्यालय की पुरानी इमारतें कभी भी अपनी शानदार सुंदरता से मुझे मंत्रमुग्ध करने में विफल रही हैं।

हालांकि, उनकी पुरानी वास्तुकला का मतलब यह नहीं है कि यह आउट-डेटेड है, क्योंकि यह सभी समकालीन गैजेट्स से सुसज्जित है। मैं अपने विद्यालय को शिक्षा के प्रकाशस्तंभ के रूप में देखता हूं जो ज्ञान को प्रदान करने के साथ-साथ नैतिक आचरण भी करता है। अन्य स्कूलों के विपरीत, मेरा स्कूल पूरी तरह से अकादमिक प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित नहीं करता है। दूसरे शब्दों में, यह उनके छात्रों के समग्र विकास पर जोर देता है।

हमारे शिक्षाविदों के साथ, हमारे स्कूल में पाठ्येतर गतिविधियों का आयोजन भी किया जाता है। यह एक मुख्य कारण है कि मैं अपने स्कूल से प्यार करता हूं क्योंकि यह सभी को समान पैमाने पर मापता नहीं है। हमारे मेहनती कर्मचारी प्रत्येक बच्चे को अपनी गति से बढ़ने का समय देते हैं जो उनमें आत्मविश्वास पैदा करता है। मेरे स्कूल में एक पुस्तकालय , कंप्यूटर कक्ष, खेल का मैदान, बास्केटबॉल कोर्ट और बहुत कुछ है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारे पास यह सब है।

मेरे स्कूल ने मुझे क्या सिखाया है?

अगर कोई मुझसे पूछे कि मैंने अपने स्कूल से क्या सीखा है, तो मैं एक वाक्य में इसका जवाब नहीं दे पाऊंगा। सबक के लिए अपूरणीय हैं और मैं उनके लिए कभी भी आभारी नहीं हो सकता। मैंने अपने स्कूल के कारण साझा करना सीखा। सामायिक और सहानुभूति की शक्ति मुझे मेरे विद्यालय ने सिखाई थी। मैंने सीखा कि जानवरों के प्रति कैसे विचार किया जाए और यह भी एक मुख्य कारण है कि मैंने एक पालतू जानवर को अपनाया।

एक स्कूल एक ऐसी जगह है जहाँ मैंने अपने कलात्मक कौशल को विकसित किया है जो मेरे शिक्षकों द्वारा आगे बढ़ाया गया था। इसके बाद, इसने मुझे अंतर-विद्यालयी पूर्णताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जिसके माध्यम से मैंने विभिन्न पुरस्कार अर्जित किए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे स्कूल ने मुझे सिखाया कि कैसे कृपा के साथ असफलताओं का सामना करना पड़ता है और कभी भी अपनी महत्वाकांक्षाओं को नहीं छोड़ना चाहिए, चाहे कुछ भी हो जाए।

इसे योग करने के लिए, सम्मानित स्कूलों में से एक में अध्ययन करने से मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत मदद मिली है। अपने व्यक्तित्व को आकार देने और मुझे अमूल्य पाठ पढ़ाने के लिए मैं हमेशा अपने विद्यालय का ऋणी रहूंगा। इसने मुझे जीवन और शिक्षकों के लिए दोस्त दिए हैं जो मैं हमेशा देखूंगा। मैं जीवन में अच्छा करने और गर्व करने के लिए अपने स्कूल द्वारा आत्मसात किए गए मूल्यों को निभाने की आकांक्षा रखता हूं।

छात्रों और बच्चों के लिए मेरा स्कूल पर निबंध

मेरा स्कूल कक्षा 6 के लिए निबंध.

स्कूल पृथ्वी पर एक ऐसा प्यारा स्वर्ग है जो महान कार्यों के लिए छोटे दिमागों को तैयार करता है। स्कूल बेहतर जीवन जीने और कल के लिए प्रगति करने के लिए शिक्षा प्रदान करता है। यह न केवल शिक्षा प्रदान करता है बल्कि यह एक राष्ट्र के चरित्र निर्माण का एक उपकरण है। अच्छे स्कूल एक राष्ट्र की सच्ची संपत्ति होते हैं। मैं इतने महान स्कूल में पढ़कर धन्य हूं। मेरा स्कूल हमारे पूरे शहर का सबसे अच्छा स्कूल है।

मैं हमारे शहर के सबसे अच्छे स्कूल में से एक में पढ़ता हूं। मेरे स्कूल का नाम (अपने स्कूल का नाम लिखें) है। मेरे विद्यालय में मेरे देश की सेवा करने का एक महान इतिहास है। मेरे स्कूल ने मेरे देश के लिए कई महान लोगों का उत्पादन किया है। इसकी एक बड़ी और खूबसूरत इमारत है जो दूर से देखने में चमकदार लगती है।

मैं अपने निर्धारित समय पर पहुँचता हूँ। मैं अपने अन्य दोस्तों के साथ स्कूल आता हूं। हम बहुत आत्मविश्वास के साथ खुशी से स्कूलों में प्रवेश करते हैं। हम स्कूल असेंबली में हिस्सा लेते हैं और फिर हम अपनी कक्षाओं में जाते हैं। जैसे ही मैं अपनी कक्षा में प्रवेश करता हूं मुझे काफी सुकून मिलता है।

हमारा क्लास टीचर हमें रोजाना बधाई देता है और हमारे बारे में पूछता है। वह काफी कूल और दयालु आदमी हैं। वह अपने विषय को पढ़ाने के साथ हमारा मनोरंजन करता है। हम यहां शिष्य, स्व सहायता, आत्मविश्वास और सहयोग जैसी कई चीजें सीखते हैं।

मेरे स्कूल में खेल के मैदान, एक पुस्तकालय, एक विज्ञान हॉल और एक शानदार कंप्यूटर लैब जैसी सर्वोत्तम उपलब्ध सुविधाएं हैं। हमारे स्कूल का पुस्तकालय बहुत बड़ा है और सभी छात्रों के लिए किताबें रखता है।

हम सभी स्कूल गतिविधियों जैसे गायन, नृत्य, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, लेखन प्रतियोगिता, सारणी और अन्य में भाग लेते हैं। वास्तव में, यह हमारे शिक्षकों द्वारा की गई मेहनत का परिणाम है।

500+ Essays in Hindi – सभी विषय पर 500 से अधिक निबंध

अच्छे स्कूल भगवान का असली आशीर्वाद हैं। वे एक राष्ट्र की सेवा करते हैं। वे राष्ट्रीय प्रगति के लिए रास्ता तैयार करते हैं। यह आशीर्वाद है कि हमारे देश में बहुत सारे महान स्कूल हैं। मैं खुद को इस स्कूल में पढ़कर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि मैं अपने देश और अपने स्कूल का नाम रोशन करूंगा।

स्कूल पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q.1 प्रत्येक बच्चे को स्कूल क्यों जाना चाहिए?

A.1 स्कूल जाना हर बच्चे के लिए ज़रूरी है क्योंकि स्कूल हमें वो सबक सिखाता है जो कहीं और हासिल नहीं किया जा सकता। अनुभव एक तरह का है और शिक्षा के साथ-साथ, हम कई अन्य चीजें सीखते हैं जैसे सामाजिककरण, पाठ्येतर गतिविधियां और बहुत कुछ।

Q.2 स्कूल हमें क्या सिखाता है?

A.2 स्कूल हमें कुछ बेहतरीन चीजें सिखाता है जैसे सबसे पहले, यह हमें बुनियादी शिक्षा देती है। यह हमें कला, नृत्य, सार्वजनिक बोलना और अधिक जैसे हमारे कौशल विकसित करना सिखाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात, यह हमें अनुशासन सिखाता है।

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मेरा स्कूल पर निबंध – My school essay in Hindi (1000 Words)

मेरा स्कूल पर निबंध (My school essay in Hindi): जीवन में हमारा दूसरा घर स्कूल होता है. स्कूल में ही हम सब जीवन के मुख्य उद्देश्य को समझते है. और स्कूल में हमे कभी न कभी हमारे स्कूल के बारे में लिखने का मौका मिलता है. और ये लिखने के मौके को हम सिर्फ निबंध में ही व्यक्त कर सकते हैं. इसलिए में आज आपके लिए लेकर आया हूँ मेरा विद्यालय पर निबंध (Essay on my school in Hindi).

मेरा स्कूल पर निबंध – My school essay in Hindi

प्रस्तावना – स्थिति – कक्षाओं और छात्रों की संख्या – स्कूल का घर – स्थापना और प्रबंधन – शिक्षक और अन्य कर्मचारी – त्योहार – बगीचा – पुस्तकालय – खेल मैदान – वस्त्र – परीक्षा परिणाम – उपसंहार

ईश्वर के पास जितने भी संसाधन है, मानव संसाधन उन सभी में सर्वश्रेष्ठ हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि मानव संसाधनों के समुचित विकास के साथ, अन्य सभी प्राकृतिक संसाधनों का विकास संभव होगा. इस मानव संसाधन के विकास के लिए स्कूल कई औपचारिक साधनों में से एक हैं. हमारे देश में कई तरह के स्कूल हैं, जैसे प्राथमिक स्कूल और हाई स्कूल. मैं जिस स्कूल में जाता हूं वह हाई स्कूल है. उसका नाम माध्यमिक बोर्ड हाई स्कूल है. यहाँ 6 वीं से 10 वीं कक्षा तक की शिक्षा देता है.

हमारा स्कूल कटक सहर के बजरकबती रोड के पास स्थित है. मौजूदा बजरकबती रोड रानीहाट चौक को डोलमुंडई चौक से जोड़ता है. पश्चिम में फ्रेंड्स कॉलोनी है, उत्तर में रानीहाट गोपाल साही है और दक्षिण में ओडिशा माध्यमिक शिक्षा समिति का कार्यालय है.

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कक्षाओं और छात्रों की संख्या

हमारा स्कूल में 6 वीं से 10 वीं कक्षा तक शिक्षा प्रदान किया जाता है. 6 वीं से 7 वीं कक्षा में 3 विभाग और अन्य कक्षाओं में 4 विभाग है. स्कूल के अठारह विभागों में लगभग 1,000 छात्रों पढ़ते हैं. यहाँ का पाठ्यक्रम का अनुसरण माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा किया जाता है. उच्च वर्ग साहित्य, अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, शारीरिक शिक्षा और काम का अनुभव के बारे में शिक्षा दिया जाता है.

स्कूल का घर

हमारा स्कूल तीन मंजिला इमारत है. महल में छोटे बड़े 12 कमरे हैं. इसमें शिक्षकों के विश्राम कक्ष, पुस्तकालय, प्रधानाध्यापक कार्यालय, विद्यालय के कार्यालय भवन, 10 वीं कक्षा के 4 विभाग, हिंदी और संस्कृत के लिए एक अलग कक्षा है. दूसरी मंजिल पर एक खेल शिक्षक का कमरा, राष्ट्रीय युद्ध शैक्षिक बलों के लिए एक विशेष कमरा और एक हवाई क्षेत्र, एक प्रयोगशाला, विज्ञान वर्ग के लिए एक गैलरी और भूगोल के लिए एक विशेष कमरा है. इस दूसरी मंजिल पर 8 वीं और 9 वीं कक्षा में से प्रत्येक में 4 विभाग भी होते हैं. इसी तरह, तीसरी मंजिल में 6 वीं और 7 वीं कक्षा है. इस मंजिल पर एक छोटा हॉल या मीटिंग रूम भी है. यद्यपि यह हमारे विद्यालय के सभी छात्रों के लिए पर्याप्त नहीं है, फिर भी यहाँ छोटी बैठकें करना संभव है.

स्थापना और प्रबंधन

हमारे स्कूल की स्थापना 3 अगस्त, 1959 को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा की गई थी. तब से, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्कूल की इमारत का विस्तार कर रहा है, शिक्षकों की आवश्यक संख्या को काम पर रखने के साथ-साथ सभी स्कूल खर्चों को कवर करता है. स्कूल में अधिकारियों को सलाह देने के लिए एक प्रबंधन समिति है. माध्यमिक शिक्षा परिषद के संपादक, स्कूल प्रिंसिपल, शिक्षक प्रतिनिधि और 2 निर्वाचित माता-पिता संचालन समिति के सदस्य हैं. समिति वर्ष के विभिन्न समयों में होती है और सदस्य स्कूल के बारे में सोची समझी सलाह देते हैं.

शिक्षक और अन्य कर्मचारी

हमारे विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री राम शर्मा. उन्होंने मेधावी शिक्षक के रूप में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीते हैं. उनके अलावा, 35 अन्य प्रशिक्षित शिक्षक, 13 4th ग्रेड के कर्मचारी और 2 कार्यालय सहायक यहां काम कर रहे हैं. दो शिक्षकों को राज्यपाल ने मेधावी शिक्षकों के रूप में सम्मानित किया है.

स्कूल में गणेश पूजा, सरस्वती पूजा, गुरु दिवस, पुरस्कार समारोह, स्थापना दिवस, स्वतंत्रता दिवस, बाल दिवस, जन राज्य दिवस आदि मनाया जाता है. हमारे स्कूल के छात्र कटक शहर और राज्य के विभिन्न हिस्सों में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे हैं और पुरस्कार और प्रमाण पत्र जीतने के साथ-साथ स्कूल की प्रतिष्ठा भी बढ़ाते हैं.

बगीचा                                

हमारे स्कूल में एक सुंदर फूलों का बगीचा है. बगीचे के अंदर महात्मा गांधी की मूर्ति है. उद्यान को 8 भाग में विभाजित किया गया है. प्रत्येक कियारी में फ्लैट कालीन की तरह हरी घास और कियारी के चारों ओर फूलों की सुंदर बाड़ है. ये पेड़ बहुत सुंदर लगते हैं क्योंकि वे एक निश्चित ऊंचाई तक कट जाते हैं. हरी घास और उसके चारों ओर मौसमी फूलों की लाइनिंग बगीचे की सुंदरता को कई गुना बढ़ा देती है. यद्यपि एक शिक्षक बगीचे का प्रभारी है, लेकिन स्कूल के अन्य सभी शिक्षक बगीचे के समग्र सुधार में योगदान करते हैं. छात्रों नियमित रूप से समय पर शिक्षक की देखरेख में बगीचे में काम करते हैं. सभी के प्रयासों के कारण, बगीचा बहुत आकर्षक हो गया है.

हमारे स्कूल में एक पुस्तकालय है. इसमें लगभग 10,000 पुस्तकें हैं. एक शिक्षक इसके प्रबंधन का प्रभारी होते हैं. पुस्तकालय के लिए एक निर्दिष्ट समय है. शिक्षक कक्षा की पाठ्यपुस्तकें और अन्य सहायक पुस्तकें पुस्तकालय से लेते हैं. कुछ शिक्षक और छात्र स्कूल के बाद पुस्तकालय में रहते हैं और स्कूल में आने वाली विभिन्न पुस्तकों और समाचार पत्रों और पत्रिकाओं को पढ़ते हैं. जैसा कि हमारा पुस्तकालय एक अच्छी तरह से संचालित पुस्तकालय है, यह शिक्षकों और छात्रों के ज्ञान को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

हमारे स्कूल में एक छोटा सा खेल का मैदान है. शनिवार को यहां सामूहिक अभ्यास आयोजित किए जाते हैं. उत्साही छात्र खेल शिक्षक की देखरेख में स्कूल के काम और अन्य छुट्टियों के बाद खेल का अभ्यास करते हैं. छात्र शहर और राज्य में आयोजित विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे हैं.

स्कूल के छात्रों निर्दिष्ट वस्त्र पहनते हैं. लड़कों  गहरे नीले रंग की पैंट और सफेद हाफ शर्ट पहनते हैं  और लड़कियों आसमानी नीले रंग की फ्रॉक पहनते हैं. स्कूल-नामांकित पदक छात्रों द्वारा उपयोग किए जाते हैं. इससे छात्रों में स्कूल के प्रति जुनून का पता चलता है.

परीक्षा परिणाम

हमारे स्कूल के परीक्षा परिणाम बहुत संतोषजनक हैं. हर साल, सैकड़ों छात्र प्रथम श्रेणी से पास होते हैं. प्रथम श्रेणी में पास होने वाले छात्रों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और द्वितीय श्रेणी में पास होने वाले छात्रों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है. हमारे स्कूल में शिक्षक नियमित कक्षाओं में पढ़ाते हैं. लगभग हर वर्ष, इस विद्यालय के छात्र विद्यालय की प्रतिष्ठा को बढ़ाकर विद्यालय में स्थान प्राप्त करते हैं.

हमारा स्कूल अन्य स्कूलों जितना पुराना नहीं है. इसलिए इसकी कोई समृद्ध परंपरा नहीं है. छात्रों और शिक्षकों के प्रयासों और माता-पिता के सक्रिय सहयोग के लिए धन्यवाद, स्कूल धीरे-धीरे सुधार कर रहा है और एक उज्जवल परंपरा का निर्माण कर रहा है. मुझे अपने स्कूल पर गर्व है. यदि स्कूल का प्रत्येक छात्र इतना गर्व महसूस करता है और समर्पण के साथ काम करता है, तो स्कूल पूरे राज्य में आदर्श स्कूलों में से एक बन सकता है.

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ये था मेरा स्कूल पर निबंध (Essay on my school in Hindi) . अगर आपको कभी अपने स्कूल के ऊपर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, तो आप ऊपर दिए गए निबंध को अनुसरण कर के लिख सकते हो.

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मेरा विद्यालय पर निबंध, लेख, 10 लाइन

विद्यालय (पाठशाला ) एक ऐसा स्थान है जो विद्या के प्रतीक के रूप में काम करता है, अर्थात् यह वह स्थान होता है जहाँ ज्ञान(विधा) की प्राप्ति होती है। हमारे संस्कृति में विद्या को देवी के रूप में माना जाता है और विद्यालय को ‘मंदिर’ के समान महत्वपूर्ण माना गया है। आज हम विद्यालय यानि पाठशाला पर निबंध, लेख, 10 लाइन, पर विस्तार से पढ़ेंगे।

Also Read: विद्यालय का महत्व पर निबंध-पाठशाला का महत्व पर निबंध // विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध // मेरे विद्यालय में पारितोषिक वितरण समारोह // शिक्षा में चुनौतियों पर निबंध //

मेरा विद्यालय पर निबंध, लेख, 10 लाइन 1

विद्यालय पर निबंध (200 शब्दों में)

मेरे विद्यालय का नाम अर्पण पब्लिक स्कूल है। यह मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और मेरी शिक्षा की यात्रा का संवर्गस्थान है। यहाँ पर हमें न केवल पढ़ाई का मौका मिलता है, बल्कि हम खेल, कला, संगीत आदि में भी विकसित होते हैं।

हमारे विद्यालय में प्रमुख ध्येय है कि हर छात्र को सम्पूर्ण विकास मिले। यहाँ के उच्च प्रतिष्ठान वाले अध्यापक हमें विभिन्न विषयों में पढ़ाते हैं और हमें नए ज्ञान का संचय करने में मदद करते हैं।

विद्यालय में सभी छात्र एक परिवार की भावना से जुड़े रहते हैं। हम उनके साथ समय बिताकर अच्छे दोस्त बनाते हैं और एक-दूसरे की मदद करते हैं।

हमारे विद्यालय में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल-कूद प्रतियोगिताएं और शिक्षा से जुड़े अन्य गतिविधियाँ भी आयोजित की जाती हैं।

मेरे विद्यालय के प्रिंसिपल और शिक्षक हमें न केवल शिक्षा देते हैं, बल्कि वे हमें अच्छे मानव और सामाजिक नागरिक बनने में भी मार्गदर्शन करते हैं।

आखिर में, मेरे विद्यालय ने मुझे ज्ञान, सामर्थ्य और सजीव शिक्षा का अद्भुत साधना स्तर प्रदान किया है। यहाँ के सुखद और शिक्षाप्रद वातावरण में मेरी पूरी शिक्षा की यात्रा अद्वितीय और प्रेरणास्त्रोत रही है।

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विद्यालय पर निबंध 300 शब्दों में-vidyalaya par nibandh

रुपरेखा : प्रस्तावना – विद्यालय की परिभाषा – विद्यालय की भूमिका – विद्यालय की परिकल्पना – विद्यालय के प्रकार – विद्यालय की विशेषता – उपसंहार।

प्रस्तावना : विद्यालय, जिसे हम सिखने और ज्ञान प्राप्त करने के लिए जाते हैं, हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ पर हम न केवल पढ़ाई करते हैं, बल्कि साथ ही खेल, कला, और विकास के अन्य क्षेत्रों में भी सीख प्राप्त करते हैं।

विद्यालय की परिभाषा: विद्यालय एक स्थान होता है जहाँ छात्र अपने शिक्षा का अध्ययन करते हैं। यहाँ पर हमें अध्यापक मिलते हैं जो हमें विभिन्न विषयों में पढ़ाते हैं और हमारे ज्ञान को विकसित करते हैं।

विद्यालय की भूमिका: विद्यालय छात्रों को न केवल शिक्षा प्रदान करता है, बल्कि उन्हें अच्छे मानवीय मूल्यों, नैतिकता, और समर्पण की शिक्षा भी देता है। यहाँ पर हम जीवन के महत्वपूर्ण सिक्के सीखते हैं जो हमें अच्छे नागरिक बनने में मदद करते हैं।

विद्यालय की परिकल्पना: विद्यालय की परिकल्पना एक सुरम्य और संवेदनशीलता से भरपूर स्थान का चित्रण करती है, जहाँ छात्र न केवल पढ़ाई करते हैं, बल्कि खेल, कला, और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी भाग लेते हैं।

विद्यालय के प्रकार : विद्यालय कई प्रकार के होते हैं, जैसे सरकारी विद्यालय, निजी विद्यालय, आदि। इनमें हर एक का अपना विशिष्टता होता है और यह छात्रों के विकास में योगदान करते हैं।

विद्यालय की विशेषता: विद्यालय एक ऐसी जगह होती है जहाँ हमें अच्छे से सीखने का मौका मिलता है और हम नए दोस्त भी बनाते हैं। यहाँ पर हम जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों को समझते हैं और अपने आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं।

उपसंहार: विद्यालय हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमें न केवल ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक विकास में भी मदद करता है। यहाँ पर हम सिखते हैं कि कैसे जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है और समृद्धि प्राप्त की जा सकती है।”

मेरा विद्यालय पर निबंध, लेख, 10 लाइन 2

मेरा विद्यालय पर निबंध- Essay on My School in Hindi.

विद्यालय यानी विद्या और आलय, अर्थात शिक्षा का मंदिर। जहाँ पर हर रोज़ लाखो बच्चे विद्या अर्जन करने जाते है। मेरे विद्यालय का नाम केंद्रीय विद्यालय है। यह असम की पहाड़ियों के बीच स्थित है। मेरा विद्यालय काफी बड़ा है और विश्तृत रूप से फैला हुआ है। मेरे विद्यालय में एक से बारहवीं तक की कक्ष्याएं है। यहाँ विद्यालय का परिवेश शांत और शिक्षा की उत्तम व्यवस्था है। यहाँ हर कक्षा के 4 अनुभाग यानी सेक्शंस है। यहाँ के प्रधानाध्यापक अनुशासन प्रिय है। हमारा विद्यालय तीन मंजिला इमारत है। यहाँ विद्यालय में तक़रीबन 50 कमरे है। कमरे में गुणवत्ता पूर्वक कुर्सियां, पंखे, स्मार्टबोर्ड और श्यामपट्ट का इंतज़ाम है।

यहाँ विद्यालय में विशाल वातानुकूलित पुस्तकालय है जहाँ हर विषय के पुस्तक उपलब्ध है। यहाँ बच्चे दैनिक अखबार पढ़ सकते है। विद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान के प्रक्टिकल्स के लिए विशाल कंप्यूटर का कमरा है। यहाँ विद्यार्थी कंप्यूटर क्लास में कंप्यूटर को शिक्षक के निरीक्षण में चला सकते है। यहाँ विज्ञान के हर क्षेत्र जैसे रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान और जीव विज्ञान के अलग और भव्य प्रयोगशाला है। यहाँ खेलकूद के लिए अलग कमरा है। जहाँ फूटबाल, क्रिकेट, और वॉली बॉल से सम्बंधित सारे ज़रूरत की चीज़ें मौजूद है। लेकिन अध्यापकों के निरिक्षण में इनका उपयोग करना अनिवार्य है।

यहाँ विद्यालय में संगीत और नृत्य के लिए अलग कमरा है जहाँ हर प्रकार के वाद्य यन्त्र मौजूद है। यहाँ विद्यालय में खेलने के लिए विशालकाय मैदान है और छायादार पेड़ है। यहाँ अतिसुन्दर उद्यान है जहाँ हर प्रकार के फूल लगे हुए है। हमारे विद्यालय में शिक्षण ग्रहण करने हेतु विद्वान और सुशिक्षित अध्यापक और अध्यापिका है। यहाँ हमेशा कड़े अनुशासन का पालन किया जाता है। यहाँ हर रोज सुबह की प्राथना सभा में प्रतिज्ञा, समाचार, सोच, और भाषण जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। प्राथना सभा में हर विद्यार्थी उत्सुकता से भाग लेता है। उसके बाद हमारी कक्ष्याएं प्रारम्भ हो जाती है।

यहाँ हर विषय का अध्ययन बहुत ही रोचक होता है। शिक्षक गण हमे बड़े चाव से पढ़ाते है और कई नए पद्धतियों और उपकरण का प्रयोग करते है ताकि विद्यार्थियों को अच्छे से विषय का ज्ञान हो। यहाँ हर एक कालखंड 45 मिनट का होता है। विद्यालय में शुद्ध और स्वच्छ पीने का पानी उपलब्ध है और स्वच्छ शौचालय की व्यवस्था है। यहाँ अगर किसी विद्यार्थी को कुछ विषय में समझ न आये तो उपचारात्मक कक्ष्याओं की सहायता ले सकते है। यहाँ विद्यालय में कई तरह की सह पाठ्यक्रम प्रतियोगिता आयोजित की जाती है जैसे वाद-विवाद, भाषण, सुलेख लेखन, कविता गायन जैसे प्रतियोगिता आयोजित की जाती है ताकि विद्यार्थी हर क्षेत्र में सक्ष्म प्रयास और उन्नति करे। इसके आलावा नृत्य, संगीत, अंताक्षरी और नाटक जैसे मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित किये जाते है।

यहाँ विद्यालय में हर साल भव्य वार्षिक समारोह का आयोजन किया जाता है। इस समारोह विद्यार्थियों को उनके क्षेत्र में उत्तम कार्य करने के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं। यहाँ हर साल मुख अतिथि छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत बनकर आते है। नृत्य, नाटक, प्रधानाचार्य महोदय के ज्ञान वर्धक भाषण सुनने और देखने का सुअवसर प्राप्त होता है। विद्यालय में अध्यापको के लिए सुसज्ज्ति स्टाफ कक्ष है। यहाँ शिक्षकगण विद्यार्थिओं की उत्तरपुस्तिकाओं का निरीक्षण कार्य करते है और साथ ही विद्यार्थिओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए उत्तम निर्णय लेते है। नजदीक में प्रधानचार्य महोदय का कक्ष है जो काफी विशाल और भव्य है।

स्कूल की इमारत और छात्रों  की सुरक्षा के लिए बाहर सुरक्षा कर्मी हमेशा तैनात रहते है। स्कूल में हमेशा अनुशासन का अनुकरण किया जाता है। यहाँ विद्यालय के आंगन और सभी कक्षाओं की रोज़ सफाई की जाती है। यहाँ विद्यालय के आँगन के पास जो बगीचा है वहां विभिन्न प्रकार के छायादार पेड़ है इसलिए विद्यालय का एक सुन्दर दृश्य स्थापित हो जाता है। यहाँ बच्चे हर साल दसवीं और बारहवीं में अच्छा शैक्षिक प्रदर्शन करते है। जिसके कारण जिले में हमारा विद्यालय अत्यंत लोकप्रिय है। हमारे विद्यालय में पुस्तकालय का रूप में एक ज्ञान का महसागर है। यहाँ हर विषय और क्षेत्र से सम्बंधित किताबें पायी जाती है। जो बच्चे महंगे किताबे नहीं खरीद सकते है यहाँ पुस्तकालय में आकर ज्ञान अर्जित करते है।

हर प्रकार के दिवस जैसे शिक्षक दिवस , स्वतंत्रता दिवस सुअवसर मनाये जाते है और कई प्रकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

विद्यालय विद्या का मंदिर है जहाँ बच्चे हर प्रकार का ज्ञान प्राप्त करने आते है। ज़िन्दगी में विद्यालय का महत्व अतुलनीय है। ज़िन्दगी में हर विद्यार्थी के बेहतरीन दिन यहाँ बितते है जिसे आजीवन वह याद करते है। विद्यालय का सहयोगमय वातावरण और अपार शिक्षा भविष्य में विद्यार्थिओं को आत्मनिर्भर बनाता है। यहीं से शिक्षा पाकर विद्यार्थी ज़िन्दगी में बहुत कुछ कर दिखाते है। हमे अपने विद्यालय पर गर्व है।

मेरा विद्यालय 10 लाइन-vidyalay per 10 line

  • मेरा विद्यालय मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ हमें शिक्षा के साथ-साथ खेल, कला और सामाजिक गतिविधियों का भी मौका मिलता है।
  • हमारे विद्यालय में अध्यापक हमें विभिन्न विषयों में पढ़ाते हैं और हमारे ज्ञान को विकसित करते हैं।
  • विद्यालय में हम नए दोस्त बनाते हैं और उनके साथ समय बिताते हैं।
  • हमारे विद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं।
  • विद्यालय में हमें नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी जाती है और हमें समाज में उपयोगी नागरिक बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
  • हमारे विद्यालय के प्रिंसिपल और शिक्षक हमारे मार्गदर्शक होते हैं और हमें सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करते हैं।
  • मेरे विद्यालय का वातावरण सुरक्षित और प्रेरणास्त्रोत होता है, जो हमें सीखने के लिए परिपूर्ण माहौल प्रदान करता है।
  • विद्यालय में हमें सिखाया जाता है कि कैसे अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मेहनत करें और संघर्ष का सामना करें।
  • मेरे विद्यालय ने मेरी प्रौद्योगिकी, सामाजिक और मानसिक दृष्टि को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • मेरा विद्यालय मेरे जीवन की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो मुझे नए दर्शनियों की ओर अग्रसर करने में मदद करता है।

मेरा विद्यालय पर निबंध, लेख, 10 लाइन 3

#सम्बंधित: Hindi Essay, Hindi Paragraph, हिंदी निबंध।

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Hindi Essay

Mere Vidyalay Par Nibandh | Essay On My School In Hindi 500 Words | PDF

Essay on my school in h indi.

Essay on My School in Hindi (Download PDF) Mere Vidyalay Par Nibandh class 5, 6, 7, 8, 9, 10 – इस निबंध के माध्यम से हम जानेंगे मेरे विद्यालय एक अच्छा निबंध कैसे लिखे तो शुरू करते है।

मेरा स्कूल मेरे शहर का एक अग्रणी स्कूल है। यह माता-पिता का गौरव है। हर माता-पिता अपने बच्चों को इस स्कूल में लाना चाहते हैं। यह एक विशाल स्कूल है और इसे दो वर्गो में विभाजित किया गया है। प्राथमिक वर्ग और माध्यमिक वर्ग। यह एक ऐसी जगह है जहाँ बच्चे सीखते हैं और अध्ययन करते हैं। इसे ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। हमारे स्कूल में , हम सभी जीवन का अधिकतम समय बिताते हैं , जिसमें हम कई विषयों में शिक्षा लेते हैं।

My school Essay in Hindi

मेरा स्कूल मेरे घर से लगभग 4 किमी की दुरी पर स्थित है। यह बहुत आदर्श और शांतिपूर्ण दिखता है। हम अपने विद्यालय को एक मंदिर की तरह पूजते है जहाँ हम प्रतिदिन जाते हैं, मेरे स्कूल के शिक्षक बहुत प्रशंसनीय हैं क्योंकि वे सभी को बड़े संयम के साथ पढ़ाते हैं। मेरा स्कूल उन छात्रों को बस सुविधा प्रदान करता है जो स्कूल से दूर रहते हैं। सभी छात्र सुबह खेल के मैदान में इकट्ठा होकर प्रार्थना करते हैं उसके बाद अपनी-अपनी कक्षाओं में पहुँचते हैं। मेरा स्कूल हर साल लगभग 500 छात्रों को प्रवेश प्रदान करता है।

मेरा विद्यालय सरकारी होने के बावजूद, यहाँ सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं, हमारे विद्यालय का परिणाम प्रति वर्ष 100% है। मेरा स्कूल शहर के सबसे अच्छे स्कूलों में शुमार है। हर साल, मेरे स्कूल में वार्षिक उत्सव आयोजित किया जाता है, जिसमें स्कूल की प्रशंसा और विविध छात्रों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। मैं उत्सुकता के साथ उस पल का इंतजार करता हूं, क्योंकि मैं भी हर साल इस गतिविधियों में भाग लेता हूं। इस अवसर पर बड़े अधिकारी आते हैं और अपने हाथों से बच्चों को पुरस्कृत करते हैं।

वह क्षण बहुत यादगार होता है जब आपको कई बच्चों के बीच से बुलाया जाता है, और मंच पर जाते ही आपका तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया जाता है। आप अचानक आम से खास बन जाते हैं। हर कोई आपको पहचानने लगता है। यह एक अद्भुत अनुभव है, जिसे शब्दों में व्यक्त किया जाना संभव नहीं है। अच्छा लगता है कि मैं इस स्कूल का छात्र हूं।

ये भी देखें – Essay on poverty in India in Hindi

हमारे स्कूल के मैदान बहुत बड़े हैं जहाँ सभी वार्षिक कार्य होते हैं। हमारे स्कूल में दोनों साइड सीढ़ियाँ हैं, जो हमें हर मंजिल तक ले जाती हैं। भूतल पर एक बड़ा पुस्तकालय है, जो पुस्तकों से अच्छी तरह से सुसज्जित है, इसमें सभी विषयों से संबंधित कई पुस्तकें हैं। मेरे क्लास रूम के अलावा, इसमें म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट्स रूम है।

इसमें विज्ञान और वाणिज्य के छात्रों के लिए कक्षाएं हैं और नर्सरी के बच्चों के लिए अलग से कमरे बनाए गए हैं और तीसरी मंजिल पर एक कंप्यूटर लैब है, यहां कक्षा पांच से 12 तक के छात्रों की पढ़ाई के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है

हमारे जीवन में सफलता पाने के लिए अनुशासन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब लोग युवा होते हैं, तो वे पहले अपने परिवार और बाद में स्कूल में अनुशासन के महत्व को समझते हैं। हमारा स्कूल अनुशासन के मामले में बहुत सख्त है। स्कूल में, यदि कोई छात्र अनुशासन का उल्लंघन करता है, तो उन्हें कड़ी सजा दी जाती है। शिक्षकों द्वारा प्रतिदिन वर्दी, नाखून और दांतों का निरीक्षण किया जाता है।

हमारे स्कूल में 40 शिक्षक हैं, जो प्रत्येक कक्षा में विभिन्न विषयों को पढ़ाते हैं। सभी विद्यार्थी को उनके संबंधित विषयों में अच्छी तरह से शिक्षित किया जाता है, यही कारण है कि हम शिक्षक के प्रयासों से हर विषय को आसानी से समझते हैं।

एक योग कक्षा हर दिन 30 मिनट के लिए आयोजित की जाती है जिसमें योग सिखाया जाता है और योग का महत्व समझाया जाता है। हमें स्वस्थ जीवन जीने का तरीका भी बताया जाता है। योग हमारे शरीर और मस्तिष्क को जीवित रखता है, जो हमें अपनी पढ़ाई में केंद्रित रखता है।

हर शनिवार को, हमारे स्कूल में छात्रों के बीच एक प्रतियोगिता होती है, जैसे – गायन, वाद-विवाद, कविताएँ, पेंटिंग आदि की प्रतियोगिताएं। जिसमें सभी छात्र बड़े पैमाने पर भाग लेते हैं। कभी-कभी हमारे स्कूल में कुछ अन्य संस्थानों द्वारा एक प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है और विजेताओं को अच्छे पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

ये भी देखें – Essay on nature in Hindi

लोकप्रियता-

हमारे स्कूल के लोकप्रिय और बड़े मैदान होने के कारण, जिला स्तर की खेल प्रतियोगिताएं भी हमारे स्कूल में आयोजित की जाती हैं। हमारे विद्यालय के अधिकांश छात्र भी इसमें भाग लेते हैं। मेरा स्कूल शतरंज, कबड्डी, बैडमिंटन, वॉलीबॉल, क्रिकेट, आदि में प्रतिस्पर्धा करता है।

हमारे स्कूल का परिणाम हर साल अच्छा होता है, जिसके कारण हमारा स्कूल हमारे शहर का एक प्रसिद्ध स्कूल बन गया है। स्कूल के परीक्षा परिणाम का 100 प्रतिशत होने का कारण एक अनूठा कारक है, यहां के शिक्षक विद्वान और अच्छे व्यक्तित्व वाले हैं, जो छात्रों के धैर्य के साथ सभी प्रश्नों को सुनते हैं और हल करने तक उन्हें हल करने का प्रयास करते हैं। शिक्षकों के साथ-साथ बच्चों और उनके माता-पिता की कड़ी मेहनत के कारण, स्कूल के परिणाम हर साल अच्छे होते हैं और मेरे स्कूल को मेरे शहर पर गर्व है।

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FAQs. on My School in Hindi

आपको अपना स्कूल क्यों पसंद है.

उत्तर: मुझे मेरा स्कूल पसंद है क्योंकि मेरा स्कूल मेरे शहर का अग्रणी स्कूल है। मेरे स्कूल के शिक्षक बहुत देखभाल करने वाले और योग्य हैं। स्कूल के अन्य छात्रों से आगे रहने के लिए कई सुविधाएं हैं।

एक स्कूल में किस प्रकार की सुविधाएं होनी चाहिए?

उत्तर: इसे सुविधाओं के मामले में नहीं गिना जा सकता है, लेकिन एक स्कूल में अच्छे योग्य शिक्षक होने चाहिए जो अपने छात्रों के संदेह को समझने के लिए सीमा के पार जाकर मदद कर सकें।

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हिंदी कोना

मेरा विद्यालय पर निबंध। my school essay in hindi

my school essay in hindi

विद्यालय जिसे हम लोग विद्या का मंदिर मानते है। विद्यालय को कोई पाठशाला कहता है तो कोई स्कूल कहता है। जीवन की अनगिनत यादों के साथ साथ सफलता के मुकाम पे पहुंचने का सफर स्कूल से ही होकर गुजरता है। आज आप इस पोस्ट में my school essay in hindi पढ़ेंगे। विद्यालय पर निबंध तो हमेशा ही स्कूल और कॉलेज में जरूर पुछा जाता है। इस हिंदी निबंध को आप essay on my school in hindi for class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के लिए थोड़े से संशोधन के साथ प्रयोग कर सकते है।

जोर जोर से बजती हुई घंटी, माँ का हाथ कस कर पकड़ा हुआ, बिकल कर रोते हुए कुछ ऐसे पहली बार स्कूल के अंदर गया। वो पहला दिन था जब मैने मेरे स्कूल को देखा। पहली बार मेरे साथ ऐसा हुआ था कि कोई बड़ी सी इमारत मुझे पसंद नही आ रही थी। क्योंकि चश्मा लगाई हुई मेडम मेरी माँ से मेरा हाथ छुड़ा कर अंदर की ओर ले जा रही थी। मैंने मेडम के हाथ मे काटा और माँ के पास भागने लगा। इतने में एक मेडम ने किटकैट दिखा कर कहा इसे कौन लेगा। वो टॉफी देख मेने माँ की तरफ देखा, माँ ने कहा जाओ जल्दी जाओ तुम्हारी पसंदीदा चॉकलेट लेलो।मुझे आज भी याद है कि उस दिन मुझे स्कूल भेजने के लिए बहुत झांसे दिए। कुछ इस तरह पहली बार मेने अपने विद्यालय में कदम रखा। आपकी ज़िंदगी मे भी ज़रूर कुछ ऐसे ही रौचक किस्से हुए होंगे जो आप याद करके अकेले में भी खूब हस्ते रहते होंगे।

प्रस्तावना-  जब हमें कुछ पता ही नही होता उस वक़्त हमारा दाखिल स्कूल में होता है।रोते- गाते, खेलते- कूदते, हम ऐसे पढ़ाव पर आ जाते है जब हमारे विद्यालय के हर कोने की तस्वीर हमारे दिमाग मे छप जाती है।रोते से हसना सीख जाना बस इतना ही हमारा स्कूल का सफर होता है। विद्यालय हमे हमारे सबसे निचले स्तर से शुरुवात करा कर एक ऐसे अनुभव की और ले जाता है जो आगे जीवन मे किसी अन्य चीज़ में प्राप्त नही होता।एक ऐसा अनुभव जो अमूल्य होता है और एक ऐसा इंसान  बनाता है जो देश का भविष्य होता है।कुछ यादें जो कहीं बयां करें भी तो कहा करे, ऐसी यादें दिल मे हमेशा पहले स्थान पर विद्यालय की होती है। हर बच्चे की पहली और आखरी पसन्द उसका विद्यालय ही होता है। जीवन के सबसे ना समझ क्षण हमने हमारे विद्यालय में ही बताए है। इसीलिए इससे ऊपर कोई बच्चा किसी संस्थान को अपने पूरे जीवन मे नही रख सकता।

विद्यालय का रंग और मेरे रंगीन मित्र-  मैने अपने विद्यालय रंग बचपन मे पीला समझा था। समझ के साथ कक्षा भी बढ़ी, फिर मुझे समझ आया कि ये तो कत्थई था। ज़्यादा बड़े तो नही बस पहली कक्षा में आकर मेरे जैसे और बच्चों पर मेरी नज़र गयी। ड्राइंग का पीरियड था, कुर्सी पर मेडम बैठ सब पर नज़र रखी हुई थी। मेरे पीछे की सीट पर एक लड़का खाली पेज पर बिना कुछ बनाये रंग भर रहा था। मुझे बहुत तेज़ हंसी आयी,वो भी मुझे हस्ता देख मुस्करा दिया। फिर मैने उसकी शीट पर फूल बनाया और उसने मेरी शिट पर रंग भरे। कुछ इस तरह मेरा जिगरी रंगीन यार बना। यूं  तो जिंदगी में हम हज़ारों लोगों से मिले होंगे लेकिन ऐसे रंगीन दोस्त हर बार नही मिलते।वो दोस्त मेरा पहला व सबसे करीबी दोस्त रहा।रोज़ लंच की घंटी बजती तो साथ खाना खाते। धीरे धीरे हमारा ग्रुप बनने लगा हमारे साथ आधे घण्टे के ब्रेक में 7-8 लड़के और खेलने लगे। पकड़म पार्टी, बर्फ पानी, आमछु बदमछु ये सारे नाम मेने वही पर पहली बार सुने और खेलना सीखे। कभी कभी सोचता हूं तो समझ आता है कि वो खेल ने ही  मेरी ज़िंदगी मे मुझे आज तक सबसे ज़्यादा खुशी दी। न दुनिया की कोई  रीत थीं, न छल- न कपट, न कोई भेद था। धीरे धीरे दोस्ती गहरी होती चली गयी। जब भी सोचता हूं की मेरे स्कूल ने मुझे क्या दिया तो सब छोड़ सबसे पहले ज़ुबान पर आता है हीरे, मेरे स्कूल ने मुझे वो अनमोल रत्न दिए जो, खुशी में शामिल हो न हो पर मेरे दुख में मेरी ढाल बनकर खड़े रहते है। मेरे दोस्त है जो मुझे हर तकलीफ से दूर रखते है। 

स्कूल लाइब्रेरी, किताबें और पीरियड से रिश्ता- जब तक किताबों के सागर में डूबते मेरा दोस्त साइड में प्रार्थना करता , है भगवान आज हां बस आज साइंस का पीरियड खत्म हो जाये। और ऐसे ही प्रार्थना वो रोज़ हर पीरियड में करता था। आप तो समझ ही गए होंगे कि किताबों में से पढ़ने से ज़्यादा, पीरियड खत्म होने की घंटी का इंतज़ार करते थे। कुछ भी कहो सब बच्चों को लाइब्रेरी पीरियड का बहुत इंतज़ार रहता था। बेशक वहां भी किताबें थी। पर वहां हमारे टीचर के अनुसार कोई भी किताब उठा कर पढ़ सकते थे। लेकिन हमारे अनुसार कोई भी किताब उठा कर बस उसके चित्र देख कर रखना होता था। फिर क्या था जिस भी किताब में शेर, चीतह, खरगोश नज़र आते वो उठा लेते। और पूरे पीरियड बस किताबों के पन्ने पलट कर वही चित्रों को निहारते।

किताबों के दोहों से बड़ी सीख मिलती थी। कैसे परोपकार करना है, कैसे दुसरो की सेवा करना है, कैसे दुसरो के लिए जीवन को जीना है। सब बच्चें किताब को हिंदी पीरियड में बड़े ध्यान से पढ़ते। एक अच्छे मनुष्य की पहचान क्या होती है ये मैने उन्ही किताबों से सीखा। खाली दिमाग मे जो अंकुरित करो वही परिणाम स्वरूप सामने आता है। अपने विद्यालय से जीवन जीने का सही तरीका सीखा। वो पाठ ने मेरे जीवन के पाठ में विशेष किरदार निभाया। अच्छा इंसान बनना चाहिए ये तो सब बताते है, पर अच्छा इंसान कैसे बनना है ये मेरे विद्यालय व मेरी किताबों ने सिखाया। जाने अनजाने हमने जीवन के महत्वपुर्ण पढ़ावो को पार करने की तैयारी करली थी जो हमे जीवन मे आगे बाधा बनकर उभरने वाले थे।

विद्यालय के शिक्षक-   नर्सरी से लेकर बारहवीं तक जिस अभिन्न व्यक्ति का साथ था वो थे हमारे शिक्षक। जिस दिन चलना सीखा उस दिन से मेरे जीवन के 18 साल तक उन्होंने हमे चलाया नही चलने का मार्ग भी  दिखाया। हर छोटे-छोटे झगड़े को सुलझाया और हर बार भगवान के समान माफ भी किया।विद्यालय में शिक्षक डरावने लगते थे। पर तब हम ये नही जानते थे कि इनसे कोमल इस दुनिया मे किसी ओर का हृदय नही होता। हर विषय के अलग अलग शिक्षक होते थे। वो हमारे सारे बहानों को जानते थे जो हम होमवर्क ना करके आने पर बनाते थे। उस दिन मुझे समझ आया कि सब समझ कर भी ना समझ बन जाना भी कितना विशेष प्रेम होता है। जो वो हम बच्चों से करते थे। गलती करने पर कई बार डांट भी लगते थे। पर उनका उद्देश्य कभी डांट कर नीचा दिखाने का नही बल्कि ऊपर उठाने का होता था। शिक्षा और शिक्षक का संबंध शायद एक बार को टूट सकता है। पर शिक्षक और बच्चों का संबंध कभी नही टूटता। शिक्षक बच्चों में शिक्षा का संचार कुछ ही सालों में आजीवन के लिए कर देता है।अनाराम से लेकर जीवन मे अलार्म तक का सफर हमे शिक्षक तय कराते हैं। वे सीखते है कि कैसे अपने लक्ष्य के प्रति आगे बढ़ते रहना है, और कैसे जीवन मे अनुशाषित रहना है।

विद्यालय का प्रांगण व आखरी साल- खाली दिमाग में धीरे धीरे अक्ल आने ही लगी थी, फिर बस हमारे विद्यालय में रहने का आखरी साल आगया।कैसे सालो की बिताई यादों को कुछ क्षण में समेट पाते। फेयरवेल लेने जब मैदान में खड़े थे तब आखरी बार अपने स्कूल को निहार रहे थे।तब लगा कि कितना बड़ा है मेरा विद्यालय। आज तक विद्यालय को देखने की फुरसत ही कहा मिली थी।अपने दोस्तों के साथ खेलने, टीचर को समझने सुनने के अलावा, कभी ध्यान ही नही गया।  स्कूल के पहले दिन जब रोते हुए आये थे तब ध्यान गया था। और अब जब रोते हुए जा रहे है तब ध्यान जा रहा है। जितना डरावना पहले दिन लगा था उससे कई ज़्यादा डरावना आज लगा। फर्क इतना है की उस वक़्त विद्यालय में आने का मन नही था , ” और आज जाने का नही है”। सारी यादें  वही पुराने बस्ते में भर कर ले जाते है और आशा करते है कि काश फिर से बच्चे बन पाए। काश फिर ये पल दोबारा से जी पाए।

नम आंखों में आज मैने मेरे पूरे विद्यालय को देखा है। जैसे हर साल विद्यालय की गोद मे खेले बच्चे  जाते है, विद्यालय की आंखें भी नम नज़र आती है। 

उपसंहार- शिक्षक को कभी मैने उनका दुख जताते नही देखा। जिन बच्चों को उनने बचपन से देखा है, और जितनी भी सीख दी है। आज से सब बच्चे उन्हें अपने जीवन मे अमल करने जा रहे थे। बेशक उनका हृदय नम था। पर उन्होंने हमें आशीर्वाद देकर विदा किया। विद्यालय सभी के जीवन का ऐसा अंग होता है जो भुलाए नही भुला जाता।

शिक्षा का कर्ज उतारना अभी बांकी है,  ऐ स्कूल वापिस बुला ले हमे, हमारा बचपन अभी भी बाकी हैं,  हमारा बचपन अभी बांकी है…!!

हमें आशा है आपको my school essay पसंद आया होगा। आप इस निबंध को essay on my school के रूप में भी प्रयोग कर सकते है। इस निबंध को paragraph on my school के लिए भी प्रयोग कर सकते है ।

My School Essay in Hindi

My School Essay in Hindi: मेरे स्कूल पर निबंध

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My School Essay in Hindi

यहां हम आपको एक शानदार my school essay in hindi उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध को आप कक्षा 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. यदि आप को किसी स्पीच के लिए टॉपिक essay on school in hindi मिला है तो आप इस लेख को स्पीच के लिए भी उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी निबंध प्रतियोगिता के लिए भी mera vidyalaya par nibandh लिखना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.

essay on school in hindi (100 Words)

विद्यालय को ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। यहां पर बच्चों को ज्ञान का प्रकाश दिया जाता है, जिससे बच्चे उनके भविष्य को उज्जवल बना सके। यह मेरे घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है।

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मेरा विद्यालय शहर की भीड़भाड़ से दूर एकांत जगह में स्थित है। प्राचीन काल से ही विद्यालयों के लिए ऐसे स्थान के रूप में देखा जाता है जहां ज्ञान प्राप्त करने के लिए हर साधन उपलब्ध होता है।

यहां पर किसी प्रकार का शोर नही होता क्योंकि पढ़ाई के लिए शांति की आवश्यकता होती है। मेरे विद्यालय का भवन बहुत सुंदर है। यह बहुत बड़ी जगह में फैला हुआ है, इसके चारों ओर ऊँची-ऊँची दीवारें हैं। मुझे मेरे विद्यालय से अति प्रेम है।

mera school essay in hindi (200 Words)

हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हमारा बचपन होता है जिसमें हम सभी चिंताओं से मुक्त होकर अपने लिए जीते हैं। हमारे बाल्यकाल का समय विद्यालय में ही व्यतीत होता है। विद्यालय की हमारे जीवन में बहुत अहमियत होती है। मेरे विद्यालय का नाम राम किशन मिशन स्कूल है। मेरा विद्यालय बड़ा है सुंदर है यह चारों ओर से प्रकृति से घिरा हुआ है।

विद्यालय को ज्ञान का मंदिर कहां जाता है और ज्ञान प्राप्त करने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ स्थान होता है क्योंकि ज्ञान प्राप्त करने के लिए शांति और अच्छा वातावरण चाहिए होता है, जो कि आपको सिर्फ विद्यालय में ही मिल सकता है।

बच्चे स्कूल जाकर शांति से मन लगाकर पढ़ाई कर सकते हैं। मेरे विद्यालय में विभिन्न प्रकार के आउटडोर खेल खेलने के लिए एक बड़ा और सुंदर खेल का मैदान है। इसके साथ मेरे विद्यालय में सप्ताह में एक बार शारीरिक परीक्षण रखा जाता है, जिसके अंतर्गत सभी छात्र-छात्राओं की शारीरिक क्षमता को नापा जाता है।

मेरे विद्यालय में काफी अनुभवी और दयालु शिक्षक हैं, जो बच्चों को बड़े ही प्रेम के साथ पढ़ाते हैं। विद्यालय में मेरे कई सारे दोस्त हैं जिनके साथ में लंच ब्रेक में गेम खेलता हूं। मेरे विद्यालय में एक बड़ी लाइब्रेरी भी है जिसमें सभी छात्र किताबें पढ़ सकते हैं। मुझे प्रतिदिन विद्यालय जाना बहुत पसंद है।

my school essay hindi

mera vidyalaya par nibandh (300 Words)

विद्यालय को शिक्षा और ज्ञान का द्वार कहां जाता है। यह वही द्वार है, जो हमें भविष्य में आगे सफलता की ओर ले जाता है। सभी लोगों ने अपने जीवन में विद्यालय से बहुत कुछ सीखा है, उसी तरह में भी मेरे विद्यालय में अच्छे जीवन की सीख ले रहा हूं। मेरे विद्यालय का नाम ब्रिलिएंट अकेडमी है यह नगर के अच्छे विद्यालयों में से एक है।

मेरा विद्यालय शहर की भीड़-भाड़ से दूर खुली जगह पर स्थित है। मैं प्रतिदिन स्कूल बस से स्कूल जाता हूं। विद्यालय का भवन काफी बड़ा है और इसमें एक बड़ा खेल का मैदान भी है। सुबह जल्दी विद्यालय पहुंचने के बाद सभी छात्र छात्राएं सुबह की प्रार्थना के लिए एकत्रित होते हैं। प्रार्थना के बाद सभी बच्चे अपनी अपनी क्लास में पुनः लौट जाते हैं।

विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद पर भी काफी ध्यान दिया जाता है। इसमें विज्ञान की प्रयोगशाला भी है, जिसमें बच्चों को विज्ञान से संबंधित प्रयोग कराए जाते हैं। बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए सप्ताह में एक बार योगा भी कराया जाता है।

मेरे विद्यालय के शिक्षक बच्चों को इमानदारी समर्पण और अच्छे आचरण की शिक्षा देते हैं। यहां बच्चों को अच्छे व्यवहार के बारे में सिखाया जाता है। मेरे सभी शिक्षक बड़े ही दयालु और बुद्धिमान हैं, जो अपने ज्ञान से हमें भविष्य में सफल होने योग्य बना रहे है। मेरे विद्यालय भवन की बनावट काफी सुंदर है इसमें एक बड़ा खेल का मैदान भी है जिसमें सभी बच्चे हर तरह का आउटडोर गेम बड़ी आसानी से खेल सकते हैं।

बच्चों को अधिक ज्ञान देने के लिए यहां पुस्तकालय और विज्ञान प्रयोगशाला भी है, जहां बच्चे आसानी से विज्ञान के सभी प्रयोग कर सकते हैं। विद्यालय में मेरे बहुत से मित्र हैं, मुझे मेरे विद्यालय से काफी स्नेह है और मुझे प्रतिदिन विद्यालय जा कर पढ़ाई करना बहुत अच्छा लगता है। 

रक्षाबंधन पर निबंध
विज्ञान के चमत्कार हिंदी में निबंध
आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध
 मित्रता दिवस पर निबंध
प्रदूषण पर निबंध
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mera vidyalaya nibandh in hindi (400 Words)

विद्यालय का शाब्दिक अर्थ है विद्या+ आलय मतलब विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहां विद्या प्राप्त की जाती है। हमारी संस्कृति में विद्या को देवी का स्थान दिया गया है और विद्यालय को मंदिर का। विद्यालय विद्यार्थी जीवन का एक ऐसा विषय है जिसे वह सबसे अधिक प्रेम करता है। विद्यालय में बिताए गए जीवन को विद्यार्थी कभी नहीं भूल सकता। इसी स्थान से हमारे भविष्य का निर्माण होता है। विद्यालय में ज्ञान देने वाले शिक्षक देवता के समान होते हैं जो अपनी जीवन भर की पूंजी हमें ज्ञान के स्वरूप में प्रदान करते हैं। मेरे जीवन में मेरे विद्यालय का बड़ा प्रभाव है।

मेरे विद्यालय का वर्णन 

मेरे विद्यालय का नाम आशुतोष पब्लिक स्कूल है। यह मेरे घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। मेरा स्कूल भवन काफी बड़ा है और इसमें एक हरा भरा खेल का मैदान भी है। स्कूल सुबह 7:00 बजे प्रारंभ होता है और सभी बच्चे सुबह खेल के मैदान में एक साथ एकत्रित होकर प्रार्थना करते हैं। मेरा विद्यालय मेरे लिए मेरा दूसरा घर है। यहां मेरे बहुत सारे दोस्त हैं जिनके साथ में लंच ब्रेक में गेम खेलता हूं। विद्यालय के सभी शिक्षक बड़े ही दयालु और बुद्धिमान है वह हमें हमारे अभिभावकों की तरह ही प्रेम से ज्ञान देते हैं। मेरे विद्यालय में बच्चों के लिए विज्ञान तथा बायलॉजी प्रयोगशाला भी हैं। इसके साथ ही विद्यालय में एक बड़ा सा पुस्तकालय है, जहां सभी बच्चे बड़ी आसानी से बैठकर एक साथ पढ़ाई कर सकते हैं।

विद्यालय की भूमिका

विद्यार्थी के जीवन में विद्यालय की एक अहम भूमिका होती है। विद्यालय ही वह स्थान होता है, जहां से विद्यार्थी नियम, संयम शिष्टाचार स्वास्थ्य संबंधित सभी विषयों के बारे में सीखता है। स्कूल में आयोजित होने वाली तरह तरह की प्रतियोगिताओं से ही विद्यार्थी के कौशल और ज्ञान में वृद्धि होती है। मेरे विद्यालय में बच्चों को उन सभी नियमों के बारे में सिखाया जाता है, जो कि एक वास्तविक जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

विद्यालय एक ऐसा स्थान है जो क्षमताओं को बढ़ावा देता है हमें अवधारणाएं सिखाता है। यहां होने वाले आयोजन हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने का कार्य करते हैं। हमें अपनी संस्कृति से अवगत कराते हैं। विद्यालय ही हमें भौतिक व वास्तविक ज्ञान देकर भविष्य के लिए तैयार करता है। मुझे मेरे विद्यालय और विद्यार्थी जीवन से बहुत प्रेम है। यह वही जगह है, जहां मैंने दोस्ती जैसे बंधन का निर्माण होते देखा है। मुझे मेरा विद्यालय भवन अति प्रिय है और मुझे यहां आकर पढ़ाई करना बहुत पसंद है। मेरा विद्यालय हम सभी विद्यार्थियों का गौरव है, और हम इस महान संस्था में अध्ययन कर रहे हैं, यह हमारा सौभाग्य है।

my school essay in hindi (500 Words)

विद्यालय का छात्र के जीवन में एक अलग स्थान होता है। यहां बच्चों के जीवन निर्माण की नीव रखी जाती है। एक अच्छा विद्यालय सबसे अच्छे विद्यार्थियों का निर्माण करता है, जो भविष्य में अपने विद्यालय और देश का नाम रोशन करते हैं। बच्चों के उज्जवल भविष्य के निर्माण में विद्यालय और उनके शिक्षकों का काफी योगदान होता है। यहीं से देश के आने वाले नेता, साइंटिस्ट डॉक्टर, इंजीनियर तैयार होते हैं। विद्यालय में ज्ञान देने वाले शिक्षक हमारे जीवन के रचयिता होते हैं, वह हमें अच्छे जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं।

मेरे विद्यालय का वर्णन

मेरे विद्यालय का नाम संत कबीरदास हाई स्कूल है। यह शहर से तकरीबन 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मैं प्रतिदिन पैदल ही स्कूल जाता हूं, कभी-कभी मेरे पिताजी ऑफिस जाते समय मुझे विद्यालय तक छोड़ देते हैं। विद्यालय भवन बहुत ही बड़ा है, इसमें लगभग 45 कमरे हैं और बच्चों के खेलने के लिए एक बड़ा खेल का मैदान भी है। मेरा विद्यालय सुबह 7:00 बजे से प्रारंभ होता है। जहां सभी बच्चे खेल के मैदान में खड़े होकर प्रार्थना में भाग लेते हैं। इसके बाद सभी बच्चे अपनी अपनी क्लास में पुनः लौट जाते हैं। मेरे विद्यालय में बड़ा पुस्तकालय है जहां बच्चों को पढ़ने की पूरी आजादी है इसके साथ-साथ विद्यालय में विज्ञान प्रयोगशाला खेल सामग्री नृत्य कक्षा जैसी कई कक्षाएं हैं। यहां का वातावरण हरियाली से भरा हुआ है और काफी साफ और स्वच्छ है। बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक विकास के लिए भी यहां कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हर सप्ताह विद्यालय में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं होती है, जिसमें बच्चे अपने ज्ञान का प्रदर्शन करते हैं। मेरा विद्यालय शहर का सबसे अच्छा विद्यालय है और मुझे इसका विद्यार्थी होने पर गर्व है।

विद्यालय के प्रति हमारा कर्तव्य

विद्यालय को ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। जहां बच्चे अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण ज्ञान अर्जित करता है, जिस तरह लोग भगवान के मंदिर का सम्मान करते हैं और उसे साफ रखते हैं। उसी तरह हमें भी हमारे विद्यालय का सम्मान करना चाहिए, और उसे साफ स्वच्छ रखना चाहिए। विद्यालय में शिक्षा दे रहे सभी शिक्षक हमारे लिए गुरु के समान होते हैं, हमें हमारे गुरु का सम्मान करना चाहिए। हमें विद्यालय के नियमों का पालन करना चाहिए और इसे आगे बढ़ाने में हमें अपना योगदान देना चाहिए। विद्यालय की गरिमा को बढ़ाना हमारा कर्तव्य होता है। विद्यालय से शिक्षा पूरी करने के बाद हमें अपने शिक्षक और विद्यालय को कभी भूलना नहीं चाहिए।

विद्यालय उसमें पढ़ने वाले सभी बच्चों की संपत्ति होती है, तथा उसका ध्यान रखना भी उन बच्चों का कर्तव्य होता है। विद्यालय सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान का माध्यम नहीं है बल्कि वास्तविक जीवन का ज्ञान भी है हमें यही से प्राप्त होता है। यहां बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य प्रतियोगिताओं में आगे बढ़ने का अवसर दिया जाता है। बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद संगीत प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने का मौका दिया जाता है। जहां बच्चों के मानसिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास पर भी काफी ध्यान दिया जाता है। यहां बच्चों को खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के अवसर दिए जाते हैं। जिससे बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक विकास होती है। बच्चों को विद्यालय का पूरा लाभ उठाना चाहिए और अपनी पूरी निष्ठा से ज्ञान अर्जित करना चाहिए।  

समय का सदुपयोग पर निबंध
दशहरा पर निबंध

mera vidyalaya in hindi

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस mera vidyalaya in hindi जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह essay on school in hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह my school essay in hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay कौन से टॉपिक पर चाहिए इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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मेरा विद्यालय पर निबंध / A New Essay on My School in Hindi

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मेरा विद्यालय पर निबंध / A New Essay on My School in Hindi!

मेरे विद्यालय का नाम राजकीय सहशिख्या माध्यमिक विद्यालय, किर्ति नगर है । यह एक आदर्श विद्‌यालय है । यहाँ शिक्षा खेल-कूद तथा अन्य शिक्षेतर गतिविधियों की उत्तम व्यवस्था है । यहाँ का वातावरण शांत एवं मनोरम है ।

मेरे विद्‌यालय में छठी से लेकर दसवीं कक्षा तक की पढाई होती है । प्रत्येक कक्षा में दो या तीन सेक्सन (अनुभाग) हैं । विद्‌यालय का भवन दुमंजिला है । इसमें लगभग पचास कमरे हैं । कक्षा के सभी कमरे, फर्नीचर, पंखे आदि से सुसज्जित एवं हवादार हैं । प्रधानाचार्य का कक्ष विशेष रूप से सजा हुआ है । इसके अलावा स्टाफ रूम पुस्तकालय कक्ष, हॉल, कंप्यूटर कक्ष प्रयोगशाला कक्ष आदि भी सभी प्रकार की उत्तम व्यवस्था से युक्त हैं । विद्‌यालय में पेयजल और शौचालय का भी समुचित प्रबंध है ।

मेरे विद्‌यालय में लगभग ढाई हजार विद्‌यार्थी पढ़ते हैं । अध्यापक- अध्यापिकाओं की संख्या पचास है । इनके अतिरिक्त दस अन्य स्टॉफ भी हैं । इनमें तीन क्लर्क एक माली एवं पाँच चपरासी हैं । एक दरबान है जो रात्रिकाल में विद्‌यालय की चौकीदारी करता है ।

शिक्षा के मामले में मेरा विद्‌यालय शहर में अग्रणी स्थान रखता है । प्राय : सभी विद्‌यार्थी अच्छे अंकों से पास होते हैं । शिक्षकगण विद्‌यार्थियों की प्रगति का पूरा लेखा-जोखा रखते हैं । अधिकांश शिक्षक विद्वान, अनुभवी एवं योग्य हैं । हमारी प्रधानाचार्या सुसंस्कृत एवं अनुशासनप्रिय हैं । उनके नेतृत्व में विद्‌यालय दिन-दूनी रात-चौगुनी उन्नति कर रहा है । वे विद्‌यालय के चहुंमुखी विकास के लिए कटिबद्ध दिखाई देती हैं । विद्‌यार्थी प्रधानाचार्या के प्रति बहुत आदरभाव रखते हैं ।

ADVERTISEMENTS:

आजकल तकनीकी शिक्षा का महत्त्व बढ गया है । मेरे विद्‌यालय में तकनीकी शिक्षा के रूप में कंप्यूटर सिखाने पर पूरा जोर दिया जाता है । प्रयोगशाला में विज्ञान के अनुप्रयोगों को बताया जाता है । हमारे विद्‌यालय में खेल-कूद पर भी पूरा ध्यान दिया जाता है । खेल प्रशिक्षक हमें क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, बैडमिंटन, खो-खो, कबड्‌डी आदि खेलों को खेलने की उचित ट्रेनिंग देते हैं । पिछले वर्ष मेरा विद्‌यालय अंतर्‌विद्‌यालय हॉकी प्रतिस्पर्धा में प्रथम स्थान पर रहा था ।

मेरे विद्‌यालय में एक अच्छा पुस्तकालय है । पुस्तकालय से विद्‌यार्थी पाठ्‌य-पुस्तकें पढ़ने के लिए ले जा सकते हैं । यहाँ पाठ्‌य-पुस्तकों के अतिरिक्त कहानियों, कविताओं तथा ज्ञान-विज्ञान से संबंधित पुस्तकों का अच्छा संग्रह है ।

मेरे विद्‌यालय के प्रांगण में अनेक पेड़-पौधे लगे हुए हैं । कतारों में लगे पेड़ों एवं फूल के पौधों से सुंदर प्राकृतिक दृश्य उत्पन्न हो जाता है । माली पेड़-पौधों की नियमित देखभाल करता है । विद्‌यालय में हमें बताया गया है कि पेड-पौधे हमारे लिए कितने महत्त्वपूर्ण हैं । इसलिए हम लोग इनकी पूरी देखभाल करते हैं ।

हमें विद्‌यालय में पढाई और खेल-कूद के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर प्राप्त होता है । छात्र-छात्राऐं बाल दिवस, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, शिक्षक दिवस, गाँधी जयंती विद्‌यालय का वार्षिकोत्सव जैसे विभिन्न अवसरों पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं । इससे हमारे अंदर ईमानदारी धैर्य साहस आपसी सहयोग जैसे गुणों का विकास होता है ।

मेरे विद्‌यालय में सब कुछ व्यवस्थित, अनुशासित, सहयोगपूर्ण एवं आमोदपूर्ण है । मुझे अपने विद्‌यालय पर गर्व का अनुभव होता है ।

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Nibandh

मेरी पाठशाला पर निबंध

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रुपरेखा : प्रस्तावना - मेरा पाठशाला - मेरे पाठशाला के बारे में - मेरे पाठशाला की प्राचार्य कक्ष - मेरे पाठशाला की पुस्तकालय - मेरे पाठशाला के शिक्षक - मेरे पाठशाला में खेल - पाठशाला के प्रति हमारा कर्तव्य - उपसंहार।

मनुष्य अपने जीवन में कुछ-न-कुछ सीखता है। कोई भी मनुष्य जन्म से ही ज्ञानी नहीं होता है बल्कि इस धरती पर आकर ही किसी भी विषय पर ज्ञान प्राप्त करता है। मानव जीवन को सभ्य बनाने में सबसे बड़ा योगदान पाठशाला का होता है। पाठशाला का अर्थ होता है जिस स्थान पर ज्ञान का वास हो। मैं भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए सेंचुरी पाठशाला में जाता हूँ। मेरे पाठशाला में सभी जाति, धर्म और वर्ग के बच्चे पढने आते हैं। पाठशाला शासकीय और अशासकीय दोनों प्रकार के होते हैं। हमारा पाठशाला एक मंदिर के समान है जहाँ हम रोज पढने आते है ताकि अपने जीवन में उज्ज्वल भविष्य प्राप्त कर सके। हमारे पाठशाला में सभी को एक समान दर्जा दिया जाता है। हमें प्रतिदिन पाठशाला जाना बहुत ही अच्छा लगता है क्योंकि पाठशाला एक ऐसा स्थान है जहाँ पर हमें प्रतिदिन कुछ-न-कुछ नया सीखने को मिलता है। सही शिक्षा से ही किसी भी बच्चे का भविष्य निश्चित होता है और सही शिक्षा की शुरुवात पाठशाला से ही होती है।

मेरा पाठशाला तीन मंजिला का है। हमारा पाठशाला हमारे लिए एक मंदिर के समान है। हमारा विद्यालय यूको बैंक से आधे किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हमारे पाठशाला को प्रदूषण, शोर, गंदगी और धुएं से दूर सुरक्षित स्थान पर बनाया गया है जिससे बच्चे शांतिपूर्ण वातावरण में मन लगाकर पढ़ सकें। हमारे पाठशाला में बहुत से पेड़ हैं जिनकी छाया में बच्चे लंच के समय एक-साथ बैठकर टिफ़िन खाते हैं। इन पेड़ों को एक पंक्ति में लगाया गया है। छोटे बच्चों के खेलने के लिए झूलों का भी प्रबंध किया गया है। हमारे पाठशाला सभी विद्यार्थियों के पढने के लिए एक पुस्तकालय का भी निर्माण किया गया जिसमें विद्यार्थी निश्चिंत होकर अध्धयन कर सकते हैं। हमारे पाठशाला में एक बहुत बड़ा क्लब हाउस है जहाँ पर कार्यक्रम होते है। हमारे पाठशाला में एक बड़ा-सा मैदान भी है जहाँ रोज हमे खेलने के लिए ले जाया जाता है।

हमारा पाठशाला सुबह के समय पर होता है। पाठशाला में सबसे पहले प्रार्थना होती है। प्राथना होने के बाद हम अपने क्लास टीचर को सुभ नमस्कार करते हैं। हमारे पाठशाला में बहुत ही सख्ती से अनुशासन का पालन किया जाता है। बच्चों को घरों से पाठशाला तक पहुँचाने के लिए पीले रंग की बस की सुविधा की गई है। सभी बच्चों को अनुशासन में रखने के लिए एक समान वर्दी दिया गया है जिसे पहनना अनिवार्य है।

हमारे पाठशाला में हमारी जरूरत की सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। विद्यार्थियों के लिए कंप्यूटर लैब, दो विज्ञान लैब, एक पुस्तकालय, खेलने का मैदान, कार्यक्रम के लिए सुंदर क्लब आदि की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। हमारे स्कुल में नर्सरी से लेकर दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थी पढ़ते हैं।

हमारे पाठशाला में पुरुष और महिलाओं सहित 35 शिक्षक, 15 सहायक और एक प्रधानाचार्य जी हैं। मेरे पाठशाला में 20 शिक्षक हैं जिन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किये है। हमारे विद्यालय में सभी शिक्षकों का केवल एक ही लक्ष्य होता है बच्चों का उज्ज्वल भविष्य प्राप्त करने में सहायता कर सके। हमारे विद्यालय में सभी विषय पर बहुत गंभीरता से विचार विमर्श किया जाता है तथा विद्यार्थियों के उचित और अनुचित को सर्वप्रथम रखा जाता है। हमारे विद्यालय में बच्चों को बहुत से विषयों पर शिक्षा दी जाती है। हमारे विद्यालय में प्रत्येक छात्र को कोई भी संदेह होने पर वह अपने कक्षा के अध्यापक से प्रश्न पूछ सकते है और अध्यापक भी उसके प्रश्नों का उत्तर बहुत ही विनम्र और प्रेम भाव से देते हैं जिससे की विद्यार्थी को सरलता से समझ आ सके।

हमारे पाठशाला में प्राचार्य महोदय के लिए एक अलग कक्ष है। अपने कक्ष में बैठे ही प्राचार्य महोदय सारे पाठशाला में चल रही गतिविधियों को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। इस कक्ष में कक्षा समय सारिणी और अध्यापक समय सारिणी भी दीवार पर लटकी हुई है। इस कक्ष में महापुरुषों तथा प्रेरक उद्धरण के चित्र भी दीवार पर सजे हुए हैं।

इस कक्ष में सभी अध्यापक एक साथ-मिलकर बच्चों के भविष्य और नयी गतिविधियों के बारे में विचार विमर्श करते हैं। किसी भी निर्णय को लेने से पहले सभी अध्यापक प्रधानाचार्य से विचार विमर्श अवश्य करते हैं। अगर कोई बच्चा किसी दूसरे बच्चे को परेशान करता है तो सबसे पहले प्रधानाचार्य को पता चलता है और उस बच्चे को उचित प्रकार से समझाया जाता है जिससे वह इस गलती को दुबारा न दोहरा सके। सभी प्रकार की गतिविधियाँ प्रधानाचार्य के देख-रेख में होता है।

हमारे पाठशाला में एक बहुत ही विशाल पुस्तकालय है। इसमें नर्सरी से लेकर दसवीं कक्षा तक की विभिन्न विषयों की पुस्तकें हैं। इस पुस्तकालय में हिंदी के दैनिक समाचार पत्र और कई महत्वपूर्ण मासिक अर्धवार्षिक और वार्षिक पत्रिकाएँ भी आती है। पुस्तकालयाध्यक्ष बहुत ही परिश्रमी और अच्छे व्यक्ति हैं। हमें पुस्तकालय से हमारी जरूरत की प्रत्येक पुस्तक मिल जाती है जिसे घर भी ले जाया जा सकता है। पुस्तकालय से पुस्तक को केवल कुछ निश्चित समय के लिए ही घर पर ले जाने की अनुमति मिलती है।

हमारे पाठशाला के अध्यापक बहुत ही परिश्रमी विद्वान् और छात्रों के हित का ध्यान रखने वाले अध्यापक हैं। हमारे पाठशाला के अध्यापक बहुत ही परिश्रम और लगन से सिलेबस के अनुसार पढ़ाते हैं और साथ ही लिखित कार्य का भी अभ्यास कराते हैं। सभी अध्यापक हमारे लिखित कार्य को बहुत ही सावधानीपूर्वक देखते हैं और हमारी अशुद्धियों की ओर हमारा ध्यान दिलाते हैं। इससे हमें शुद्ध भाषा सीखने और उसका शुद्ध प्रयोग करने में सहायता मिलती है। हमारे पाठशाला के अध्यापक बहुत ही दयालु हैं जो हमें अनुशासन का अनुसरण करना सिखाते हैं। हमारे शिक्षक हमेशा हमें खेल क्रियाओं, प्रश्न उत्तर प्रतियोगिता, मौखिक-लिखित परीक्षा, वाद-विवाद, समूह चर्चा, आदि दूसरी क्रियाओं में भाग लेने के लिए भी प्रेरित करते हैं। हमारे पाठशाला के अध्यापक हमें पाठशाला में अनुशासन को बनाए रखने और पाठशाला परिसर को साफ और स्वच्छ बनाए रखने के लिए प्रेरित करते हैं। सचमुच हमारे पाठशाला के शिक्षक बहुत अच्छे है।

हमारे पाठशाला में एक बड़ा-सा मैदान है। हमारे पाठशाला में खेल कूदों जैसे गतिविधियों पर बहुत महत्व दिया जाता है। सभी विद्यार्थियों के लिए खेल में भाग लेना अनिवार्य होता है जिस कारन पाठशाला के विद्यार्थी खेल में बहुत रूचि लेते हैं। हमारे पाठशाला के खिलाडी कई खेलों में पुरस्कार भी प्राप्त किये है। हमारे पाठशाला में बहुत सी खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं जिससे वह अपने शारीरिक और मानसिक विकास में वृद्धि कर सके। जिस प्रकार से पढाई मनुष्य के भविष्य के लिए बहुत जरूरी होती है उसी प्रकार खेल भी मनुष्य के लिए बहुत जरूरी होते हैं। खेलों से मनुष्य बहुत कुछ जान पाता है तथा अपने पाठशाला का नाम को रोशन करने हेतु अपना योगदान देते है।

पाठशाला एक विद्या का मंदिर होता है जहाँ मनुष्य ज्ञान प्राप्त करता है। जिस तरह भक्तों के लिए मंदिर और पूजा स्थल पवित्र स्थान होता है उसी तरह से एक विद्यार्थी के लिए उसका विद्यालय एक पवित्र स्थल होता है। इस पवित्र मंदिर के भगवान हैं हमारे शिक्षक जो हमारे अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर हमारे मन में ज्ञान रूपी प्रकाश को फ़ैलाने में मदत करते है। इसी लिए हमें अपने शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए तथा उनके कहने के अनुसार अपने शिक्षण कार्य का संपादन करना चाहिए। हमें अपने विद्यालय के नियमों का श्रद्धा के साथ पालन करना चाहिए। हमारा कर्तव्य बनता है की जब तक हम पाठशाला में है तब तक हमें उचित ज्ञान प्राप्त करनी चाहिए तथा अपने शिक्षकों को सम्मान देना चाहिए। पाठशाला जीवन समाप्त होने के बाद भी हमे अपने शिक्षक एवं पाठशाला को भूलना नहीं चाहिए। जब मौका मिले या जब हम अपने कामों से मुक्त रहे तो हमें अपने पाठशाला अपने शिक्षक से भेट करने जाना चाहिए जो कि मैं भविष्य में अवश्य जाऊँगा।

पाठशाला एक सार्वजनिक संपत्ति होती हैं। यह हमारी राष्ट्रिय निधि है, इसलिए विद्यार्थी को इसकी रक्षा के लिए हमेशा जागरूक रहना चाहिए। पाठशाला सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान का माध्यम नहीं है बल्कि ज्ञान प्राप्ति के हर अवसर वहाँ पर उपलब्ध होते हैं। पाठशाला बालकों को खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर देता है जिससे बालकों का मानसिक एवं शारीरिक विकास होती है। उन्हीं विषयों के मार्ग दर्शन के लिए शिक्षक होते हैं इसलिए विद्यार्थी को अपने स्कूलों से पूरा लाभ उठाना चाहिए। पाठशाला हमें हर प्रकार के ज्ञान का प्रकाश मिलता है। इसीलिए हमारा पाठशाला हर तरह से प्रेणादायक भूमिका निभाती है। इसीलिए मुझे मेरा पाठशाला बहुत प्रिय है।

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मेरे स्कूल के बारे में 10 लाइन | 10 Lines on My School in Hindi

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मेरा स्कूल के बारे में 10 लाइन: यदि आप मेरे स्कूल के बारे में 10 लाइन खोज रहे हैं। यह Class 1 के लिए सबसे अच्छी जगह है। यह निबंध याद रखने में बहुत आसान और सरल है। यह निबंध आपके लिए बहुत उपयोगी है।

हमने अपने स्कूल के बारे में 10 पंक्तियों के नीचे उल्लेख किया है। ये टिप्स और ट्रिक्स छात्रों को मेरे स्कूल में एक आदर्श निबंध लिखने में मदद करेंगे। मुझे आशा है कि यह आपके जैसा है और यह कक्षा 1 के आपके लिए सहायक होगा।

my school essay hindi

Table of Contents

10 Lines on My School in Hindi

Pattern 1  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, and 5 Students.

  • मेरे स्कूल का नाम एच.एन. स्कूल है।
  • यह मेरे शहर का एक बड़ा और प्रसिद्ध स्कूल है।
  • मैं कक्षा 1 में पढता हु।
  • हमारे स्कूल में 20 शिक्षक और 500 छात्र हैं।
  • मेरे विद्यालय में एक बड़ी प्रयोगशाला है और सभी प्रकार की पुस्तकों से भरा हुआ है।
  • मेरे विद्यालय में एक अच्छा खेल का मैदान है।
  • इसमें एक अद्भुत बगीचा और कई तरह के फूल हैं।
  • मेरे स्कूल में एक कंप्यूटर लैब, ऑडिटोरियम में एक साइंस लैब आदि भी है।
  • मैं अपने स्कूल में हर दिन नई चीजें सीखता हूं।
  • मुझे अपने स्कूल से बहुत प्यार है।

मेरा स्कूल के बारे में 10 लाइन हिंदी में

10 Lines on My School in English

Pattern 2  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 6, 7, 8, and 9 Students.

  • The name of my school is H.N School.
  • It is a big and famous School in my city.
  • I study in class 1.
  • There are 20 teachers and 500 students in our school.
  • My school has a big laboratory and is full of all kinds of books.
  • My school has a nice playground.
  • There is a wonderful garden and many kinds of flowers in it.
  • My school also has a computer lab, a science lab in the auditorium, etc.
  • I learn new things every day in my school.
  • I love my school very much.

मेरा स्कूल के बारे में 10 लाइन अंग्रेजी में

Short Essay on My School in Hindi

Pattern 3  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for class 10,11 12, and Competitive Exams preparing Students.

हमारे स्कूल का नाम एचएन स्कूल है। जगतसिंहपुर के निदेशक तिरोल हैं। इसकी स्थापना 1945 में हुई थी।

स्कूल भवन में चलता है। इसमें 6 से 10 तक की कक्षाएं हैं। कक्षाओं में प्रत्येक में 3 खंड हैं। मेरे विद्यालय में एक बड़ा खेल का मैदान है। हम यहां फुटबॉल, क्रिकेट, वॉलीबॉल और अन्य खेल खेलते हैं।

मेरे स्कूल में एक बड़ी प्रयोगशाला है और सभी प्रकार की पुस्तकों से भरा हुआ है। और में मेरा स्कूल बहत प्यार करता हु।

10 Lines on My School in Odia for Students

Pattern 4  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to Higher Class Students.

  • ମୋ ସ୍କୁଲର ନାମ ହେଉଛି H.N. ବିଦ୍ୟାଳୟ ହେଉଛି |
  • ଏହା ମୋ ସହରର ଏକ ବଡ ଏବଂ ପ୍ରସିଦ୍ଧ ବିଦ୍ୟାଳୟ |
  • ମୁଁ ପ୍ରଥମ ଶ୍ରେଣୀରେ ଅଧ୍ୟୟନ କରେ |
  • ଆମ ବିଦ୍ୟାଳୟରେ 20 ଜଣ ଶିକ୍ଷକ ଏବଂ 50 ଜଣ ଛାତ୍ର ଅଛନ୍ତି।
  • ମୋ ସ୍କୁଲରେ ଏକ ବଡ଼ ଲାବୋରେଟୋରୀ ଅଛି ଏବଂ ଏହା ସମସ୍ତ ପ୍ରକାର ବହିରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ |
  • ମୋ ସ୍କୁଲରେ ଏକ ସୁନ୍ଦର ଖେଳ ପଡିଆ ଅଛି |
  • ଏହାର ଏକ ଅଦ୍ଭୁତ ଉଦ୍ୟାନ ଏବଂ ଅନେକ ପ୍ରକାରର ଫୁଲ ଅଛି |
  • ମୋ ବିଦ୍ୟାଳୟରେ ଏକ କମ୍ପ୍ୟୁଟର ଲ୍ୟାବ, ଅଡିଟୋରିୟମରେ ସାଇନ୍ସ ଲ୍ୟାବ ଇତ୍ୟାଦି ଅଛି |
  • ମୁଁ ମୋ ସ୍କୁଲରେ ପ୍ରତିଦିନ ନୂଆ ଜିନିଷ ଶିଖେ |
  • ମୁଁ ମୋ ସ୍କୁଲକୁ ବହୁତ ଭଲ ପାଏ |

10 Lines on My School in Telugu for Students

Pattern 5  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to Higher Class Students.

  • నా పాఠశాల పేరు హెచ్.ఎన్. పాఠశాల ఉంది.
  • ఇది నా నగరంలో పెద్ద మరియు ప్రసిద్ధ పాఠశాల.
  • నేను 1వ తరగతి చదువుతున్నాను.
  • మా పాఠశాలలో 20 మంది ఉపాధ్యాయులు, 50 మంది విద్యార్థులు ఉన్నారు.
  • నా పాఠశాలలో పెద్ద ప్రయోగశాల ఉంది మరియు అది అన్ని రకాల పుస్తకాలతో నిండి ఉంది.
  • మా స్కూల్లో చక్కటి ఆట స్థలం ఉంది.
  • ఇది అద్భుతమైన తోట మరియు అనేక రకాల పుష్పాలను కలిగి ఉంది.
  • నా పాఠశాలలో కంప్యూటర్ ల్యాబ్, ఆడిటోరియంలో సైన్స్ ల్యాబ్ మొదలైనవి కూడా ఉన్నాయి.
  • నేను నా పాఠశాలలో ప్రతిరోజూ కొత్త విషయాలు నేర్చుకుంటాను.
  • నేను నా పాఠశాలను చాలా ప్రేమిస్తున్నాను.

10 Lines on My School in Marathi for Students

Pattern 6  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to Higher Class Students.

  • माझ्या शाळेचे नाव H.N. शाळा आहे.
  • माझ्या शहरातील ही एक मोठी आणि प्रसिद्ध शाळा आहे.
  • मी इयत्ता 1 मध्ये शिकतो.
  • आमच्या शाळेत 20 शिक्षक आणि 50 विद्यार्थी आहेत.
  • माझ्या शाळेत एक मोठी प्रयोगशाळा आहे आणि ती सर्व प्रकारच्या पुस्तकांनी भरलेली आहे.
  • माझ्या शाळेत एक छान खेळाचे मैदान आहे.
  • येथे एक अद्भुत बाग आणि अनेक प्रकारची फुले आहेत.
  • माझ्या शाळेत संगणक प्रयोगशाळा, सभागृहात विज्ञान प्रयोगशाळा इ.
  • मी माझ्या शाळेत रोज नवीन गोष्टी शिकतो.
  • मला माझी शाळा खूप आवडते.

Short Essay on My School in Video

Last Words on My School in Hindi

मेरा स्कूल के बारे में 10 लाइन को पढ़ने क लिए आप सभी को धन्यवाद। हम छात्रों के पढ़ाई के लिए ही Article बनाते है। जो एक छात्रों के पढ़ाई में सके। कैसे एक Student आसानी से अपने Homework , Essay, Short Essay  के साथ साथ अपने General Knowledge को कैसे बढ़ा सकता है, सिर्फ उसीके बारे मै ही हमरे सारे Article बनाते हे । एक Student के लिए जीतने भी जरूरती Essay है जो मदत कर सकता है उनके पढ़ाई मै वो सारे Essay को हमने पोस्ट किए है। आसा करते हे की ये मेरा स्कूल के बारे में 10 लाइन आपको अच्छा लगा होगा।

अन्य पोस्ट देखें –  Short Essay  /  10 Lines Essay .

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  • https://en.wikipedia.org/wiki/My_School

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स्कूल पर निबंध (School Par Nibandh) My School Essay in Hindi

स्कूल पर निबंध  .

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Aapne school par nibandh Bahut sahi se likha hai. Thank You

Excellent Works.

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दा इंडियन वायर

मेरे स्कूल का पुस्तकालय पर निबंध

my school essay hindi

By विकास सिंह

my school library essay in hindi

एक स्कूल पुस्तकालय स्कूल के भीतर की एक संरचना है जिसमें पुस्तकों, ऑडियो-विज़ुअल सामग्री और अन्य सामग्री का संग्रह होता है जो उपयोगकर्ताओं की शैक्षिक, सूचनात्मक और मनोरंजक आवश्यकताओं को पूरा करता है।

विषय-सूचि

पुस्तकालय पर निबंध, my school library essay in hindi (200 शब्द)

इन दिनों सीखना कक्षा के व्याख्यान और प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है। यह अधिक खोज की यात्रा है जो हमें सीखने के लिए प्रोत्साहित करती है। स्कूल पुस्तकालय शिक्षा प्रणाली में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और स्कूल सेटअप का एक अनिवार्य हिस्सा हैं।

मेरा स्कूल पुस्तकालय एक अच्छी तरह से स्थापित पुस्तकालय है। यह स्कूल के भूतल पर एक बहुत बड़ी लाइब्रेरी है जिसमें कई बुकस्टैंड और कैबिनेट हैं। इन किताबों और अलमारियाँ में पुस्तकों को वर्णानुक्रम में ठीक व्यवस्थित किया जाता है।

इसमें विविध विषयों पर पुस्तकों की एक विस्तृत श्रृंखला है, कहानी की किताबें, हास्य पुस्तकें, आत्मकथाएँ और पत्रिकाएँ। प्रवेश द्वार पर लाइब्रेरियन का डेस्क है। छात्रों के बैठने के लिए पुस्तकालय के केंद्र में टेबल और कुर्सियों की पंक्तियाँ हैं। एक अन्य खंड शिक्षकों के लिए लाइब्रेरी की जगह है।

सभी छात्र अपनी कक्षा की यात्रा के कार्यक्रम के अनुसार पुस्तकालय जाते हैं। पुस्तकालय का दौरा करने के लिए लाइब्रेरी कार्ड ले जाने हैं। हमारी लाइब्रेरियन हमारी जरूरतों के अनुसार पुस्तकों का पता लगाने और चयन करने में बहुत सहायक है। हमें एक बार में एक पुस्तक उधार लेने की अनुमति है और उसी के लिए रिकॉर्ड लाइब्रेरियन द्वारा बनाए रखा जाता है।

हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि पुस्तकें हमारे द्वारा क्षतिग्रस्त न हों और समय पर वापस आ जाएं। लाइब्रेरी बिना किसी गड़बड़ी के पढ़ने के लिए सबसे अच्छी जगह है। मुझे पढ़ना और लिखना बहुत पसंद है इसलिए मेरे लिए पुस्तकालय का दौरा करना वास्तव में बहुत रोमांचक है। मैं अपना पूरा दिन पुस्तकालय में बिता सकता हूं।

मेरे स्कूल का पुस्तकालय पर निबंध, school library essay in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना :.

स्कूल पुस्तकालय स्कूल में पुस्तकालय है जहां शिक्षक, छात्र और स्कूल समुदाय के अन्य सदस्यों के पास विभिन्न संसाधनों जैसे किताबें और पढ़ने की सामग्री, सूचना और सूचना प्रौद्योगिकी तक समान पहुंच होती है। स्कूल की लाइब्रेरी हमें कई सीखने के अवसर, कंप्यूटर के उपयोग और संदर्भ सामग्री प्रदान करती है। यह हमें स्वतंत्र कार्य करने के लिए लचीला शिक्षण स्थान प्रदान करता है।

मेरी स्कूल लाइब्रेरी की यात्रा :

मुझे ब्रेक के दौरान स्कूल पुस्तकालय में मेरी एक दिलचस्प यात्रा याद है। लाइब्रेरियन, मिस जेनिफर ने हमेशा की तरह अपने चेहरे पर एक बहुत ही सुखद मुस्कान के साथ मुझे बधाई दी। मेरा पसंदीदा खंड उपन्यास और नाटकों के साथ कैबिनेट है। मुझे लघु कथाएँ, उपन्यास और नाटक पढ़ना बहुत पसंद है।

इसलिए, मैंने सिर्फ एक दिलचस्प पुस्तक को पढ़ने के लिए सुझाव देने के लिए लाइब्रेरियन से पूछताछ की। उसने मुझे जार्ज बर्नार्ड शॉ का एक नाटक mal पैग्मेलियन ’दिया। उस समय पुस्तकालय में कोई नहीं था। मैं पंक्ति में टेबल के अंत में कुर्सी पर बैठ गया। एक बार जब मैंने पढ़ना शुरू कर दिया तो मैंने खुद को उसमें खो दिया। मैं सिर्फ पढ़ने के लिए गया और कुछ और कक्षाओं को छोड़ दिया क्योंकि मैं इस पुस्तक को पढ़ना नहीं चाहता था।

मैं बारह साल का था और मुझे पढ़ने से प्यार हो गया। मैं लेखन शैली और कहानी से बिल्कुल लालच हो गया। इसने मेरे दिल को पकड़ लिया और मुझे अंतिम शब्द तक तल्लीन कर दिया। यह मेरा सबसे अमिट पढ़ने का अनुभव था।

निष्कर्ष :

एक बार जब मैंने पूरा नाटक पढ़ना शुरू कर दिया तो मैं खुद मुस्कुराया और इतने शानदार अनुभव के लिए आभारी था। मुझे इतनी खुशी हुई कि मैंने इतनी बड़ी किताब की सिफारिश करने के लिए कई बार लाइब्रेरियन को धन्यवाद दिया। मेरे पास मेरे चेहरे पर एक विशाल मुस्कान थी और जब मैं अपने दोस्तों और सहपाठियों के साथ अपने पढ़ने के अनुभव को साझा करने के लिए बहुत उत्साहित था। मेरे अनुभव ने उन्हें भी पढ़ने के लिए प्रेरित किया।

मेरे स्कूल का पुस्तकालय पर निबंध, school library essay in hindi (400 शब्द)

लाइब्रेरी में संसाधनों और सेवाओं, उपयोगी सामग्री, वीडियो और ऑडियो सामग्री का संग्रह होता है जो सभी विषयों में सामान्य उपयोग करता है, यह विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित, मनोविज्ञान या कंप्यूटर विज्ञान है। यह उपयोगकर्ताओं को सभी स्तरों पर ज्ञान प्राप्त करने और प्राप्त करने के लिए संसाधन प्रदान करता है।

दूसरी ओर शिक्षा, व्यक्तिगत विकास के लिए अग्रणी ज्ञान, क्षमता और जानकारी प्रदान करके सकारात्मक मूल्यों को विकसित करती है।

पुस्तकालय और शिक्षा परस्पर जुड़े हुए हैं :

दशकों से पुस्तकालयों ने साक्षरता और सीखने के परिणामों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह एक सिद्ध तथ्य है कि प्रभावी स्कूल पुस्तकालय सेवाओं का छात्रों के सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक विकास और विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। साक्षरता, शिक्षा और पुस्तकालय हाथ से जाते हैं।

शिक्षा प्रणाली पर पुस्तकालयों का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे छात्रों के लिए आवश्यक सभी प्रकार की जानकारी का एक केंद्र हैं। इसके अलावा, पुस्तकालयों ट्यूशन कार्यक्रमों और शैक्षिक कक्षाएं प्रदान करते हैं। एक पुस्तकालय स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षिक संगठनों का एक अभिन्न अंग है।

स्कूल पुस्तकालय छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन और परिणामों को बढ़ाते हैं। छात्रों को सीखने और पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। वे सीखने के प्रति आग्रह, रुचि और सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करते हैं। यह छात्रों के समग्र प्रदर्शन, बेहतर परिणामों और उपलब्धियों में वृद्धि दर्शाता है।

शिक्षा और पुस्तकालय परस्पर जुड़े हुए हैं और मौलिक रूप से एक-दूसरे के साथ सह-अस्तित्व में हैं। शिक्षा ज्ञान, मूल्य, कौशल, आदतें और विश्वास प्राप्त करने की प्रक्रिया है। यह सामाजिक प्रक्रिया है जिसमें बच्चों को सामाजिक दक्षता कर्मियों के विकास को प्राप्त करने के लिए स्कूल के वातावरण के प्रभाव के अधीन किया जाता है।

शिक्षा प्राप्त ज्ञान और अनुभव का परिणाम है। दूसरी ओर पुस्तकालय ज्ञान की उन्नति के लिए ज्ञान, सूचना और संसाधनों का स्रोत और भंडार है। पुस्तकालय शिक्षा और अनुसंधान के कारण को बढ़ाते हैं। साक्षरता में लोगों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में पुस्तकालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

छात्रों के अध्ययन में सहायता करने और अनुसंधान और शिक्षण में शिक्षकों की सहायता करने के अलावा, स्कूल पुस्तकालय छात्रों में पढ़ने की आदत विकसित करने में मदद करता है और सीखने के अनुभव को समृद्ध करने के लिए ज्ञान और संसाधन प्रदान करता है।

पुस्तकालय आत्म-शिक्षा, सूचना और ज्ञान के साधन के लिए आवश्यक है। शिक्षा औपचारिक रूप से ज्ञान और अनुभव प्राप्त करने की जटिल सामाजिक प्रक्रिया है। छात्रों के विकास के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रणाली में शामिल है। पुस्तकालय हमें आध्यात्मिक, प्रेरणादायक, सूचनात्मक और दिलचस्प पढ़ने का अनुभव प्राप्त करने की अनुमति देता है।

पुस्तकालय इस प्रकार कक्षाओं में प्रदान की गई साक्षरता की उन्नति में एक छलांग है। शिक्षा और पुस्तकालय अकेले मौजूद नहीं हो सकते और अविभाज्य हैं। पुस्तकालय किसी भी औपचारिक शैक्षिक प्रणाली का अनिवार्य हिस्सा है।

मेरे स्कूल का पुस्तकालय पर निबंध, my school library essay in hindi (500 शब्द)

प्रस्तावना:.

स्कूल पुस्तकालय वह जगह है जहाँ शैक्षणिक पुस्तकों और संसाधनों की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है। विभिन्न विषयों पर ज्ञान, समझ और प्रदर्शन बढ़ाने के लिए पूरे वर्ष सभी छात्रों को किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं। सीखने और सिखाने की प्रक्रिया के लिए स्कूल की लाइब्रेरी जरूरी है।

पुस्तकालय प्रत्येक छात्र को आवश्यक संसाधनों तक पहुँच और सीखने की प्रक्रिया को सुगम बनाने की सुविधा प्रदान करता है। यह छात्र के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बदलते समय के साथ स्कूल पुस्तकालयों के डिजाइन, आधुनिक उपकरण और रणनीतियाँ बदल जाती हैं।

स्कूल पुस्तकालयों में हमारे पास जिन प्रकार की किताबें हैं, वे हैं: फ़िक्शन बुक, नॉन-फ़िक्शन बुक, रेफ़रेंस बुक्स, लिटरेचर बुक्स, बायोग्राफ़ीज़, जनरल नॉलेज बुक्स, फेबल्स एंड फोकटल्स, कुकबुक और क्राफ्ट बुक्स, कविता बुक्स, सीरीज़ की बुक्स आदि किताबें।

स्कूल लाइब्रेरी का महत्व :

छात्रों के लिए उपयुक्त और लचीला शिक्षण स्थान प्रदान करता है। इन दिनों पुस्तकालय डिजिटल उपकरणों और प्रौद्योगिकियों से लैस हैं जो विषयों पर शोध करना आसान और तेज़ बनाते हैं।

यह हमें गुणवत्तापरक कल्पना और गैर-पुस्तकों के साथ प्रदान करता है जो हमें खुशी के लिए और अधिक पढ़ने और हमारे बौद्धिक, कलात्मक, सांस्कृतिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। स्कूल लाइब्रेरी का माहौल परेशान किए बिना सीखने के लिए एकदम सही है। इससे हमारे लिए सीखना आसान है और तेजी से समझ आता है।

घर पर आगे सीखने के लिए हम अपनी आवश्यकतानुसार पुस्तकें उधार ले सकते हैं। विभिन्न विषयों पर पुस्तकों के अलावा हम अपनी रुचि की किताबें जैसे कहानी की किताबें, आत्मकथाएँ, कॉमिक पुस्तकें और उपन्यास भी उधार ले सकते हैं। हम जीके पुस्तकों को पढ़कर अपने सामान्य ज्ञान में सुधार कर सकते हैं।

यह मन के विकास में मदद करता है और हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाता है। रुचि के विषयों पर गहराई से ज्ञान के साथ हमें नए और अधिक रोचक आयामों की अंतर्दृष्टि मिलती है। हम अपने स्कूल असाइनमेंट को पूरा करने के लिए पुस्तकों की एक विस्तृत श्रृंखला से संदर्भ ले सकते हैं।

हम नोट्स बनाने और परीक्षा की तैयारी के लिए पुस्तकों का भी उल्लेख कर सकते हैं। यह शब्दावली, पढ़ने और लेखन कौशल विकसित करने में भी मदद करता है। शिक्षकों को प्रभावी सीखने के कार्यक्रमों की योजना बनाने और उन्हें लागू करने के लिए पेशेवर विकास, प्रासंगिक जानकारी और संदर्भ सामग्री तक पहुंच प्रदान करता है।

प्रभावी शिक्षण योजना और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए शिक्षकों के साथ सहयोग करें जो हमें कौशल प्राप्त करने, जानकारी एकत्र करने और मूल्यांकन करने और समस्याओं को हल करने में मदद करते हैं। स्कूल की लाइब्रेरी स्कूल के प्रत्येक सदस्य के लिए सहायक होती है, चाहे उसके छात्र, शिक्षक या कोई अन्य स्टाफ सदस्य। यह व्यक्तिगत विकास के लिए कौशल और ज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है।

स्कूल के पुस्तकालय का छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह हमें आधुनिक दिन डिजिटल और सामाजिक वातावरण में सफल होने के लिए आवश्यक समग्र कौशल विकसित करने में मदद करता है। नियमित रूप से पुस्तकालय जाने की आदत विकसित करना महत्वपूर्ण है।

हम कक्षाओं में जो कुछ भी सीखते हैं उसे पुस्तकालय में पढ़ने और शोध के साथ पूरक होना चाहिए। यह अध्ययनों को और अधिक रोचक और गहरा बना देगा। पुस्तकालयों में उपलब्ध पुस्तकों की श्रेणी और गुणवत्ता सबसे अच्छी है। एक छात्र के रूप में हम अन्यत्र पुस्तकों की इतनी विस्तृत श्रृंखला तक नहीं पहुँच सकते हैं या पहुँच नहीं सकते हैं।

इस प्रकार, पुस्तकालय हमारे अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जो ज्ञान हमें प्राप्त होता है वह जीवन काल के लिए हमारे साथ रहता है।

स्कूल लाइब्रेरी पर निबंध, essay on school library in hindi (600 शब्द)

स्कूल पुस्तकालय स्कूल के भीतर पुस्तकालय को संदर्भित करता है जहां स्कूल समुदाय के सदस्य जैसे छात्र, शिक्षक और अन्य कर्मचारी विभिन्न शिक्षण और पढ़ने के संसाधनों तक पहुंच सकते हैं। स्कूल के पुस्तकालयों का छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

वे उपयोगकर्ताओं के समग्र व्यक्तिगत विकास और विकास में मदद करते हैं। स्कूल लाइब्रेरी में मुख्य रूप से किताबें, ऑडियो, वीडियो, समय-समय पर और डिजिटल मीडिया शामिल हैं। पुस्तकालय संसाधनों को प्राप्त करने, प्रबंधित करने, व्यवस्थित करने और वितरित करने के लिए लाइब्रेरियन जिम्मेदार हैं।

उन्हें यह सुनिश्चित करने और सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि पुस्तकालय प्रावधान अपने सदस्यों की जरूरतों को पूरा करता है।

एक स्कूल लाइब्रेरियन की नौकरी क्या है?

स्कूल लाइब्रेरियन द्वारा किए गए कार्यों पर एक नज़र है:

  • पुस्तकालय संसाधनों का चयन, कैटलॉगिंग, आयोजन और विकास करना।
  • कर्मचारियों की भर्ती, प्रशिक्षण और कर्तव्यों को सौंपने सहित स्टाफ का प्रबंधन करना।
  • उपयोगकर्ताओं के प्रश्नों को सुनना, समझना और उनका उत्तर देना।
  • योजना और बजट और संसाधनों का प्रबंधन।
  • छात्रों, शिक्षकों और अन्य स्टाफ सदस्यों जैसे समुदाय के विभिन्न समूहों को सेवाएं प्रदान करना और उनकी आवश्यकताओं को पूरा करना।
  • पुस्तकालय संसाधनों का उपयोग करने में उपयोगकर्ताओं को बढ़ावा देना, शिक्षित करना और उनकी सहायता करना।
  • डिजिटल तकनीक के साथ उपयोगकर्ताओं की सुविधा और सहायता।
  • छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों और पुस्तकालय के अन्य उपयोगकर्ताओं के साथ सकारात्मक बातचीत करें।

एक स्कूल लाइब्रेरियन की भूमिका :

स्कूल पुस्तकालय के प्रभावी कामकाज में लाइब्रेरियन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पुस्तकालय के उपयोगकर्ताओं को सीखने के लिए मार्गदर्शन और समर्थन करने के लिए लाइब्रेरियन के पास आवश्यक कौशल हैं, और उन्हें स्वतंत्र पाठकों और शिक्षार्थियों में विकसित करने में मदद करते हैं।

स्कूल लाइब्रेरियन मुख्य रूप से एक शिक्षक, सूचना विशेषज्ञ, अनुदेशात्मक साथी और कार्यक्रम प्रशासक की भूमिका निभाता है। लाइब्रेरियन केवल पुस्तकों के केयरटेकर नहीं हैं, अब वे सलाहकार, सूचना प्रदाता, अनुदेशक पाठक, पाठ्यक्रम डिजाइनर और शिक्षक हैं।

वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में छात्रों की मदद कर सकते हैं। पुस्तकालयों का सेटअप भी कक्षा सेटअप की तरह बदल गया है। बदलते समय के साथ शिक्षा के रुझान ने स्कूल के पुस्तकालयाध्यक्षों की भूमिका को बदल दिया है:

एक लाइब्रेरियन के पास पेशेवर प्रशिक्षण, शिक्षा और नौकरी में अग्रणी होने के लिए आवश्यक क्रेडेंशियल्स हैं। वह संसाधन और सूचना प्रबंधन और प्रावधान में एक मान्यता प्राप्त पेशेवर है। उनकी भूमिका विद्यालय में किए जाने वाले साक्षरता कार्यक्रमों के सहयोगी डिजाइन और कार्यान्वयन के संबंध में सिद्धांत, शिक्षकों और शिक्षकों की बैठकों में नियमित रूप से शामिल होने की है।

उनकी जिम्मेदारी प्रभावी, नियोजन, बजट, मूल्यांकन और रिपोर्टिंग द्वारा स्कूल पुस्तकालय को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना है। उसे शिक्षकों और छात्रों के साथ प्रभावी ढंग से काम करने, प्रमुख समितियों की सेवा करने और अन्य पुस्तकालय कर्मचारियों का प्रबंधन करने के लिए एक कार्यक्रम की योजना बनाने की आवश्यकता है।

वह ऑनलाइन और इंटरनेट डेटाबेस सहित लाइसेंस प्राप्त संसाधनों और डेटाबेस का उपयोग करता है। वह स्कूल पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक सामग्री और संसाधनों का चयन करता है और राज्य के मानकों को पूरा करता है। वह शिक्षकों और छात्रों को पाठ्यक्रम और सूचना से जोड़ता है।

लाइब्रेरियन वह है जो सूचना की आवश्यकता को पहचानने और प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए दूसरों का मार्गदर्शन करता है। स्कूल समुदाय के लिए डिजिटल सूचना संसाधनों तक निरंतर पहुंच प्रदान करके उन्नत शिक्षा के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करता है।

स्कूल लाइब्रेरियन वह है जो स्कूल समुदाय में पढ़ने को प्रोत्साहित करने और समर्थन करने के लिए एक वातावरण बनाता है और विकसित करता है। वह प्रभावी नियोजन और सूचना के प्रावधान के लिए कक्षा शिक्षकों के साथ सहयोग करता है। उसे पेशेवर स्तर, सूचना प्रौद्योगिकी, शैक्षिक अनुसंधान, विकास और स्कूल पुस्तकालय कार्यक्रमों पर अद्यतन रहने की आवश्यकता है।

उन्हें स्थानीय बैठकों के साथ-साथ राज्य और राष्ट्रीय सम्मेलनों में भी भाग लेने की आवश्यकता है।

स्कूल लाइब्रेरियन की भूमिका संसाधनों, सूचना, कौशल और ज्ञान के साथ दूसरों को सशक्त बनाने और लचीले सीखने और शिक्षण वातावरण की स्थापना करना है। स्कूल लाइब्रेरियन शिक्षण स्टाफ की तरह है और इसमें साक्षरता का समर्थन करने और छात्रों के सीखने को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका है।

स्कूल लाइब्रेरियन छात्रों के सीखने का समर्थन करता है और उन्हें कुशल स्वतंत्र शिक्षार्थियों और पाठकों में विकसित करने में मदद करता है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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  • Essays in Hindi /

Essay on My first day in school : स्कूल में मेरे पहले दिन पर निबंध

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  • Updated on  
  • जुलाई 4, 2024

Essay on My first day in school in Hindi

Essay on My first day in school in Hindi : स्कूल का पहला दिन अक्सर हर बच्चे के जीवन में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह कई तरह की भावनाओं का समय होता है जब स्कूल के पहले दिन की बात आती है, तो भावनाओं की एक श्रृंखला हमें घेर लेती है।  लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये भावनाएँ हमारे दिन को यादगार बनाने के लिए ज़िम्मेदार हैं? ऐसे में अगर आपको भी स्कूल के पहले दिन पर निबंध लिखने को दिया गया है, तो आप इस लेख से मदद ले सकते हैं।

This Blog Includes:

स्कूल में मेरे पहले दिन पर निबंध 100 शब्दों में, स्कूल में मेरे पहले दिन पर निबंध 200 शब्दों में, स्कूल का महत्व, स्कूल में मेरा पहला दिन कैसे शूरू हुआ, स्कूल के पहले दिन का मेरा अनुभव कैसा था, स्कूल की मेरी पहली कक्षा.

100 शब्दों में Essay on My first day in school in Hindi इस प्रकार हैः

जब मैंने अपने स्कूल के परिसर में पहला कदम रखा तो दिन बादलों से घिरा हुआ था। मैं एक नया बैग लेकर चल रहा था जिसमें नोटबुक भरी हुई थीं। हालाँकि बैग थोड़ा भारी था, लेकिन वजन पर ध्यान देने के बजाय, मैं स्कूल में अपने पहले दिन की यात्रा की शुरुआत को लेकर उत्साहित था। मैं अपने माता-पिता के साथ स्कूल परिसर में दाखिल हुआ। स्कूल एक दो मंजिला इमारत थी जिसमें नौ कमरे थे और सामने एक हरा लॉन था। मुझे मेरी कक्षा में ले जाया गया, जहाँ अन्य छात्र बैठे थे।

Essay on My first day in school in Hindi इस प्रकार हैः

धूप वाला दिन था और सूरज चमक रहा था। अपने नए और आकर्षक बैग के साथ, मैं स्कूल के गेट से आगे बढ़ रहा था। यह स्कूल में मेरा पहला दिन था और मैं घबराहट और उत्साह से भरा हुआ था। बहुत दूर से वापस आने के बाद, मैंने अपने स्कूल के गेट पर कदम रखा।स्कूल के गेटकीपर ने मेरा आईडी कार्ड चेक किया और अंदर जाने की अनुमति दी अंदर जाने के बाद मुझे यह पता ही नहीं था कि मेरी क्लास कहां पे चल रही है मैं अपने क्लास टीचर के पास गया उनसे अपने क्लास के बारे में पूंछा और मैं अपने में कक्षा में चला गया ।यह एक छोटी सी कक्षा थी जिसमें एक खिड़की और छह बेंच थीं। मैं एक लड़के के पास बैठा, जो बाद में मेरा सबसे अच्छा दोस्त बन गया।

कक्षा में प्रवेश करते ही मुझे कई नए चेहरे मिले। अपना सामान सीट पर व्यवस्थित करते हुए मैं एक अनजान व्यक्ति के बगल में बैठ गया, जो कि वह व्यक्ति आगे चल के  मेरा स्कूल का सबसे अच्छा दोस्त बना।पहले दिन स्कूल में मुझे बच्चों से बातचीत करने में झिझक लगी लेकिन दो तीन दिन स्कूल जाने के बाद मेरी झिझक दूर हो गई। स्कूल में मेरे दो तीन दोस्त भी बन गये और मेरा स्कूल में मन भी लगने लगा सुबह 8 से 12 बजे तक मेरी कक्षाएं चली और 12 बजे मेरे स्कूल की छुट्टी हो गयी और मैं घर जाने के लिए स्कूल से निकले।घर लौटते समय, मुझे एहसास हुआ कि मेरा पहला दिन सिर्फ़ नए विषय सीखने के बारे में नहीं था; यह नए दोस्त बनाने, नई जीवंत कक्षाओं में जाने और खुद को एक नए छात्र के रूप में स्थापित करने के बारे में था।

स्कूल में मेरे पहले दिन पर निबंध 500 शब्दों में

500 शब्दों में Essay on My first day in school in Hindi इस प्रकार हैः

हमारा जीवन नई घटनाओं से भरा हुआ है, जिसका हम अलग-अलग दिनों में अनुभव करते हैं। इसी तरह, पहली बार स्कूल जाना भी यादगार होता है। कोई अपना पहला दिन कैसे भूल सकता है, दिन याद रखना स्वाभाविक है, चाहे वह अच्छा हो या बुरा। इस प्रकार, स्कूल में मेरा पहला दिन निबंध आपको मेरे अनुभव से रूबरू कराएगा।

बच्चे के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा स्कूली शिक्षा है, जो उनके भविष्य को आकार देने और बौद्धिक और व्यक्तिगत विकास दोनों के लिए आधार तैयार करने में मदद करती है। हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का मौलिक अधिकार है और स्कूल ऐसे स्थान के रूप में कार्य करते हैं जहाँ बच्चे सीख सकते हैं, बढ़ सकते हैं और कल की चुनौतियों के लिए तैयार हो सकते हैं। बच्चे के विकास पर स्कूल का प्रभाव शैक्षणिक, सामाजिक, भावनात्मक और संज्ञानात्मक क्षेत्रों में फैला हुआ है । बच्चों के नैतिक और सांस्कृतिक विकास में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे विभिन्न मूल्यों, विचारों और दृष्टिकोणों को सीखने और समझने के लिए एक मंच के रूप में काम करते हैं।

अगली सुबह, मैं बहुत जल्दी तैयार हो गया और बहुत उत्साहित था। मैंने नाश्ता किया और मम्मी ने मेरे लिए एक छोटा सा टिफिन बॉक्स पैक किया। मैं अपने पिता की गाड़ी से सुबह 8 बजे घर से स्कूल की ओर निकला और 9 बजे स्कूल पहुंच गया। हमारे घर से स्कूल जानें तक महज 1 घटें का समय लगता है। जब मैं पहली बार स्कूल पहुंचा मेरी पहली नजर स्कूल की इमारत पर पड़ी स्कूल की इमारत बहुत बड़ी थी। उस पर कार्टून बने हुए थे। जब मैंने दीवारों पर अपने पसंदीदा कार्टून किरदार टॉम एंड जेरी को भी देखा तो मैं खुश हो गया। मेरे पिता ने मुझे मेरी कक्षा के बारे में बताने के बाद स्कूल के गेट पर एक चपरासी के पास छोड़ दिया। चपरासी ने मुझे बहुत धीरे से उठाया और अंतहीन गलियारों से चलने लगा।

जब मैं अपने माता-पिता के साथ पहले दिन स्कूल में दाखिल हुआ, तो मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि वहाँ मेरी उम्र के बहुत सारे बच्चे थे, कुछ खुश थे और हँस रहे थे, मैदान पर दौड़ रहे थे। जबकि कुछ बहुत डरे हुए थे और रो रहे थे, उनके माता-पिता और शिक्षक उन्हें शांत करने की कोशिश कर रहे थे।

मेरे मन में मिश्रित भावनाएँ थीं, लेकिन जैसे ही मैं कक्षा में दाखिल हुआ, मैं खुशी से झूम उठा। संयोग से कक्षा मेरे पसंदीदा रंग आसमानी नीले रंग से रंगी हुई थी।

मेरे पहले पाठ में मुझे वर्णमाला सिखाई गई। लेकिन चूँकि मैं उन्हें पहले से ही जानता था, इसलिए शिक्षक ने मुझे कक्षा के सामने इसे सुनाने के लिए बुलाया। मैं घबराया हुआ आगे बढ़ा और इसे सुना दिया। सभी ने मेरे लिए तालियाँ बजाईं। यह एक बहुत ही अच्छा पल था और इसने स्कूल के मेरे पहले दिन को मेरे लिए एक अविस्मरणीय याद बना दिया।

कक्षा में 15 कुर्सियाँ थीं, सभी पर कार्टून चरित्र बने हुए थे। दीवार पर ABC और नंबर पेंट किए गए थे। यह बहुत ही खुशनुमा और रंगीन माहौल था। मेरी नज़र तुरंत वहाँ पहले से बैठे छात्रों पर पड़ी। वे सभी अपनी दुनिया में खोए हुए थे। कुछ गंभीर थे, जबकि कुछ क्रेयॉन से चित्र बना रहे थे।

कुछ मिनट बाद हमारी शिक्षिका आईं। उन्होंने हम सभी से हमारे नाम और शौक पूछे, और फिर उन्होंने अपना परिचय दिया। फिर, उन्होंने सभी से चित्र बोर्ड पर चित्रित जानवरों और पक्षियों के नाम बताने को कहा। हम सभी ने नाम गाना शुरू कर दिया। यह बहुत मजेदार था।

इस प्रकार, स्कूल में मेरा पहला दिन वाकई सुखद रहा। जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ और दूसरों के साथ अपना अनुभव साझा करता हूँ तो मुझे गर्व महसूस होता है। मुझे सच में यह महसूस हुआ कि स्कूल का पहला दिन आत्मविश्वास को मजबूत करता है ।  इस प्रकार, यह वास्तव में मेरे लिए एक यादगार अनुभव था।

स्कूल के पहले दिन के बारे में लिखते हुए, मैं घर से अपनी यात्रा शुरू करने का अपना अनुभव साझा करता हूँ। स्कूल के पहले दिन से जुड़ी मेरी भावनाएँ, भावनाएँ और उत्साह क्या थे, और अनजान चेहरों के बीच मैंने पूरा दिन कैसे बिताया, ये कुछ ऐसी बातें थीं जिन्हें मैंने अपने स्कूल के पहले दिन के अनुभव निबंध में लिखा था।

अपने पसंदीदा विषयों का अध्ययन करने के साथ-साथ, मैं स्कूल में अपने दोस्तों के साथ मजेदार पल और स्वादिष्ट भोजन साझा करता हूं।

माता-पिता अपने बच्चे के पहले दिन भावनाओं से भरे होते हैं। चूंकि स्कूल ज्ञान, कौशल और अनुभव प्राप्त करने का स्थान है, इसलिए माता-पिता अपने बच्चों को सर्वोत्तम शिक्षा देने की पूरी कोशिश करते हैं।

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To Serve His Country, President Biden Should Leave the Race

President Biden standing behind a lectern with CNN’s name appearing repeatedly beyond him.

By The Editorial Board

The editorial board is a group of opinion journalists whose views are informed by expertise, research, debate and certain longstanding values . It is separate from the newsroom.

President Biden has repeatedly and rightfully described the stakes in this November’s presidential election as nothing less than the future of American democracy.

Donald Trump has proved himself to be a significant jeopardy to that democracy — an erratic and self-interested figure unworthy of the public trust. He systematically attempted to undermine the integrity of elections. His supporters have described, publicly, a 2025 agenda that would give him the power to carry out the most extreme of his promises and threats. If he is returned to office, he has vowed to be a different kind of president, unrestrained by the checks on power built into the American political system.

Mr. Biden has said that he is the candidate with the best chance of taking on this threat of tyranny and defeating it. His argument rests largely on the fact that he beat Mr. Trump in 2020. That is no longer a sufficient rationale for why Mr. Biden should be the Democratic nominee this year.

At Thursday’s debate, the president needed to convince the American public that he was equal to the formidable demands of the office he is seeking to hold for another term. Voters, however, cannot be expected to ignore what was instead plain to see: Mr. Biden is not the man he was four years ago.

The president appeared on Thursday night as the shadow of a great public servant. He struggled to explain what he would accomplish in a second term. He struggled to respond to Mr. Trump’s provocations. He struggled to hold Mr. Trump accountable for his lies, his failures and his chilling plans. More than once, he struggled to make it to the end of a sentence.

Mr. Biden has been an admirable president. Under his leadership, the nation has prospered and begun to address a range of long-term challenges, and the wounds ripped open by Mr. Trump have begun to heal. But the greatest public service Mr. Biden can now perform is to announce that he will not continue to run for re-election.

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